देवर भाभी का रोमांस – 11 | Devar Bhabhi Sex Story
एक दिन बाबूजी अकेले दोपहर में ट्यूबवेल के कमरे में खाना खा कर लेटे हुए थे, तभी मन्झ्ली चाची वहाँ आ गयी… बाबूजी चारपाई पर अपनी आँखों के उपर बाजू रख कर लेटे हुए सोने की कोशिश कर रहे थे, दरवाजे पर आहट पाकर उन्होने अपने बाजू को हटाकर देखा तो मन्झली चाची सरपे पल्लू डाले उसका एक कोना अपने दाँतों में दबाए खड़ी थी…. बाबूजी सिरहाने की ओर खिसकते हुए बोले… आओ..आओ प्रभा…कोई काम था…? वो – नही जेठ जी… काम तो कुच्छ नही था, बस चली आई देखने… शायद आपको किसी चीज़ की ज़रूरत हो.. तो.. पुच्छ लूँ.. इतना बोलकर वो चारपाई के नीचे बैठ गयीं… बाबूजी – …