चूतो का समुंदर – 9
मैने मौके की नज़ाकत को समझा ऑर धीरे से निकल कर उपर रूम मे आ गया…ऑर बेड पर लेट कर सोचने लगा मैं(मन मे)-ये साली रंडी है कि क्या है….खुला आमंत्रण दे दिया….कि चुदाइ मज़ेदार होगी तो मेरी रखैल बन जायगी…. कोई नही आंटी जैसे तेरी बेटी मेरी गुलाम है वैसे कल से तू भी मेरे लंड की गुलाम होगी….फिर देख मैं क्या करता हूँ…कैसे यूज़ करता हूँ तुम दोनो माँ-बेटी को सोचते हुए मैं सो गया ऑर जब आँख खुली तो कल की तरह आज भी कोई मेरा लंड सहला रहा था… मैने सोचा…करने दो..जो भी है…देखते है आज क्या करती है ये…इतना तो पक्का था कि ये पूनम …