घर की मुर्गियाँ 18
नेहा बाहर खड़ी मन में सोच रही थी- “भइया सोच रहे हैं, टीना की सील तोडूंगा। पर भइया को क्या मालूम ये शुभ काम तो पापा पहले ही कर चुके हैं। लेकिन भइया मेरी सील पर सिर्फ आपका ही हक होगा, आप मुझे बना देना फूल..” समीर ने अपने लरजते होंठों को टीना की चूत में घुसा दिया। टीना की चूत से पानी बह निकला, जो समीर बड़े चाव से चूस रहा था। टीना आनंद के सागर में डूबती जा रही थी, और समीर के सिर को अपने दोनों हाथों में जकड़कर अपनी चूत पर दबा रही थी। टीना- “हाय समीर भइया आss सस्सी… उईईई.. आईईई… उम्म्म्म… आह्ह… आह्ह…” करती …