माँ-बेटा (एक सच्ची घटना) – 5 । Mother Son Sex Story

मैं तो पिछला ६ साल से उनको चाहते आया हु अपने मन ही मन मे. अब जब हमारा नसीब हमे एक साथ मिलाने जा रहा है, तब शायद में उनको मेरे नजदीक पाने केलिए इतना बेताब हो रहा हुँ. Mother Son Sex Story पर वह तो बस कुछ दिन से यह सब एडजस्ट करना सुरु किया है. मैं जानता हु उनको टाइम की जरुरत है. एक रूप से दूसरी रूप में आने के लिये, अपने तन मन को अपने होनेवाले पति के पास पूरी तरह सोंप ने के लिये, खुद को तैयार करना पड़ रहा है.

मैं उनको पति का प्यार देके, उनके साथ पूरी ज़िन्दगी गुजरना चाहता हुँ. उनको दुनियाका सबसे ज़ादा खुश पत्नी बनाना चाहता हुँ. कभी भी में उनको ज़रा सा दुःख नहीं पहुचाना चाहता हुँ. मैं चाहता हु की अगले साथ जनम तक वह मेरा पत्नी बनके रहे. सो में अभी उनको उनके जैसा रहने देना चाहता हुँ. इस बार में फिलहाल अपने मन के उप्पर पत्थर रखके अपना बाउल उठाके किचन में चला. जैसेही किचन में पंहुचा बीप बीप आवाज़ सुनाई दि. मैं दौड़ के बेड रूम में आया और मोबाइल उठाके चेक किया. माँ रिप्लाई दिया ‘यक’ बोलके. फिर से एक अद्भुत सुरसुरी स्पाइन पकड़ के नीचे चली. मन् कांपने लगा. मैं बिस्तर पे बैठके तुरंत माँ को फ़ोन लगाया. और जैसेही रिंग होना चालू किया, माँ फ़ाटक से रिसीव करली. मैं उनके हेलो का इंतज़ार किया. पर उन्होंने कुछ बोला नही. लेकिन में उनकी उपस्थिति महसुस कर पा रहा हुँ. ऐसे तो रात है, चारो तरफ सन्नाटा है , कोई आवाज़ नही. मुझे उनके सांसो की आवाज़ भी सुनाई दे रही है. मैं समझ गया वह है लेकिन बोल नहीं रही है. मुझे एक हलकी हलकी कम्पन होने लगा यह सोचके की फ़ोन के उसतरफ मेरी होनेवाली बीवी है. मैं उसकी मीठी आवाज़ सुनने के लिए उसके बोलने का इंतज़ार कर रहा था असल में हम दोनों ही खामोश रह रहे थे और हम हमारे बीच की ख़ामोशी का भाषा पड़ने की कोशिश कर रहे थे पर जब उनकी तरफ से कुछ भी नहीं आया तो में बोला. मेरे दिल का दरवाजा उनके लिए खुला रखा. इसलिए खुद को कण्ट्रोल करके ढूँढ़ते रहा की कैसे शुरू करु, क्या पुछु. फिर में धीरे से पूछा
” नानाजी नानीजी सो गए?”
वह कुछ टाइम बाद धीरे से कहि
“हा”
उनकी मिठी आवाज़ में साफ़ साफ़ शर्म झलक रहा है. मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा. उनकी आवाज़ सुनतेही मेरा मन का सब इमोशन का बांध तूट पड़ा. फिर भी यह सब उनको महसुस करने न देके बात घुमाया और हल्की हसि के साथ बोला
” मैंने अभी अभी डिनर किया”
वह थोड़ा चुप हो गई. और आवाज़ में थोड़ा चिंता मिलाके पुछी
” इतने लेट क्यों?”
मैं नार्मल रहके बोलते रहा
” वह एक्चुअली आज साइट पे दौड़ भाग की वजह से थक गया था और वापस आते ही सो गया था”
बोलके थोड़ा रुका और जैसे कुछ याद आया, इसी तरह फिर से बोला
” और आज वह टिफ़िनवाला भी खाना नहीं लाया.”
वह रुक रुक के बोल रही है. मैं समझ रहा था की अभी भी शर्म और संकोच उनको सहज होने में रोक रहा है. लेकिन इस बार वह टाइम न लेके तुरंत पुछी
” क्यूँ?”
” पता नही, उसका कुछ काम था इसलिए आज दिया नही” मैंने कहा.
वह थोड़ा टाइम चुप हो गई. फिर थोड़ा चिंतित होकर पुछी
” तोह खाना कैसे हुआ?”
मैं हस्ते हस्ते बोला
” मुझे जो बनाने आता है, वहि बनाया-मैगी और अंडा”
वह कुछ सोची और बोली” बाहर होटल में तो खाना मिलता है”
जैसे की मेरी ग़लती पकडी गई, उसी तरह सफाई देते हुए कहा
” हा…मिलता तो है. पर अभी..ईतने रात मे… जाने का मन नहीं किया”
वह उनकी आवाज़ में थोड़ा सा हल्का गुस्सा मिलाके कहि
” ऐसे करने से तबियत ख़राब हो जाती है”
अभी भी उनका बातों में माँ का प्यार और चिंता दिखाइ दे रहा है. और यह भी नज़र आया की आज अचानक उन्होंने धैर्ययुक्त आवाज में बात कर रही है. मैं क्या सफाई दु यह सोचते सोचते बोल दिया
” अच्छा और नहीं करुँगा.”
फिर क्या पता कैसे, में बोलते रहा
” और तो बस कुछ दिन. उसके बाद तो फिर से हमेशा तुम्हारा हाथ का ही….”
बोलके में रुक गया. पूरा नहीं कर पाया. पहली बार इस तरह बात निकल गया मुह से. मुझे शर्म भी आने लगा. ऐसे हमारी शादी के बारे में हम एक दूसरे को आज तक कुछ जिकर नहीं किया. सो में आधा अधुरा बोलके रुक गया. उधऱ माँ भी चुप हो गयी. इस बात से एक चीज़ हुआ. वह क्या की अब तक मेरा और माँ के बीच हमारे नए रिश्ते को लेके जो अदृश्य दीवार थी वह धीरे धीरे गिरना शुरू हुआ. मेरे अंदर वहि पुराणी एक अद्भुत ख़ुशी का जो फीलिंग्स आता है, वह मेरा पूरा बदन में छाने लगा. मैं मेरा दिल का द्वार पूरा खोल के एकदम भावुक हो गया. और उनके लिए मेरा प्यार बाहर निकलने लगा. मेरे गले से एक हलकी कपकपाती हुई आवाज़ निकाल के बोला “Mother Son Sex Story”
” आय लव यु”

जैसे ही मैंने कहा, में फ़ोन के उसपार से माँ का एक तेज साँस की आवाज़ सुना. मुझे ऐसे इमोशन के साथ कहते हुए सुनके माँ शायद काप उठि होगी. इस लिए कुछ टाइम वह चुप हो गयी. हम दोनों ही फ़ोन पकड़ के बैठे है. जैसे की वह मेरे प्यार को महसुस कर रही है. थोडे टाइम बाद वह खुद को कण्ट्रोल करके धीरे धीरे अपने दिल का दरवाजा भी खोलने लगी. और यह मुझे पता चला तब, जब वह अपनी कपकपाती आवाज़ से फुसफुसाते बोली
” आय लव यु टू”
मा पहली बार अपने मुह से मेरे लिए प्यार जताई. और वह सुनके में ख़ुशी से पागल हो गया. मेरा खुन तेजी से दौड़ने लगा. और एक अजीब अनुभुति मेरे दिल में भरने लगी. मैं इमोशनल होकर आँख बंद करके थोड़ा पीछे हिलके अपने सर को दिवार पे टेक लगाया. जैसे की में हवा में बादल के साथ भागे जा रहा हु, ऐसे फील हुआ. मैं प्यार भरी आवाज़ से धीरे धीरे, आलमोस्ट फुफ्फुसाके बोलने लगा
“मैं हमेशा से मेरे मन में विश करके आया की मुझे एक खूबसूरत बीवी मिले…. और आज दुनिया की सबसे खुबसुरत, सबसे प्यारी लड़की….. मेरी बीवी बनने जा रही है. इससे ज़ादा मुझे कुछ नहीं चहिये”
ओर में चुप हो गया. थोड़ी देर बाद माँ रुक रुक के कहि
“ईससे पहले…. और एक बार…….सोच लेना चाहिये”
” क्या?…..कीस बारे में?”
” पापा मम्मी हमारे बीच……जो रिश्ता चाहते है”
” क्यों?”
इस बार वह थोड़ा टाइम चुप रहि. फिर से कहि
” हर जवान लड़का एक नवजवान लड़की पसंद करता है”
अब मुझे समझ आया माँकी दुविधा. वह सोच रही है नाना नानी की बातों में आके में राजि हुआ इस रिश्ते के लिये. लेकिन में उनको कैसे समझाऊ की मेरे अंदर में कब से उनको प्यार करते आ रहा हु, उनको चाहते आरहा हुँ. तोह मैंने आवाज़ में प्यार भर के कहा “Mother Son Sex Story”
” मुझे ना कभी कोई नवजवान लड़की दिखि, जिसको में चाहू, न कोई है, जो तुम जैसी प्यारी और खुबसुरत मेरे दिल में बस एक ही लड़की है…और रहेगी………वह है..तुम”
वह कुछ सोचके बोली
” लेकिन मेरे में भी …मुझमे भी .बहुत सारी खामिया है”
” मतलब… क्या?”
फिर चुप है. मैं सुनने के लिए बेताब हु की वह क्या बोलना चाहती है. कुछ मोमेंट्स बाद वह धीरे धीरे बोली
” मैं ३६ की हुँ. बस कुछ दिन मे…..में बूढी हो जाउंगी…..”
मैं तुरंत जवाब दिया
” तोह में उनको भी उतना ही प्यार दूँगा, उतनी ही ख़ुशीदूँगा, जो अब देना चाहता हुँ. और उतना ही चाहूंगा, जैसे अब चाहता हुँ”
शायद मेरी बात उनको अच्छा लगा. लेकिन फिर वह बिलकुल खोई हुई आवाज़ से संकोच करते करते बोली
“और अब…….अगर….अगर….में दोबारा माँ नहीं बन पाई तो!!”
मैं जैसे ही इस बात का मतलब समझा, अचानक मेरा ग्रोइन एरिया में एक अद्भुत सनसनी अनुभव करने लगा. जिसके फल स्वरुप मेरा पेनिस के अंदर खुन दौड़ने लगा. पर यह परिस्थिति उसके लिए नहीं है. इसलिए में खुद को कण्ट्रोल किया.
ओर अब यह भी मेहसुस किया की वह किस किस बातों को लेके अपने अंदर जूझ रही है. वह नहीं चाहती है अपने प्यारे बेटे की लाइफ कुछ पल के गलत डिशिजन से ख़तम हो जाए. इस रिश्ते को अपनाके, बाद में कोई भी कारन लेके पछतावा नहो. इस में वह भी दुखी होगी और में भी. लेकिन में इस बात को क्लियर करना चाहा. पर कैसे? मैं बस ऐसेही बोलना सुरु किया.
” मैं बचपन से जिनके साथ खुशियां बाट ते आ रहा हु, उनके साथ ही मेरा हर ग़म शेयर करता हुँ. मेरा हर सुख, दुख, हसि, रोना, आनंद, शान्ति सब कुछ उनके साथ ही जुड़ा हुआ है. न कभी किसी लड़की को आँख उठाके देखा, न किसीको चाहा. और न कभी किसीको चाहूंगा. मेरे दिल में, हरपल, जो मेरा दोस्त, मेरी प्रेरणा स्त्रोत है, उनको अपना जीवन साथी बनाके ज़िन्दगी गुजार ने में जो ख़ुशी है, उससे ज़ादा कुछ नहीं चाहिये. उसमे ही मुझे सब कुछ पाना हो जाएगा” “Mother Son Sex Story”
एक मोमेंट रुक के फिर से बोला
” अगर हमारा नसीब में कुछ लिखा है, तोह उसको हँसते मुह से स्वागत करेंगे, अगर कुछ लिखा नहीं है तोह उसको भी हँसते मुह से स्वीकार करेंगे, कभी ग़म नहीं आएगा.”
मैं चुप हो गया. मुझे खुद को मालूम नहीं था में इतनि सारी बात बोल पाऊंगा. पर यह बोलके दिल में सुकून मिल रहा है. मैं कभी किसीको प्यार का इज़्हार नहीं किया. आज मेरी होनेवाली बीवी को बोल दिया. मैं उस तरफ़ की भावनाएं जानने के लिए गौर से सुनने लगा की वह क्या कहती है. लेकिन सब चुप है. अचानक मुझे सिसकी लेने की आवाज़ मिली. मैं समझ नहीं पाया. फिर से वह आवाज़ आयी. अब में परेशान सा होने लगा. कुछ समझ नहीं आ रहा है. मैं उतावला हो गया. पर थोडे टाइम में जैसे ही सब कुछ क्लियर हुआ, मेरा छाती में पाणी का तरंग खेल गया. मेरा दिल पिघल ना शुरू हो गया. माँ उस तरफ रो रही है. मुझे मालूम है, मेरी बातों से उनको यह आँसू बहाना पड़ रहा है. मैं उनको कुछ कहना चाहा. पर मेरा गला भी बुजा हुआ है. कुछ नहीं आ रहा है. केवल एक इचछा मन में दौड़ने लगी. “Mother Son Sex Story”

Read New Story...  मौसा मेरी चूचियां देख कर गरम होने लगे

मन कर रहा है इस वक़्त में उनके पास रहकर, उनको बाँहों में लेके, अपना शरीर के साथ मिलाके, उनकी जिस प्यार भरी सुन्दर नाज़ुक आँखों से आंसू आ रहा है, उसको चुमते रहु, और उन आंसू को में पी जाऊ इस शपथ के साथ की में कभी उन आँखों से एक बून्द भी आंसू अने नहीं दूँगा. मैं धीरे से बोलना चाहा और मेरी ग़लती के लिए माफ़ी माँगना चाहा . सो की वह इस भावना प्रक्षेपण से बाहर आजाए. पर में यहाँ एक बाधा फेस करने लगा. हमेशा उनको माँ कहके पुकारता था अब इन परिस्थिति में क्या और कैसे बुलाना है, यह सोच के भी कुछ फैसला नहीं कर पा रहा हुँ. पति अगर पत्नी को नाम से बुलाये तो स्वभाबिक है. पर यहाँ पत्नी उमर में भी बडी और रेस्पेक्ट से भी. इस लिए उनको नाम से बुलाना थोड़ा उनकंफर्टबले लगा. जब उस तरफ थोड़ा शांत हुआ, में कुछ न पुकार के धीरे से उनको बोल
” मुझे माफ़ कर दो”
वह समझ गयी की में समझ गया उस तरफ क्या हो रहा है. सो वह खुद को सम्भाला. और आवाज़ में थोडी हसि मिलाके प्यार से कहि
” क्यों?”
मैं चुप था उनके मन की भवनाओ को समझने की कोशिश किया. फिर अपनई ग़लती को सुधरने का प्रॉमिस करते हुए कहा
” मैं और कभी नहीं रुलाउंगा”
मा इस बार थोडी हास पडी. और एक परम तृप्ति के साथ कहा
” बुद्धु….ऐसे आंसू बार बार बहाने के लिए कोई भी लड़की खुद को सौभाग्यशाली महसुस करती है. मैं आज इतने दिन बाद खुद को एक सौभाग्यषाली मेहसुस कर रही हुं…क्यों की…..”
मैं फिसफिसाके कहा
“क्य?”
वह फिस्फीसके कपकपाती हुई मीठी स्वर में बोली “Mother Son Sex Story”
” मुझे …मुझे आप जैसा पति मिल रहा है”
येह सुनके मेरा दिल तेज धड़क ने लगा. अब तोह यह लग रहा है कि, उनसे ज़ादा में भाग्यवान हुँ. वह हमारे होनेवाले नये रिश्ते को अभी से इस तरह अपना लिया और उनकी दिल का दरवाजा मेरे लिए पूरा खोल दिया. उनकी आखरि बात मेरे मन में एक घंटी जैसा बार बार बजने लगा. मैं खुश होकर एक चीज़ जो मेरे कान में खटक गया, वही कह दिया उन्होंने सब ठीक कहा है पर एक मिस्टेक करदि. वह मुझे ग़लती से ‘आप’ कह दी. जब उनको बताया , तोह उंनका कहना है की वह ग़लती से नही, जान बूझ के जो कहना सही है, वहि बोली है. इस बारे में उनके साथ बात चित होने लगा और उनकी बात मुझे समझ आया. आखिर में मुझे एक साफ़ तस्वीर नज़र आया. वह अंदर से और बाहर से पूरी तरह भारतीय नारी है.

Mother Son Sex Story | Incest Sex Story | Maa Ki Sex Story | Maa Ki Chudai

नाना नानी भी उनका परवरिश वैसे ही किया है. उनके पास, पति उमर में बड़ा हो या छोटा, पति पति होता है, रिश्ते में बड़ा होता है. सो वह अपना पति को आप कहके ही बुलाना पसंद करेगि. ऐसे हम धीरे धीरे अपने दिल का दरवाजा एक दूसारी के लिए खोल दीए. एक दूसरे को जानने लगए. उस रात बहुत सारी बातों बातों में हमे वक़्त का पता ही नहीं चला. और हम सुबह ४ बजे तक बात करते रहे. जब में सोने गया, तब मुझ में बस वह छायी हुई थी. अब में उनको मेरी बीवी के रूप में हर तरीकेसे पाने की चाहत में डुबा हुआ हुँ. और हा…में उनको आज बार बार बोलने के लिए सोचा, फिर भी यह नहीं बोल पाया की में कब से, और कैसे उनको चाहते आ रहा हुँ. पता नहीं आखिर यह बात उनको कभी बता पाऊंगा या नही. “Mother Son Sex Story”

Read New Story...  मैं अपने देवर से चुदवा कर उसके बच्चे की माँ बनी | Audio Sex Story

ज़िन्दगी खुसबसुरत है यह मैंने सुना था और अब मेहसुस भी कर रहा हुँ. हो सकता है मेरी ज़िन्दगी बचपन से बाकि औरों जैसी नही थी. और न औरों जैसी अब होने जा रही है. पिताजी की मौत के बाद , माँ ने खुद एकसाथ माँ-बाप का किरदार निभाई. एक सिंगल पैरेंट के लिए एक कठिन चैलेंज था मुझे सही तरीकेसे पाल पोस के बड़ा करनेका. और वह यह चीज़ बखूबी से निवाया. हा..में यह भी मानता हु इस में मेरे नाना जी और नानी जी का बहुत सारा कॉन्ट्रीब्यूशन है. पर माँ हमेशा अपनी दोनों हाथों से मुझे संभाल के रखा. और इस लिए उनके साथ मेरा लगाव भी शायद औरों से ज्यादा.बहुत ज्यादा है. और अब तोह्….
आज कल में खुद को एक स्वाधीन , परिपूर्ण आदमी जैसा मेहसुस कर रहा हुँ. अपनी लाइफ खुद कैसे बनायेंगे, उसके लिए लगा हुँ. और अब हर कदम में में जो डिसिशन ले रहा हु या जो भी कुछ करने जा रहा हु, वह सब मेरी होनेवाली बीवी के सपोर्ट और इज़ाज़त से हो रहा है. जब हमारी लाइफ हम दोनों को ही एकसाथ बीतानी है, एक साथ हर कदम मिलके चलना है, तब हम अभी से एक साथ हमारा घर , हमारा फॅमिली और हमारा फ्यूचर की सारी सोच एक ही साथ सोच रहे है. माँ की हर ख्वाइश, हर इच्छा पूरी करना चाहता हुँ. वह जो चाहेँगी, जैसे करना पसंद करेंगी, सब कुछ में वैसे ही करना चहुंगा. उनके सुख में ही में सुख ढूंढ लुंगा, उनकी ख़ुशी में ही में ख़ुशी पाऊंगा. वह मुझे अब पत्नी की तरह प्यार भी करती है, वैसे कभी कभी डाँटती भी है. मुझे उनकी वह चीज़ें बहुत पसंद है. हमेशा उनका प्यार , ममता, स्नेह के साथ डाँट भी मिला है. और आज नए रिश्ते में जुड़ने के बाद भी उनके हर बेहवे में वह सब का हल्का टच मेहसुस करता हुँ. पर फरक यह है की आज कल वह मुझे रेस्पेक्ट भी करती है और में यह मेहसुस भी कर पता हुँ. उनका इस तरीके से मेरे साथ पेश होना मुझे और प्यारा लगता है. शायद इस लिए मुझे और प्यार आता है उनके उपर. “Mother Son Sex Story”
आज लंच ऑवर के थोडे बाद उनका फ़ोन आया. मैं ऑफिस टॉयलेट में तब सुसु कर रहा था जैसे ही मोबाइल स्क्रीन पे उनके नाम के साथ साथ उनका स्माइल किया हुआ फोटो नज़र आया, मेरे अंदर एक अनुभुति झलक देके ग़ायब हो गया. और उसमे मेरा हाथ में पकड़ा हुआ पेनिस थोड़ा काप उठा. आज कल उनके साथ बात करते वक़्त या उनके बारे में सोचते वक़्त यह मेहसुस कर रहा हु की मेरा पेनिस हमेशा पहले के नार्मल साइज से थोड़ा फुला हुआ रहता है. पहले के जैसा नार्मल साइज में आज कल रहता ही नहीं है. और यह प्रॉब्लम शायद हमारी सुहागरात के बाद ही ठीक होगा.
मैने दूसरी हाथ से फ़ोन कांन पे टिकाके बोला
” हाँ माँ…बोलो”
जीसे ही बोला, तुरंत मुझे मेहसुस हुआ और में हास पडा. और माँ भी उधर से फ़ोन पे ही हास पड़ी और वह मुझे सुनाइ दिया. मैं परिस्थिति सँभालने के लिए बोलते रहा
” एक्चुअली वह क्या है की….पहले की आदत छूटने में टाइम तोह्….”
मेरा बात पूरी होने से पहले माँ बात काट दिया और हस्ते हस्ते बोलते रहि
” बस बस….और सफाई की जरुरत नही. मैंने आप को कह दिया था की मेरे मम्मी पापा ने मुझे एक अच्छा नाम देके रखा है. और क्या.बाबू को शायद मेरा वह नाम पसंद ही नही.”
बोलके फेक गुस्सा दिखाके माँ रुक गयी. मैं उनको कैसे समझाऊ की मुझे उनको नाम लेके पुकारने में उनकंफर्टबले लगता है. और नाना नानी के सामने तोह कभी वैसे बुला भी नहीं पौंउंगा. मैं कोशिश करके भी उनको संमझा नहीं पाया. शायद मुझे उनके लिए एक नाम ढूँढ़ना ही पडेगा. मैं टॉयलेट से बाहर आके ऑफिस के उप्पर फ्लोर में पीछे की बालकनी में आगया. यहाँ कोई आता जाता नहीं है. मैं सिचुएशन सहज करके बोला
” मैंने कब बोला की पसंद नही. तुम्हारे नाख़ून से लेके बाल तक सब कुछ दुनियाके सब चीज़ों से ज़ादा प्यारी है.”
इस में माँ थोडी खुश हुई और प्यार में पिघलते पिघलते बोली
” ठीक है ठीक है…और झूट बोलने की जरुरत नही. अब आप यह बताइये कहाँ है आप अभी?”
मै बोला
” ऑफिस में, बस अभी लंच करुन्गा”
मा तुरंत आवाज़ में विस्मय लेके बोली
” आप अभी भी ऑफिस में!!! और लंच भी नहीं किये!!!”
फिर गले में थोड़ा फेक गुस्सा लेक बोली
” कल भी तो शाम को जाके लंच किये!! और आज अभी भी…..आप मेरी बात कभी सुनेंगे नहीं क्या?…….अच्छा एक बात बताइये…में पहले जब पूछ्ती थी तो आप हमेशा बोलते थे की हाँ आप का खाना समयपर हो रहा है….”
मैं माँ का बात काट के बोला
” नहीं नही…में सच बोलता हुँ…पहले समयपर ही खाना खाता था पर….अभी….ऑफिस का काम और घर का काम …दोनो संभल के टाइम मैनेजमेंट ठीक से नहीं हो पा रहा है. अभी खाता हु और फिर ऑफिस से निकल के रानी साहेबा की सारी पसन्दीदा चीज़ें खरीद के लाता हुँ. ओके सोना?”
मैं माँ को प्यार से अब बुलाया तोह शायद उनको आअच्छा भी लगा. वह प्यार में हस्ते हस्ते केवल बोली
” ह्म्मम्……ठीक है….जाइये…जाके पहले खाना खाइये” “Mother Son Sex Story”
मैं पिछले दो दिनसे घर सजानेका सामान खरीद नेमे जूटा हुआ हुँ. मुझे इस बारे में कोई एक्सपीरियंस था नही. जब माँ को बोला तब उन्होंने मेरी सारी प्रॉब्लम खुद अपने सर पे ले लिया और मुझे बस खरीद फरोख्त करने में छोड़ दिया. हमारा नया घर बसाने के लिए जो छोटी छोटी चीज़ों से लेके बड़ी चीज़ों की जरुरत पडती है सब वह मुझे बता देती है. और में उनकी पसंद दीदा चीज़ें खरीद ने में जूटा हुँ. आज ऑफिस में काम कम था सो कल रात को ही उनको बोल दिया था की आज लंच के बाद मार्किट जाके सब लेके आऊंगा.
फर्निचर दुकान में एक ड्रेसिंग टेबल का आर्डर करना है, लम्बी मिरर वाली, जिसमे स्लाइडिंग मिरर डोर हो. एक मरून कलर की स्टिल आलमारी का भी आर्डर करना है. फिर सारे घर के पर्दे खरीद ने है आज. वह भी ब्राउन और पिंक विथ फ्लोरल डिजाइन. माँ मुझे फोन करके संमझा दिया की परदे के कपड़े की क्वालिटी कैसी होनी चहिये. वह सब देख के खरीद ना है. एक चीज़ में हर पल महसुस कर रहा हु की माँ की सोच पहले से कुछ बदली सी लग रही है. पिताजी की डेथ के बाद उनके लाइफ में सब कुछ बेरंग हो गया था सब चीज़ें लाइट या वाइट रेंज के अंदर लिमिटिड था लेकिन आज कल सब कुछ ब्राइट कलर में पसंद कर रही है. अब ज़िन्दगी में रंग लाकर जीना चाहती है. इस लिए अंदर तथा बाहर भी रंग से सजा रही है. इस नयी ज़िन्दगी को वह पूरी तरह हर खुशीओ के साथ जीना चाहती है. मैं उनको वह सब कुछ देणे के लिए मन ही मन कसम खाने लगा.

Read New Story...  देवर भाभी का रोमांस - 13 | Devar Bhabhi Sex Story

घर आने में ज़ादा लेट नहीं हुआ. सब काम ठीक से करके वापस आके डिनर भी कर लिया. माँ का एक मेसेज आया था जब मार्किट से वापस आ रहा था आनेके बाद उनसे बात भी कर लिया. आज बाकि दिनों से जल्दी उनसे बात ख़तम कर दि. हम दोनों को नीद की सख्त जरुरत है. पिछली ४ रातें हम बात ज़ादा किया है छुप छुप के और सोया कम. मुझे भी सुबह ऑफिस जाना पडता है और माँ को भी घर का काम वैगेरा संभल ने के लिए सुबह जल्दी उठना पडता है. पर आज हमारे दोनों की बॉडी थकी हुई थी और कल में अहमदाबाद जा रहा हुँ. “Mother Son Sex Story”

मा से आज देर रात तक बात नहीं होरही है, लेकिन में सो भी नहीं रहा हु इतनी जल्दी. अब में पीसी खोल के सामने बैठा हु. कल मैं उनसे बात करते वक़्त बहुत भावूक हो गया था और में उनके सामने एक चीज़ कन्फेशन भी किया. मैंने बता दिया की में कबसे उन्हें प्यार करते आ रहा हुँ. पिछला ६ साल से अपने मन में उन्हें एक दूसरी तरह प्यार करते आ रहा हु–यह बात साफ साफ बता दिया. मैंने यह भी बोला था की में कभी उस प्यार के बारे में किसी को जानने नहीं दिया, न देता कभी. पर आज हमारे नसीब में जब और कुछ लिखा हुआ है, तब में यह चीज़ उनको बताना जरुरी समझा क्यूंकि अब हमारे बीच कोई सीक्रेट नहीं रहना चहिये. माँ गौर से चुप होकर मेरी बात सुन रही थी और सरप्राइज भी हो गयी थी.

मैंने बताया की हो सकता है मेरा वह सच्चा प्यार अन्जाने में हमारा नसीब में एहि परिणाम लिख दिया था लेकिन जब मैंने उन्हें कैसे प्यार करते आ रहा हु, यह चीज़ हसके हलके से बताने गया, तोह वह थोड़ा शर्मा गयी और फ़टाफ़ट टॉपिक चेंज कर दिया था मुझे मालूम है वह अभी भी कुछ चीज़ों में इतना भी सहज नहीं हो पाई मेरे पास की वह मेरे साथ सब कुछ खोलके चर्चा कर पाये. स्पेशली जहाँ सेक्स की बात जुड़ा है, उस जगह में वह अभी भी एक दिवार बनाके रखी है. पर में जानता हु वह इस बारे में कितनी प्यासी होंगी. पिछले अठरा साल उन्होंने अकेले गुजार दिये. “Mother Son Sex Story”

ज़िन्दगी का अहम भाग उन्होंने वह सब के बिना काटी है. उनका भी तन चाहता होंगा एक परिपूर्ण तृप्ति. एक परिपूर्ण संतुष्टि. कुछ ही दिन में हमारी शादी होने जा रही है. और हम पति पत्नी बनके पूरा लाइफ गुजारने जा रहे है. मैं उन्हें वह सब कुछ देना चाहता हुँ. मैं अभी तक वर्जिन हुँ. और वह मुझसे १६ साल बड़ी है. मैं कभी इंटरनेट सेक्स में एडिक्टेड नहीं हुँ. पर में इस परिस्थिति में इंटरनेट से सेक्स एजुकेशन लेने का डिसिशन लिया. हस्बैंड वाइफ को क्या क्या करना चाहिए सुखी लाइफ बिताने के लिये. एक दूसरे को मेंटली, साथ साथ फिजिकली भी खुश रखना चहिये. सो में सेक्स गाइड पड़ना सुरु किया दो दिन से. स्पेशली में ज़ादा पड़ रहा हु ” “How to satisfy Older Women in Bed” और आज, अभी में यही पढ़ रहा हुँ.

दरवाजा खोलके नानीजी मुझे स्माइल के साथ स्वागत किया. पर उन्होंने मेरे चेहरे की तरफ देख के, थोड़ा चिंतित होकर पुछा
” क्या हुआ बेटा!! तुम्हारी तबियत तो ठीक है?”
मैं पहले चोंक गया था थोडा. पर बाद में रीलाईज़ किया की शायद मेरे आँखों के नीचे जो हल्का सा काला धब्बा दिख रहा है, उसी के कारन नानीजी चिंतित हो गई होंगी. पिछले ५ रात ठीक से नीद पूरी नहीं हुई. माँ और में दो प्रेमी के तरह रात भर बातें करते रहे. और साथ ही साथ ऑफिस का काम के अलावा घर सजानेकी खरीदारी में बहुत बीज़ी हो गया था पर में यह सब उनको कैसे बताऊँ की उनकी बेटी से शादी करके घर बसाने के लिये, उनकी बेटी के साथ मिलके में क्या क्या कर रहा हुँ. मैं परिस्थिति सँभालने के लिए कहा “Mother Son Sex Story”
” हाँ नानीजी…में बिलकुल ठीक हुं”
नानीजी मेरे चेहरे को गौर से देखि और फिर नानाजी के तरफ नज़र घुमाई. तब नानाजी उनको बोले
” अरे भाई इतना दूर से ट्रवेल करके आरहा है. थक तो गया होंगा.”
फिर मेरे तरफ देखके बोले
” आज रात कसके नीद ले लो, सुबाह एकदम फ्रेश्..है की नहीं?”
मैं थोड़ा हसके उनकी बातों को सहमति देणे लगा. मैं यह महसुस कर रहा हु कि, हालाँकि में उनलोगों का दमाद बनने जा रहा हुँ,पर में उनलोगों का पोता भी तो हुँ. सो आज तक नानीजी मुझे जिस नज़र से देखते आरहे है, जैसे मेरे बारे में चिंतित होती है आज भी वैसे ही प्यार, स्नेह और ममता के साथ मुझे देखा और अपनी चिंता बताई. यह भी सही है की माँ और में जैसे एक ट्रांसफॉर्मेशन के अंदर से गुजर रहे है, उन लोगों को भी तो टाइम लगेगा अपने पोते को पूरी तरह दामाद की नज़र से देखने के लिये. मैं सोचते सोचते दरवाजा खटखटाया था की क्या में माँ को सामने देख पाउँगा की नही. लेकिन नही. वह नज़्दीक कहीं दिखाइ नहीं दी.

To Be Continue…

error: Content is protected !!