ऑफिस में रिसेप्शनिस्ट के साथ मेरी सेक्स कहानी-2

उसने मुझे चुम्बन लिया. अब मैंने उसकी जीन्स उतार दी. उसने नीचे पिंक कलर की पैंटी पहनी थी.
मैंने अपनी टेबल पे से सब सामान एक तरफ करके उसे टेबल पर बैठा दिया और उसे होंठों से किस करता हुआ पेट पर आया, पेट से नाभि और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा. अंशु यानि मेरी कट्टो को बहुत मजा आ रहा था, वो सिसकारियाँ भरने लगी थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
अब उसके मुँह से आवाजें आ रही थीं. वो बोल रही थी- बस प्लीज अब मुझसे नहीं रहा जाता.. फाड़ दो मेरी चूत.

इतना सुनते ही मैंने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी उतार दी. फिर उसके सैंडल उतार कर उसका अंगूठा चूसा और उसके पैरों पर किस करता हुआ चूत तक आ गया. मेरे चूत पर आने पर उसने मुझे पीछे धक्का दिया और टेबल से उतर कर मेरी शर्ट उतारी और पेंट भी उतार दी. वो अब सेक्स की आग में पागल हो चुकी थी. उसने उसने मेरी छाती, जो कि बालों से भरी हुई है, पर हाथ फिराते हुए मेरा लंड पकड़ लिया और मादक सिसकारियां लेने लगी. उसने मुझे टेबल पर बैठाया और अंडरवियर उतार कर मेरा लंड दोनों हाथों में भर लिया.

मेरे लंड का साइज़ नार्मल है.. यह 6 इंच लंबा और लगभग 2 इंच मोटा है. उसने मेरे खड़े लंड पर चुम्मी की, फिर लंड का सुपारे को चूमा और लंड के छेद में जीभ घुसा दी.

कसम से दोस्तो.. मेरी तो मज़े के कारण कामुक सिसकारियां ही निकलने लगीं. मेरा सुपारा फूल कर हद से ज्यादा मोटा हो गया. फिर धीरे धीरे उसने लंड को मुँह में भर लिया और चूसने लगी. मेरी तो मज़े में आह निकल रही थी. क़्या बताऊँ दोस्तो, बस जन्नत नज़र आ रही थी.

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मैंने थोड़ी देर बाद उसे उठाया और टेबल पर लेटा दिया. अब उसकी कमर चूतड़ से ऊपर का हिस्सा टेबल पर था और टांगें ऊपर हवा में मेरे हाथों में थीं. मैंने उसकी टांगों को अपने सीने से लगा कर अपना लंड उसकी चूत पर घिसने लगा. अब वो मज़े में सीत्कार कर रही थी.
कट्टो बोली- अब जल्दी से इसे अन्दर डालो.

मैं उसे तड़पा रहा था मगर उसकी जल्दी और टाइम को देखते हुए मैंने धक्का मार दिया, लंड फिसल गया. मैंने दोबारा सैट करके धक्का मारा तो लंड का सुपारा उसकी चूत में अन्दर घुस गया था. उसकी हल्की हल्की कराह निकल रही थी. मैंने थोड़ा इन्तजार करके फिर से जोर से धक्का मारा तो लंड आधा अन्दर चला गया.
इसी के साथ उसके मुँह से चीख निकल गई.

मैंने उसके होंठ अपने होंठों में दबा लिए और कस कर धक्का लगा दिया. अब मेरा पूरा लंड अन्दर जा चुका था और मुझे गीलेपन का अहसास हो रहा था.
वो तड़फ कर बोली- प्लीज हट जाओ, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
मैं बोला- बस कुछ ही देर में ये दर्द कम हो जाएगा.. थोड़ा सह लो.

मैं उसे लिप किस करने लगा और बीच बीच में उसकी चूची चूसने लगा. वो थोड़ा नार्मल हुई तो मैंने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए. वो भी मज़े में आने लगी और मैं चोदने लगा.
कुछ देर बाद वो बोली- बेबू, मेरा होने वाला है.

तो मैंने तेज़ धक्के देने शुरू कर दिए उसका हुआ तो वो मुझसे कस कर चिपक गई और मैं रुक गया. मैंने उसके गले पर कानों पर किस करना जारी रखा और उसे चेयर पर बैठाया, देखा तो सारी टेबल खून में खराब हो चुकी थी. मैंने उसकी परवाह न करते हुए उसे चेयर पर घोड़ी बना दिया और चूत पर लंड सैट करके धक्का लगा दिया. वो फिर से चीखी, मैंने कोई ध्यान नहीं दिया और उसकी कमर पकड़ के धक्के लगाने लगा.

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अब वो भी मज़े से चुद रही थी और मैं उसे चोदे जा रहा था. कुछ देर बाद ऐसा टाइम आया कि हम दोनों एक साथ झड़ गए. मैंने उसे पीछे से ही कस के पकड़ लिया और झड़ गया. अब हमें होश आया तो जल्दी से कपड़े पहने और उसके बाद हमने मेज को साफ़ किया. सारा सामन वगैरा व्यवस्थित किया, सब कुछ नार्मल करके अपनी जगह पर बैठ गए और बात करने लगे.
वो कहने लगी- यार बेबू, तुमने गड़बड़ कर दी. मैंने ऐसा तो सोचा ही नहीं था. और तुमने कंडोम भी नहीं लगाया और अंदर ही डिस्चार्ज कर दिया. अगर कुछ हो गया तो?

मैंने तभी से उसे एक गर्भ निरोधक टेबलेट ला कर दी, उसने तुरंत वो गोली पानी से खा ली और अब हम दोनों के मन से गर्भ का भी समाप्त हो गया.

वो 5 साल तक मेरी गर्लफ्रेंड रही मैंने उसे खूब चोदा.

मेरी सेक्स कहानी लिखने में मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफ़ करना, दोस्तो, मुझे आपके मेल्स का इंतज़ार रहेगा.

इसके बाद क्या हुआ, पढ़ें इस कहानी में: रिसेप्शनिस्ट की चूत चुदाई का दूसरा मौक़ा

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