दोस्त की बहन की बिना शादी सुहागरात

इंडियन वर्जिन चूत फाड़ने का मौक़ा दिया मेरे कुलीग दोस्त की बहन ने! हम सब ऑफिस के लोग घूमने के लिए गए थे. वह अपनी बहन को भी ले आया था.

मैं और सुहैल काफ़ी अच्छे दोस्त हैं और पिछले चार साल से एक ही कंपनी में एक साथ काम कर रहे हैं.

ये इंडियन वर्जिन चूत की कहानी एकदम सच्ची है और इसमें रत्ती भर भी झूठ नहीं है.

ये सेक्स कहानी पिछले साल पहली अगस्त की है.
उस वक्त मेरा वेतन आया था.

एक दिन मैंने और सुहैल ने प्लान किया कि मेरी और उसकी टीम को कहीं घूमने ले चलते हैं.

सुहैल ने मेरी सलाह सुनकर हामी भरते हुए माथेरान जाने का प्लान बनाया.
मैंने उधर के लिए हां कर दी.

उधर रुकने के लिए होटल और कमरे आदि सब बुक हो गया.
फिर हमारे जाने का दिन भी आ गया.

जब हम सब इकट्ठा हुए तो एक बाला की खूबसूरत हुस्नपरी हमारे टीम में साथ थी.

उसे देख कर मैं सकपका गया और एकदम से ठगा सा रह गया.
वह तो ऐसी दिख रही थी मानो ऊपर वाले ने सारी खूबसूरती उसी को दे दी हो.
और वह भी मुझे निहार रही थी जैसे मैं उसे पसंद आ गया हूँ.

पूछने पर पता चला कि वह सुहैल की बहन है.
उसका स्वभाव एकदम खुले विचार वाला था और बातचीत में वह एकदम खुली थी.

बाद में सुहैल ने उसको मेरे बारे में बताया और यहीं से मेरी और उसकी दोस्ती की शुरुआत हुई.
उसका नाम इकरा था.

पहले तो हम सबने ट्रेन में जाने का प्लान किया था तो हम सभी स्टेशन पहुंचे.

ट्रेन में सुहैल और इकरा के साइड में मैं बैठा था.
मैं विंडो साइड में बैठा था.

तभी इकरा ने कहा कि मुझको खिड़की के पास बैठना है.

सुहैल और मैं जरा सा खिसक गए और मैंने उसको अपनी जगह देकर खिड़की के पास वाली सीट दे दी.

अब वह मेरे पास बैठी थी.
उसके जिस्म का वह पहला स्पर्श, उसके कपड़ों से आती हुई परफ्यूम की कामुक कर देने वाली महक मुझे पागल कर रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि सुहैल की मां का भोसड़ा … बस उसकी बहन इकरा को अपनी बांहों में भर लूं और बेतहाशा चूमने लगूं. उसके बदन पर लव बाइट्स दे दूँ.

यही सोचते हुए मेरे पैंट में हलचल भी होनी शुरू हो गई.
कुछ समय बाद सुहैल थोड़ा सुस्ताने का कह कर सो गया.

हमारा सफ़र कई घंटे का था.

सुहैल सो गया तो इकरा ने कहा- लो, यह भाई भी अपने खर्राटे भरने इधर आया था. एकदम बोर आदमी है ये.
उसकी खीज सुनकर मैंने हंस कर उससे कहा- इकरा मैं तो हूँ न मुझसे बात कर लो न! वह हंस दी और हम दोनों से आपस में बात करना शुरू कर दिया.

शुरू शुरू में वह मुझे सर बोल रही थी.
पर मेरे कहने पर उसने मुझे निक कहना शुरू कर दिया.

हमार दरमियान काफ़ी सारी बातें हुईं.
यहां मैंने इकरा से फ्लर्ट भी किया.

वह लड़कों की आदत से बखूबी परिचित थी तो वह मेरी फ़्लर्ट वाली बात से मुस्क़ुरा देती, तो कभी ब्लश करती.

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बातों बातों में हमारी बात रिश्तों पर आई.
मतलब हम दोनों आपस में एक दूसरे के जीवन साथी को लेकर चर्चा करने लगे.

मैंने अपने बारे में उसे बताया- मैं सिंगल हूँ और तुम?
उसने बताया कि वह भी मेरी तरह ही सिंगल है.

सच कहूं दोस्तो, तो इकरा से मुझे मुहब्बत सी हो गयी थी.
पर ये मुहब्बत थी, आकर्षण था या ठरक … पता नहीं, पर दिल और पैंट के अन्दर दोनों जगह हलचल होने लगी थी.
लंड भी दिल की तरह बल्लियों उछलने लगा था.

अपने सफ़र को खत्म करने के बाद हम सब होटल में पहुंच गए.
सुहैल अपनी जीएफ के साथ अपने रूम में था तो उसने मुझसे रिक्वेस्ट की कि मैं इकरा को अपने साथ अपने कमरे में एडजस्ट कर लूं.

सुहैल ने यह तो मेरे मन की बात कह दी थी.
इकरा ने भी स्माइल किया और मैंने भी हां कर दी.

इकरा पहले फ्रेश होने गयी और नहाने लगी.
उस वक्त उसने कहा- निक प्लीज़ मेरा टॉप और जीन्स दे दो, बाहर ही रह गए हैं.

मैंने सुन तो लिया, पर मैंने हेडफोन्स लगा लिए और ऐसे दिखाया कि मैं म्यूज़िक सुन रहा हूँ. मैं गाना भी गुनगुनाने लगा.
जब इकरा को मेरा उत्तर नहीं मिला तो वह बाथरूम का दरवाजा खोल कर देखने लगी कि मैं उसकी बात का जबाव क्यों नहीं दे रहा हूँ.

उसने देखा कि मैं आंखें बंद करके गाने सुनने में मस्त हूँ.
तब उसने सोचा कि चलो मुझे बिना डिस्टर्ब किए खुद ही कमरे में आ कर अपने कपड़े ले ले.
उसने अपने गीले बदन को तौलिया से लपेटा और दबे पांव बाहर आ गई.

उसको लगा था कि मेरी आंखें बन्द हैं, तो मैं कुछ नहीं देखूंगा.
पर जैसे ही उसने अपने कपड़ों की तरफ हाथ बढ़ाए, मैंने उसके कपड़ो पर पैर रख दिया और आंखें खोल दीं.

इकरा गुस्सा नहीं हुई, बल्कि हंस कर बोल रही थी- अरे छोड़ो ना यार!
उसका यह अंदाज मुझे नीचे से ऊपर तक सुलगा गया.

मैं उसकी ओर लपका और उसको बेड पर पटक कर प्रपोज़ कर दिया.
इकरा पहले तो हैरान हुई, गुस्सा भी और उसने मेरे गाल पर ऐसा थप्पड़ मारा कि मुझे दिन में तारे दिख गए.

फिर जब मैं अलग हुआ, तो वह बोली- यहां आओ!
जैसे ही मैं उसके पास गया. उसने प्यार से मुझे किस किया और बोली कि पागल ऐसे कौन प्रपोज़ करता है! जैसे मैंने किस की, वैसे करो तब मानू!

उसकी तरफ से ये हरी झंडी ही हम दोनों की सुहागरात की कारण बनी.

मैं तुरंत उस पर लपका और उसको किस करते हुए बोला- इकरा, भले ही आज पहली बार देखा है, पर यार तुमसे लव एट फर्स्ट साइट हो गया है, आई लव यू इकरा, लव यू सो मच.

उसने भी बोला कि मैं भी तुम्हें पसंद करने लगी थी और लव यू टू जान.
अब काफ़ी रोमांटिक पल बीतने लगे थे. हम दोनों एक दूसरे के होंठों से मानो जुड़ से गए थे. हम दोनों की जीभें एक दूसरे को हराने की चेष्टा करने लगी थीं.

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करीब दस मिनट के बाद मैंने उसका तौलिया हटा दिया. वह ब्रा और पैंटी में बड़ा ही ग़ज़ब ढा रही थी.
समझो कि वह अपनी कामुक अदाओं से और इतनी खूबसूरत जवानी से बस मेरा कत्ल ही कर देगी.

अब मैंने उसके बूब्स दबाना शुरू किए और किस कर ही रहा था.

पहले तो उसने मना किया लेकिन फिर साथ देने लगी.

धीरे धीरे उसके जिस्म पर किस करते करते मैंने उसकी ब्रा और पैंटी खोल दी.
भाईसाहब … क्या चूत थी उसकी … मानो गुलाब की पंखुड़ियां हों.

यहां उसने मुझे रोका और मुझसे कपड़े निकालने का कहा.
मैंने कहा- जान अब ये जिस्म तुम्हारा है, तो ये काम तुम ही करो.

उसने बड़ी अदा से एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए.

मेरे कच्छे के अन्दर बन रहे तंबू को देख कर वह बोली- लिल्ला … इतना बड़ा और ज़ुल्मी प्यार है आपका … मैं कैसे झेलूँगी?
मैंने अपना अंडरवियर नीचे किया और बोला- जान किस तो करो अपने इस तोहफे को!

उसने मना कर दिया.
मैंने कहा- तोहफे को प्यार करते हैं … ठुकराते नहीं हैं.

मगर वह लंड को मुँह लगाने को राजी ही नहीं हो रही थी.
मेरे काफ़ी मान मनौअल और समझाने पर उसने किस किया और चाट कर मुँह हटा लिया.
उसकी जुबान ने लंड का नमकीन स्वाद चखा तो वह अपने मुँह में ही उस स्वाद को समझने सा लगी.

मैंने उसे आँख मारी और अपने लंड को पकड़ कर हिलाया तो वह लंड चूसने लगी.

बमुश्किल कुछ ही समय हुआ था कि वह मेरे पूरे लंड को अपने मुँह में अन्दर तक लेकर चूसने लगी.
भाई … उसकी जुबान का मक्खनी स्पर्श से मेरा लंड तो मानो फटने ही लगा था.
यार … मुझसे तो कंट्रोल ही नहीं हुआ.

मैंने उसके सर को पकड़ कर अपने लौड़े को उसके गले में अन्दर तक घुसेड़ दिया.
न केवल घुसेड़ा बल्कि मैंने पेले रखा.

वह छटपटाने लगी.
मैंने उसकी परवाह ना करते हुए लंड को गले तक ठूंस दिया और उसका सर अपने टट्टों तक दबा दिया.

मैं तो मानो पागल हो गया था.
बंदी की सांस रुकने लगी थी और वह बेहद तेजी से अपने हाथ पैर छटपटाने लगी थी.

काफ़ी देर तक की मेरी इस हरकत के बाद जब वह छूटी तो गुस्से में हाँफती हुई बोली- ऐसे कौन प्यार करता है!
वह काफी गुस्सा हुई.

मैंने बड़े प्यार से उसके दूध दबा कर सॉरी बोला.
कुतिया बहुत नाटक कर रही थी.

मैं भी बेबस था … क्या करता इतनी मस्त चुसाई पहली बार हुई थी और ऐसा मक्खन सा अहसास … इतनी बेजा खूबसूरत लड़की … मैं ऐसे कैसे जाने दे सकता था!

काफी देर बाद भैन की लौड़ी के पोते साधने के बाद वह मानी.

अब मैंने उसको लेटा दिया और उसकी इंडियन वर्जिन चूत के ऊपर लंड घुमाने लगा.

लंड से उसकी चूत को चमाट मारने लगा.
मैं अपना लंड उसकी कुवारी बुर पर रगड़ रहा था.

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वह बोली- निक मैंने आज तक नहीं किया है और तुम्हारा टूल इतना बड़ा है, कैसे झेल पाऊंगी … मुझे काफी डर लग रहा है.
मैंने कहा- देखते जाओ जान … हल्का दर्द तो होगा … फिर जन्नत का अहसास पाओगी. यह मेरी गारंटी है.

वह हंसने लगी कि इसमें भी गारंटी देते हो, इसका मतलब समझते हो?
मैंने तुरंत बात को पलटते हुए कहा- मुझे कहने की जरूरत नहीं थी जान, यह तो तुमने भी पढ़ा और जाना होगा कि पहली बार में हल्का सा दर्द होता है पर उसके बाद बस मजा ही मजा आता है.

वह होंठ दबाती हुई बोली- हां मुझे पता है!
अब मैंने प्रयास किया तो मेरा लंड इंडियन वर्जिन चूत के छेद से भटक कर नीचे सरक गया.

फिर मैंने सही से लंड सैट किया और हल्का सा धक्का मारा.
मेरे लंड का टोपा और उसका कुछ हिस्सा, मतलब लगभग डेढ़ या दो इंच लंड ही अन्दर गया होगा कि उसकी आह निकल गयी.

उसने कहा- जान आराम से!

लेकिन अब मैं कहां कुछ सुनने वाला था. मैंने एक करारा धक्का लगाया और लंड उसकी झिल्ली को फाड़ता हुआ अन्दर घुसता चला गया.

झिल्ली टूटने पर खून निकला तो वह दर्द से रोने लगी.
मैंने उसके आंसू पौंछे, चूम कर प्यार किया.

जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, तो मैंने एक बार अपना लंड कुछ बाहर निकाला और वापस ज़ोरदार धक्का दे मारा.
मेरा पूरा लंड उसकी कुँवारी बुर को चीरता फाड़ता हुआ सीधे अन्दर जड़ तक समा गया.

उसकी हालत खराब हो गयी.
उसको तड़पती देख कर मेरी वासना और ज्यादा जागने लगी.

मैंने उसको चोदना चालू कर दिया.
उसके आंसू लगातार बह रहे थे, पर वह चाहकर भी चीख नहीं सकती थी क्योंकि बगल के कमरे में उसका भाई था.

कुछ देर बाद जब दर्द कम हुआ, तब वह भी गांड उठा कर सहयोग करने लगी.
अब मैं किसी मशीन की तरह चालू हो गया.

करीब 15 मिनट तक धुआंधार चुदाई के बाद जब मैं झड़ने को हुआ, तब तक इकरा दो बार झड़ चुकी थी.

अब मैंने उसकी चूत में एकदम अन्दर वीर्य निकालना चाहा.
मैंने वैसा ही किया भी … मेरे गाढ़े वीर्य की गर्मी से मानो उसको दुनिया की सबसे बड़ी लज्जत मिल रही थी.
उसने काफ़ी देर तक आराम किया.

मैंने उसे मेडिकल स्टोर से लाकर दवा दे दी.
माथेरान के उस चार दिन के ट्रिप में मैंने उसको 15-18 बार चोदा, अलग अलग पोजीशन में पेला.

दिन में घूमना और रात भर चुदाई.
उसी दौरान एक दिन मैंने उसकी गांड भी मारी.

उसकी गांड का उद्घाटन कैसे हुआ, वह सब अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.
इस इंडियन वर्जिन चूत की कहानी पर आप सभी के कमेंट्स का इंतजार रहेगा.
धन्यवाद.

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