घर की मुर्गियाँ 8

समीर- मैं बाहर निकालकर नहीं दिखा सकता। नेहा- क्यों नहीं दिखा सकते? समीर- मुझे तू सिर्फ एक महीने का टाइम दे दे, मैं तेरे लिए कोई लड़का ढूँढ लूँगा और तेरी शादी करा दूंगा। फिर तू रोज देखना। तू समझा कर मैं तेरा सगा भाई हूँ, ये शर्म की दीवार नहीं तोड़ सकता। नेहा- इतनी जल्दी मेरी शादी करवा दोगे? मुझे नहीं करनी अभी शादी। समीर- “क्या बिना शादी के तू सेक्स करेगी? तेरी वर्जिनिटी टूट गई तो तेरी जिंदगी कितनी मुश्किल होगी, तुझे मालूम है?” नेहा- “मैंने कब बोला सेक्स करने को? मैंने तो सिर्फ देखने को बोला है…” समीर- “अगर तूने आगे और कुछ करने को बोला तो?” …

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घर की मुर्गियाँ 23

नेहा के दिल में समीर के लिए कितना प्यार उमड़ चुका था इन 10 दिनों की जुदाई में। नेहा को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे समीर दूल्हा बनकर आ रहा हो। अब नहा ने अपने पैरों पर क्रीम लगाई। आज पूरे जिश्म पर एक भी अनचाहा बाल नहीं रहने देना चाहती थी। नेहा आज अपने जिश्म की नुमाइश समीर के सामने करना चाहती थी। उसे ये भी मालूम था की आज कोई दीवार बीच में नहीं रहेगी, आज सारी दीवारें गिरनी थी। और फिर नेहा ने अपनी उस प्यार की मंजिल पर क्रीम लगाई, जहां से इस प्यार की शुरुवात होनी है। अफफ्फ… कितनी लगन से नेहा ये सब …

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घर की मुर्गियाँ 22

कुछ देर में किरण फिर नार्मल हो चुकी थी। अजय अब धक्के लगा रहा था। मगर अब किरण का विरोध समाप्त हो गया था, और किरण भी कूल्हे पीछे करते हुए साथ देने लगी किरण की सिसकारी पूरे घर में गूंज रही थी- “आईई.. आss आह्ह… ओहह… बस्स मार डाल्ला आज्ज तो आपने…सस्स्सी … आआहह… ऊहह…” और अब तो किरण भी मजे में आवाजें निकाल रही थी। अजय- क्यों भाभी कैसा लग रहा है? किरण- तुम तो बड़े जालिम हो। अजय- तभी तो आपको ये मजा मिला आज। किरण- “सही कह रहो हो भाई साहब… मैं तो अभी तक इससे महरूम थी, कभी सोचा भी नहीं इस तरफ…” और दोनों …

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घर की मुर्गियाँ 21

समीर ने नेहा के पास फोन मिलाया। काफी देर घंटी जाने के बाद नेहा ने फोन रिसीव किया। नेहा- हेलो। समीर- बड़ी देर से उठाया। \ नेहा- भइया मैं सो रही थी। आप पहुँच गये? समीर- हाँ पहुँच गया। चल मम्मी से बात करा। नेहा- इस वक्त? समीर- 7:00 बज चुके हैं। नेहा- भइया यहां तो अभी रात के 3:00 बजे हैं। समीर- “ओह माई गोड… सारी नेहा, चल सो जा बाद में बात करूँगा…” और समीर फोन काटकर रूम हीसंजना अभी भी सो रही थी। समीर- “उठिये मेडम 7:00 बज चुके हैं..” संजना अंगड़ाई लेआहह… समीर आ जाओ..” और संजना ने समीर को अपने ऊपर खींच लिया। समीर- मेडम …

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घर की मुर्गियाँ 20

समीर ने नेहा को नहीं रोका, और खुद भी साथ देने लगा। थोड़ी देर यूँ ही किस करते रहे। तभी समीर हट गया। समीर- नेहा अब मुझे देर हो रही है, मैं चलता हूँ। नेहा समीर को जाते हुए देखती रही। समीर कंपनी पहँच गया। आज समीर स्टोर में माल की डिटेल चेक कर रहा था। समीर स्टोर कीपर से बोला “कच्चे माल की लिस्ट बनाकर मेरे केबिन में ले आओ..” तभी संजना का फोन आता है। समीर- हेलो मेम। संजना- समीर कहां हो? मेरे केबिन में आ जाओ। समीर- जी मेम… मैं स्टोर में हूँ बस दो मिनट में आया मेडम। संजना- एक एक्सपोर्ट आर्डर मिल रहा है आस्ट्रेलिया …

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घर की मुर्गियाँ 19

लाइट जलने से पहले ही पापा और टीना एकदम से अलग हो जाते हैं। अजय- “मैं कुछ खाने के लिए लेकर आता हूँ..” और अजय बाहर चला जाता है। नेहा- ये सब क्या कर रही है तू? टीना- मैं क्या कर रही हूँ? नेहा- तूने पापा का वो नहीं पकड़ा? टीना- क्या हो गया तो? किसको नजर आ रहा है यहां? तू भी देख ले पकड़कर कितना मजा आता है। नेहा- तू पागल तो नहीं है? कम से कम यहां तो ये सब मत कर। अगर किसी ने देख लिया तो? टीना- क्यों डर रही है? यही तो जिंदगी के मजे हैं मेरी जान, जितना लूट सको लूट लो। तभी …

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घर की मुर्गियाँ 18

नेहा बाहर खड़ी मन में सोच रही थी- “भइया सोच रहे हैं, टीना की सील तोडूंगा। पर भइया को क्या मालूम ये शुभ काम तो पापा पहले ही कर चुके हैं। लेकिन भइया मेरी सील पर सिर्फ आपका ही हक होगा, आप मुझे बना देना फूल..” समीर ने अपने लरजते होंठों को टीना की चूत में घुसा दिया। टीना की चूत से पानी बह निकला, जो समीर बड़े चाव से चूस रहा था। टीना आनंद के सागर में डूबती जा रही थी, और समीर के सिर को अपने दोनों हाथों में जकड़कर अपनी चूत पर दबा रही थी। टीना- “हाय समीर भइया आss सस्सी… उईईई.. आईईई… उम्म्म्म… आह्ह… आह्ह…” करती …

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घर की मुर्गियाँ 17

सुबह 6:00 बजे सब संजना के साथ जयपुर के लिए निकल गये। टीना और किरण भी साथ जा रही थी। अजय संजना से- “आपकी परिवार में कौन-कौन है?” संजना- “मेरे पापा राजेश, मेरी मम्मी सुमित्रा देवी, और अंकल की परिवार भी साथ रहती है। अंकल सुरेश, आँटी बबिता, और उनके दोनों बच्चे। बेटा राहुल, लड़की काजल। यही छोटा सा परिवार है हमारा..” और यूँ ही बातें करते हुए सब लोग जयपुर पहुँच गये। घर पर अजय और समीर का फूलों से स्वागत किया गया। अजय बहुत खुश हुआ। बड़ा आलीशान मकान था संजना का। अजय तो खुशी से फूला नहीं समा रहा था। क्या किश्मत पाई है समीर ने जो …

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घर की मुर्गियाँ 16

समीर चुपचाप सुनता रहा। नेहा- भइया कभी हम पर भी अहसान कर दो, गैरों पे करम अपनों पे शतम… ऐसा हम पे जुल्म ना करो। समीर- “देख नेहा, जैसा तू सोच रही है ऐसा कुछ भी नहीं है। इस बारे में फिर कभी बात करेंगे। अभी घर में मम्मी पापा हैं। चल मुझे फ्रेश होने दे…” और समीर बेड से उतर जाता है। नेहा- “एक बार इसको छूकर देख लूँ?” और नेहा ने समीर के अंडरवेर में हाथ डाल दिया। समीर- पागल मत बन, मम्मी ने देख लिया तो मुसीबत बन जायेगी। जा अपने रूम में। नेहा- नहीं पहले वादा करो की अपने पास सुलाओगे आज रात? समीर- “अच्छा मेरी …

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घर की मुर्गियाँ 15

नेहा ने एक नजर अपने पापा पर डाली। इस वक्त अजय टीवी देख रहे थे। मगर अजय ने नेहा की तरफ नजर तक नहीं उठाई, कहीं नेहा चेहरा ना पढ़ ले। नेहा टीना से मिलने चली गई। इधर अपने रूम में समीर टीना के लिए ही सोच रहा था, और समीर ने टीना को काल किया। समीर- हाय टीना, क्या हो गया तुम्हें? टीना- सारी समीर, आज मैं तुम्हारे घर नहीं रुक पाई। मेरे पैर फिसल हो गया था। पैर में मोच आ गई आयोडेक्स लगा ली है। अब आराम है। समीर- कोई बात नहीं टीना। तुम कल मेरे घर जरूर रुकना। तब तुम्हें अपना केला खिलाऊँगा, और हाँ कल …

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घर की मुर्गियाँ 14

टीना पूरे जोश में आ चुकी थी, कहा- “अरे… अंकल आप डालिए तो… अब मैं कोई बच्ची नहीं जो थोड़ा दर्द भी बर्दाश्त ना कर सकूँ..” और टीना ने अजय का लण्ड अपने हाथों में पकड़ लिया। टीना एकदम बिन पानी मछली जैसे तड़प रही थी और टीना से कंट्रोल नहीं हो रहा था। टीना ने लण्ड को अपनी चूत पर रख दिया, और कहा- “अंकल कम ओन… निकाल लो इंडिया से आज सारा मक्खन…” अजय भी पूरे जोश में था, लण्ड चूत की फाँक से टिका दिया, और पूछा- “टीना तुम तैयार हो?” टीना- “हाँ अंकल कम ओन…” अजय ने चूत पर लण्ड का हल्का सा दबाव दिया, मगर …

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घर की मुर्गियाँ 13

संजना- ओह्ह… क्या तुमने अपने लिए लड़की ढूँढ ली? समीर- नहीं मेम, अभी नहीं। संजना- अच्छा तुम जाओ। कभी नेहा को अपने साथ ले आना। समीर-जी मेम। समीर के जाने के बाद, संजना के दिल में एक खयाल आता है। समीर कितना खूबसूरत है और इंटेलिजेंट भी बहत है। क्या दिव्या के लिए सही रहेगा? यहीं एक मकान दे देंगे, और संजना ने दिव्या को फोन मिलाया। संजना- हाय दिव्या कैसी है तू? दिव्या- दीदी मजे में हूँ। संजना- “और कब तक रहेगी वहां?” दिव्या- “दीदी, सनडे में आ जाऊँगी…” संजना- दिव्या एक बात बता, समीर तुझे कैसा लगता है? दिव्या- क्या हुआ दीदी? संजना- बोल तो कैसा लगता है? …

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घर की मुर्गियाँ 12

दोनों एक दूसरे पर गिर गये। थोड़ी देर में टीना भी नेहा के रूम में चली गई। टीना- कैसा लगा शो? नेहा- मस्त मजा आ गया। टीना- मेरी जान देखने से कुछ नहीं होता। एक बार तू भी चूसकर देख। नेहा- नहीं, मैं भइया के साथ नहीं कर सकती। टीना- फिर किसका केला चूसेगी तू? रोहित को बुला ले किसी दिन। मैं तो आज तेरे भाई का केला इस सुरंग में डालने की सोच रही थी। नेहा- “क्या, तू पागल तो नहीं हो गई? देख तो सही भइया का साइज और अपना साइज… क्या कहीं चूहे के बिल में भी हाथी चला जाता है?” टीना- मेरी जान, किसी दिन उस …

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घर की मुर्गियाँ 11

समीर होंडा सिटी कार में दिव्या को लेकर निकल चला। दिव्या पिछली सीट पर बैठी शीशे से बाहर झाँक रही थी। समीर शीशे से दिव्या को बार-बार देखता। यूँ ही कार में खामोशी थी। तभी समीर को राजा हिन्दुस्तानी का वो सीन याद आया, और समीर ने भी अपनी आवाज में गाना गुनगुनाया। समीर- “आई हो मेरी जिंदगी में तुम बहार बनके, मेरे साथ यूँ ही रहना तुम प्यार प्यार बनके…” और फिर चुप। दिव्या- बहुत अच्छा गाते हो, और सुनाओ कुछ। समीर- क्या सुनाऊँ? दिव्या- जो भी तुम्हें अच्छा लगे। समीर- आपको भी साथ देना होगा। दिव्या- कोशिश करूँगी। तुम सूनाओ पहले। समीर- मैंने सोच लिया कुछ भी हो …

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घर की मुर्गियाँ 10

टीना- “चलते हैं। इतने में तेरे पापा भी आ जायेंगे..” और दोनों दुकान से निकलने लगे। तभी रोहित, जो अजय की दुकान पर काम करता था, कोल्ड ड्रिंक ले आया और कहा- “अरे… मेडम आप कहां चल दी? पहले कोल्ड ड्रिंक पी लीजिए..” रोहित ने बड़े ही नरम दिली से आग्रह किया। टीना ने रोहित पर ऊपर से नीचे तक नजर डाली। रोहित किसी हीरो से कम नहीं लगता था। गठीला 6 फूट सेभी लंबा। टीना रोहित को देखती रह गई। रोहित ने आवाज लगाई- “लीजिए मेडम कोल्ड ड्रिंक…” टीना- “ओहह… लाओ क्या नाम है तुम्हारा?” रोहित- जी रोहित। टीना- “बड़ा प्यारा नाम है…” और टीना ने रोहित की तरफ …

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