मैं आपको अपनी सच्ची कहानी सुना रहा हूँ। मैं मानपूरी का रहने वाला हूँ। मेरी मौसी सीमा मौसी दिल्ली में रहती है। पिछले छुट्टियों में मैं उनके यहाँ रहने गया था तो मेरी मुलाकात उनकी लड़की रंजना से हुई। पहली ही नजर में मुझे उससे प्यार हो गया। मुझे बहुत साफ साफ याद है की जब मैं उसको पहली बार देखा था, मैं १५ मिनट तक उसे एक तक देखता रह गया था। मुझे रंजना सायद दुनिया की सबसे हुस्न परी, सबसे हसीन और सुन्दर लड़की थी। मैं तो उसको घूर के देखता ही रह गया था। उसके रूप रंग और खूबसरती ने मेरे उपर तुरंत जादू कर दिया था।
मन तो तुरंत ख्याल आया की जो भी इसको लेगा, सीधा स्वर्ग जाएगा। मेरी धीरे धीरे रंजना से दोस्ती हो गयी। वो मेरी सीमा मौसी की लड़की थी, रिश्तें में मेरी बहन लगती थी, रंजना मुझे भैया भैया कहके बुलाने लगी। मुझे बड़ा खराब लग रहा था। पर मैं कुछ कर भी नही सकता था, क्यूंकि मैं उसका भैया ही था। मैं उसके साथ पूरा समय बिताने लगा। साथ ही उसके मैं टीवी देखने लगा। वो मुझे भैया की जगह सैंया की नजर से देखे इसलिए मैं जान भुझकर सेक्सी फिल्मे लगा देता। जिससे कुछ बात बन जाए। ऐसा मैं हर दिन करने लगा। फिर एक दिन आशिक बनाया आपने का सेक्सी वाला गाना आ गया। मैंने वही लगा दिया। वो सच में बहुत सेक्सी गाना था। उस सीन के दौरान मैं रंजना के हाथ पर हाथ रख दिया।
उसको सायद बुरा लग गया। उसने हाथ पीछे खिंच लिया। पर वो मेरे बगल बैठी रही। मैं जान गया की रंजना को अगर बहुत बुरा लगता तो वो उठ कर चली जाती। सायद् मेरा काम बन सकता है। अगले दिन मैंने रंजना की कॉपी से एक पन्ना फाड़ा।
रंजना! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। तुम मेरे लिए दुनिया की सबसे हसीन और खूबसूरत लड़की को। क्या तुम मुझसे प्यार करोगी। तुम्हारा फैसला चाहे जैसा हो, पर मैं तुमको बतादूं की तुम्हारी तस्वीर मेरे दिल में हमेशा कैद रहेगी। मैं तुमको हमेशा प्यार करता रहूँगा। रंजना! आई लव यू’
दोस्तों, मैं ये लव लेटर लिखकर रंजना के उसी रेजिस्टर में रख दिया और वहां से नौ दो ग्यारह हो गया। मेरा तीर बिल्कुल सही निशाने पर लगा। शाम को जब वो पढ़ने बैठी तो उसको मेरा लव लेटर मिल गया। अगली दिन उसने मुझे जवाब लिख कर दे दिया ‘मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ। आई लव यू’ उसने जवाब दिया। मेरी प्यार की कहानी पटरी पर आ गया। मेरा टांका मेरी बहन से भीड़ गया। पर इकदम से मैंने उसको पकड़ वकड़ नही लिया। हमारी मुहब्बत की शुरुवात बड़ी धीरे धीरे हुई। शुरुवात तो देखने से हुई। अब मैं मौसी के घर में कहीं भी होता, रंजना और मैं आँखों से ही बात करते। सभी परिवार वाले वहां होते, मौसाजी, मौसी, रंजना के भाई बहन सब वहां होते पर हम दोनों प्यार के पंछी आँखों में बात कर ही लेती। वो मुझे देख के हल्का सा मुस्का देती, मैं भी जवाब में मुस्का देता। बस हमारी बात हो जाती।
जब सीमा मौसी रंजना को सब्जी वगेरह काटने का काम देती तो मैं भी उसके बगल बैठ जाता। वो मुस्काती रहती और सब्जी काटती रहती। फिर धीरे धीरे हाथ छूना हम दोनों से शुरू कर दिया। कभी कोई बहाने से मैं उसका हाथ छू लेता, कभी कोई बहाने से वो मेरा हाथ छू लेती। मुझे जब खाना परोसने आती तो जरूर छुआ छाती हो जाता। मैं रंजना के रूप रंग पर लट्टू था। मोरनी जैसी लड़की थी। कम लडकियाँ उस जैसी सुन्दर होती है। बड़ा साधा हुआ चेहरा, पान के आकार का तिकोना चेहरा, ना गोल और ना ही लम्बा। उसकी आंखे तो बाप रे बाप बड़ी नशीली। देखो तो देखने ही रह जाओ। नाक बड़ी तराशी हुई, नोकदार और तीखी। होंठ ना बहुत मोटे और ना बहुत पतले। बिल्कुल सही आकार के। पतली गर्दन। मुझपर तो उसके रूप का पूरा जादू चल रहा था। बाकी लड़कों को वो कैसी लगती होगी मैं नही जानता पर मुझे तो वो मोरनी जैसी लगती थी। जब रात को मैं सोता तो यही सोचता की किस दिन इस मोरनी का भोग लगाने का मिलेगा। बस मैं रंजना के सिवा और कुछ नही सोचता था। धीरे धीरे हम दोनों से एक दूसरे से मिलना शुरू किया। पर चुपके चुपके जेम्स बोंड स्टाइल में।
क्यूंकि हम दोनों ही जानते थे की रिश्ते में हम भाई बहन है। इसलिए हमारा रिश्ता कोई जायद रिश्ता नही था। हम दोनों जी १८ पर कर चुके थे। इसलिए दोनों नए नए जवान हुए थे। नई नयी उम्र में ऐसा आकर्षण होना स्वाभाविक होता है। कभी हम एक दूसरे के कमरे में चले जाते और प्यार करते, कभी छत पर भाग जाते और रोमांस करते। पर २० दिन तक केवल हाथ से एक दूसरे को छूना और किस करना हुआ। चुदाई नही हो पायी। एक दिन सीमा मौसी अपनी साडियां खरीदने बजार चली है। वो अपने साथ रंजना के छोटे भाई बहन को भी ले गयी। हम दोनों अकेले हो गए। रंजना नहाने चली गयी तो मैं भी उसके साथ बाथरूम में घुस गया। सायद वो भी कुछ ऐसा ही चाहती थी। बाथरूम की कुण्डी हमसे अच्छे से लगा दी। मैं शोवेर आन कर दिया।
रंजना पानी में भीगने लगी। उसने लाल और काले रंग का बड़ा सुंदर सा सलवार सूट पहन रखा था। जैसी ही वो शोवेर में भीगने लगी, मैंने सारे उसूल तोड़ दिए। सीधा उसका पास गया और उसको कमर से पकड़ के उसके होंठ पीने लगा। गर्मी के मौसम में ठन्डे ठंडे पानी में भीगना बड़ा अच्छा लग रहा था। मैंने इस दिन का कबसे इतंजार किया था। आज तो अपनी मोरनी को मैं कसके चोदूंगा। मैंने सोच लिया। दोस्तों, सबसे अच्छी बात थी की रंजना फूल सपोर्ट कर रही थी। मेरे उपर भी शोवेर से पानी गिरने लगा। हम दोनों नए नए प्रेमी भीगने लगे। रंजना के होठ जब भीग गए तो क्या बताऊँ दोस्तों, मेरे सीने में उसके भीगे होठ देखके आग ही लग रही थी। मुझे रंजना शाकछात् काम की देवी लग रही थी। मेरे सीने में वो मद्धिम लौ भड़क गयी। मैंने रंजना की पतली कमर में हाथ डाल दिया। भीगते हुए उसे एक दिवार के किनारे ले गया, उसके हाथों को मैंने दिवार पर टिका दिया। और दे दनादन अपनी मोरनी के होठ का रस पीने लगा।
भीगी रंजना के भीगे होठ जैसे पानी में आग लगा रही थी। १८ साल की टंच माल रंजना बिल्कुल जवान माल थी। मैं भर भर के उसके होंठ पीने लगा। वो मुझे पूरा सपोर्ट कर रही थी। मैंने खूब उसके होठ पिए। शोवेर के पानी में रंजना बिल्कुल तर बतर हो गयी। उसका सूट पूरा भीग गया और उसके मम्मो से चिपक गया। हालाँकि रंजने का मम्मे कोई बहुत बड़े नही थे, पर ३० साइज़ के तो आराम से थे। वो हल्के चेसिस वाली लड़की थी। उसका सूट उनके बदन से चिपक गया और उसका सारा बदन मुझको दिखने लगे। जैसे जैसे वो और भीग गयी, उसकी काली काली निपल्स उसके सूट के पीछे से दिखने लगी। मेरा दिमाग बिल्कुल ख्रराब हो गया। मन हुआ की पहले तो उसको चोद लूँ, प्यार व्यार, चुम्मा चाटी, किस वगेरह बाद में कर लूँगा। फिर सोचा की जल्दी बाजी में चुदाई का मजा बिगड जाएगा। पुरा मजा लेना है तो इस मोरनी को धीरे धीरे रोमांस करते हुए पेलो।
मुझे बड़ी जोर की चुदास लगी। मैंने रंगना के भीगे टमाटर पर हाथ रख दिया और जोर से दबा दिया।
दीपू भैया क्या कर रहें हो?? बड़ा दर्द हो रहा है? धीरे दबाओ प्लीस !! मेरी मोरनी यानी रंजना बोली। मैं उसे कभी गलती से भी बहन कहकर नहीं बुलाता था। क्यूंकि मैं उसका भैया नही सैंया था। मैं सिर हिला दिया। रंजना के भीगे गीले टमाटर को हाथ में लिया तो आनंद की सीमा नही रही। फिर से मन हुआ मेरा फिसल गया। मैं खुद को रोक नही सका। एक बार फिर से उसके दूसरे टमाटर को मैंने हाथ में लेकर जोर से दबा दिया। रंजना उचल पड़ी।
कुछ देर बाद मैंने उसका सूट निकाल दिया। उसकी ब्रा की निकाल दी। मेरे तो होश उड़ गये। जो लड़की मुझे दुनिया की सबसे हसीन लड़की लगती थी वो मेरे साथ बाथरूम में नहा रही थी और मेरे सामने नंगी हो गयी थी। रंजना के सारे बाल भीग गए थे और उनके गीले कन्धों से लंबे लम्बे चिपक गए थे। घुंघराले भीगे बाल। ऐसा हुस्न देखकर मैं एक बार फिर से उस पर मार मिटा। लगा रंजना कोई मॉडल हो जो फैशन टीवी ले लिए नूड फोटो शूट आउट कर रही हो। वो अफसर से कम ना लगती थी। अब भी हम दोनों बाथरूम के शोवर में भीग रहें थे। मुझे नहीं मालुम था की भीगते हुए रंजना को देखूंगा तो मर मिटूंगा। मैंने उसके दोनों हाथ को उपर दीवाल में लेजाकर चिपका दिया और झुककर अपनी मोरनी के मस्त मम्मो को पीने लगा।
रंजना ने पूरा सहयोग किया। मैंने उसके भीगे स्तनों को पूरा का पूरा मुंह में भर लिया। लगा जैसे इससे सुंदर काम मेरी जिंदगी में हो ही नही सकता था। मैंने भी प्रेम और चुदास में अभिभूत होकर आँखें बंद कर ली, उधर रंजना ने भी आँख बंद कर ली। मैं मस्ती से भीगते भीगते उसके स्तन पीने लगा। मैं सुख की चरम अवस्था में पहुच गया था। कुछ देर बाद मैंने उसकी काली सलवार की पानी में चूती डोरी अपने मुह में लेकर खिच दी, और सलवार निकाल दी। हम दोनों मजे करते रहें और शोवर से नही हटे। रंजना की पैंटी बिल्कुल भीग गयी थी और चूत से चिपक गयी थी। उसकी चूत की बीच की लाइन जो थोड़ी उभरी थी, उपर से चमक गयी थी। मैंने अपने गीले हाथ उसकी पैंटी पर रख दिए और चूत की सहलाने लगा। वो जगह मेरे मेरी किसी रिसर्च लैब से कम नही थी। आज मुझे ही यहाँ सारे प्रयोग करने थे। मैंने उसकी पैंटी निकाल दी तो मेरी मोरनी की चूत या कहें सबसे सीक्रेट अंग के दर्शन हो गए। मैंने घुटनों के बल नीचे बैठ गया। रंजना को मैंने दीवाल से सटाए रखा।
मैं उसकी भीगी गीली चूत पीने लगा।कसम से दोस्तों, मैं सुख की नदी में दुबकी लगाने लगा। रंजना ने सायद आज तक किसी को अपनी चूत नही पिलायी थी। शर्म और लज्जा से उसने आँखे बंद कर ली। मैंने मजे से उसकी चूत पीने लगा। शोवर का पानी रंजना की चूत में पूरा अंदर तक चला गया था। मैं मजे से अपनी मौसेरी बहन की चूत पीने लगा। अपनी जीभ से उसकी बुर के दाने को चाटने लगा। वो मचलने लगी। मैं अपनी इस यादगार दिन का अच्छे से मजा ले रहा था, क्यूंकि जल्दी करता तो मजा खराब हो जाता। रंजना अपनी कमर मटकाती जब जब मैं जोर जोर से उसकी भीगी बुर पीता। कुछ देर बाद मैं खड़ा हो गया। रंजना मुझे ही देख रही थी। उसकी और मेरी आँखों में बस एक चीज ही कॉमन थी और वो थी वासना और चुदास। वो चुदवाना चाहती थी और मैं चोदना चाहता था। वो अपनी सील तुडवाना चाहती थी, और मैं कबसे उसकी सील तोड़ने को मरा जा रहा था।
वो पेलवाना चाहती थी और मैं कितने दिनों से अपनी मोरनी को पेलने खाना चाहता था। मेरी रगों में खून जैसे उबल पड़ा दोस्तों। मैं उठ बैठा और सीधा रंजना के शरीर से चिपक गया। उसका दांया पैर मैंने अपने बांये हाथ ले ले लिया। जरा सा झुका और लंड उसकी चूत पर सेट किया, और अंडर पेल दिया। मेरे लोहे जैसे लंड से उसकी सील तोड़ दी। शोवेर के बहते पानी में उसकी चूत से निकला खून भी नीचे बह गया। मैं उसको चोदने लगा। कभी सोचा नही था की अपनी मोरनी को खड़े खड़े चोदूंगा। पर चुदास जो ना कराय वही कम है। मैं रंजना के बदन से सटकर उसको चोदने लगा। वो मुझसे चुदने लगी। मैं किसी खिलाडी चोदू की तरह अपना पिछवाडा बड़ी expertism महारत और कौसल से जल्दी जल्दी अंदर चलाकर अपनी मौसेरी बहन को चोदने लगा। कभी सोचा नही था की बाथरूम में उसको भीगते हुए पेलूँगा। पर होनी तो यही लिखा था। कुछ देर बाद थोडा अटपटा लगा तो दोनों बाथरूम के फर्श पर लेट गए। रंजना से दोनों पैर खोल दिए। मैं उसपर लेट के उसको देसी स्टाइल में उसको चोदने लगा।
ठन्डे पानी में भीगते १ घंटा तो बहुत पहले हो चुका था, जरा सर्दी लगने लगी थी, मैंने रंजना को सीने से चिपका लिया। उनकी चिकनी गीली भीगी पीठ में हाथ डालकर उसको खुद से चिपका लिया और फट फट फट फट उसको चोदने लगा। हम दोनों ने अभूतपूर्व मजे किये दोस्तों। खूब चोदा मैंने उसको उसदिन बाथरूम में। क्या क्या बातें आपको बताऊँ। हम दोनों लगभग एक समय झड़ने लगे तो उसने मुझे कसके पकड़ लिया। मैं जान गया की वो झड़ने वाली है। कुछ देर बाद मैं उसकी चूत में धंसे अपने लंड पर उसकी गरम गरम चूत की फुहार महसूस की। फिर मैं भी झड गया। १ हफ्ता मैंने उसको छुप छुप के चोदा , फिर घर लौट आया। अपनी कमेंट्स desichudaistories.com पर जरुर लिखे।