शीला की लीला – 13 | Hindi Sex Story
शनिवार को शाम ७ बजे, कविता और पीयूष तैयार होकर होटल मनमंदिर पर जाने के लिए निकले.. अच्छी नौकरी मिलने से पीयूष खुश था.. कविता किसी अलग कारण से उत्साहित थी.. समय का पाबंद पीयूष ७:४५ को होटल के प्रांगण में पहुँच गया.. “आओ पीयूष.. आइए भाभी जी” राजेश ने उन दोनों का स्वागत किया पूरा कॉनफरन्स रूम भरा हुआ था.. कविता यहाँ किसी को नहीं जानती थी.. पीयूष को अभी तीन दिन ही हुए थे.. पर वो कुछ कुछ लोगों को जानता था.. इसलिए उनसे बातों में व्यस्त हो गया कविता अकेले ही पूरे हॉल में घूमने लगी.. उसके दिमाग में एक ही बात चल रही थी “मेरा अंदाजा …