चूतो का समुंदर – 2
संजीव(गुस्से से)- भाई डर लगता है…ओर वो राह चलती रंडी थोड़े ही है जो मैं बोलू ऑर वो चुदने आ जाय…माँ है मेरी…उसकी गंद के चक्कर मे मेरी गंद ना फट जाए मैं-(हंसते हुए)-भाई तू बस ये पता कर कि तेरी माँ चुदाई की शौकीन है या नही…बाकी आगे हम देख लेगे संजीव-भाई चुदासी तो बहुत है मैं- तुझे कैसे पता संजीव- भाई मैने 1 दिन मोम-डॅड को चुदाई के दौरान बाते करते हुए सुना था मैं-क्या तूने उनकी चुदाई देखी…?? संजीव- नही भाई सिर्फ़ सुना मैं- क्या सुना..?? संजीव- भाई मेरी माँ डॅड से बोल रही थी कि आज फिर आप पीछे रह गये…अब मैं क्या करूँ तो डॅड …