फिर हम हवेली के गेट की तरफ चल दिए…चलते हुए मैने देखा कि हवेली के दोनो तरफ काफ़ी बड़े-बड़े गार्डेन है …वहाँ पर ही प्रोग्राम होना था…
ऐसे ही नज़ारा देखते हुए हम मेन गेट पर पहुचे ..वहाँ कई लोगो ने हमारा वेलकम किया
जैसे ही हम मैं हाल मे आया…मैं चारो तरफ देख कर सोचने लगा….कि सच मे यार कमाल का घर है…पैसा बहुत है साली के पास,,,अब कैसे आया….इससे मुझे क्या…
मैं सोच ही रहा था कि आंटी तेज़ी से आगे चली गई ऑर 1 औरत से गले लग गई…उसने भी आंटी का खुले दिल से वेलकम किया…मैं भी पास गया बट थोड़ी दूर खड़ा हो गया…ऑर उनकी बातें सुनने लगा…
आंटी-ओह्ह्ह…कामिनी…कैसी हो
कामिनी-ओह्ह रजनी…आ गई तुम…वेलकम..बड़ी देर कर दी
रजनी(आंटी का नाम है)- अरे वो..वो
आंटी कुछ बोलती उसके पहले ही कामिनी बोल पड़ी
कामिनी-पूनम ने कहा था कि तुम घर से 10 बजे के करी निकल गई थी
मैं(मन मे)- इस पूनम की तो…साली ने फोन कर दिया…अब आंटी क्या बोलेगी…
आंटी-वो ..वो…यार मैं शॉपिंग करने गई थी …कुछ न्यू ड्रेस…ऑर आंटी अपनी ड्रेस देखने लगी….( जैसी कामिनी को बोल रही हो कि देख मेरी ड्रेस क्या मस्त है )
कामिनी-ओह माइ गॉड….मैने तो देखा ही नही…आज तो तुम्हे ..ये..ये…वाउ यार…आज लगी ना तू मेरी फ्रेंड
आंटी-हाँ तेरे लिए ही ली है…ऑर भी है देख लेना…हहेहहे
कामिनी-सच मे यार आज तो हॉट लग रही है….कहाँ साड़ी पहनती है…मैं बोलती हूँ…यही पहना कर..
आंटी-अरे नही यार,,,बट हाँ, यहाँ जब तक हूँ तब तक ऐसे ही ड्रेस पहनूँगी
कामिनी- सच मे..
आंटी-हाअ मेरी जान
ऑर दोनो हँसने लगी…तभी कामिनी का ध्यान मेरी तरफ हुआ
कामिनी(धीरे से)-ये हॅंडसम कौन है यार
आंटी-चुप कर तू भी …बस लड़का देखा नही ऑर शुरू हो गई….ये मेरे साथ है
कामिनी-अच्छा…(धीरे से)-…क्या यार..किसी को भी ले आई….पता है ना यहाँ वीआइपी आएँगे…
अगले 3 दिन यहाँ शादी के कार्यक्रम भी है…ऑर मस्ती भी…पता है ना
( मुझे ये बाते बाद मे पता चलेगी…अभी मैं सिर्फ़ दूर खड़ा देख रहा था…मुझे सुनाई नही दे रही थी उनकी बातें )
आंटी-अर्रे तू टेन्षन मत ले….ये भरोसे वाला है
कामिनी-वो माना बट यह वीआइपी के बीच मे किसी को भी रखेगे…माना कि दिखने मे मस्त है ऑर बॉडी और कपड़े भी धासु है,,,बट …
इसी बीच वहाँ आंटी की कुछ ऑर फ्रेंड्स आ रही थी तो आंटी उनकी फ्रेंड्स से मिलने आगे चली गई सब हंस कर मिलने लगे….
आंटी मुझसे थोड़ी दूर अपनी फ्रेंड्स के साथ बाते करने लगी ऑर कामिनी मेरे पास आई ऑर बोली…
आंटी-तू रजनी के साथ है
मुझे तू कह कर बोला…तो मुझे गुस्सा आया पर मैने गुस्से को साइड मे करके बोला
मैं-जी हाँ…
कामिनी-तो कार ड्राइव तुम्ही कर रहे थे…
मैं-हाँ
कामिनी शायद मुझे ड्राइवर या नौकर समझ रही थी आंटी का
कामिनी-ओके..ओके…तुम ऐसा करो….(इतना कह कर कामिनी ने एक नौकर को बुलाया ऑर फिर बोली)…हाँ…इसके साथ चले जाओ…तुम लोगो के रुकने का इंतज़ाम बाहर है
मैं(शॉक्ड होकर)-क्या…???
कामिनी-मतलब….देखो यहाँ वीआइपी गेस्ट है…..तुम लोगो के लिए बाहर इंतज़ाम है…अब जाओ
मुझे गुस्सा तो आया..क्योकि मेरा ईगो हर्ट हुआ…..ऑर सबसे प्यारा है मुझे मेरा ईगो…फिर भी मैं आंटी की वजह से कुछ नही बोला…..सोचा बाद मे देखुगा…ऑर मैं नौकर के साथ जाने लगा
मुझे जाते हुए आंटी ने देख लिया ऑर भाग के आई ऑर मुझे रोक लिया…कामिनी को शायद अच्छा नही लगा…वो बोली
कामिनी-रजनी ये क्या…
रजनी(बात को बीच मे काट कर)- ये मेरे साथ है कामिनी…ये यही रहेगा
कामिनी-रजनी…माना तेरे साथ है बट ड्राइवर अंदर…
आंटी(फुल गुस्से मे)-चुप कर कामिनी…तेरी हिम्मत कैसे हुई …ये मेरे बेटे जैसा है….
कामिनी-हाँ ,,,पर यहाँ…ड्राइवर….
वो बात बोलती उसके पहले आंटी बोलो
आंटी-अब चुप हो जा…क्या ड्राइवर-ड्राइवर….जानती हो ये कौन है…..ये तेरे जैसे 50 को खरीद सकता है समझी
कामिनी-(आँखे लाल करते हुए)-क्या बक रही है…ऐसा कौन है बता तो
आंटी-ये मल्होत्रा अंपीएर का एकलौता बारिश है…अक…….समझी…ऑर मेरे बेटे का बेस्ट फरन्ड…
आंटी के मुँह से मेरी असलियत सुनते ही कामिनी,,,,,आंटी की फ्रेंड्स ,…ऑर वहाँ जमा हुए सब लोग…जो अभी तक का नाटक देख रहे थे….शॉक्ड हो गये
सब चुप थे तभी..
कामिनी-ओह,,,क्क्यय्याअ…सस्साककच…मे…स्सूओ…सस्सूओररय्ी…
.मिस्टर.अक..ईई..एम्म…र्रेाली सॉरी
मुझे गुस्सा तो बहुत था बट जब मैने आंटी की फ्रेंड्स को ऑर कामिनी को देखा तो सोचा कि यहाँ रुकने से ये सब मिल सकती है…गुस्से से क्या होगा…….सब हाथ से निकल जाएगी…तो मैं सॉफ्ट हुए बोला
मैं-सॉरी की ज़रूरत नही है …आप आंटी की फ्रेंड है…इट्स ओके
कामिनी-बट आइ एम सॉरी….बिना कुछ जाने मैने कुछ भी बोल दिया..रीयली सॉरी
मैं-इट्स ओके …पल्ल्लज़…सॉरी रहने दीजिए…आंटी आप ही बोलो
आंटी-कामिनी….सब ठीक है…सब अंजाने मे हुआ….ये बड़ा प्यारा है….डोंट वरी….
कामिनी-रजनी…सॉरी ….तू भी माफ़ कर दे..
आंटी-ठीक है बाबा…पर अब आगे बढ़ेगी ….हम थके हुए है
कामिनी-ओह्ह्ह..हहा…अभी …चलो उपर मेरे साथ
कामिनी मेरे पास आई ऑर मेरा हाथ पकड़ कर बोली
कामिनी-आइए आपको, आपका रूम दिखा दूं…आप हमारे सबसे स्पेशल गेस्ट है….आपकी खातिरदारी मैं खुद करूँगी
मैने कामिनी की नज़रो मे कमीनापन तो देखा बट श्योर नही था…सोचा , चलो देखेगे..क्या चीज़ है ये
मैं-आप क्यो तकलीफ़ कर रही है…आपको ऑर भी काम होगे….किसी और को कह दीजिए
कामिनी-आइए आप मेरे साथ चलिए…तभी मैं समझुगी कि आपने मुझे माफ़ किया
मैं-ओके , जैसा आप कहे चलिए
ऑर हम सब प्यार से हँसते हुए उपर चढ़ने लगे…मेरे साथ आंटी, कामिनी ऑर उनकी 3 फ्रेंड्स थी…..कसम से सब एक से बढ़कर एक माल थी….
अब देखना ये है कि यहाँ की शादी मे मेरी सुहागरात कितनो के साथ होगी…
यही सब सोचते हुए हम उपर जाने लगे …
जैसे ही हम सीडीयों से उपर पहुचे तो एक गलियारा था…जहाँ से लेफ्ट ऑर राइट जाने का रास्ता था…
कामिनी हम सब को लेफ्ट की तरफ ले गई…जो आगे से राइट की तरफ ले गई…जहाँ दोनो तरफ 2-2 रूम थे…
कामिनी-ये हमारी हवेली के स्पेशल रूम्स है जो सिर्फ़ स्पेशल गेस्ट के लिए है…
आंटी-कामिनी 4 रूम ही स्पेशल है..?
कामिनी-अरे नही…गलियारे के राइट साइड भी 4 रूम है…
मैं उस सब की बाते सुनते हुए सोच रहा था कि…देखे तो रूम है कैसा…बाते तो बड़ी-2 कर रही है…
इसके बाद कामिनी का 1 नौकर रूम की चाबी लेकर आया ऑर रूम्स को खोल कर चला गया..
कामिनी(मुझसे)-आइए सर ये आपका रूम है…
मैं-आप प्लीज़ मुझे सर ना कहे….
कामिनी-नही सर, मैं तो सर ही कहूँगी…(मुस्कराने लगी)
मैं(आंटी की तरफ देख कर)-आंटी …कहिए ना
आंटी-अरे..मैं क्या कहूँ…??
मैं-पर…
कामिनी-प्लीज़…आपको मेरी कसम कुछ मत कहिए
कामिनी के कहने पर मैं चुप तो रह गया…बट मुझे समझ मे नही आ रहा था कि मुझे सर कह कर इतनी रेस्पेक्ट क्यो दिखा रही है…जबकि ये आंटी की फ्रेंड है….मुझे नाम से या बेटा कह कर बुला सकती है….
कही ये तो नही कि मेरे डॅड का नाम सुन कर अपने किसी फ़ायदे के लिए मुझे मक्खन लगा रही है
खैर जो भी हो….देखते है….इसके दिल मे क्या है….
कामिनी(मुझे हाथ से हिला कर)-कहाँ खो गये आप…चलिए ..रूम के अंदर तो चलें