रसिक के निकलते ही शीला ने अपने घर को ताला लगाया.. और अनु मौसी के घर की तरफ दौड़ते हुए गई..
पर तब तक बहोत देर हो गई थी.. कविता ने यह सारा द्रश्य देख लिया था.. !! भाभी अब तक क्यों नही आए!! देखने के लिए वह शीला के घर के तरफ आई.. और शीला को खुले दरवाजे के पास रसिक से चुदवाते हुए देख लिया.. वह भागकर अपने घर वापिस आई और अचरज से सोचने लगी.. उसने जो देखा था वह अकल्पनीय था.. शीला भाभी?? एक दूधवाले के साथ? बाप रे.. विश्वास ही नही होता…” “Hindi Sex Story”
तभी शीला कविता के घर आ पहुंची.. “अरे मुझे ताला ही नही मिल रहा था… इसलिए देर लग गई मुझे.. ” शीला ने सफाई देते हुए कहा
यह सुनकर कविता मन ही मन में मुस्कुराने लगी..
“चलिए भाभी… अब सो जाते है.. ” शीला और कविता बेडरूम में गए और बिस्तर पर लेटे लेटे बातें करने लगे
“कब से बारिश हो रही है.. रुक ही नही रही!!” कविता ने कहा “Hindi Sex Story”
“अब बारिश की सीजन है.. पानी तो बरसेगा ही.. तुम लोगों को तो बारिश पसंद होनी चाहिए.. नए शादीशुदा जोड़ों को तो बारिश में बहुत मज़ा आता है.. हमारे जैसे पुराने चावलों को जरुर बारिश में परेशानी होती है.. ” शीला ने कहा
कविता २४ साल की जवान छोकरी थी.. एकदम कोरा माल.. ३४ इंच के स्तन.. मस्त कडक संतरे जैसे.. पतली सी कमर.. सीधी सी लड़की… चुदाई के मामले में जिसे नौसिखिया कहा जा सकता है.. वही श्रेणी में थी कविता.. थोड़ी दुबली पतली.. अब तक उसके कूल्हे बड़े नही हुए थे.. प्रायः चुदाई के एकाद साल के बाद नितंबों का विकास होता है.. जो अब तक कविता का नही हुआ था.. एकदम गोरी त्वचा.. देखते ही पसंद आ जाएँ ऐसा रूप.. नई नई शादी हुई थी इसलिए सब बातें जानने की बेहद जिज्ञासा थी कविता में.. “Hindi Sex Story”
घर में बूढ़े सास और ससुर.. पड़ोस में उसकी उम्र की अन्य लड़कियां थी पर कविता का उनसे ज्यादा परिचय नही हुआ था.. कविता का पति पीयूष.. कविता को “गरीबों की बचत” की तरह इस्तेमाल करता था.. कविता को कभी कभी ही चोदता था.. कभी कभी मोबाइल पर व्हाट्सएप पर आई हुई पॉर्न क्लिपिंग कविता को दिखाकर उत्तेजित करता.. उन विडिओ को कविता बड़े ही ध्यान से देखती.. और उसका अनुकरण करने का प्रयत्न करती..
कुछ दिन पहले ही उसने विडिओ में देखकर पीयूष का लँड चूसना शुरू किया था.. वैसे कविता को इसमे ज्यादा मज़ा नही आता था.. वह सोचती थी की लंड जैसी चीज को क्यों चूसना चाहिए?? इसमें भला क्या मज़ा? कोई स्वाद तो आता नही.. पर पीयूष जब उसकी चुत को चूमता था तब उसे ऐसा लगता था जैसे उसका जीवन सफल हो गया.. चुत चटवाना उसे इतना पसंद था की उसके लिए वह पीयूष का लंड चूसने के लिए तैयार हो जाती। वह चाहती थी की पीयूष पूरी रात उसकी चुत चाटता रहे.. पर पूरे दिन की थकान के बाद पीयूष, कविता पर चढ़कर थोड़ी बहोत उछलकूद करके सो जाता.. वैसे तो कविता भी पूरा दिन घर का काम कर थक जाती थी.. पर जिस्म की भूख सब हिसाब मांगती है.. दो तीन दिन बिना चुदे निकल जाने के बाद कविता ऐसी ऐसी जगहों पर छेड़ती की पीयूष उत्तेजित होकर उसे चोद देता.. कविता के लिए पीयूष ही उसका सर्वस्व था.. “Hindi Sex Story”
शीला और कविता आज अच्छा खासा समय साथ बिताने वाले थे.. शीला के शरीर से वीर्य की गंध आ रही थी.. और इस गंध से कविता भलीभाँति वाकिफ थी.. शीला को रात के अंधेरे में खुले दरवाजे के पास खड़े खड़े रसिक से जिस तरह चुदवाते देखा था.. वह द्रश्य कविता की आँखों से हट ही नही रहा था…
शीला कविता के बदन को अहोभाव से देखने लगी.. दिवाली में बेंक से मिले १०० रुपये के नए नोट के बंडल जैसी दिख रही थी कविता..
“एक बार नींद उड़ जाएँ तो वापिस जल्दी आती ही नही” कविता बोली
“हाँ कविता.. कभी कभी मेरी नींद भी आधी रात को उड़ जाती है.. फिर सुबह तक करवटें बदलती रहती हूँ” शीला ने अपना दुख सुनाया
“फिर आपको ताला मिला की नही?” कविता ने पूछा
“हाँ मिला आखिर.. घर में ही था.. थोड़ा ढूँढना पड़ा.. “शीला ने कहा “Hindi Sex Story”
“मुझे तो ऐसा लगा की आप चाबी ढूंढ रही थी.. ताला तो आपके पास पहले से ही है” कविता ने गूढ भाषा में सिक्सर लगाई
“नही नही.. ताला ही नही मिल रहा था.. चाबी तो थी मेरे पास” कविता की द्विअर्थी बात का भावार्थ नही समझ पाई शीला
“भाभी, एक बात पूछूँ?”
“पूछ ना… जो भी पूछना है.. ” शीला ने कहा
“जब हम पिरियड्स में हो… तब कर सकते है?” कविता ने थोड़ी सी शर्म के साथ कहा
“क्यों? तेरा पीयूष बहुत जिद करता है क्या?” शीला ने शरारत करते हुए कहा
“नही भाभी.. पर मुझे ही उस दौरान बहुत मन करता है करवाने का.. पर में अगर ज्यादा फोर्स करती हूँ तो पीयूष नाराज हो जाता है ” कविता ने कहा
कविता की कमर पर चिमटी काटते हुए शीला ने कहा “तू तो जोरदार खिलाड़ी निकली कविता.. हमारी जवानी में तो पति जिद करता और हम मना करते थे.. फिर आखिर वह हाथ से हिलाकर… छातियों पर झड़कर शांत हो जाते.. पर अब तो पूरा माहोल ही बदल चुका है” “Hindi Sex Story”
कविता: “अब मेरा मन करता है तो में क्या करूँ भाभी!! पीयूष तो उन दिनों में मुझसे दूर ही रहता है”
शीला: “हम्म.. इसका एक इलाज है मेरा पास, कविता”
कविता: “वो क्या भाभी?”
शीला: “तुझे अपनी उंगली से ही काम चलाना होगा.. जब भी तू अपना सैनिटेरी पेड़ बदलने जाएँ.. तब नीचे पानी से बराबर साफ करके.. उंगली से कर लेने के बाद.. नया सैनिटेरी पेड़ लगा लेना” “Hindi Sex Story”
कविता: “पर भाभी, उसमें असली चीज जैसा मज़ा तो नही आएगा ना!!”
शीला: “ओहो.. अब तुझे उंगली से असली मर्द वाला मज़ा लेना है.. वो तो मुमकिन नही है…. एक बात समझ ले कविता.. उंगली में लंड जैसा मज़ा तो आने से रहा..” शीला को अचानक एहसास हुआ की सामने रघु या जीवा नही थे.. वह शरमा गई “माफ करना.. मेरे मुंह से ऐसे शब्द निकल गए”
कविता: “अरे, उसमें क्या है भाभी.. अभी तो हम दोनों अकेले ही है ना.. रात को बेडरूम में पीयूष भी बहुत गालियां बकता है.. अच्छा भाभी.. मदन भाई कब वापिस लौटने वाले है?” “Hindi Sex Story”
शीला ने एक भारी सांस छोड़कर कहा “अभी और चार महीने बाकी है उसे आने को कविता”
शीला के बायें स्तन पर कविता की कुहनी छु रही थी.. शीला ने जानबूझकर अपने शरीर को कविता की दिशा में ओर झुकाया.. उसका स्तन अब कविता की कुहनी से ओर ज्यादा दब गया.. कविता ने अपनी टांगें चौड़ी की और शीला की ओर करवट करते हुए शीला के स्तनों के बिल्कुल सामने आ गई.. शीला के पर्वत जैसे दोनों स्तनों को वह एकटक देखने लगी..
अपनी एक टांग शीला की जांघ पर रखते हुए कविता ने पूछा “भाभी.. आपको भी मन तो करता होगा ना”
शीला: “मन तो बड़ा करता है.. पर क्या कर सकती हूँ?” “Hindi Sex Story”
कविता: “तो आप फिर उंगली का सहारा नही लेती?”
शीला: “उम्र हो गई है कविता.. अब उंगली से काम नही बनता मेरा.. “
कविता: “तो फिर आप क्या करती है?”
शीला: “तू क्या करेगी जानकर? बड़ी मुश्किल से अपनी इच्छाओं को दबाकर रखा है मैंने.. तू तो ये सब बातें करते हुए मेरी आग भड़का देगी.. तेरा क्या है.. तू तो अपने पीयूष के नीचे घुसकर अपनी आग बुझा लेगी.. तड़पना तो फिर मुझे ही पड़ेगा ना!!”
कविता: “तो फिर आप अपनी आग बुझाने के लिए रसिक को क्यों नही बुला लेती?” आखिर उसने बॉम्ब फोड़ ही दिया
शीला स्तब्ध होकर बोली “कौन… वो दूधवाला?? वो कैसे बुझाएगा मेरी आग भला?” “Hindi Sex Story”
कविता: “कैसे बुझाएगा?? दरवाजे पर हाथ रखकर.. पीछे से करते हुए.. और कैसे?” उसने शरारती मुस्कान के साथ शीला का भंडाफोड़ कर दिया
शीला के पैरों तले से जमीन खिसक गई। कविता के मुंह पर अपनी हथेली रखते हुए उसने कहा
“बस बस.. चुप हो जा तू.. और किसी को बताना मत.. समझी!!” कहकर शीला ने कविता को अपने आगोश में भर लिया और पूरा जोर लगाकर मसल दिया..
शीला का शातिर दिमाग काम पर लग गया…. अब कविता को पटाकर अपने वश में रखना पड़ेगा.. ताकि यह कमीनी किसी को बता न दे..
कविता: “ये क्या कर रही हो भाभी? ओह्ह.. ” “Hindi Sex Story”
शीला ने करीब आकर कविता के होंठों पर अपने गरम होंठ रखकर एक जबरदस्त चुंबन रसीद कर दिया.. और फिर कविता का मुंह अपने दोनों स्तनों के बीच दबा दिया
शीला की मखमल के तकिये जैसी नरम छातियों से चिपक कर कविता ने भी शीला को अपनी बाहों में भर लिया.. और फिर शीला के गालों को चूमते हुए उसके मम्मे दबाने लगी… “भाभी, मेरे बॉल इतने बड़े कब होंगे? पीयूष को बड़े बॉल बहोत पसंद है”
यह सुनते ही शीला ने अपने ब्लाउस के सारे हुक खोल दिए.. और अपनी जायदाद कविता के सामने खोल दी.. कविता की आँखें फट गई
“देख क्या रही है कविता? चूसना शुरू कर.. ” “Hindi Sex Story”
कविता शीला के गोरे गोरे स्तनों की निप्पल को चूमकर बोली “भाभी.. क्या आप मेरी नीचे चाटोगे? कल रात को पीयूष को कितनी बार कहा.. पर वो इतना थका हुआ था की उसने चाटने से मना कर दिया.. कल रात से खुजली हो रही है मुझे.. प्लीज भाभी”
कविता का हाथ हटाकर शीला ने उसके दोनों संतरों को मसल दिया और कहा
“कविता, तेरे स्तन भी मेरी तरह बड़े बड़े हो जाएंगे.. तू रोज मेरे घर आकर तिल के तेल से मालिश करवा लेना.. फिर देखना तेरे बॉल कितने बड़े बन जाते है”
कविता: “वो छोड़ो भाभी… आप मेरी चाटिए ना!!”
कविता के गाउन में हाथ डालकर शीला ने उसकी चुत में दो उंगली घुसा दी.. और अंदर बाहर करने लगी
कविता अब शीला के मदमस्त स्तनों को चूमकर गीली हो चुकी थी.. उससे रहा न गया.. वह खड़ी हो गई.. अपने गाउन को कमर तक उठा लिया.. और अपनी चुत को शीला के मुंह पर रखकर बैठ गई.. उसके कूल्हे शीला के स्तनों से रगड़ खा रहे थे.. वह शीला के होंठों पर.. गालों पर.. अपनी चुत घिसने लगी.. शीला ने कविता के गुलाबी छेद को चौड़ा किया और अंदर अपनी जीभ डाल दी.. “Hindi Sex Story”
कविता अब बावरी बन गई.. शीला के मुंह पर दबाव बनाकर घिसने लगी.. अब उसने अपनी हथेलियों से शीला के बालों को पकड़ लिया और उसके मुँह पर अपनी चुत दबाते हुए झड़ गई.. !!
“आहहह आहहह… आह्हह!!” कविता बड़बड़ा रही थी.. सांसें नियंत्रित होने तक वह कुछ बोल नही पाई। कविता की चुत ठंडी हो जाने के बावजूद शीला उसे चाटती रही.. चाटती ही रही… “Hindi Sex Story”
थोड़ी देर बाद कविता शीला के ऊपर से उतर गई.. और फिर अपने गाउन से शीला का गीला मुंह पोंछकर बोली
“ओह भाभी… आपने तो… अब क्या कहूँ आपसे? इस तरह तो पीयूष ने भी मुझे मज़ा नही दिया है आज तक.. बहोत मज़ा आया भाभी”
स्खलन से थकी कविता की आँखें बंद होने लगी.. जबरदस्त ऑर्गजम का आनंद लेकर, शीला के बोबलों को सहलाते हुए, कविता गहरी नींद सो गई..
शीला भी पूरी रात की भीषण चुदाईयों से बहोत थक चुकी थी.. कविता के नाजुक स्तनों को मसलते हुए वह भी सो गई।
सुबह होते ही कविता और शीला दोनों जाग गए.. पर बिस्तर में ही पड़े पड़े एक दूसरे के अंगों से खेलते रहे
“भाभी, रसिक के साथ सेटिंग कैसे की आपने?” कविता ने पूछा
“कविता, मैं दो सालों से बिना लंड के तड़प रही थी.. अब इस उम्र में कहाँ लंड ढूँढने जाती!! ये तो अच्छा हुआ की रसिक की बीवी रूखी के साथ मेरी दोस्ती हो गई.. और मेरी तकलीफों का अंत आया.. नहीं तो पता नही क्या होता” कविता बड़े ही ध्यान से शीला की बातें सुन रही थी और शीला के स्तनों के साथ खेल रही थी “Hindi Sex Story”
कविता: “भाभी, आप मेरी एक मदद करोगी?”
शीला: “बता ना.. क्या चाहिए तुझे?”
कविता: “बात दरअसल ऐसी है की मेरे मायके में मेरा एक बॉयफ्रेंड है.. पिंटू.. मुझसे ६ साल छोटा है.. “
शीला ने आश्चर्य से पूछा.. “तुझसे ६ साल छोटा बॉयफ्रेंड है तेरा??” “Hindi Sex Story”
कविता: “वो हमारे पड़ोस में रहता है.. कई बार मेरे घर आता था.. और पढ़ाई में मेरी मदद भी करता था.. पढ़ते पढ़ते मैं उसके प्यार में कब पड़ गई मुझे पता ही नही चला.. “
शीला: “तूने चुदवाया है उस लड़के से?”
कविता: “ऊपर ऊपर से सब किया है.. वो मेरे बॉल दबाता.. होंठ चूमता.. पर उससे चुदवा नही पाई.. मैंने उसे कई बार कहा चोदने को.. पर उसने ही मना कर दिया.. वो कहता था की पहली चुदाई तो मुझे मेरी पति के साथ ही करनी है.. उसके बाद ही वो मुझे चोदेगा” “Hindi Sex Story”
शीला: “बड़ा अच्छा लड़का है.. वरना लड़की सामने से टांगें खोल रही हो तब कौन मना करता है भला?? लोग चोदने के लिए कितने पैसे भी खर्च कर देते है”
कविता: “इसी लिए तो मुझे बहोत पसंद है पिंटू”
शीला: “तू अभी भी चाहती है उसे? तो फिर शादी के बाद चुदवाया क्यों नही उस लड़के से!!”
कविता: “उसकी याद तो मुझे रोज आती है भाभी.. पर मायके जाना नसीब ही नही हुआ अब तक.. वो मुझे कभी फोन भी नही करता.. मैं ही फोन करती रहती हूँ उसे.. जब भी टाइम मिले.. मुझे पिंटू से चुदवाने का बहोत मन है.. पर कुछ सेटिंग ही नही हो रहा” “Hindi Sex Story”
शीला: “क्या कभी तूने उसका लंड पकड़ा था?”
कविता: “हाँ.. वैसे एक बार मुंह में लेकर चूसा भी था.. अब मुझे बहोत जोर से मन कर रहा है पिंटू से चुदने का.. “
शीला: “चिंता मत कर पगली.. बुला ले उसे मेरे घर.. दोपहर को जब तेरी सास सो जाएँ तब मेरे घर आ जाना.. और अपना काम निपटाकर निकल जाना”
कविता: “बस यही मदद चाहती थी मैं भाभी.. आप कितनी अच्छी हो!! आप कहों तो आज ही बुला लूँ पिंटू को? अभी सुबह के ६:३० बजे है.. अपने रूम में सो रहा होगा.. फोन कर देती हूँ.. आठ बजे निकलेगा तो भी डेढ़ घंटे में यहाँ पहुँच जाएगा” कविता बड़े ही उत्साह से कह रही थी.. अपने प्रेमी से मिलने के लिए वह उतावली हो रही थी.. शीला ने कविता की बिना झांटों वाली बुर को सहला सहला कर गीली कर दी। “Hindi Sex Story”
शीला: कविता.. प्रेमीओ को मदद करना तो बड़े पुण्य का काम है.. तू बुला ले उसे.. आज तो तेरे सास-ससुर और पति तीनों बाहर है.. ऐसा मौका फिर नही मिलेगा.. तू पूरा दिन आराम से पिंटू के संग मजे करना.. तुम दोनों का खाना मेरे घर पर बना दूँगी.. अब खुश!!”
कविता ने खुश होकर शीला को गले लगा लिया.. शीला ने कविता का सिर पकड़कर अपने जिस्म पर दबा दिया..
“चल इसी बात पर मेरी चुत चाट दे.. कब से मेरे बबले मसल मसल कर गरम कर दिया मुझे.. “
कविता ने पालतू कुत्तिया की तरह शीला के आदेश अनुसार उसकी चुत चुत चाटना शुरू कर दिया.. शीला अब वासना के समंदर में गोते खाने लगी.. बिस्तर से १ फुट ऊपर अपने चूतड़ उठाकर वह कविता से अपनी चुत चटवाने लगी.. थोड़ी ही देर में सिसकियाँ भरते हुए शीला झड़ गई.. और कविता के सिर को अपनी दोनों जांघों के बीच दबा दिया.. शीला की चुत चाटते हुए कविता भी अपनी चुत को गुदगुदाते हुए स्खलित हो गई.. पिंटू के साथ.. रंगरेलियाँ मनाने का अवसर मिलने के खयाल मात्र से, कविता का रोम रोम रोमांचित हो उठाया.. उसने पिंटू को मोबाइल पर कॉल लगाया। “Hindi Sex Story”
“पिंटू आ रहा है भाभी” खुशी से उछलते हुए कविता ने कहा.. ६ महीने बाद मिलूँगी.. कविता के चेहरे पर छलकती खुशी को देखकर शीला को भी अच्छा लगा..
“मैं घर पहुंचकर थोड़ी सफाई कर लेटी हूँ.. पिंटू और तेरे लिए बिस्तर भी ठीक-ठाक करना होगा..”
“ठीक है भाभी… मैं भी नहाकर फ्रेश हो जाती हूँ..”
“पिंटू यहाँ पहुंचे तब मुझे फोन कर देना.. और मैं जब कहूँ तभी तू आना.. ठीक है!!” “Hindi Sex Story”
“ओके भाभी.. पर भाभी.. मुझे डर लग रहा है.. ऐसे ससुराल में अपने प्रेमी को मिलने बुलाना.. कितना रिस्की है!!” कविता थोड़ी सी सहमी हुई थी
“अरे तू फिकर मत कर.. मजे करने हो.. प्रेमी से चुदवाना हो तो थोड़ा जोखिम तो उठाना ही पड़ेगा..” कहते हुए शीला अपने घर की ओर निकल गई
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“पिंटू यहाँ पहुंचे तब मुझे फोन कर देना.. और मैं जब कहूँ तभी तू आना.. ठीक है!!”
“ओके भाभी.. पर भाभी.. मुझे डर लग रहा है.. ऐसे ससुराल में अपने प्रेमी को मिलने बुलाना.. कितना रिस्की है!!” कविता थोड़ी सी सहमी हुई थी
“अरे तू फिकर मत कर.. मजे करने हो.. प्रेमी से चुदवाना हो तो थोड़ा जोखिम तो उठाना ही पड़ेगा..” कहते हुए शीला अपने घर की ओर निकल गई “Hindi Sex Story”
पूरा घर अस्त-व्यस्त पड़ा था.. अभी भी देसी दारू की बदबू आ रही थी.. शीला ने तुरंत ही अगरबत्ती जलाई.. जन्नत-ए-फ़िरदौस का इत्र छिड़का.. पूरा कमरा सुगंधित हो गया..
किचन में जीवा और रघु के कारनामों की निशानी हर जगह दिख रही थी.. शीला ने सफाई करके सब ठीक-ठाक कर दिया.. मेहमानों के लिए नाश्ता भी तैयार कर दिया.. और सब कुछ फिर से चेक कर लिया.. कल रात की कोई निशानी कहीं छूट न गई हो!!
अब तक कविता का फोन क्यों नही आया? शीला सोच रही थी.. काफी देर लगा दी पिंटू ने आने में.. पता नही वो चूतिया कहाँ गांड मरवा रहा होगा? ऐसा मौका जब हाथ लगने वाला हो तब कौन बेवकूफ देर करता है!! लोग कब समय का महत्व समझेंगे!! शीला मन ही मन पिंटू को गालियां दे रही थी.. “Hindi Sex Story”
तभी फोन बजा.. कविता का ही फोन था..
“भाभी, पिंटू आ गया.. में उसे सीधे आपके घर ही भेज रही हूँ” कविता की आवाज में घबराहट थी
“तू चिंता मत कर.. भेज दे उसे.. मैं हूँ ना.. कुछ नही होगा” शीला ने ढाढ़स बांधते हुए कविता से कहा
थोड़ी ही देर में.. एक अठारह उन्नीस साल का.. हल्की हल्की मुछ वाला जवान लड़का, शीला के घर की डोरबेल बजाकर खड़ा रहा.. शीला ने अपने बड़े बोबलों को साड़ी से ठीक से ढंका और दरवाजा खोला.. उसे डर था की कहीं पिंटू ने उसकी शॉपिंग मॉल जैसी उन्नत चूचियाँ देख ली तो कविता के छोटे स्तन उसे रास्ते की रेहड़ी जैसे लगेंगे..
“आ जाओ.. तुम ही हो ना पिंटू?” जानते हुए भी अनजान बन रही थी शीला
“जी हाँ.. मैं ही हूँ पिंटू” शरमाते हुए उस लड़के ने कहा.. वह अंदर आकर सोफ़े के कोने पर बैठ गया
शीला उसके लिए पानी लेकर आई.. थोड़ा सा पानी पीकर उसने ग्लास वापिस दिया.. शरारती शीला ने ग्लास लेटे वक्त पिंटू का हाथ पकड़कर दबा दिया.. “Hindi Sex Story”
“इतना शरमा क्यों रहा है? जरा आराम से बैठ.. मैंने बिस्तर भी सजा दिया है.. तुम दोनों के लिए” अनुभवी रंडी की अदा से साड़ी के पल्लू को छाती में दबाते हुए शीला ने कहा.. सफेद रंग के ब्लाउस के अंदर उसने ब्रा नही पहनी थी.. अरवल्ली की पर्वत शृंखला के दो पहाड़ों जैसे स्तनों को पिंटू हतप्रभ होकर देखता ही रह गया.. उसका गला सूखने लगा
“तू आराम से बैठ.. अपना ही घर समझ इसे.. ” कातिल मुस्कान के साथ, भारी कूल्हे मटकाती हुई शीला किचन की ओर चली गई। उसके नितंबों की लचक देखकर पिंटू के होश उड़ गए
किचन में ग्लास रखकर शीला वापिस आई और सामने रखी कुर्सी पर बैठ गई.. उसने अपने हाथों को इस तरह जोड़ रखा था की उसके दोनों स्तन उभरकर बाहर झांक रहे थे.. “Hindi Sex Story”
“आज से पहले तूने कभी ये किया है पिंटू?” शीला ने पूछा
गर्दन घुमाकर पिंटू ने “नही” का इशारा किया
तभी कविता आ गई.. शीला को बात अधूरी छोड़नी पड़ी यह उसे अच्छा नही लगा.. कविता अगर थोड़ी देर से आती तो वह इस शर्मीले लड़के के साथ कुछ गरमागरम बातें कर पाती
कविता और पिंटू को एकांत देने के हेतु से शीला घर के बाहर निकल गई। दूध या सब्जी कुछ लेना तो था नही.. सिर्फ कुछ लेने के बहाने वह घर से बाहर निकल गई.. अब क्या करूँ?? कहाँ जाऊँ? कैसे टाइम पास करूँ?? शीला सोच रही थी… तभी उसके करीब से कोई गुजरा और शीला की कमर पर चिमटी काटते हुए कहा “Hindi Sex Story”
“किसके खयालों में यहाँ रास्ते के बीच खड़ी हुई है!! मदन भैया के बारे में ज्यादा मत सोच.. वो तो विदेश में किसी गोरी के साथ मजे कर रहे होंगे”
शीला ने चोंककर पीछे देखा.. वह चेतना थी.. उसकी पुरानी पड़ोसन
“अरे चेतना तू ?? कितने साल हो गए तुझे देखे हुए.. कितनी मोटी हो गई है तू.. लगता है तेरा पति बड़ा अच्छे से रोज इंजेक्शन दे रहा है”
चेतन ने हँसते हुए कहा “हाँ.. इंजेक्शन का ही कमाल है … पर तू बिना इंजेक्शन की इतनी खुश कैसे लग रही है!! कहीं किसी पराये इंजेक्शन का सहारा तो नही ले रही हो ना!! कमीनी हरामखोर.. मैं सालों से जानती हूँ तुझे.. तू इतने लंबे समय तक बिना कुछ किए रह ही नही सकती.. सच सच बता मुझे”
चेतना और शीला पुरानी सहेलियाँ थी.. दोनों बहुत अच्छी मित्रता थी.. उन दोनों के पति भी दोस्त थे.. शीला और चेतन एक दूसरे के साथ बीपी की सी.डी. की लेन-देन भी चलती रहती थी.. और जब दोनों के पति ऑफिस जाते थे तब दोनों एक दूसरे के साथ खूब मस्ती भी किया करती थी। कुछ समय बाद चेतना और उसका पति, नए घर में शिफ्ट हो गए.. फिर मिलना बहुत काम हो गया.. आज काफी सालों के बाद दोनों मिलकर खुश हो गए “Hindi Sex Story”
चेतना: “अब मुझे यहीं बीच रास्ते खड़ा ही रखेगी या घर ले जाकर चाय भी पिलाएगी!!”
शीला अब फंस गई.. घर में तो कविता और पिंटू.. ना जाने क्या कर रहे होंगे.. पर शीला और चेतना के संबंध काफी घनिष्ठ थे.. शीला उसे कोने में ले गई और कहा
“यार चेतना.. अभी मेरे घर नहीं जा सकते”
चेतना: “क्यों? कीसे घुसाकर रखा है घर पर?”
शीला ने हँसते हँसते कहा “घुसाकर तो रखा है.. पर मेरे लिए नही.. मेरे पड़ोस में एक नवविवाहित लड़की रहती है.. कविता.. उसका प्रेमी उसे मिलने आया है.. वो दोनों बैठकर बातें कर रहे है मेरे घर पर” “Hindi Sex Story”
चेतना: “साली बहनचोद.. तू अब दल्ली भी बन गई?”
शीला: “नही यार.. अब हालात ही ऐसे थे की मुझे मदद करनी पड़ी”
चेतना: “हम्म.. तब तो जरूर तेरा कोई राज जान लिया होगा उस लड़की ने.. सच सच बता !!”
शीला: “तू थोड़ा इत्मीनान रख.. सब बताती हूँ तुझे”
शीला ने शुरुआत से लेकर अंत तक.. रूखी, जीवा, रघु औ रसिक की सारी कहानी चेतना को विस्तारपूर्वक बताई..
बातें करते करते अचानक शीला की नजर उनकी गली के नाके पर गई.. और उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई
“बाप रे.. ये लोग अभी कहाँ से टपक पड़े??!!” सामने से कविता का पति पीयूष और उसके सास ससुर आते दिखाई दिए..
“मुझे अभी के अभी उस कविता को खबर करनी पड़ेगी..वरना लोड़े लग जाएंगे.. चेतना, तू घर चल.. फिर आराम से बाकी की बातें करते है.. “
दोनों सहेलियाँ दौड़कर शीला के घर पहुंची.. अपनी चाबी से लेच-लोक खोलकर शीला ने दरवाजा खोल दिया..
इन दोनों को देखकर, कविता और पीयूष चोंक पड़े.. कविता नंग-धड़ंग पिंटू की गोद में बैठकर ऊपर नीचे करते हुए सोफ़े पर ही चुदवा रही थी। पिंटू की पतलून घुटनों तक उतरी हुई थी.. और कविता के ब्लाउस से उसके सफेद कबूतर जैसे गोरे स्तन बाहर निकले हुए थे। “Hindi Sex Story”
कविता को शीला भाभी के सामने नग्न होने में कोई शर्म नही थी.. पर पिंटू की हालत खराब हो गई.. वह बिचारा दो अनजान औरतों के सामने नंगे चुदाई करते हुए देख लिया गया था। एक ही पल में उसका लंड मुरझाकर पिचक गया..
शीला ने कविता की तरफ देखकर कहा “तेरे सास ससुर और पीयूष घर पहुँच रहे है.. तू भाग यहाँ से.. जल्दी घर जा”
“अरे बाप रे!! इतनी देर में वापिस भी आ गए!!” कविता ने अपने कपड़े ठीक किए और पीछे के रास्ते बाहर भागी.. पिंटू उल्टा घूम गया और अपनी पतलून पहनने लगा.. “Hindi Sex Story”
शर्मसार होते हुए पिंटू ने कहा “सॉरी भाभी.. आप लोग ऐसे अचानक आ जाएंगे इसका मुझे अंदाजा नही था”
“हम नही.. वो लोग अचानक आ टपके.. इसमें कोई क्या कर सकता है?? कोई बात नही.. तू आराम से बैठ और ये बता.. मज़ा आया की नही?”
“अरे भाभी.. क्या कहूँ आप से!! मेरे लिए तो ये पहली बार था.. और कविता मुझे कुछ सिखाती ही नहीं की कैसे करना है..!! मैं कुंवारा हूँ.. पर वो तो शादीशुदा है ना!! उसे तो मुझे सिखाना चाहिए ना!!” “Hindi Sex Story”
शीला: “मतलब? तुम लोगों ने ज्यादा कुछ नही किया??”
चेतना: “शीला, बेचारा नादान है.. अभी तो.. उसका छोटा सा है.. नून्नी जैसा..” अपनी उंगली से पिंटू के लंड की साइज़ का इशारा करते हुए चेतन ने कहा
शीला: “तूने देख भी लिया इतनी देर में? मैं ही देख नही पाई.. पिंटू.. तू चिंता मत कर.. मैं तुझे सब सीखा दूँगी.. बता.. सीखेगा मुझसे??”
चेतना: “मैं भी मदद करूंगी सिखाने में.. “
चेतना के स्तन देखकर पिंटू ललचा गया..
शीला: “देख पिंटू.. कविता तुझसे चुदवाने आई.. तो क्या वह अपने पति को बता कर आई थी क्या!! नहीं ना!! बस वैसे ही तू भी कविता को मत बताना.. की तू हमसे सिख रहा है”
पिंटू के चेहरे पर अब भी झिझक थी..
चेतना: “अबे चूतिये.. इतनी दूर से आया है.. और बिना चोदे वापिस लौट जाएगा?? ना तुझे चोदना आता है.. और ना ही तेरी छोटी सी पूपली में कोई दम.. बेटा.. इतनी छोटी नून्नी से किसी लड़की को कैसे खुश कर पाएगा!!” “Hindi Sex Story”
पिंटू शर्म से लाल लाल हो गया.. उस बेचारे नादान लड़के को ऐसी अभद्र भाषा सुनकर बुरा लग गया.. आँख से आँसू टपकने लगे..
शीला: “चेतना बेवकूफ.. तुझे बात करने का तरीका नही आता क्या!! पिंटू का लंड छोटा है तो क्या हुआ??”
शीला पिंटू के पास आकर बैठ गई.. उसकी जांघ पर हाथ फेरते हुए उसने पिंटू का हाथ अपने गुंबज जैसे स्तनों पर रख दिया और बोली
“चिंता मत कर पिंटू.. चेतना तो पागल है.. देख.. छोटी उम्र में सब के अंग छोटे छोटे ही होते है.. तू कविता के स्तन के मुकाबले मेरे स्तन देख.. कितना फरक है!! ये तो होता ही है.. इसमे चिंता करने लायक कोई बात नही है” “Hindi Sex Story”
सुनकर पिंटू को थोड़ा अच्छा लगा.. उसने शीला की छातियों से अपना हाथ हटा लिया..
“भाभी, मैं आपसे ये सब सीखूँगा तो कविता बुरा मान जाएगी.. “
पिंटू की दूसरी तरफ चेतना आकर बैठ गई.. और शीला का अनुकरण करते हुए वह भी पिंटू की दूसरी जांघ को सहलाने लगी.. धीरे से उसने अपने ब्लाउस की एक तरफ की कटोरी खोल दी.. पिंटू बेचारा हक्का बक्का रह गया.. !!
शीला: “अरे पिंटू, तुझे कहाँ कुछ गलत करना है.. तुझे तो बस सीखना है.. है ना!! और तू यहाँ कविता की लेने आया है.. तो क्या ये कविता के पति को पसंद आएगा!! नहीं ना!!”
पिंटू: “पर भाभी, कविता के पति को ये कहाँ पता चलने वाला है??”
शीला: “वही तो कह रही हूँ.. तू हम दोनों के पास ट्यूशन ले रहा है.. ये बात कविता को कहाँ पता चलने वाली है!! देख बेटा.. हर कोई ऐसे ही सीखता है.. अगर तुझे भी सीखना हो तो बताया.. हमारी कोई जबरदस्ती नहीं है तुझ पर..”
शीला और पिंटू के बीच इस संवाद के दौरान चेतना ने अपने ब्लाउस के दो हुक खोल दिए.. और अपने स्तनों को बाहर निकाल दिया.. पिंटू तो चेतना के बड़ी निप्पलों वाले स्तन देखकर उत्तेजित हो गया.. और उसके अंदर का किशोर विद्यार्थी जाग उठा..उसकी छोटी सी नुन्नी में जान आने लगी। “Hindi Sex Story”
चेतना ने पिंटू के लंड पर हाथ सहलाते हुए शीला से कहा “ये तो मस्त हो गया शीला.. देख तो जरा.. पतला है तो क्या हुआ!!”
शीला ने भी पिंटू का लंड हाथ में लेकर दबाकर देखा
“आह आहह भाभी..” कहते हुए पिंटू चेतना के नग्न स्तनों को पकड़कर मसलने लगा.. शीला ने पिंटू की आधी उतरी पतलून को पूरी उतार दी.. और पिंटू का लंड पकड़कर हिलाने लगी.. पिंटू सिसकियाँ भरता गया और चेतना के स्तनों को दबाता गया.. शीला ने भी अपने ब्लाउस के बटन खोल दिए और अपनी गुलाबी निप्पल को पिंटू के मुंह में देते हुए कहा “Hindi Sex Story”
“थोड़ा चूस ले बेटा.. तो चोदने की ताकत आ जाएगी”
पिंटू छोटे बच्चे की तरह शीला की निप्पल चूसने लगा.. “बच बच” की आवाज करते हुए कभी वह शीला की निप्पल चूसता तो कभी चेतना की.. चेतना ने अपनी निप्पल छुड़वाई.. और उसका लंड चूसना शुरू कर दिया
शीला: “अबे चूतिये.. तुझे चोदना तो नहीं आता.. लेकिन चूसना भी नहीं आता क्या!! चूसते हुए ऐसे काट रहा है जैसे पपीता खा रहा हो.. ठीक से चूस”
पिंटू बेचारा.. नादान था.. ज्यादा देर अखाड़े में इन दोनों पहलवानों के सामने टीक पाने की उसकी हैसियत नहीं थी.. चेतना के मुंह में ही उसका लंड वीर्य-स्त्राव कर बैठा.. चेतना बड़ी मस्ती से.. अनुभवी रांड की तरह.. पिंटू के लंड को चाट चाट कर साफ करने लगी। पिंटू तो शीला के मदमस्त खरबूजे जैसे स्तनों में खो सा गया था.. कविता के छोटे छोटे कबूतर जैसे स्तनों के मुकाबले शीला के उभारों ने उसका दिल जीत लिया था। “Hindi Sex Story”
चेतना: “छोकरा नादान है.. पर तैयार हो जाएगा.. थोड़ा सा ट्रेन करना पड़ेगा”
शीला: “कितना माल निकला उसके लंड से?”
चेतना: “एक चम्मच जितना.. पर मेरे पति के वीर्य के मुकाबले स्वाद में बड़ा ही रसीला था” अपनी उँगलियाँ चाटते हुए चेतना ने कहा
शीला: “हम्म.. बच्चा बोर्नवीटा पीता होगा तभी उसका माल इतना स्वादिष्ट है!!” कहते हुए शीला हंस दी.. “लंड पतला जरूर है.. पर है मजबूत.. अंबुजा सीमेंट जैसा.. देख देख.. झड़ने के बाद भी पूरी तरह से नरम भी नहीं हुआ” “Hindi Sex Story”
चेतन ने झुककर पिंटू के अर्ध जागृत लंड की पप्पी ले ली..
“अरे पिंटू, तूने कविता की चुत चाटी है कभी?” अपना घाघरा उतारते हुए शीला ने पिंटू से पूछा.. शीला की गोरी गोरी मदमस्त जांघों को देखकर पिंटू का लंड उछलने लगा..
पिंटू: “एकाध बार किस किया है.. पर अंदर से चाटकर नहीं देखा कभी”
शीला: “देख पिंटू, अगर औरत को खुश करना है तो सब से पहला पाठ यह सिख ले.. चुत को चौड़ी करके अंदर तक जीभ डालते हुए चाटना सीखना पड़ेगा.. “
पिंटू बड़े ही अहोभाव से इन दोनों मादरजात नंगी स्त्रीओं को देखता रहा.. जैसे स्कूल के मैडम से अभ्यास की बातें सिख रहा हो.. शीला और चेतना पिंटू को प्रेम, कामवासना, चुदाई, मुख मैथुन वगैरह के पाठ पढ़ाने लगे.. तीनों एक दूसरे के सामने पूरी तरह नंगी अवस्था में थे.. उत्तेजित होकर शीला और चेतना, पिंटू के जिस्म को जगह जगह पर चूमते हुए उसके शरीर से खेलने लगे। पिंटू का लंड अब सख्त होकर झूलने लगा.. “Hindi Sex Story”
शीला: “देख ले ठीक से पिंटू.. इस तरह चुत को चाटते है” कहते हुए शीला ने चेतना को लिटा दिया और उसकी चुत पर अपनी जीभ फेरने लगी
चेतना: “ओह्ह शीला.. बहोत मज़ा आ रहा है यार.. “
चेतना की निप्पल उत्तेजना के मारे सख्त कंकर जैसी हो गई थी। पिंटू एकटक शीला और चेतना की इन हरकतों को देख रहा था।
चेतना: “ठीक से देख ले पिंटू.. आह्ह.. बिल्कुल इसी तरह कविता की पुच्ची को चाटना.. नहीं तो तेरी कविता किसी और से सेटिंग करके अपनी चटवा लेगी” “Hindi Sex Story”
काफी देर तक शीला ने चेतना के भोसड़े के हर हिस्से को चाटा.. अब उसने एक साथ चार उँगलियाँ अंदर घुसेड़ दी और चाटती रही
चेतना ने थोड़े गुस्से से कहा “बहनचोद.. क्या देख रहा है!! कम से कम मेरी चूचियाँ तो मसल दे.. ऐसे ही निठल्ले की तरह बैठा रहेगा तो कुछ नहीं होगा तेरा.. !!”
सुनते ही पिंटू ने तुरंत चेतना के स्तनों को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया.. शीला की चुत चटाई से आनंदित होते हुए.. अपने चूतड़ों को उछाल उछाल कर चेतना झड गई.. पिंटू सब कुछ बड़े ही ध्यान से देख रहा था। “Hindi Sex Story”
चेतना की चुत से मुंह हटाते हुए शीला ने कहा “देखा पिंटू!! लंड छोटा हो या बड़ा.. पतला हो या मोटा.. कुछ फरक नहीं पड़ता.. अगर अच्छे से चुत चाटने की कला सिख ली..तो अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड को खुश रख पाएगा”
पिंटू: “पर भाभी.. लड़की को असली मज़ा तो तब ही आता है ना अगर लंड लंबा और मोटा हो!!” बड़ी ही निर्दोषता से पिंटू ने पूछा
चेतना: “बात तो तेरी सही है बेटा.. मुझे यह बता.. की तुझे ५ रुपये वाली कुल्फी पसंद है या १० रुपये वाली?”
पिंटू: “जाहीर सी बात है.. १० रुपये वाली”
शीला: “बिल्कुल वैसे ही.. हम औरतों को भी १० रुपये वाली कुल्फी ज्यादा पसंद है.. पर उसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है की हमें ५ रुपये वाली कुल्फी से मज़ा नहीं आता.. कुल्फी छोटी हो तो उसे धीरे धीरे चूसकर मज़ा लेना भी आता है.. और कई बिनअनुभवी औरतों को १० रुपये वाली कुल्फी भी ठीक से खाना नहीं आता.. पिघलाकर नीचे गिरा देती है”
पिंटू: “पर भाभी.. अगर मुझे अपना लंड मोटा और तगड़ा बनाना हो तो क्या करू?”
इतना समझाने के बावजूद पिंटू घूम फिर कर वहीं आ गया.. शीला ने अपना सिर पीट लिया..
शीला: “अबे लोडुचंद.. जैसे जैसे तू बड़ा होगा वैसे वैसे तेरा वो भी बड़ा हो जाएगा.. चिंता मत कर.. देख.. अब जिस तरह मैंने चेतना की चुत चाटी थी वैसे ही तू मेरी चाटकर दिखा.. देखूँ तो सही तूने कितना सिख लिया.. समज ले की यह तेरी परीक्षा है.. अगर ठीक से नहीं चाटी तो मैं कविता को सबकुछ बताया दूँगी”
कविता का नाम सुनते ही पिंटू भड़क गया.. और शीला की जांघें चौड़ी करके बीच में बैठ गया.. शीला का फैला हुआ भोसड़ा देखकर पिंटू सोच रहा था.. कहाँ मेरी कविता की मोगरे के फूल जैसी नाजुक चुत.. और कहाँ ये धतूरे के फूल जैसा शीला भाभी का भोसड़ा !! “Hindi Sex Story”
शीला: “यही सोच रहा है ना की कविता के मुकाबले कितनी बड़ी है मेरी!! जब मैं कविता की उम्र की थी तब मेरी भी कविता की तरह मस्त संकरी सी थी.. पर मेरे पति ने ठोक ठोक कर ऐसे रानीबाई की बावरी जैसा बना दिया.. वो तो कविता की चुत भी उसका पति चोद चोद कर चौड़ी कर ही देगा.. तू चाटना शुरू कर.. जल्दी कर बहनचोद.. इतना गुस्सा आ रहा है की तेरी गांड पर एक लात मारकर तुझे गली के नुक्कड़ पर फेंक दूँ.. ” कहते हुए शीला ने अपने गुफा जैसे भोसड़े पर पिंटू को मुंह दबा दिया..
पिंटू भी शीला को खुश करने के इरादे से.. चुत चटाई की नेट-प्रेक्टिस करते हुए.. चब चब चाटने लगा.. शीला के तानों ने अपना काम कर दिया.. पिंटू कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता था.. अपनी जीभ को अंदर तक घुसेड़कर उसने शीला के भोसड़े को धन्य कर दिया.. कराहते हुए शीला अपनी गदराई जांघों को आपस में घिसने लगी.. “Hindi Sex Story”
बगल में बैठी चेतना अपने स्तनों को शीला के बबलों से रगड़ने लगी.. और शीला ने उसे खींचकर अपने होंठ चेतना के होंठों पर रखते हुए चूम लिया..
शीला ने अपनी दोनों विशाल जांघों के बीच पिंटू को दबोच लिया.. अपना स्खलन हासिल करने के बाद ही उसने पिंटू को जांघों की मजबूत पकड़ से मुक्त किया.. शीला की पकड़ से छूटते ही पिंटू दूर खड़ा होकर हांफने लगा.. बाप रे!! ये तो औरत है या फांसी का फंदा.. जान निकल जाती अभी.. पिंटू कोने में जाकर बैठ गया.. “Hindi Sex Story”
उसे बैठा हुआ देखकर चेतना उसके पास आई.. और उसे कंधे से पकड़कर खड़ा किया
चेतना: “बेटा.. डरने की जरूरत नहीं है.. देख कितनी मस्त गीली हो गई है शीला की चुत!! जा.. उसके छेद में अपना लंड पेल दे.. और धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर.. और सुन.. पूरा जोर लगाना.. ठीक है.. तुझे बस ऐसा सोचना है की ट्यूशन पहुँचने में देर हो गई है और तू तेज गति से साइकिल के पेडल लगा रहा है.. जा जल्दी कर”
To Be Continue…