पात्र (किरदार) परिचय
01. अजय- कहानी का हीरो, उम्र 41 साल, क़द 511 इंच, नोयेडा में एलेक्ट्रानिक स्टोर,
02. अंजली- अजय की पत्नी, उम्र 38 साल, फिगर 36-34-36, एकदम पटाका,
03. समीर- अजय और अंजली का बेटा, उम्र 19 साल, फिट बाडी, क़द 6 फूट,
04. नेहा अजय और अंजली की बेटी, उम्र 18 साल, अपनी माँ पर गई है,
05. विजय- उम्र 38 साल, नोयेडा में रेडीमेड गार्मेट की दुकान,
06. किरण- विजय की पत्नी, उम्र 37 साल, खूबसूरत, फिगर 34-30-36, बड़ी-बड़ी नुकीली चूचियां,
07. टीना- विजय और किरण की बेटी, उम्र 18 साल, चुलबुली, इंटर की पढ़ाई कर रही है,
08. संजना-
09. दिव्या-
10. काजल-
उम्र 35 साल, कंपनी की मालिक, शादीशुदा, पति की किडनी खराब है। कोई वारिश नहीं, संजना की छोटी बहन, नेहा की ननद
11. हिना
समीर की सहकर्मी, हिना की बहन,
अजय और विजय दोनों बचपन के दोस्त थे। गाँव में साथ-साथ पढ़ाई पूरी की और फिर नोयेडा में विजय ने रेडीमेड गार्मेंट न खोल ली, और अजय ने एलेक्ट्रानिक स्टोर खोल लिया था। दोनों के घर भी पड़ोस में ही थे। एक दूसरे के यहां आना जाना रहता था।
सोमवार को अजय अपना स्टोर दो बजे बंद करके बाइक से घर के लिए निकलता है। रास्ते में किरण भाभी बड़ा सा बैग लिए किसी आटो का इंतेजार कर रही थी।
अजय- अरें… भाभी आप यहां कैसे इतना समान लेकर?
किरण- “ओह्ह… 3क्यों। भाई साहब आप। आज तो कोई आटो वाला नहीं मिल रहा है। शुकर है आप आ गये…”
और भाभी अजय की बाइक पर बैठ गई।
अजय- भाभी आज मार्केट से क्या ले आई?
किरण- सब्जियां हैं।
अजय- क्या सब्जियां लाई हो?
किरण- बैगन, खीरा वगेरा वगेरा।
अजय- आपको बैगन पसंद है?
किरण- हाँ मुझे बैगन बहुत पसंद है।
अजय- हमें भी खिला दिया करो अपनी सब्जी।
किरण- “अरे… भाई साहब हम तो खिलाने को तैयार हैं। आप ही नहीं खाते हो हमारी सब्जी…”
अजय और किरण में डबल मीनिंग बातें चलती रहती थीं। मगर आज तक लिमिट क्रास नहीं हुई थी। किरण को भी अजय में रुचि थी।
किरण- भाई साहब अंजली को बैगन पसंद नहीं हैं क्या?
अजय- कभी-कभी बनाती है पर स्वाद ही नहीं आता।
किरण के चेहरे पर स्माइल दौड़ गई, और बोली- “मुझे तो बैगन बहत पसंद है, मेरा बस चले तो मैं रोज ही बैगन बनाऊँ। पर आपके दोस्त रोज-रोज नहीं खाते। हफ्ते में एक बार ही बैगन खाते हैं..” और ऐसा कहते हुए किरण ने अपना एक हाथ आगे लेजाकर अजय के पेट को टाइट पकड़ लिया।
अजय का लण्ड किरण के हाथों से कोई 3″ इंच के फासले पर होगा, जैसे किरण अजय को खुला न्योता दे रही हो। बैगन का बनाना क्या था, छिपे शब्दों में तो लण्ड की बातें चल रही थीं।
अजय- वैसे आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो लाल सूट में।
किरण- अब इतनी भी अच्छी नहीं लग रही हूँ।
अजय- अरें… भाभी तुम्हें क्या बताऊँ, मेरा बस चलता तो प्रपोज कर देता आपको।
किरण- “बस रहने दो ज्यादा मस्का मत लगाओ। कही आपकी वाइफ ने सुन लिया तो घर में घुसने नहीं देगी
आपको…”
अजय- “आप तो घुसने दोगी ना?”
किरण- हमने तो कभी भी आपको मना नहीं किया घुसने को।
अजय का लण्ड इतना हार्ड हो चुका था की किरण की उंगलियों को छू गया। ये अहसास तो शायद किरण को भी हो चुका था। मगर किश्मत देखो की बातें करते-करते दोनों घर आ चुके थे। अजय ने भाभी को गेट पर छोड़ा।
किरण- आओ भाई साहब, चाय पीकर जाना।
अजय- “फिर कभी पिएंगे आपकी चाय भी… और बैगन की सब्जी भी…” अब चलता हैं।
तभी टीना ने दरवाजा खोला। टीना ने आज पीली टी-शर्ट और हाफ निक्कर पहना हुआ था। बोली- “अरे… अंकल
आप… आइए ना चाय पीकर जाना… टीना आज बड़ी सेक्सी लग रही। बड़े शार्ट कपड़े पहनती है उभार तो टी-शर्ट में पूरी शेप दिखाती है।
अजय का गला ये देखकर सूख गया। अजय ने टीना को एक नजर ऊपर से नीचे तक देखा, तो क्या माल बन चुकी थी टीना। अजय बोला- “बेटा, बस ठंडा पानी पिला दो…”
किरण और विजय भी टीना को बच्ची ही समझते थे। मगर टीना में जवानी फूट-फूट कर उभरने लगी थी।
अजय का ध्यान अभी तक सिर्फ किरण पर था। टीना को देखकर अजय का लण्ड पैंट फाड़कर बाहर आने को तैयार था। अगर कुछ देर और अजय वहां रुक जाता तो जरूर लण्ड फौवारा छोड़ देता। जल्दी से अजय वहां से निकल गया, और सीधा अपने घर पहुँचकर बाथरूम में घुस गया।
अंदर बाथरूम में अंजली नहा रही थी।
अजय- दरवाजा बंद तो कर लिया करो।
अंजली- “घर में कोई था ही नहीं इसलिए नहीं किया… अंजली एकदम नंगी हालत में अजय के सामने खड़ी थी।
अजय को आज झटके पर झटके लग रहे थे। अंजली का ऐसा रूप देखकर वो कंट्रोल खो चुका था, और आगे बढ़कर अंजली को बाँहो में जकड़ लिया।
अंजली- “ये क्या कर रहे हो कछ तो शर्म करो… दो बच्चों के बाप होकर भी ऐसी हरकतें करते हो। चलो बाहर निकलो…” अंजली और अजय ने आज तक सेक्स सिर्फ बेडरूम में ही किया है। मगर आज अजय मानने वाला
नहीं था।
अजय- नेहा और समीर कहां हैं?
अंजली- “अभी कालेज से नहीं आए 4:00 बजे तक आयंगे..” कहकर अंजली ने जैसे अजय को न्योता दिया हो आगे बढ़ने का।
अजय ने अपनी शर्ट के बटन खोल दिए, और होंठों को अंजली से चिपका दिए।
अजय का लण्ड आज किरण से ज्यादा टीना को देखकर हार्ड हो गया था। अभी तक लण्ड ने अपनी लंबाई बनाई हई थी, जो अंजली की चूत से टकरा गया।
अंजली- क्या बात है जी, आज तो आपके छोटे मियां बड़ी फफकर मार रहे हैं? क्या देखकर आ रहे हो जी?”
अजय अंजली की बात पे बोला- “मेरी जान अंजली, ऐसी हालत में तुम्हें देखकर ही जोश चढ़ गया है इसको…”
अंजली- “ओहहहो… मेरे राजा को जोश चढ़ गया है, देखो तो जरा…” और अंजली अजय की टांगों के पास बैठकर पैंट की बेल्ट खोलती है और पैंट नीचे सरका देती है। लण्ड ने अंडरवेर से बाहर आने के लिये झटका सा दिया, तो अंजली ने हाथ डालकर बाहर निकल लिया, और कहा- “क्यों जी बड़ी कैद में रखते हो मेरे बच्चे को? लाओ मैं अपने बच्चे को प्यार तो कर लूं। दो दिन से बेचारे को काल कोठरी में बंद किया हुआ है तुमने। बड़े ही जालिम हो.” और अंजली ने अपना बड़ा सा मुँह खोला और गप्प से अंदर।
अजय- “हाय आहह… आईई… इसस्स…”
अंजली क्या ब्लो-जोब करती है, लण्ड की टोपी को ऐसे चाटती है की दो मिनट में फारिग कर दे। मगर अजय का स्टेमिना ऐसा था की जब तक अंजली दो बार ना झड़ जाय, तब तक लण्ड की कोई मजाल नहीं जो झड़ जाय। अजय की उंगली धीरे से चूत में आधी घुस चुकी थी।
अंजली- क्या आज बाथरूम में ही करने का इरादा है?”
अजय ने जैसे कुछ सुना ही नहीं और उंगली चूत की गहराई में घुसती जा रही थी।
अंजली क्या ब्लो-जोब करती है, लण्ड की टोपी को ऐसे चाटती है की दो मिनट में फारिग कर दे। मगर अजय का स्टेमिना ऐसा था की जब तक अंजली दो बार ना झड़ जाय, तब तक लण्ड की कोई मजाल नहीं जो झड़ जाय। अजय की उंगली धीरे से चूत में आधी घुस चुकी थी।
अंजली- क्या आज बाथरूम में ही करने का इरादा है?”
अजय ने जैसे कुछ सुना ही नहीं और उंगली चूत की गहराई में घुसती जा रही थी।
अजय ने फिर अंजली का एक पैर उठाकर टायलेट शीट पर रख दिया, तो चूत एकदम सामने नजर आ गई। क्या मस्त नजारा था। लण्ड कही अपना पानी ना छोड़ दे। अजय ने फिर लण्ड को चूत के छेद पर रख दिया, तो क्या अहसास मिला उसको। उसने आँखें बंद करके एक हल्का सा दबाव दिया लण्ड को, तो फच्च की आवाज के साथ अंदर घुस गया।
अजय- “ओहह… मेरी जान क्या चूत है तुम्हारी..”
अंजली- “तुम्हारे लण्ड का भी जवाब नहीं, जब अंदर जाता है तो जन्नत दिखाकर ही लाता है.”
अजय इसी जोश में ताबड़तोड़ शाट लगाने लगा।
अंजली भी पूरा एंजाय कर रही थी चुदाई को, और बाथरूम में अंजली की ओहह… आहह… की आवाजें संगीत की तरह गूंज रही थीं। अंजली झड़ने के करीब पहुँच चुकी थी। आज जो आनंद अंजली ने उठाया था, शायद इतने बरसों में पहली बार होगा। लण्ड की ठोकर इस बार सीधे बच्चेदानी से टकराई, और अंजली ने झरना खोल दिया।
अजय तो आज रुकने का नाम नहीं ले रहा था। बस दिमाग में टीना के वो मस्त उभार नजर आ रहे थे जैसे उंगलियों से उनके निप्पल मसल रहा हो, और अजय का भी बाँध टूट चुका था। ऐसा सैलाब निकाला की अजय
को तृप्त कर दिया।
आज अंजली को बरसों बाद बड़ा आनंद मिला। अजय पर बड़ा प्यार आ रहा था, और अंजली अजय से लिपट गई। एक बार फिर अपने होंठों को अजय से चिपका लिया। फिर दोनों एक साथ फ्रेश होकर बाथरूम से निकले।
समीर और नेहा भी कालेज से आ गये। शाम को अजय और अंजली ने मूवी का प्रोग्राम बनाया, और दोनों मूवी देखने निकल गये। अब घर में सिर्फ दोनों भाई बहन समीर और नेहा थे। दोनों की पसंद अलग-अलग थी, इसलिए हमेशा लड़ते झगड़ते रहते थे।
इंडिया और आस्ट्रेलिया का क्रिकेट मैच चल रहा था। रिमोट नेहा के पास था। नेहा टीवी पर सास-बह का सीरियल देख रही थी। समीर ने रिमोट छीनते हुए कहा- “नेहा, जाओ मेरे लिए चाय बना लाओ…’ और चैनेल चेंज करके क्रिकेट पे लगा दिया।
नेहा बुरी तरह जल गई, और कहा- “मैं तुम्हारी नोकर नहीं जो चाय बनाऊँ..” और वहां से उठकर मम्मी पापा के रूम में चली गई।
आज नेहा बोर सा महसूस कर रही थी। तभी उसका ध्यान पापा के कंप्यूटर पर चला गया, और सोची- “चलो आज कंप्यूटर पर ही कोई गाना सुनते हैं…” और पीसी ओन करके फाइलें देखने लगी। हालीवुड की मूवी पड़ी थी उसी को खोलकर देखने लगी। तभी टीना का फोन आया।
टीना- हाय स्वीट हार्ट कैसी है, और क्या कर रही है?
नेहा- यार कंप्यूटर पर मूवी देख रही हूँ।
टीना- “वाह… चल मैं भी आती हूँ..” और टीना भी नेहा के पास आ गई, कहा- “देख कौन-कौन सी मूवी है तेरे कंप्यूटर में? टइटेनिक, टेर्मिनेटर, जुरासिक पार्क, कामसूत्र?”
नेहा- “कौन सी लगाऊँ?”
टीना- “टइटेनिक लगा ले..” और दोनों टइटेनिक देखने लागे।
बाहर समीर क्रिकेट देख रहा था। अंदर पापा के रूम में दोनों मूवी देख रहे थे। कुछ देर बाद न्यूड आर्ट सीन
आया तो दोनों बड़े गौर से देख रहे थे।
टीना- वाउ क्या फिगर है इस हीरोइन का?
नेहा- इससे बढ़िया तो तेरा फिगर है।
टीना- तूने कब देखी मेरी फिगर?
नेहा- जब ऐसे कपड़े पहनेगी तो मुझे क्या, सबको तेरी शेप नजर आती है।
टीना- मैंने तो कभी नोट नहीं किया की कोई मेरी फिगर देखता है।
नेहा- तेरा कोई बायफ्रेंड है?
टीना- नहीं।
तभी मूवी में कार वाला सीन आ जाता है, जिसमें सेक्स होता है। मगर क्लियर तो दिखाते नहीं।
टीना- ये दोनों कार में क्या कर रहे थे?
नेहा- भला मुझे क्या मालूम, क्या कर रहे थे?
टीना- अब इतनी भोली भी ना बन मेरी जान… ये दोनों सेक्स कर रहे थे।
रात के 9 बज गये। अंजली और अजय का शो भी छटने वाला था, और टीना को भी विजय का फोन आ चुका था की बेटा बहुत देर हो गई है, घर आ जाओ।
नेहा- आज यहीं सो जा ना… सुबह चली जाना।
और फिर टीना पापा से बोलती है- “पापा मैं नेहा के पास सो जाऊँगी…”
विजय- “ओके बेटा, अपना ध्यान रखना…”
फिर रात 10:00 बजे अजय और अंजली भी घर आ चुके थे, और समीर का क्रिकेट भी लास्ट ओवर तक आ
चुका था। सबकी नजरें इस वक्त टीवी पर अटक गई थीं। इंडिया को लास्ट ओवर में 12 रन चाहिए थे।