माँ-बेटा (एक सच्ची घटना) – 7। Mother Son Sex Story

मैने रूम में आके दरवाजा लॉक नहीं किया , Mother Son Sex Story ऐसे ही बंध कर दिया. माँ मेरा बिस्तर बराबर फटाफट करके गई. मैं डिनर से पहले जब टीवी देख रहा थ, शायद तब आकर यह सब कर गयी होगी. पिछले कुछ दिन से जैसा चल रहा था, आज थोड़ा अलग लग रहा है. कुछ दिन से रात को डिनर के बाद में माँ से फ़ोन पे बात करते आरहा हु. सो आज मुझे वह चीज़ मिसिंग लगा सोने से पहले. पर माँ को अब कॉल नहीं कर पाऊंगा. दोनों रूम में बात होगी तो नाना नानी को जरूर पता चलेगा सो में स्टडी टेबल पे बैठा और मोबाइल पे एसएमएस टाइप किया


” क्या कर रही हो?” फिर माँ को सेंड कर दिया. तुरंत रिप्लाई आया. शायद माँ भी मेरे जैसी शर्म फील कर रही है. उन्होंने लिखा
” सोने की तैयारी”
मै अब क्या लिखुं सोचते सोचते टाइप किया
” लेकिन में नहीं सो पाउंगा”
इस बार थोड़ा टाइम लिया उन्होंने. समझ नहीं पाई में ऐसे क्यों लिखा. इस लिए उन्होंने पुछा
” क्यूं….क्या हुआ”
मैने होठो पे थोड़ा मुस्कराहट लाकर लिखा
” क्यूँ की सोने के टाइम मेरी जो आदत थी, वह आज कल नहीं हो पा रही है, इस लिए तो आज कल नीद नहीं अति ठीक से”
उनहोने लिखा
” वह क्या..!!!.”
मैन लिखा
” सोने से पहले गरम दूध पीने की और तुम्हारे हाथ से मेरे सर के बालों में स्पर्श पाने की आदत पड़ गई”
मै वेट करते रहा की वह क्या रिप्लाई देगी मुझे ज़ादा इंतज़ार नहीं करना पडा उन्होंने लिखके भेजा
” तो अब….!!! “
मैने कुछ सोचा और टाइप किया
” अब क्य…मुझे नीद नहीं आएगी. मैं जागा रहूंगा और मेरी तबियत ख़राब हो जाएगी. तुम्हे क्या?. तुम आराम से सो जाओ “
मेरे में बदमाशी चढ़ गई. मैं सेंड कर दिया. पर वह कैसे रियेक्ट करेगी पता नहीं था पर जब उनका रिप्लाई आया तब पता चला वह मेरी बदमाशी पकड़ लिया. उन्होंने लिखा
“उफ्फ्फफ्…. ठीक है. मैं दूध लेके आती हु”


यह पड़के मेरे अंदर खुन दौडने लगा. मैं सोचा नहीं था की माँ इतनी आसानी से मेरे मन की इच्छा जान जाएगी. जिस तरीके से आज आने के बाद से वह मुझे दूर रख रही है, उसी को सोचके में कल्पना नहीं किया था की वह अभी मुझसे मिलने आएगी. मैं आने के बाद से चाह रहा था की माँ के साथ एकानत में एक मुलाकात हो. और पूरी शाम माँ मुझे जो गुस्सा दिला रही थि, तभी से उनको मेरे बाँहों में पाने के लिए मन चंचल हो रहा था मैं स्टडी टेबल से उठके एकबार बेड पे जाके बैठा. फिर एक बेवकूफी सा लगा. तोह फिर में चेयर में जाके बैठा. चेयर था विथाउट हैंडल. सो में टेबल की तरफ न बैठके यानि की अंदर की तरफ पैर न घुसाके, साइड वाइस में बैठा हु, सो लेफ्ट साइड में टेबल और राईट साइड में चेयर का बैक रेस्ट है. मैं सोच में डुबा था अभी तक हमारी शादी हुई नही. शास्त्र सम्मति से अभी तक हम पति पत्नी नहीं बने. पर यह भी सही है की अब हम माँ बेटे भी नहीं रहै. हम एक दूसरे को मन से पति पत्नी मान ना शुरू कर दिया. मन एक दूसरे को पति पत्नी के हिसाब से ग्रहण कर लिया. मैं एक हप्ते से मस्टरबैट किया नही. मेरे बॉल्स के अंदर सारा बीर्य जमा होकर हमेशा भरा रहता है. कभी कभी निकल जाना चाहता है. मैं हमारी सुहाग रात में एक दूसरे को परिपूर्ण तृप्ति देणे के लिए इंतज़ार कर रहा था लेकिन अब शरीर के अंदर एक ऐसा कम्पन हो रहा है, की अगर आज मेरा बॉल्स खाली होकर सब माँ के शरीर के अंदर चला जाये तोह कोई खेद नहीं होगा. मेरे इसी सोचके अंदर अचानक माँ डोर खोलके अंदर आयी. हाथ में दूध का गिलास है. साड़ी पहनी हुई है लेकिन साड़ी का आँचल पीछे से घुमा के लाकर सामने कमर में घुसाया हुआ है. इस में उनके एक साइड का फ्लैट गोरी मुलायम पेट् और ज़ादा नज़र आरही है. आँचल घुसाने ने के कारन साड़ी टाइट होकर छाती के ऊपर से गयी और उसमे उनके गोल गोल मध्यम साइज की बॉब्स और सामने की तरफ उठके दिखाइ दे रहा है. उन्होंने बाल को एक क्यजुअल जुड़ा बना के रखी है, जो ढीला होकर पीछे गर्दन के ऊपर पडी है. उनको देखतेही मेरा लिंग एकदम सख्त होकर अंडर वियर के अंदर फूलने लगता है. जैसे की अभी वह कपडा फाड् के बाहर आना चाहता है और सही जगह पे घूसने के लिए तैयार है. पर में खुद को कण्ट्रोल किया. बैठे बैठे पैर क्रॉस था, तोह उसको दबाके रख दिया. माँ अंदर आकर रुख गई. मेरे से नज़र मिलाके शर्मा गई. और नज़र झुकाके मुस्कुरा दि. फिर वह वहि खड़े खड़े पीछे हाथ ले जाकर धीरे से डोर बंध करती है. और स्टडी टेबल के तरफ चलके आने लगती है. मैं उन्ही को देख रहा हु. यह महसुस करके वह नज़र उठाके मुझे देख नहीं रही है. मेरे नजदीक आकर टेबल के पास खड़ी हो गई. और फिर गिलास टेबल पर रख दिया. एक हफ्ते से हम जितना सारा इंटिमेट और सीक्रेट बात कही थि, वह मेरे दिमाग में झलक दे दे के जा रहा है. मैं कुछ न बोलके केवल देखे जारहा हु. वह चुप होकर वहां खड़ी रहि. लेफ्ट हैंड की उँगलियाँ से टेबल का किनारा स्पर्श की. वह धीरे से होंठो पे मुस्कराहट क़ाएम रखते हुए बोली
” अब दूध पी लीजिये और सो जाइये”

कह के कुछ पल ऐसे खडी होने के बाद वह मुड़ी और जाने के लिए कदम रख. जैसे वह मुड़ी और आगे बढ्ने की कोशिश किया, में फट से मेरा लेफ्ट हैंड से उनका राईट हैंड पकड़ लिया. और वह रुक गई. लेकिन मुझे घूमके देखा नही. उनको टच करते ही मेरा शरीर काप उठा और वह भी हल्का सा काप गई. मैं एकदम धीरे से कहा

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” मुझे नीद कैसे आयेगी….तुमने अपना हाथ मेरे बालों में जो फिराया नही”
वह कुछ जवाब भी दिया नहीं और जानेके लिए हाथ भी नहीं छुडवाया.. बस मेरी तरफ पीठ करके खड़ी रहि. उनके सांस के साथ साथ पीठ हल्का हल्का फूल रहा है. मैं चेयर छोड़के धीरे से उठा. उनका हाथ मेरे हाथ में रख के ही उनके सामने गया. वह मेरे से हाइट में छोटी है. उसके ऊपर नज़र झुकाने के साथ थोड़ा सर भी झुक गया उनका. मैं उनका चेहरा नहीं देख पा रहा हुन ठीक से हमारे बीच फासला बहुत ही कम है. जैसे की दोनों अगर जोर से सांस लेके छाती फुलाए तो दोनों का छाती टच हो जाएगा. ऐसी पोजीशन पे खड़े होकर मुझे उनका नाक दिख रहा है, नाक के सामने वाला भाग साँस के साथ साथ फूल रहा है और थोड़ा थोड़ा काँप भी रहा है. और उनके क्लीवेज का पैसेज क्लियर नज़र आरहा है. . मख्खन जैसे मुलायम दोनों बूब्स का ऊपर का भाग ब्लाउज के ऊपरवाले हिस्से से थोड़ा नज़र आरहा है. मुझे और रुका नहीं गया. मेरा हाथ उनका हाथ छोड़ दिया. फिर में दोनों हाथ से उनका पेट् टच करके, रगड के ले जाके कमर की तरफ पक़डा. उनके पूरे बदन में एक कम्पन महसुस कर रहा हुन और उनकी साँसें भी बदल रही है. मेरी छाती में एक तूफ़ान जैसा चल रहा है. मेरा एक हाथ उनके पेट् के ऊपर की साड़ी के ऊपर है. लेकिन दूसरे हाथ उनके नरम, मांसल पेट को छु के कमर के पास पकड़ा हुआ है. मेरी नज़र उनके ऊपर झुका हुआ है. मैं हम दोनों के बीच वाले गैप से देख पारहा हुन मेरा लिंग पाजामे के अंदर रहके भी फूल के ऊँचा हो गया. मेरे ग्रोइन एरिया में एक तम्बू जैसा हुआ है. मेरी भी साँसें धीरे धीरे तेज हो रही है. मैं मेरे हाथों को उनके कमर से रब करके पेट के तरफ लाया और फिर कमर पे ले गया. साथ ही साथ मेरा सर नीचे करके मेरा फोर हेड उनके फोर हेड के ऊपर जहाँ से सर के बाल सुरु होटे है, वहां टच करवाया. धीरे धीरे हमारे बीच का फसला कम होते जा रहा था हम में से कोई भी आगे नहीं जा रहा है , फिर भी हम दोनों का शरीर एक दूसरे की तरफ बढ्ने लगा. मैं पहले मेरी छाती पे उनके नरम बूब्स का स्पर्श महसुस कीया. फिर उनका नाक मेरी छाती पे टच किया. फिर उनके पूरा शरीर मेरे शरीर से मिल गया. उनकी नाक अब मेरी छाती पे जहाँ टी-शर्ट का बटन खुला हुआ था, उसी एरिया में चिपकाके रखदी. उनकी गरम सांसे मेरी स्किन पे टच हो रही है. वह उनके दोनों हाथो को मेरे आर्म्स के नीचे से पीछे ले जाकर ऊपर की तरफ मोड़ के मेरा कन्धा पकड़ लिया .. मैं उनके मुठ्ठी का ग्रिप मेरे कंधे पे महसुस कीया. मेरा चिन उनके सर के ऊपर रखा हुआ है. मैं उनके पेट् से रगड के दोनों हाथ पीछे पीठ के ऊपर लेके गया. और एक हाथ से उनके ब्लाउज और कमर में बढ़ा हुआ साड़ी के बीचवाले ओपन एरिया में मेरी उँगलियाँ रगड़ने लगा. और दूसरे हाथ से ब्लाउज के ऊपर कंधों के पास वाले एरिया को सहलाने लगा वह बस बीच बीच में अपनी मुठ्ठी की ग्रिप लूज़ कर रही है और फिर टाइट करके मेरे कंधो को पकड़ रखी है.

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हम दोनों की सांस अब बहुत तेज चल रहा है. ऐसे हम दोनों एक दूसारे को अपने शरीर के ऊपर मिलाके कुछ टाइम एक दूसरेको महसुस करने लगे. मैं लम्बाई में भी उनसे ज़ादा था और शरीर के गठन में भी. इस लिए ऐसा लग रहा है की मेरे लंबे चौडे शरीर के ऊपर उनका हलका फुलका नरम छोटा शरीर आराम से पड़ा हुआ है. मुझे मालूम है मेरा सख्त लिंग उनके पेट् पे लगा हुआ है. और वह जरूर उसको महसुस किया. फिर भी मेरा लिंग क्या चाहता है यह बताने के लिए में मेरे हाथों से उनकी पतली कमर पकड़के थोड़ा और अपनी तरफ खिचा. वह अब बिलकुल मेरे बदन में चिपक के लग गयी और उनका ग्रोइन एरिया मेरे साथ टच करके मुझे कसके पकड़ली. वह अपना नाक थोड़ा थोड़ा मेरे गले के पास स्किन पे रगड रही है. उनके बूब्स की गर्मी मेरा शर्ट क्रॉस करके मेरी छाती पे महसुस हो रहा है. मेरा तना हुआ लिंग उनके नरम पेट के ऊपर और जोरसे प्रेस होने लगा. मैं पागल सा हो गया. मुझसे और रुका नहीं गया. मैं उनके बालों के अंदर अपना नाक डूबो के उनके बालों की महक लेने लगा. और अपने दोनों हाथ उनके पूरा पीठ पे सहलाने लगा. वह भी धीरे धीरे उत्तेजित हो रही थी. उनके हाथ अब मेरा कन्धा छोड़के मेरा पीठ के ऊपर घूम घूम के मेरे शरीर को महसुस करनेलगी. मैं थोड़ा दूर हो गया और हमारे बीच थोडि जगह बनाके मेरी नाक बालों में से रगड के उनके लेफ्ट कानन को स्पर्श करके गरदन पे लेके आया. और मेरे होंठो से उनकी गर्दन को छुने लगा. इस पोजीशन पे वह अपना मुह मेरे लेफ्ट कंधो के ऊपर ले जाकर उनकी चिन को ऊपर की तरफ कर दिया. मैं अब मेरी नाक और होठो को रगड ते रगडते उनके गले में गया. मैं जैसे ही इतना नीचे तक झुका , मेरा लिंग का तम्बू अब उनके ग्रोइन एरिया में टच हो रहा है. मैं उनके गले को चूम ते छूते मेरी कमर को बंद करके आगे बढ़ाके, मेरा सख्त लिंग को उनके ग्रोइन में प्रेस कर दिया और दोनों हाथों से उनकी पतली कमर कस के पकड़ के मेरे लिंग के ऊपर खीच लीया. उनके मुह से सिसकारियां निकलने लगी.

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मैं मेरे मुह को अब उनके दूसरे कान के पास लेके जाके चूमा तो वह उनके सर को घुमाके मेरे दूसरे कंधे के ऊपर लेके गई. और गर्दन को थोड़ा हिलाकर मुझे और जगह बना दि. मैं मेरा हाथ उनके कमर को छोड़के उनके पीठ पे लाया और मेरी उँगलियाँ उनके ब्लाउज के नीचे से अंदर घुस गई. मुझे मेरी उँगलियाँ को उनके ब्रा का स्पर्श मिला. मैं पागल हो गया. और मेरा मुह खोलके उनके गोरे और मुलायम कंधे पे एक हल्का बाईट कर दिया. माँ तभी एक तेज सिसकी के साथ उनके जननांग को खुद मेरे लिंग के ऊपर प्रेस कर दिया.में समझ गया अब वह क्या चाहती है. मैं झट से मेरा मुह और नीचे करके फ़ाटक से उनके क्लीवेज में मेरा नाक डूबो दिया और जोर से एक सांस लिया. तभी उनके हाथों की उँगलियाँ मेरे पीठ के ऊपर ज़ोर से दबके बैठ गई. मेरे गले में उनके नरम नरम बूब्स का हल्का हल्का टच लग रहा है दोनों तरफसे. ऐसे होनेसे लग रहा है मेरे पाजामे के अंदर ही में झर जाऊंगा. लेकिन में यह नहीं चाहता था.

में उनके अंदर झरना चाहता हु. मैं खुद को थोड़ा कण्ट्रोल करके सीधा होकर खड़ा हो गया और दोनों हाथ से उनकी पीठ पकड़ के उनके चेहरे को देखा अब मेरे आँखों में नशा उतर गया. मैं उसी नशीली नज़र से उनके चेहरा को देख रहा था. उनके नरम नरम पतले गुलाबी होठ काँप रहे थे. वह भी आंखे खोलकर मुझे देखि. उनको भी नशा हो गया. हम दोनों एक दूसरे की आँखों के अंदर देख रहे है. दोनों की सांस तेजी से बह रही है. मैं मेरे बॉल्स के अंदर की खलबली को कण्ट्रोल करने के लिये, मेरे होठो को धीरे धीरे नीचे ले जाकर उनके माथे के पास ले गया और उनके माथे को चुमा. फिर उनके नाक को धीरे से चुमा. फिर उनके ठोड़ी को. हर चुम्बन के टाइम वह कुछ पल के लिए अपनी आँख मूंद के मेरे प्यार को महसुस कर रही है. दोनों की गरम साँसें दोनों के चेहरे के ऊपर महसुस कर रहे थे. उनके गुलाबी होठ अब मुझे अपनी तरफ खीच रहे है. मैं मदहोश होकर मेरी आँखे बंद करके धीरे धीरे मेरे होठ उनके होंठो के ऊपर ले गया. मेरे होठ टच हो गये . वह एरिया बहुत नरम और गरम है.. मैं और अच्छी तरह से महसुस करने के लिए मेरे होंठो को हल्का खोलते ही अचानक मेरे दिमाग में कुछ संकेत गया. मैं तुरंत आंख खोला. और देखा की मेरे होठ और माँ के होंठो के बीच उनका हाथ रखा हुआ है और में उनकी नरम हथेली पर चूम रहा था उनसे नज़र मिलतेही उनके आँखों में एक शर्म और मुस्कराहट दिखाइ दिया. मैं रुक गया. समज नहीं आया अचानक उन्होंने ऐसा क्यों कर दिया. मैं अपनी सांस को कण्ट्रोल करते करते फुसफुसाकर कहा


“क्या हुआ!??
वो अपनी हथेली को वैसेही रखकर अपना चेहरा आधा छुपाके नज़र झुका ली और फुसफुसाकर बोलि
??और नही…बस??
मै थोड़ा निराश हो गया. अचानक ऐसे रुक ने के कारन मुझे थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था मेरा लिंग उसकी पसन्दीदा जगह पे घूसने के लिए बेताब हुआ है. फिर भी धीरे से पुछा
??क्यों!!??
वो अब नज़र उठाके मेरी तरफ देखा और रुक रुक के बोली
??आप को….मैं..आपके पास चाहिए थी ना!! पास ही तो आगयी…??
मैन शाम को जो एसएमएस किया था ?? मुझे मेरी बीवी मेरे पास चाहिए??, उसी बात को लेकर यह कही है. पर मुझे और रुका नहीं जारहा है. मैं उनके अंदर घुसाकर मेरे लिंग के फुले हुये बडे कैप को डीप में ले जाकर मेरे बॉल्स का सारा बीर्य उनके अंदर छोड़ के शांत होना चाहता हु. मैं आवाज़ में और प्यार और पैशन लेकर फिसफिसाया
??नही….और पास चाहिए??
बोलके मेरे दोनों हाथों से उनको मेरी तरफ खिचता. हु अपनी हथेली वैसे ही हम दोनों के होंठो के बीच रख़कर, थोड़ा नट्खट सा बनके आँखों में और मुस्कराहट लेकर एक दम फुसफुसाकर बोली
??तो?? और टाइम आने दीजिये….??


मै समझ गया अब हु किसी भी हालत में कुछ करने के लिए तैयार नहीं है. शायद उनको खुद को और वक़्त चाहिए उनके बेटे के पास जो अब उनके पति बनने जारहा है, उसके पास खुद को पूरी तरह सोपनेके लिये. मैं उनकी इच्छा के खिलाफ कुछ भी कदम उठाके उनको दुःख नहीं पहुचाना चाह्ता था वह अपना तन मन पिछले १८ सालों से और किसी को दिया नही. नाहीं और किसी को अपने दिल में पति के रूप में बिठाना चाहा. लेकिन आज वह अपनी सब चीज़ें मुझे??..केवल मुझे देनेके लिए तैयार है. मेरी पत्नी बनने के लिए तैयार है. और मुझे इसका सम्मान देना चहिये. मुझे मालूम है वह तो अब बस मेरी है. ज़िन्दगी भर उन्हें प्यार करने को मिलेगा. और में भी केवल उनको ही प्यार करना चाहता हु. अपनी बीवी के रूप में पाना चाहता हु, केवल इस जनम में नही, अगले सात जनम तक.

ट्रेन में सब लाइट ऑफ करके सोगये. मैं भी अपने सीट पर एक बेड शीट बिछाके और दुसरेवाला ओढ़कर आंख बंध करके सोया हु. गर्मी का टाइम है लेकिन अंदर का माहौल एकदम ठण्डा है. मैं आखरी बार इस तरह यानि की एक बैचलर आदमी की तरह एमपी में वापस जा रहा हु. अगली बार जब वापस जाउँगा तब में एक मैरिड मैन बनके जौंउगा, अपनी बीवी के साथ वापस लौटुंगा.


पर में तभी भी जानता नहीं था की यह सप्ताह मेरे लाइफ का सबसे बिजी हप्ता बन जाएगा. ऑफिस के काम का प्रेशर सँभालने के साथ साथ मेरा ज़िन्दगी का नया सफर सुरु करने के लिए सारे इन्तेज़ाम में लग पडा मैं घर की सारी जरुरी चीज़ें को एक एक करके अरेंज करके लाकर रख रहा हु. अभी तक में एक सिंगल बेड पे सोता था अब हम दोनों के लिए एक डबल बेड भी ख़रीदा. मुझे एक अच्छा पलंग जैसा बेड पसंद था उसके दोनों साइड में ऊँचा ऊँचा लकड़ी के पैनल में सुन्दर सुन्दर डिज़ाइन किया हुआ. और चारों कोनो में स्टैंड लगा हुआ है . उसमे मच्छर दानी लगाने के लिये. मुझे पसंद था मैंने माँ को फ़ोन करके बताया तो माँ ने बोला की उस टाइप पलंग स्पेसियस घर के लिए अच्छा है. छोटे साइज के घर पर तोवो इन कोने टाइप बेड ज़ादा काम का होता है. मुझे एक्चुअली यह सब मालूम नहीं था तो माँ ने बताया की जब हमारा बड़ा घर होगा तब वह ख़रीदेंगे. लेकिन अब के लिए बॉक्स खाट लेना ठीक रहेगा. सो मैंने उनके कहने पर एक बॉक्स खाट ख़रीदा.उसके नीचे कैबिनेट बना हुआ है. उसमे सामान रखने के लिए अच्छी तरह से बना हुआ है. साथ में नए गद्दे और पिल्लोस वगेरा सब डीप कलर में लिया. और वह छोटा बेड को बाहर हॉल में रख दिया.

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मै एक दुविधा में था मुझे शादी के लिए कम से कम तीन चार दिन का छुट्टी चाहिए थी मैंने ऑफिस में नया नया ज्वाइन भी किया. काम का प्रेशर भी है . और मुझे दिखाने के लिए जो रीज़न है वह में कह नहीं सकता. ऑफिस में ज़ादा लम्बा छुट्टी का अप्लाई करूँगा तो मेरा टीम मेम्बर्स कलीग्स तोह पुछेंगे ही में किस लिए छुट्टी ले रहा हु. और में उनको कैसे बताऊँ की में शादी करने जार रहा हु. अगर यह बता दिया तो उनसब को इनवाइट करना पडेगा. और अगर उनमे से कोई मेरी शादी अटेंड करना चाहे तो फिर सब गड़बड़ है. मुझे यह सब छीजें क़ायदे से सम्भालना है. शादी के बाद जब आउँगा तब तो मालूम पड़ेगा की में शादी करके बीवी लेके आया. पर तब में कुछ भी बता के मैनेज कर सकता हु. यह बोल सकता हुन की मुझे जबरदस्ती लड़की दिखाने लेके गये और वहां लड़की पसंद आगयी तो तुरंत एक दिन के अरेंजमेंट में शादी करवा दिये मेरे घरवाले. यह सब बोलके उनलोगों को एक छोटा रिसेप्शन दे दूँगा. बस झमेला खतम. इस लिए में केवल ३ दिन अप्लाई किया . और अगर एक दिन एक्स्ट्रा लगे तो फ़ोन पे बताके लीव ले लुंगा.

नानाजी से जब फ़ोन पे बात हो रही थी तब वह यह सुनके बोल रहे थे अगर कुछ दिन ज़ादा छुट्टी मिलति तो अच्छा होता. पर अब क्या करे. फिर उन्होंने मुझे रिसोर्ट बुकिंग के बारे में सब बताया. ऐसे कम लोगों का शादी सुनके रिसोर्ट वाले चोंक गये. बाद में नानाजी अपने हिसाब से एक स्टोरी बनाके तो बोल दिया था , लेकिन वह लोग पैसे ज़ादा मांगे. रजिस्टर्ड साहब, पण्डितजी, दुल्हन सजाने के लिए ब्यूटीशियन, शादी का समान वग़ैरा, स्टेइंग एंड लॉजिंग..सब मिलाकर ज़ादा लिया. नानाजी मुझे कुछ बोलने के लिए झिझक रहे थे. मैं समझ गया वह कुछ बोलना चाहते है. लेकिन बोल नहीं पा रहे है. मैंने पूछा की क्या हुआ नानाजी , क्या वह लोग और कुछ मांगते है. तो नानाजी बोले नहीं पर, वह लोग तो ऐसा सुन्सान शादी देखके संमझा शायद हम लड़की भगाकर लाक़े शादी करवा रहे है. कोई गेस्ट या रिलेटिव्स अटेंड नहीं कर रहा शादी. इस लिए वह लोग जान बुझके सब ज़ादा रेट लगाया. और भी बहुत कुछ अवेलेबिलिटी है रिसोर्ट मे. वह लोग बोलना चाह रहे थे . पर मैंने तो यह सब सुनके ही और आगे बात नहीं बढाया. फिर वह लोगों ने कहा की अगर दूल्हा या दुल्हन से एकबार बात होता तो वह लोग कुछ एमेनिटीज के बारे में बात कर सकते है. हो सके तो तुम पता करलो. क्या कहना चाहते है या क्या कुछ है. मैं नंबर. एसएमएस कर देता हु.


थोड़ि देर बाद नानाजी का एसएमएस आया तो मैंने रिसोर्ट के नम्बर में कॉल किया. मेरा परिचय दिया की अगले ट्यूसडे को एक शादी बुकिंग हुआ. हम बस ४ लोग आयेंगे. मैं ही दूल्हा हु. आप लोग कुछ एमेनिटीज के बारे में बोलना चाहते है. वह लोग मुझे विश किया पहले. फिर मेरे लाइफ का ऐसा एक महतपूर्ण अध्याय उन लोगों के रिसोर्ट से सुरु हो रहा है, इस लिए भी अभिनन्दन जताया. फिर बताया वह लोग शादी के सब बंदोबस्त के साथ शादी के बाद का कुछ फैसिलिटीज भी प्रोवाइड करते है. उन लोगों का रिसोर्ट मुंबई में एक खाड़ी के पास है. जो खाड़ी आगे जाकर अरब सागर में मिला. यह लोग शादी के बाद दूल्हा दुल्हन के सुहागरात के लिए सुन्दर सुन्दर स्टीमरप्रोवाइड करता है. यह स्टीमर रिसोर्ट के पास खाड़ी में एक जेति बनाया प्रायवेट, वहां है. पार्टी चाहे तो रात भर वहां खड़ा रख सकते है, या तो खाड़ी में उनलोगों का आदमी चला सकता है. छोटा छोटा प्राइवेट स्टीमर. ऊपर के डेक में छोटा सिटींग अरेंजमेंट. और एक कमरा. चारों तरफ से हवा आने के लिए बडी बड़ी ओपन खिड़कियाँ है. और डेक से सीधा एक सीडी नीचे गया. वहाँ नीचे एक रूम है. अच्छा बेड, टॉइलेट, टीवी, फ्रीज, कपबोर्ड़, का बंदोबस्त है. इसी रूम को वह लोग सुहागरात के रूम जैसा फूलोसे सजाके देते है. नीचे जाकर ऊपर का डोर लॉक करदेने में से, और कोई डिस्टर्ब नहीं कर सकता. रात भर अपने हिसाब से सुहागरात मनाव. मैंने फ़ोन पर ऐसे सब खबर लिया और रेट भी पूछ लिया था.

To Be Continue….

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