मैने मौके की नज़ाकत को समझा ऑर धीरे से निकल कर उपर रूम मे आ गया…ऑर बेड पर लेट कर सोचने लगा
मैं(मन मे)-ये साली रंडी है कि क्या है….खुला आमंत्रण दे दिया….कि चुदाइ मज़ेदार होगी तो मेरी रखैल बन जायगी….
कोई नही आंटी जैसे तेरी बेटी मेरी गुलाम है वैसे कल से तू भी मेरे लंड की गुलाम होगी….फिर देख मैं क्या करता हूँ…कैसे यूज़ करता हूँ तुम दोनो माँ-बेटी को
सोचते हुए मैं सो गया ऑर जब आँख खुली तो कल की तरह आज भी कोई मेरा लंड सहला रहा था…
मैने सोचा…करने दो..जो भी है…देखते है आज क्या करती है ये…इतना तो पक्का था कि ये पूनम नही हो सकती….क्योकि वो मेसेज किए बिना आती नही….ये कल वाली ही है…
अब है कौन….आंटी हो नही सकती…पूनम है नही, आंटी2..??, अनु?? …या रक्षा..???
पता नही कौन होगा…आज कैसे भी पता करना होगा…बट अभी चुप रहने मे ही भलाई है
ऐसा सोच कर मैं शांति से लेटा रहा ओर वेट करने लगा कि देखु तो कि ये आगे क्या-क्या करती है……..
मैं आँखे बंद किए हुए लेटा था ऑर वो मेरे लंड को सहलाए जा रही थी…करीब 10 मिनट मे मेरा लंड झड़ने के करीब पहुचने लगा…मुझे लगा कि आज तो साली हाथ से ही झडा देगी…
मैने सोचा साली को कल की तरह पकड़ कर मुँह चोद दूं…लेकिन फिर सोचा कि अगर इसकी असलियत जान नी है तो चुपचाप रहने मे ही भलाई है…
अचानक मुझे झटका लगा जब मुझे मेरे लंड पर जीभ का अडसास हुआ….मैने सोचा चलो बढ़िया है…कुछ तो किया साली ने….
मैने दुआ करने लगा कि अब बस ये मुँह मे लेकर चूसे…तो मज़ा आ जाए
लेकिन ऐसा नही हुआ….5 मिनट वो जीभ से लंड का टोपा ही चाट रही थी…..
मुझे लगा कि शायद आज किस्मत मे यही है…बट मैं ग़लत था
अचानक वो मेरे लंड को होंठो से होते हुए मुँह मे ले गई …लेकिन बस ¼ हिस्सा ही अंदर लिया….
मैं(मन मे)- लगता है साली को कल की लंड चुसाइ पसंद आई…चलो बढ़िया है….
मैं लेता हुआ मज़े लेने लगा ऑर सोचने लगा कि अब आगे क्या करती है साली….
मुझे आज झटके पे झटका मिल रहा था…पहले आंटी ने झटके दिए ऑर अब इसने….
ऐसा सोच ही रहा था कि एक ऑर झटका मिला…वो साली मेरे लंड को अपने गले की गहराई मे ले कर चूसने लगी….
मैं तो खुशी से आसमान मे उड़ने लगा…ऑर लंड चुसवाने का मज़ा लेने लगा…मैं अपने आख़िरी चरम पर था…मेरा लंड उसके मुँह की गर्मी अब ज़्यादा बर्दास्त नही कर सकता था…ऑर मैं तेज़ी से झड़ने लगा…..
मैं आंटी की वजह से गरम तो था ही….तो तेज़ी से झड़ने लगा ऑर ऐसा लगा की इस बार कुछ ज़्यादा ही झड रहा हूँ…शायद नये मुँह के द्वारा मर्ज़ी से लंड चूसे जाने की खुशी थी…..
मैं अपने आनद मे मगन था ऑर वो मेरे लंड रस को निगल रही थी….जब वो मेरा पूरा रस पी गई…तो लंड को चाट कर सॉफ करने लगी…
लंड को सॉफ करके उसने बड़ी सराफ़त से मेरे लंड को मेरी अंडरवर के अंदर करके लोवर को उपर चढ़ा दिया….ऑर सरीफ़ लड़की की तरह उठ कर गेट की तरफ जाने लगी…
बट आज तो मुझे पता करना था कि ये है कौन …तो मैं बेड से उठा
मैं शान्ती से पीछा करना चाहता था बट उठते हुए मेरा हाथ बाजू की टेबल पर रखे फ्लॉवेरवाश से टकरा गया….ऑर मेरे मुँह से भी निकल गया
मैं- ओह्ह…ये क्या…
फ्लॉवेरवाश ऑर मेरी आवाज़ सुनकर वो साली बिजली की स्पीड से मेरे रूम से निकल गई….जब तक मैं उठ कर रूम के बाहर पहुचा…वहाँ कोई नही था…बिल्कुल सन्नाटा…
मैं(मन मे)- भैनचोद…निकल गई….आज साला किस्मत ही गन्दू है
( मैने सोचा सायद नीचे गई होगी ऑर मैने नीचे देखने चला गया…वहाँ मुझे कुछ लोगो की आवाज़े सुनाई दी ऑर मैं ध्यान से आवाज़ का पीछा करते हुए आगे बढ़ा…
जब मुझे आवाज़ सॉफ-सॉफ सुनाई देने लगी तो मैं वही रुक गया ऑर ध्यान से सुनने लगा…)
जब मैं वो बातें सुन रहा था तो शॉक्ड हो गया ऑर मुझे गुस्सा भी आया …
वहाँ मेरे बारे मे ही बातें हो रही थी…मन तो किया कि सामने चला जाउ ऑर गान्ड मार दूं उनकी…. फिर सोचा कि अभी नही, प्लान करके कुछ करूगा ओर मैं बापिस अपने रूम मे आ गया…)
ऑर मैं अपने आप पर गुस्सा होते हुए बापिस बेड पर लेट गया ऑर सोचने लगा कि…
ये क्या चल रहा है….मेरे खिलाफ ऐसी साज़िश…
अब इस न्यू प्राब्लम का क्या करे…
फिर मैने अपने आप से कहा …इनको तो तरीके से निपटाउंगा…
मेरे साथ खेल खेलना चाहते है….…, अब देखो मैं क्या खेल खेलता हूँ…..
वो बाद मे ….अभी पहले ये पता लगाना है कि रूम मे कौन था
मैने अपना फोकस लंड चूसने वाली पर किया ऑर सोचने लगा…
क्या अब वो आयगी या नही….फिर सोचा जब आयगी तब देखेगे…
अगर अबकी बार आई तो कन्फर्म पता कर लूँगा…बट कुछ ऑर आइडिया सोचना होगा…क्योकि अब वो भी सतर्क हो गई होगी…ओर समझ भी गई होगी कि मैं सोने का नाटक कर रहा था
चलो देखते है.सोचेगे कुछ…ऐसा मैं अपने आप से कहता हुआ सो गया…..
जब सुबह मेरी नींद खुली तो मुझे प्यारी सी आवाज़ मे कोई मुझे उठाने की कोसिस कर रहा था…
मैं(बिना आँख खोले हुए)- सोने दो ना….
अनु-अरे भैया उठ जाइए…आंटी बुला रही है
मैं(अरे ये तो अनु है, आँखो को खोलते ह)-गुड’मॉर्निंग बेटा
अनु-हाँ भैया…मेरी मॉर्निंग तो गुड है….आप उठ जाओ…तो आपकी भी गुड हो जाएगी
मैं-अरे यार…इतनी जल्दी क्या ज़रूरत है
अनु-अरे भैया, जल्दी कहाँ…9 बज गये ऑर आपको जाना भी है
मैं-मुझे कहाँ जाना है
अनु-शादी मे , आंटी के साथ
इतना सुनते ही मेरी आँखे पूरी तरह खुल गई
मैं-ओह माइ गॉड, मैं तो भूल ही गया था
अनु-अब याद आया …चलिए जल्दी तैयार होकर आ जाइए…सब नाश्ते पर वेट कर रहे है
इतना बोल कर अनु नीचे चली गई ओर मैं बाथरूम के अंदर…
मैं बाथरूम मे आकर फिर से सोचने लगा , रात के बारे मे…
कि जो मैने सुना वो क्या सच है..या मेरा वहम
अगर सच है तो आज से उनको सबक सिखाने के प्लान पर काम करना होगा …
ऑर हाँ मेरे रूम मे आने वाली…वो कौन थी ….ऐसा क्यो कर रही है….कैसे पता लगाउन्गा…..
थोड़ी देर बाद मेरा माइंड ये सब छोड़ कर आज के बारे मे सोचने लगा कि आज आंटी के साथ सफ़र करना है….आंटी को चुदाई के लिए रेडी करना है….
बट करूगा कहाँ….ह्म्म्मछ…देखते है…चलने तो दो….
यही सब सोचते हुए मैं नहा कर रूम मे आ गया ऑर मस्त तरीके से रेडी हुआ ऑर कुछ सामान ऑर कपड़े साथ मे लिए….शादी मे जाने को….ऑर नीचे चला गया..
मैने जाते ही बोला
मैं-गुड’मॉर्निंग एवेरिवन
अचानक से वहाँ सब लोग मुझे देखने लगे ऑर स्माइल देने लगे….
अंकल 1-आओ-आओ हीरो
मैं-हीरो??
अंकल1-हाँ भाई हीरो…आज बिल्कुल हीरो लग रहे हो…है ना??
अंकल2- हाँ भैया सच कहा आपने
आंटी2- हां…हीरो ही है ये तो
अनु-सच मे भैया कमाल दिख रहे हो….सब आपको ही देखेगे
मैं-आप लोग मुझे चने के झाड़ पे मत चढ़ाओ
पूनम-नही भाई सच मे
आंटी1(किचन से आते हुए)-तू तो है ही मेरा हीरो….मतलब सब सच बोल रहे है …आज तू कमाल लग रहा है
मैने आंटी को देखा ऑर हमारी आँखे मिल गई….आंटी की आँखो मे खुशी दिख रही थी….
संजीव(धीरे से)-भाई सच मे आज तो चूत वाली पीछे पड़ जाएगी
मैं(संजीव के कान मे)-तेरी माँ आ जाय बस…ऑर हम हँसने लगे
अंकल1-क्या बाते कर रहे हो हमे भी बताओ
मैं(मन मे)-अब तुझे क्या बोलू गन्दू…कि तेरी बीवी को चोदने का बोल रहा हूँ…ऑर वो भी तेरे ही बेटे से…हाहहाहा
मैं-कुछ नही अंकल
अंकल1-ओके नाश्ता करो…फिर तुम्हे जाना भी है…पर बेटा तुम्हारा स्कूल…???
संजीव(बीच मे बोला)-डॅड वो एग्ज़ॅम था क्लास नही होगी
अंकल1-ओके
और हम नाश्ता करने लगे…
मैने नज़र घुमा के देखा …कि शायद रात वाली का कुछ पता चले…जिससे भी नज़रें मिलती वो स्माइल कर देता ऑर मैं भी…..बट रक्षा आज फिर मुझे गुस्से से घूरे जा रही थी…जैसे ही मैने उसे देखा उसने मुँह नीचे कर लिया ऑर नाश्ता करने लगी
मैं(मन मे)-साला इसे क्या हो गया….ऐसा तो नही कि यही हो….लेकिन अगर ये होती तो नज़रे चुराती….गुस्सा क्यो होती….नही-नही ये नही हो सकती….तो फिर साला कौन होगा….दिमाग़ का दही कर दिया…लंड चाहिए तो सीधे माँग ले ना…चोरी-चोरी क्यो….दिमाग़ हिल गया
आंटी1-बेटा ऑर कुछ लोगे
मैं(होश मे आते हुए)-अभी नही …(मैं मुस्कुरा दिए)
आंटी-(शरारती हँसी के साथ)-ओके बेटा जो भी चाहिए , माँग लेना… समझ गये….ऑर हँसते हुए दूसरो को सर्व करने लगी
मैं(मन मे)-साली आज तेरी चूत ऑर गान्ड ही खाउन्गा….देखती जा
नाश्ता ख़त्म होने के बाद….सब अपने -2 काम मे लग गये….
अंकल लोग शॉप पर निकल गये ऑर आंटी को अच्छे से जाने का बोल गये….ऑर मुझे भी…
पूनम अपनी फ्रेंड के घर निकल गई , अनु ऑर रक्षा अपने कमरे मे….आंटी 2 किचन मे ऑर आंटी1 मुझसे बोली
आंटी-ओके, बेटा अब मैं तैयार हो कर आती हूँ…चलो चलते है
मैं(मन मे)-हाँ साली मैं तो इसी लिए रेडी हू
संजीव-भाई इतनी जल्दी क्यो…शादी तो कल है ऑर संगीत रात मे…ऑर 4 घंटे मे तो पहुच जाओगे
मैं(मन मे)-भाई थोड़ा टाइम तो तेरी माँ को चोदने मे ही निकल जायगा
संजीव-क्या सोचने लगा
मैं –कुछ नही भाई…वो आंटी ने कहा था कि जल्दी पहुच जाएगे तो अपनी फरन्ड के काम मे हेल्प कर पाएँगी
संजीव-ओके..तो भाई आगे क्या सोचा
मैं(मन मे-इसे कल जो हुआ वो नही बताना)-अर्रे कुछ नही अभी तक तो आगे बात नही बढ़ी…आज देखते है
संजीव-भाई जल्दी कर ना
मैं(गुस्सा दिखाते हुए)-साले तेरी माँ है…रंडी नही…जो सीधा बोल दूं…थोड़ा टाइम लगता है यार
संजीव-गुस्सा मत कर…तू अपने तरीके से काम कर ..हुआ तो ठीक…ऑर नही हुआ तो कोई नही यार…कुछ ऑर सोचेगे
मैं-ओके…ये हुई ना बात
मैं पता नही क्यो ये सोचने लगा था कि संजीव को गोली मारो ऑर इसकी फॅमिली की जितनी चूत मिलेगी उनको मैं मारूगा…
संजीव की बात कौन करे किसी से…जब मैं सबकी ले लूँगा…तब इसका सोचूँगा…हाँ, ये ठीक रहेगा…नही तो पता चला इसे चूत दिलाने के चक्कर मे मेरे हाथ भी कुछ ना लगे
इतने मे आंटी रेडी हो कर हॅंड बेग के साथ आ गई…
आंटी-आइ एम रेडी
मैने आंटी को देखा तो देखता रह गया…क्या माल थी यार…लाइट ब्लू साड़ी, स्लीवलेशस ब्लाउस…पिंक लिप्स…गोरे-2 हाथ…ऑर बड़े-बड़े बूब्स…आज तो मेरी निकल पड़ी
संजीव-मोम आपने कपड़े नही लिए
ये सुनकर आंटी चुप रह गई…मैं भी सोचने लगा कि आंटी का समान तो मेरे घर पर है…जो आंटी ले जाने वाली है…अब क्या बोलेगी ये
आंटी(बहाना बनाकर)-संजू,वो मेरी फरन्ड अपने सामान के साथ मेरे कपड़े भी ले गई….मैने सोचा जाना तो वही है तो अलग से क्या ज़रूरत है
संजीव- ओके
आंटी(राहत की साँस लेते हुए)-चले बेटा , लेट ना हो जाएँ
मैं-ओके आंटी चलो….ओके संजीव जाते है…
संजीव-ओके बाइ…बाइ मोम…सेफ जर्नी
आंटी…बाइ बेटा…थॅंक्स न्ड टेककेअर
इतना बोलते हुए हम घर से बाहर आए ऑर कार से निकल गये…संजीव अपने रूम मे निकल गया…..
( कार के अंदर आते ही)
आंटी-चलो जल्दी…सामान उठा लेते है
मैं-हाँ चलते है…बट सामान उठना ही नही है…ऑर भी कुछ करना है
आंटी- ऑर क्या??
मैं-आप चलो तो, मैं बताता हूँ…आप बस वेट करो
आंटी(शरमाते हुए)-अच्छा, इसी लिए तो जल्दी आई हूँ
मैं-हहे मेरी रानी….मज़ा आ गया
आंटी-रानी ????, ओके तो तुम मेरे राजा…पर याद है ना
मैं-क्या
आंटी-वही जो रात को बोला था
मैं(अंजान बनते हुए)-क्या???
आंटी-भूल गया
मैं- बता भी दो ना
आंटी-यही कि अगर मैं खुश हो गई तो मैं हमेशा के लिए तुम्हारी…नही तो आगे से कुछ भी नही
मैं-आंटी…आज आप मेरी हो जाओगी…ओर उसके बाद मैं अंकल के पास भी नही जाने दूँगा…सोच लो
आंटी-अगर तूने खुश कर दिया तो…उसके पास जाउन्गी भी नही….तेरे पास ही आउन्गी.
मैं-ओके…तो वेट करो बस
( इसके बाद मैं सोचने लगा कि साली मेरे साथ गेम…कोई बात नही खेलो …स्टार्ट तुमने कर दिया अब अंजाम मैं दिखाउन्गा…साली जिंदगी भर पछताएगी कि मुझसे पंगा क्यो लिया…)
ऐसे ही बाते करते हुए ऑर सोचते हुए मेरा घर भी आ गया…
मैं-कैसी हो रश्मि…सब लोग कहाँ है???
रश्मि-सविता ताई मार्केट गई है…ऑर रेखा अपने ससुराल
मैं-तुम नही गई रेखा के साथ
रश्मि-नही….घर खाली छोड़ कर कैसे जाती..आप भी नही थे
मैं-ओके…2 कॉफी बनाओ…जल्दी(मैने रश्मि को आँख मार दी)…हमे जाना भी है
रश्मि-(मेरी बात समझ कर) – जी वो कॉफी ख़त्म हो गई…आप चलो मैं मग़वा लेती हूँ….जल्द से जल्द आती हूँ.