चूतो का समुंदर – 14
आंटी-आअहह….माआयन्न्न…ग्गगाइइइ…आअझहह मैं-उूउउम्म्म्म….सस्रररुउउप्प्प…..सस्स्रररुउउप्प्प्प्प्प..सस्स्स्स्रररुउउप्प्प….आआहह मैने आंटी का सारा चूत रस पी लिया…मैने आंटी का सारा चूत रस पी लिया ऑर बोला मैं-आअहह…मज़ा आ गया… आंटी-आआहह…बहुत मज़ा…आआया बेटा…ऐसे खुले मे चूत भी ज़्यादा ही गरम हो गई मैं-हाहहहहा….तो होने दो ना…मैं हूँ ना ठंडा करने को… आंटी-आजा बेटा…अब डाल भी दे मैं-(कुछ सोच कर)-आंटी क्यो ना हम अपनी चुदाई को याद गार बने… आंटी-मतलब बेटा..क्यों..??? मैं-देखो आंटी ऐसी खुली जगह मे पहली बाद चुदाई कर रहे है ऑर आपकी गंद को भी पहली बार मस्त लंड मिलेगा..तो क्यो ना हम इस चुदाई को कमरे मे क़ैद कर ले.. आंटी-बेटा तुम जैसा चाहो…पर कौन रेकॉर्ड करेगा….??? आंटी –रूको अभी बताता हूँ ओर मैने खड़े …