चूतो का समुंदर – 13

मैने अपने मन मे कुछ सोचकर डिसाइड किया कि आज आंटी की शरम को पूरी तरह भगा देना है…बट मेरे पास टाइम कम था…हमे शादी मे भी पहुचना था

मुझे सोच मे डूबे हुए देख कर आंटी बोली

आंटी-क्या सोच रहे हो

मैं-अर्रे..कुछ नही…बस ये सोच रहा था कि इतनी जल्दी पहुच कर क्या करेगे

आंटी-अरे मेरी कई फ्रेंड्स आयगी वहाँ …तो सबसे मिल लुगी ना

मैं-आंटी 1 बात बोलू

आंटी-हाँ बोलो

मैं-आंटी आपकी फ्रेंड्स भी आपकी तरह है…

आंटी-मतलब

मैं-मेरा मतलब था कि क्या वो भी आपकी तरह पसंद रखती है

आंटी(आँखे उपर कर के)-मेरी तरह पसंद…मतलब…क्या चल रहा है माइंड मे

मैं-(हँसते हुए)-अर्रे कुछ नही आंटी मैं तो बस ये बोल रहा था कि क्या मुझे कुछ फ़ायदा हो सकता है कि नही

आंटी-क्यो…मुझसे दिल भर गया…जो मेरी फ्रेंड्स चाहिए

मैं(आंटी के बूब्स पर हाथ फेरते हुए)-अरे नही जान …तुझे तो अभी चखा है….अभी तो खाना है तुझको…निचोड़ कर…ये कहकर मैने बूब को तेज़ी से दवा दिया

आंटी-आआअहह…तो खा लो ना….दूसरो का क्यों पूछ रहे हो

मैं- क्यो आंटी….आप मेरा फ़ायदा नही करवा सकती…ऑर मैने बूब दवाने की गति बढ़ा दी…ऑर एक हाथ से ड्राइव करने लगा

आंटी—आओऊउककच….हाँ बेटा करवा दुगी …मेरी कुछ फरन्ड शायद तेरे लंड के नीचे आ जाय….आख़िर वो भी तो मस्त लंड मांगती है

मैं-ये हुई ना बात ….अब मज़ा आया

आंटी-आअहह…बट अभी मेरा ख्याल रखो बस…वो बाद मे देखेगे

मैं-ओके आंटी तो शुरू हो जाओ….मस्ती यही से स्टार्ट होती है

इतना कह कर मैने आंटी के बूब से अपना हाथ खीच लिया ऑर उन्हे मेरे लंड की तरफ इशारा किया…

आंटी मेरा इशारा समझ गई ओर थोड़ा पास आ कर मेरे पेंट के उपर से मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी…

मैने कार ड्राइव कर रहा था और आंटी मेरा लंड सहलाए जा रही थी…कुछ देर बाद मेरा लंड अपनी औकात दिखाने लगा…

आंटी-(हँसते हुए)-ओह हो…तैयार हो गया

मैं-अभी कहा आंटी….तैयार तो ये तब होगा जब आपके गरम-2 होंठो से होते हुए आपने मुँह मे जायगा….

आंटी-अच्छा..ऐसी बात है….अभी तैयार करती हूँ

इतना बोलकर…आंटी ने अपनी सॅंडल को शीट के नीचे निकाला…ऑर कार की शीट पर मेरी तरफ मुँह करके घुटनो के बल बैठ गई……ऑर आंटी ने अपने हाथो से मेरे पेंट की ज़िप को खोला ऑर अंडरवर के अंदर से मेरा लंड बाहर कर लिया …

मेरा लंड बाहर आते ही फड्फाडाने लगा….जो अभी पूरा खड़ा नही था….

आंटी ने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ा ऑर दूसरा हाथ कार के सामने वाले बोर्ड पर रखा ओर लंड की मूठ मारने लगी

मैं-आअहह…आंटी..आअराम से…मज़ा आ गया

आंटी कुछ देर तक लंड हिलाने के बाद बोली

आंटी-अब और मज़ा आएगा

और इतना बोलते ही आंटी ने झुक कर मेरे लंड को पूरा का पूरा मुँह मे भर लिया ऑर मस्ती मे लंड चुसाइ करने लगी…

मेरे लिए अब ड्राइविंग मुस्किल हो रही थी….तो मैने कार रोड के साइड से कर के स्लो चलाना शुरू कर दिया ऑर लंड चुसाइ का मज़ा लेने लगा

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मैं-आंटी…..क्या चूस रही हो….आप तो एक्सपर्ट रंडी की तरह कर रही हो चुसाइ

आंटी-सस्स्ररुउउप्प्प….सस्स्रररुउउप्प्प…ऊओंम्म्मममह…सस्स्रररुउउप्प्प

मैं-आअहह…ओर तेज मेरी जान

आंटी-सस्स्ररुउउप्प्प….सस्रररुउउप्प्प्प….ऊओंम्मह…सस्स्रररुउउप्प्प्प

इसी तरह आंटी लंड को चूसे जा रही थी…मैने भी आंटी की ड्रेस को एक हाथ से गंद के उपर करके उनकी कमर पर चढ़ा दिया…ऑर अपनी 1 उंगली ले जाकर पैंटी को साइड करके आंटी की चूत मे डाल दिया

आंटी-ऊओंम्म…सस्स्ररुउउप्प्प…सस्स्रररुउउप्प्प…ऊओंम्म्ममह

मैं-आहह…ओर तेज आंटी…हाँ…ऐसे ही….अंदर तक ले जाओ

आंटी-ऊमम्मह..सस्स्ररुउउप्प्प्प…..सस्रररुउउप्प्प….उउउम्म्म्मह

करीब 5 मिनट आंटी बिना लंड को मुँह से निकाले चूस्ति रही ओर मैं 1 उंगली से आंटी की चूत मारता रह….ऑर 1 हाथ से ड्राइव कर रहा था

कार की स्पीड बहुत कम थी बट आंटी की नही….मैने अब कार को रोक लिया ऑर दो उंगली आंटी की चूत मे डाल दी ऑर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा….

आंटी तो जैसे आज पागल हो गई थी….10 मिनट से मेरा लंड उनके मुँह मे था ओर वो चूसे जा रही थी

आंटी-सस्रररुउुउउप्प्प्प्प्प….सस्स्स्र्र्ररुउुउउप्प्प…..उूुउउम्म्म्ममनममम….सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प

मैं-आंटी …मज़ा आ गया…आअहह

अचनाक आंटी अकड़ने लगी तो मैं समझ गया कि मेरी उंगलियो का कमाल है ये ऑर मैं तेज़ी से उंगली को आंटी की चूत मे अंदर बाहर करने लगा….

थोड़ी ही देर मे आंटी झड गई ऑर उनका पूरा चूत रस मेरे हाथ से बहता हुआ कार की शीट पर जाने लगा….अब आंटी ने लंड को मुँह से निकाला…

आंटी-आअहह…..मज़ा आ गया…ऑर ये बोलकर फिर से पहले की तरह लंड चूसने लगी…

कुछ देर बाद मैं भी झड़ने लगा

मैं-आअहह…आअहह…आंटी….मैं…आआया…..पी जाओ

मेरे झड़ने पर आंटी ने लंड को चूसना जारी रखा ओर गपगाप मेरा लंड रस अपने गले से उतार लिया…….
ऑर जब लंड रस पी लिया तो मेरे लंड को चूस के सॉफ कर दिया…तब उसे मुँह से निकाला

आंटी फिर शीट पर टिक कर बैठ गई

आंटी-आअहह….मज़ा आया..???

मैं-बहुत…आपको??

आंटी-मुझे भी

मैं-आंटी आज तो आप एक्सपर्ट रंडी की तरह चूस रही थी

आंटी-अब तुम्हारी रंडी बन ना है तो वैसे काम भी करने पड़ेंगे ना

हम दोनो ही इस बात पर हँसने लगे…

फिर मैने कुछ सोच कर कहा…

मैं-आंटी…आप वो करोगी जो मैं कहुगा

आंटी-कोई शक है क्या…बोल के देख लो

मैं-पलट मत जाना

आंटी-मैं तुम्हारी हूँ…जो कहोगे ..वो करूगी

मैं-ठीक है तो अब आपको खुले आसमान के नीचे चोदता हूँ

आंटी-तुम जहाँ चाहो वहाँ चोदो…मैं तैयार हूँ

मैं-पक्का

आंटी(मेर लंड को हाथ से मसल्ते हुए)- सर…आपकी पर्सनल रंडी हूँ….लाइफ टाइम के लिए…कुछ भी कर सकती हूँ…आपकी खुशी के लिए

मैने आंटी को किस किया ऑर बोला…

मैं-चलो कोई अच्छी जगह देखते है…

ओर मैने कार की स्पीड बढ़ाई ऑर जाते हुए जगह भी देखने लगा …जहाँ मैं आंटी की चुदाई कर सकूँ

करीप 45 मिनट के सफ़र के बाद मुझे 1 मस्त खेत दिखा …जहाँ कुछ बड़े-2 पेड़ दिख रहे थे…ओर 1 छोटा सा लकड़ी का घर भी था वहाँ…

वो मेन रोड से थोड़ा हटकर जगह थी….मैने कार को वहाँ मोड़ दिया…ऑर साइड मे लगा दिया

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आंटी-ह्म्म..यहाँ???

मैं-हाँ, यहाँ…आ जाओ…

ऑर हम कार ने निकल कर कार लॉक करके खेत मे जाने लगे….अब आंटी बिंदास लग रही थी…कोई कह भी नही सकता था कि ये एक हाउसवाइफ है…

हम खेत के अंदर पहुचे तो हमे एक तरफ छोटा का मैदान दिखाई दिया …वहाँ पर बड़े-2 पेड़ भी लगे थे ऑर घास भी मस्त थी…

मैने सोचा..यहाँ चुदाई का मज़ा आयगा…ऑर मैने आंटी को कमर से पकड़ कर वहाँ चलना शुरू किया…

जब हम वहाँ पहुचे…तो नज़ारा देख कर हम खुश हो गये…चारो तरफ घास थी …ऑर उपर से पेड़ो की छाया…

आंटी-वाउ…यहाँ तो मज़ा आ जायगा

मैं- बिल्कुल

आंटी-मैने कभी सोचा भी नही था कि मैं ऐसी जगह भी चुदाई करूगी

मैं(आंटी की गंद दवाकर)-अब देखती जाओ मैं ….कहाँ-कहाँ…ऑर कैसे –कैसे तुम्हारी चूत ऑर गंद को फाड़ता हूँ..

आंटी-आहह….अब मेरी चूत , गंद ऑर ये बॉडी तुम्हारी है…जैसे चाहो यूज़ करो..

मैने आंटी को वही बैठने को कहा ओर आंटी…घास पर बैठने लगी…तभी रुक कर बोली

आंटी-ड्रेस खराब हो जाएगी

मैं-हां, सही कहा…तो निकाल दो

आंटी-यहाँ???…कोई देख ना ले

मैं-देख लेगा तो क्या

आंटी-मतलब….क्या है

मैं-तुम मेरी हो…मैं जो कहता हूँ वैसा करो

आंटी-तुम जो कहो…बट कोई दूसरा आ गया तो

मैं(कुछ सोच कर)-अगर आ गया…तो मैं उसी के सामने तुम्हे चोदुन्गा…कोई प्राब्लम

आंटी(चुप रही)-……

मैं-बोलो क्या हुआ

आंटी(थोड़ा सोच कर)-तुम कैसे भी चोदो…कोई प्राब्लम नही…खुश

मैं आंटी के पास गया ऑर हम दोनो ने साथ मे आंटी की ड्रेस निकाल दी ऑर साइड मे पेड़ पर रख दी…अब आंटी ब्रा-पैंटी मे थी…

मैं- अब इसे भी निकाल दो

आंटी- निकाल दूगी जल्दी क्या है

मैं जल्दी है….टाइम कम है आंटी

आंटी- ओके….ऑर ये कह कर आंटी ने ब्रा-पैंटी भी निकाल दी ऑर पूरी नंगी हो गई

मैं- आंटी अब 1 मस्त पोज़ दो…आपकी 1 पिक्चर लेता हूँ

आंटी- पिक्चर क्यो…???

मैं- आप पोज़ दोगि या नही

आंटी- ओके गुस्सा नही….तुम जो भी कहो

फिर आंटी ने एक मस्त न्यूड पोज़ दिया ऑर मैने आंटी की नंगी पिक्चर मोबाइल से क्लिक कर के सेव कर ली…

ये पिक्चर आगे शायद मेरे काम आ जाय…
फिर आंटी ने एक मस्त न्यूड पोज़ दिया ऑर मैने आंटी की नंगी पिक्चर मोबाइल से क्लिक कर के सेव कर ली…

मैं-अब बनी ना तू मेरी पक्की रंडी

आंटी(मुस्कुरा कर)-अब जल्दी करो…शादी मे भी जाना है
शादी का नाम सुनते ही मैने टाइम देखा …2.50 बज रहे थे ऑर अभी हमे अप्रॉक्स 3 घंटे ऑर ड्राइव करना था…

मैं-अरे जाना क्यो नही है…जाएगे नही तो तेरी फ्रेंड की कैसे मिलेगी…..चल आजा मेरी रानी…लंड को जगा फिर से

मेरे बोलते ही आंटी झट से मेरे पास आई ऑर मेरा पेंट खोल कर के नीचे कर दिया ऑर देखता ही देखते मेरी अंडरवर भी…ओर आंटी घटनो पर आ कर मेरा लंड चूसने लगी….

मैं- हाँ….ऐसे ही जल्दी करो टाइम कम है

आंटी मेरी बात सुनकर फुल स्पीड मे लंड चूसने लगी….

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आंटी ने 10 मिनट तक लंड चूसना चालू रखा…क्योकि मैं झड के आया था तो लंड 10 मिनट मे जाकर पूरा खड़ा हुआ….

जैसे ही मेरा लंड औकात पर आया मैने आंटी को रोक कर खड़ा किया ऑर उनके बूब्स चूसने लगा

मेरा एक हाथ आंटी के दूसरे बूब्स पर था….ऑर मैं…मुँह मे भर कर एक बूब को चूसे जा रहा था….

आंटी-आहह….ऐसे ही…हाँ मेरे राजा…चूस डालो

मैं-सस्स्रररुउउप्प्प…सस्स्रररुउउप्प्प…उूउउम्म्म्मम

आंटी-आअहह….हहाअ….आईीससीए हहिि…ज्ज्ज्ूओर्रर से…खा जाओ

मैने अपना मुँह दूसरे बूब पर लगाया और हाथ को दूसरे बूब पर…ऑर तेज़ी से बूब्स पर काम शुरू कर दिया….

आंटी के दोनो बूब्स….पूरी तरह कड़क हो गये थे…ऑर आंटी अपने हाथ से अपनी चूत मसल रही थी

5 मिनट बूब्स चूसने के बाद मैने बूब छोड़ दिए ओर अपने कपड़े निकाल के आंटी के सामने घुटनो पर बैठ गया….

आंटी मेरा इशारा समझ गई…ऑर दोनो पैर फैला कर चूत चाट ने की दावत देने लगी…

मेरे सामने आंटी की राशीली चूत आ गई….

आंटी की चूत फटी तो थी…पर थी कमाल थी…ऑर अभी रस से भीगी हुई है…

मैने आंटी की चिकनी चूत के पास मुँह किया तो 1 मस्त खुसबु….मेरी नाक ने समा गई…..

मैं-आअहह…क्या महक है आंटी…
ओर मैने अपने हाथो से आंटी की जाघो को खोला ऑर जीभ से आंटी की चूत चाट ली

मैं-सस्ररुउउप्प्प

आंटी-आअहह….

मैं थोड़ी देर ऐसे ही चूत चाट ता रहा …
फिर मैने आंटी को अपने सामने कुतिया बनने को कहा…

जैसे ही आंटी कुतिया की तरह झुकी…उनकी चूत ऑर गंद खुल के मेरे सामने आ गई….

मैने अपनी जीभ की नुकीला किया ऑर हाथ से आंटी की गंद को दोनो तरफ से पकड़ कर फैलाया ओर जीभ को गंद के छेद मे अंदर कर दिया….

आंटी-आअहह……ययययए …क्याअ….

मैने थोड़ी देर जीभ को आंटी की गंद के छेद पर फेरा फिर बोला

मैं-मज़ा आया आंटी

आंटी-आअहह…सच मे…पहली बार इतना मज़ा आया…आज तक किसी ने मेरी गंद पर जीभ नही चलाई

मैं-आंटी….देखती जाओ…जो आज तक नही हुआ वो सब होगा…आप बस मज़े लो
आंटी-आअहह…बेटा ऐसे मज़े के लिए….तो कुछ भी कर सकती हूँ….

मैं-तो आंटी गंद मार लूँ…

आंटी-जो करना है कर लो…पर प्यार से मारना क्योकि मैने गंद कई दिनो से नही मरवाई ऑर…केवल 4-5 बार ही गंद मरवाई है बेटा…वो भी 5 इंच के लंड से..आहह

मैं-डोंट वरी….मैं प्यार से फाडुन्गा आपकी गंद

आंटी-तब तो तुम जैसा कहो…मैं वैसा करूगी…फाड़ दो बेटा…आहह

मैं-ठीक है…अब आप मज़े लो…

मैं फिर से जीभ से आंटी की गंद को ऑर चूत को चाट ता ऑर चोदता रहा….

फिर मैने जीभ आंटी की गंद मे और एक उंगली आंटी की चूत मे घुसा के गंद को चूसना ऑर चूत को उंगली से चोदना तेज कर दिया…..

ऑर 2-3 मिनट मे ही….

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