चूतो का समुंदर – 8

आंटी ने 1 रूम का गेट थोड़ा सा खोला ऑर दाएँ बाएँ देख कर पूरा गेट खोल दिया
मैं आंटी को देख कर मस्त हो गया…उन्होने वही ड्रेस पहनी थी जो मैने दी थी…मतलब आंटी भी मेरी गर्लफ्रेंड बनना चाहती है….
मैने आंटी को ये ड्रेस दिलवाई थी .

मैं-वाउ(मेरा मुँह खुल का खुला रह गया,,,,,1 तो ख़ुसी से ,,,क्योकि अओंती ने वही ड्रेस पहनी थी…जिससे पता च्ला की आन्सर हा मे आए…दूसरी बात आंटी सच मे पटाखा लग रही थी)

मुझे ऐसे देखते हुए आंटी शर्मा गई ऑर बोली

आंटी-क्या देख रहा है

मैं-अपनी गर्लफ्रेंड को…मस्त माल है यार

आंटी(शरमा गई)

मैं-सच मे मेरी तो किस्मत खुल गई

आंटी-चुप कर अब…अब खुश है ना

मैं आंटी के पास गया ओर उनके गाल पर 1 किस कर दिया

मैं-हाँ,,,,बहुत खुश

आंटी शरमा कर अंदर चली गई….थोड़ी देर बाद फिर से 1 बेव ड्रेस पहन कर दिखाई…ऑर ऐसे ही हम ने 5 ड्रेस फाइनल की

ड्रेस फाइनल होने के बाद सेल्सगर्ल ने मेरे कहे अनुसार ब्रा-पैंटी ऑर नाइटी दिखाई….मैने ऑर आंटी ने 8 ब्रा पैंटी सेट 3 नाइटी के सेट सेलेक्ट कर लिए…इस सब के बीच मे आंटी शरमाती रही…बट शरमाना..कम भी हो गया था…जो मेरे लिए अच्छी बात थी

सब खरीदने के बाद

आंटी-बेटा मेरे पास इतने पैसे नही है

मैं-पहली बात अब मैं आपका बाय्फ्रेंड ऑर आप मेरी गिर्ल्फ़रणड हो….तो बेटा मत कहना
दूसरी बात बाय्फ्रेंड के रहते हुए गर्लफ्रेंड को क्या टेन्षन….मैने इतना बोलकर सेल्सगर्ल को कार्ड दिया ओर सब हिसाब करके हम शॉप से बाहर आने लगे…आंटी साड़ी मे ही थी

मैं-अरे आप साड़ी क्यो पहने हो…न्यू ड्रेस पहनो

आंटी-नही…अभी नही

मैं-अब आप अपने न्यू बाय्फ्रेंड का कहा भी नही मानेगी

आंटी-अरे बेटा.. यहाँ संजू के पापा के फ्रेंड मिल सकते है ऑर जान-पहचान वाले भी

मैं(सोच कर)-हाँ सही कहा…सॉरी मैने सोचा ही नही….चलो आइस क्रीम खाते है

आंटी-हाँ 2 मिनट…मुझे कुछ मेक-अप का सामान भी लेना है

मैं-ओके..आप लो मैं यही हूँ

आंटी मेक-अप का समान लेने गई ऑर मैं उस सेलेज़्गर्ल को देखने लगा….

जैसे ही आंटी मेक-अप काउंटर पर गई मैने ड्रेस दिखाने वाली सेलेज़्गर्ल को बुलाया

सेल्सगर्ल-जी सर…काम हो गया क्या…???

मैं(मुस्कुरा कर)-हाँ हो गया, अब सुनो

सेल्सगर्ल-जी..कहिए
मैं-ये पैसे लो..ऑर कुछ लेटेस्ट मिनी ड्रेस …जिसमे बॉडी हॉट लगे वो भिजवा देना …जब मैं कॉल करूँ…ओर मैने 10,000 रुपय उसे दे दिए

सेल्सगर्ल- ऑर कुछ सर
मैं- हां.. एक- दो वेड्डींड ड्रेस भी भिजवाना…वेस्टूर्न लुक मे…
सेल्सगर्ल-सर जैसा आप कहे…काम हो जायगा…ऑर कुछ कर सकती हूँ आपके लिए

मैं(शरारत करते हुए)-ह्म्म…ऑर कुछ मे ह्म्म्मी ..ऑर क्या दे सकती है आप

सेल्सगर्ल-(मुस्कुरा कर)-सर आप जो कहे….फुल मज़ा

मैं-(मुस्कुरा कर)-ओके…कभी मज़े भी लूँगा…अपना नंबर दे दो…
सेल्सगर्ल-जब भी आप कहे

ऑर उसने मुझे अपना नंबर दिया ऑर मेरा नंबर भी ले लिया…
तब तक आंटी भी मेक-अप का सामान ले कर आ गई
इसके बाद हम आइस-क्रीम पार्लर पर जाने लगे

मैने जाते हुए आंटी की कमर मे हाथ डाला तो आंटी कुछ नही बोली बस मुझे देख कर मुस्कुरा दी….ऑर हम आइस-क्रीम खाने निकल गये…

हम ने आइस क्रीम ऑर्डर की ओर बैठ कर आइस-क्रीम का वेट करने लगे

मैं-आंटी 1 बात पूछ सकता हूँ

आंटी(प्यार से देख कर)-हां बेटा पूछ ना

मैं-आंटी आपने हाँ बोल दिया ना मेरी गर्लफ्रेंड बनने के लिए

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आंटी(थोड़ा रुक कर)-क्यो तुझे अच्छा नही लगा क्या

मैं-अरे नही-नही…मैं तो चाहता हूँ कि आप ही मेरी गर्लफ्रेंड बनो

आंटी-तो बेटा ,,,अब बन तो गई ना

मैं-सच मे आंटी

आंटी-कोई शक है क्या….

मैं-नही आंटी बस सोच रहा हूँ..कि आज मेरी किस्मत खुल गई

आंटी(मुस्कुरा कर)-किस्मत तो मेरी खुल गई जो इतना हॅंडसम बाय्फ्रेंड मिला है मुझे

तभी हमारी आइस-क्रीम आ गई…ऑर हम आइस-क्रीम खाने लगे

(मैं आइस-क्रीम खाते हुए सोच रहा था कि ये आंटी इतनी जल्दी लाइन पर आ गई…क्यूँ???….मुझे जवाब नही मिल रहा था …फिर सोचा शायद इसकी चूत मे ज़्यादा ही आग है ऑर मैं मुस्कुराने लगा)

आंटी-क्या हुआ …हँस क्यो रहे हो

मैं-कुछ नही आंटी…खुशी के मारे…आज मैं बहुत खुश हूँ

आंटी- मैं भी…बस मुझे ऐसे ही खुश रखना

मैं-बिल्कुल आंटी….हमेशा…आज से आपको खुशी ही मिलेगी(ऑर ये कह कर मैने आंटी का हाथ पकड़ कर छोटा सा किस कर दिया

आंटी-मैं भी तुम्हे गर्लफ्रेंड की सारी ख़ुसीया दूँगी बेटा

मैं- सच आंटी…सारी खुशी जो गर्लफ्रेंड देती है

आंटी(आँखे नचाते हुए)-हाँ…सारी की सारी

मैं(हँसते हुए)- तो अब चले

आंटी – ओके

मैं ऑर आंटी माल से बाहर आगये ऑर कार मे बैठ गये…

कार को स्टार्ट करके हम निकल गये घर की तरफ

आंटी – सुनो

मैं- क्या हुआ

आंटी -हम ये समान घर नही ले जा सकते…

मैं(अंजान बनते हुए)-क्यो

आंटी -तुम जानते हो ….इसमे क्या -2 तो दिलवा दिया ऑर अब कह रहे हो क्यो

मैं-अरे जानता हूँ…डॉन’ट वरी मैं मज़ाक कर रहा था…इसे मेरे घर रख कर चलते है…..कल शादी मे जाने से पहले ले लेगे

आंटी -ओह माइ गॉड

मैं-क्या हुआ अब

आंटी – शादी मे तो संजू के साथ जाना है …उसे क्या बोलुगी

मैं-अरे आप टेंशन मत लो मैं हूँ ना

आंटी -क्या करोगे

मैं-शादी में गर्लफ्रेंड अपने बाय्फ्रेंड के साथ जाएगी

आंटी(शरमाते हुए)-गर्लफ्रेंड की बहुत फ़िक्र है…ह्म्म्म

मैं- ऑर नही तो क्या…अभी तो मिली है…डॉन’ट वरी मैं संजू को मना लूँगा ऑर वैसे भी वो बीमार है

आंटी-ओके.…वैसे तुम क्यों जाना चाहते हो मेरे साथ

मैं-अब न्यू गर्लफ्रेंड को प्यार तो करना बनता है ना…

आंटी- चुप करो…बड़ा आया प्यार करने वाला

मैं- आंटी , क्या आप प्यार नही करने दोगि मुझे

आंटी(शरमा जाती है)-चलो गाड़ी चलाओ

मैं-नही पहले बताओ…क्लियर बता दो….मज़ाक नही

आंटी(थोड़ा सोच कर)- ठीक है …चलो …कल देखते है कि कैसे प्यार करता है तू

मैं-कल नही आज…

आंटी-अरे इतनी जल्दी ठीक नही बेटा

मैं-आप मेरी गर्लफ्रेंड हो…ऑर मैं आज ही अपनी गर्लफ्रेंड को प्यार करूगा…ऑर खुश कर दूँगा

आंटी-देखते है कितना खुश कर पाता है…हहेहहे

मैं-चलिए आपको दिखाता हूँ …ऑर मैने कार घर की तरफ दौड़ा दी…हम बात करते-करते मेरे घर पहुच गये…

(हम घर मे एंटर हुए ,,,ऑर सविता ने हमे कॉफी पिलाई ऑर हम , मेरे रूम मे आ गये
आंटी -रूम तो अच्छा है ….सब कुछ है यहाँ

( मेरा रूम आलीशान था ज़रूरत का हर समान था…बड़ा सा बेड गद्देदार बिस्तर….डाइनिंग टेबल…सोफा…अटेच बाथरूम…एसी…एट्सेटरा…मतलब शानदार इंसान का आलीशान रूम)

मैं- हाँ …मेरा रूम तो देख लिया अब अब अपना रूम कब दिखओगि(डबल मीनिंग)

आंटी -वेट करो…बहुत जल्दी है क्या बेटा….जल्दी ठीक नही है(अब आंटी की शरम भाग गई थी..बस थोड़ी सी ऑर भागनी थी)

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मैने रूम को अंदर से लॉक किया ऑर आंटी का हाथ पकड़ कर अपनी बाहों मे खींच लिया

आंटी(गुस्से से) –ये क्या बदतमीज़ी है
मैं ( कंफ्यूज हो कर)-मेरी गर्लफ्रेंड हो ..….क्या हुआ आपको

आंटी – बस रुक जाओ…गर्लफ्रेंड…गर्लफ्रेंड…मतलब करना क्या चाहते हो

मैं(मन मे –साली चोदना चाहता हूँ तुझे ऑर क्या)

आंटी-देख क्या रहे हो बोलो अब…क्या करना चाहते हो

मैं(कन्फ्यूज होकर)- मैं…वो…प्यार

आंटी-प्यार मतलब क्या…तुमने मुझे समझ क्या रखा है

मैं-आप…वो…कहा था ना..कि आप…मेरी…गर्लफ्रेंड…(मैं हिचकिचाते हुए बोला)

आंटी-बस..बहुत हुआ…अब मैं घर जा रही हूँ(ऑर ये कह कर आंटी गेट की तरफ जाने लगी)

मैं-रूको आंटी…मैं साथ चलता हूँ आपके

आंटी- कोई ज़रूरत नही मैं अकेली जा सकती हूँ

मैं(तेज आवाज़ मे)-ज़रूरत है…संजीव क्या सोचेगा..

आंटी(चुप चाप खड़ी रही)

मैने आंटी का समान एक तरफ रखा ऑर कार की कीज़ लेकर बोला

मैं (गुस्से मे) -अब चलिए

इसके बाद हम संजीव के घर चल दिए…पूरे रास्ते हमने कोई भी बात नही की….मैं सोच रहा था कि क्या औरत है….1 मिनट मे यहाँ ऑर 1 मिनट मे वहाँ

संजीव के घर आते ही मैं कार पार्क करने लगा जब तक आंटी घर मे एंटर हो गई ऑर अपने रूम मे चली गई…मैं भी सीधा उपर आ कर संजीव के रूम मे गया…वो अभी भी सो रहा था…मैं भी उसी के बाजू मे लेट गया ऑर…कब नीद आ गई पता ही नही चला…….
मैं शाम तक सोता रहा …
शाम को भी कुछ खास नही हुआ…

आंटी मेरे सामने आई तो बिल्कुल नॉर्मल बिहेव कर रही थी…लेकिन मेरा गुस्से से सिर फटा जा रहा था….

मैं बापिस संजीव के साथ रूम मे आ गया ऑर टीवी देखने के बाद सोने की कोसिस करने लगा….

अचानक मेरा सेल बजने लगा…कोई अकनोन नंबर. से कॉल था..मैने कॉल पिक की…

(कॉल पर)
अननोन-क्या कर रहे हो
मैं(ये तो कोई औरत की आवज़ है)-कुछ नही…वैसे कौन ??

अननोन-सो गये थे क्या???

मैं-(कौन है साली)- नही…बट बोलो तो हो कौन??

अननोन-नीचे आओ…चुपके से

मैं(नीचे , मतलब इसी घर से है कोई…कौन हो सकता है…संजीव की मोम..???)- आप हो कौन

अननोन- आज ही गर्लफ्रेंड बनाई ऑर आज ही भूल गये

मैं(हाँ वही है साली, गुस्से मे)-क्या काम है अब..

अननोन-आओ तो, एक सर्प्राइज़ तुम्हारा वेट कर रहा है…

इतना बोल कर आंटी ने कॉल कट कर दी…

मैं सोचने लगा…वाकई ये औरत तो समझ नही आ रही….कैसा मूड है जो बदलता ही रहता है…

अब पता नही कैसा मूड है…मेरे फ़ायदे का या न्यू टेन्षन…चलो देखते है

मैं बेड से उठा ऑर रूम के बाहर आकर देखा…सब रूम मे ही थे…हालाकी अभी सिर्फ़ 10 ही बजे थे…तो सब रूम के अंदर जाग ही रहे थे

मैं जैसे ही नीचे पहुचा..तो आंटी का रूम क्लोज़ था…मैने 1 बार ही नोक किया ..

आंटी-कौन है

मैं-मैं हूँ…आपने बुलाया…

आंटी(बीच मे ही)-अंदर आ जाओ

मैं अंदर गया…तो देखा आंटी 1 चद्दर लपेटे खड़ी हुई थी..

मैं(गुस्से मे)-क्या हुआ…क्यो बुलाया
आंटी-सस्स्शह(उंगली मुँह पर रख कर)

मैं(धीरे से)-ओके…अब बताइए भी

आंटी-गेट बंद करो पहले

मैं कनफ्युज था कि गेट बंद करके ये क्या करने वाली है…फिर भी मैने गेट बंद कर दिया ऑर जैसे ही पीछे मुड़ा….

मेरी आँखे फटी की फटी रह गई….ओर मेरे मुँह से 1 वर्ड भी नही निकला…बस मे देखे जा रहा था….

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मेरे सामने आंटी सिर्फ़ ब्रा–पैंटी मैं थी….वो बेड पर एक जाँघ को दूसरी जाँघ पर चढ़ा कर बैठे हुए इतरा रही थी….

ये उन्ही ब्रा-पैंटी सेट्स मे से 1 से था….क्या माल लग रही थी..कसम से दिल किया कि अभी खा जाउ इसे….

मैने सोचा समान तो मेरे घर पर रखा था फिर ये यहाँ कैसे…मैं अपने ख़यालो मे खोया था , तभी आंटी बोली

आंटी-क्या हुआ हीरो….कैसा लगा सर्प्राइज़..???

मैं(होश मे आते हुए)-फंदू….क्या पटाखा माल हो आप…दिल करता है कि….कि….

आंटी-रुक क्यो गये …बोलो दिल क्या करता है

मैं-यही कि आपको खा जाउ

आंटी-वेट करो….वो मौका भी मिलेगा…

मैं-लेकिन आप तो बोल रही थी कि…मतलब …अब कैसे…ऑर ये आप लाई कब

आंटी-अरे,अरे कितने सवाल करोगे

मैं-तो आप जवाब दो

आंटी-ये मैं चुपके से ले आई थी….क्योकि तुम्हे दिखाना था कि तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए जो खरीदा है उसमे तुम्हारी गर्लफ्रेंड कैसी लगती है….

ओर जो मैने गुस्सा दिखया था…वो तो ऐसे ही..

मैं-ऐसे ही मतलब …मेरी तो फट गई थी डर से…कि पता नही आप क्या करोगी

आंटी-अच्छा डर गये थे….ऑर कुछ

मैं-हां…मेरे हाथ से इतना मस्त माल भी निकल गया था ना

आंटी(हँसते हुए)-ये माल तो तुम्हारा हो गया….

मैं-तो वो सब …क्यो किया..

आंटी-ताकि तुम समझ सको कि मैं ऐसी औरत नही जो किसी के भी पास आसानी से आ जाउन्गी…मैने अपने पति के अलावा किसी के साथ नही गई…आज तक

मैं-तो आपने मुझे हाँ क्यो बोला

आंटी-पता नही पर तुम्हे देख कर मैं गरम हो जाती हूँ….ओर मुझे अब तुम्हारी ज़रूरत भी है..

मैं-तो आपने तब मना क्यो किया…प्यार करने को

आंटी(मुस्कुरा कर)-तुम्हे तड़पाने के लिए

मैं-पर क्यो
आंटी-क्योकि तड़प जितनी बढ़ती है…प्यास भुजने मे उतना ही मज़ा आता है…

मैं-तो अभी प्यास भुजा लूँ

आंटी-फिर जल्दबाज़ी….थोड़ा तड़पो….सब मिलेगा….तुम्हारा ही है सब

मैं-तो अभी ले लूँ, मेरा ही है

आंटी-अभी तो कुछ सोचना भी मत, अंकल आने वाले है,…मुझे जो सर्प्राइज़ देना था वो दे दिया…बाकी कल..अब जाओ

मैं-ऐसे तो नही जाउन्गा

आंटी-समझो ना….अब थोड़ा रूको…फिर इस बॉडी पर तुम्ही राज़ करना

मैं-सच

आंटी(डरी हुई थी कि कोई आ ना जाय ऑर मुझे भागने के लिए बोली) -हाँ बिल्कुल…अगर मेरी प्यास बुझा दोगे…तो तुम्हारी रखैल बन जाउन्गी….ओके

मैं-तो रेडी हो जाओ…कल से तू मेरी रखैल

आंटी-देखते है बेटा …कितना दम है….ऑर हाँ, अगर मैं प्यासी रह गई तो हाथ भी नही लगाने दुगी

मैं-ठीक है प्रॉमिस

आंटी-अब जाओ भी

मैं-ऐसे नही

और मैं आंटी की तरफ बढ़ने लगा…आंटी डर से पीछे हो रही थी …लेकिन पीछे बेड के लास्ट मे पहुच गई अब आगे जगह नही थी….

मैने आंटी के पास पहुचे…उनकी आँखो मे डर दिखाई दे रहा था…साथ मे हवस भी…मैने उनके लिप को किस किया ऑर बूब्स को प्रेस करके कहा

मैं-कल …ये बॉडी मेरी हो जाएगी…आज रात भर के लिए आज़ाद हो…कल से मेरी गुलाम होगी

आंटी-अगर तुम मेरी उम्मीदों पर खरे उतरे तो तुम्हारी गुलाम बन कर …किस्मत मेरी चमक जाएगी…अब जाओ प्लीज़

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