हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पम्मी है और मेरी उम्र 20 साल है, में पिछले 5 साल से अपने चाचा-चाची के साथ रहती हूँ. तब उनकी शादी हुई ही थी, मेरे चाचा का घर छोटा सा था जिसमें एक बेडरूम और एक हॉल था और आँगन में छोटा सा टॉयलेट था, किचन और बाथरूम अंदर ही थे. में हॉल में सोती थी, लेकिन मेहमान आने पर मुझे चाचा-चाची के रूम में शिफ्ट होना पड़ता था. तो दोस्तों अब में अपनी रियल लाईफ मे घटी कहानी आप सबको बताती हूँ.
तब में 18 साल की थी और मेहमान आने की वजह से मुझे उनके रूम में सोना पड़ा था. तो रात को अजीब आवाज सुनकर मेरी नींद खुल गई थी और नाईट लैंप की लाईट में मैंने देखा कि चाचा-चाची की नाइटी ऊपर करके उनकी चूचीयों से खेल रहे थे, जबकि चाची आःह्ह्ह सीई की आवाज़ कर रही थी और साथ में चाचा की लुंगी में अपना एक हाथ डाले हुई थी. अब वो बार-बार ये भी कह रही थी कि धीरे करो पम्मी जाग जाएगी, जबकि में तो पहले ही जाग चुकी थी और चुपकर उनको देख भी रही थी.
फिर बाद में चाचा उनकी दोनों टांगो की तरफ चले गये और उनकी चूत पर अपना मुँह रगड़ने लगे. तो इस पर चाची ने आह, उफफफफ्फ, ऊऊऊ करना शुरू कर दिया और चाचा का लंड उनकी लुंगी से बाहर निकालकर सहलाने लगी और उसे अपने मुँह में लेकर चाटने लगी थी. अब मुझे ये देखकर हैरानी भी हो रही थी और मज़ा भी आ रहा था.
फिर थोड़ी देर के बाद चाचा उनकी दोनों टांगो के बीच में बैठ गये और अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगे थे. अब तो चाची और ज़्यादा ज़ोर से चिल्लाने लगी थी ओ माँ आ में मर जाऊंगी, प्लीज मुझे जल्दी से चोदो, ऊफफफफफ्फ़ आग लगी हुई है, प्लीज जल्दी अपने लंड से इसे बुझाओ. अब चाचा का लंड पूरी तरह से खड़ा था और में ये सोच रही थी कि अब क्या होगा? क्योंकि चोदने का मतलब मुझे तब तक नहीं पता था.
फिर चाचा ने अपना लंड उनकी चूत पर रखकर एक धक्का मारा और अपना आधा लंड उनकी चूत में घुसा दिया. तो इस पर मेरी चाची चिल्लाई उईईईई माँ धीरे मारो, क्या आज फाड़ ही डालोंगे? बहनचोद कल नहीं चोदना क्या?
चाचा ने फिर से एक और धक्का मारा और अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया, तो चाची फिर से चिल्लाई उईईईई माँ में मररररर गई, इसने मेरी चूत का कबाड़ा कर दिया. अब चाचा का लंड अब मुझे नहीं दिख रहा था और में हैरान थी कि इतना बड़ा चाची की चूत में कैसे गया होगा? क्योंकि उनकी चूत को में अपनी जैसी ही टाईट समझ रही थी.
फिर चाचा-चाची के निपल्स चूसने लगे और धक्के मारने लगे. अब चाची भी बोल रही थी ओह्ह मेरे राजा, आआ और अंदर तक, आहह, मुझे चोद-चोदकर मेरा जूस निकालो, आआ, उफफ्फ और तेज धक्के मारो.
अब उधर चाचा ने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी थी और पच-पच की आवाजे शुरू हो चुकी थी और साथ में वो कह रहे थे कि साली ऐसे ही चिल्लाती है, आज में सचमुच तुम्हारी फाड़ दूँगा और फिर उन्होंने अपनी स्पीड और तेज कर दी. अब तो चाची भी अपनी गांड उछाल-उछालकर अपनी चूत का भोसड़ा बनवा रही थी.
अब सच में मेरी चूत में भी चींटियाँ रेंग रही थी, लेकिन में चुपचाप पड़े देखती रही और फिर करीब 15 मिनट के बाद चाचा ने अपना लंड बाहर निकालकर उनकी चूचीयों पर रख दिया और अपने हाथ से मुठ मारने लगे.
फिर तभी उनके लंड से सफेद गाड़ा जूस निकलने लगा, तो में समझी कि उन्होंने पेशाब कर दिया है. लेकिन चाची उसे अपने हाथों से अपनी दोनो चूचीयों पर मसल रही थी और अपने लिप्स पर भी मसल रही थी. फिर इसके बाद वो एक दूसरे से चिपककर सो गये. फिर उसके बाद तो में 3-4 बार उन्हें चोदते देखा.
फिर एक दिन चाची बाथरूम में फिसल गई और उन्हें कई जगह चोट लगी. उस दिन रविवार था और में और चाचा दोनों घर पर थे, तो फिर हमने उन्हें दर्द की गोली लाकर दी और वो सो गई. फिर कोई 2 घंटे के बाद वो उठी और उठकर बैठने लगी, लेकिन उन्हें दर्द हुआ. तो तब उन्होंने मुझे मालिश करने को कहा.
फिर में तेल गर्म करके उनके पास आ गई, अब वो सिर्फ़ गाउन में थी, जबकि मैंने शर्ट और स्कर्ट पहन रखी थी. फिर में धीरे-धीरे उनकी टांगो पर मालिश करने लगी, लेकिन शायद उन्हें मज़ा नहीं आया तो वो बोली कि जा अपने चाचा को बुलाकर ला, वो करेंगे और तू बैठकर सीखना. तो फिर में चाचा को हॉल से बुला लाई, अब वो लुंगी पहने पेपर पढ़ रहे थे.
फिर चाचा ने उनका गाउन थोड़ा ऊपर उठाया और मालिश करने लगे. अब में भी वहीं बैठ गई थी और सीखने लगी थी.
अब चाचा उनके घुटनों तक मालिश कर रहे थे. तो चाची ने कहा कि थोड़ा और ऊपर तक करो और अपना गाउन जांघो तक कर लिया. अब चाचा उनकी जांघो तक मालिश करने लगे थे, तो उन्होंने गाउन और ऊपर कर लिया. अब उनकी झांटे साफ-साफ़ दिख रही थी, क्योंकि वो घर में पेंटी नहीं पहनती थी और चाचा की उंगलियाँ उनकी झांटो को बार-बार टच कर रही थी. अब वो सी-सी करने लगी थी. फिर मैंने सोचा कि शायद दर्द के कारण कर रही है तो तभी मैंने देखा कि उन्होंने अपना एक हाथ चाचा की लुंगी में घुसा दिया था और कुछ सहलाने लगी थी.
फिर इस पर चाचा ने उनके और ऊपर तक मालिश करनी शुरू कर दी और बकायदा अपना एक हाथ उनकी चूत पर ही रहने दिया और वहाँ पर ज़ोर-ज़ोर से मालिश करने लगे, तो तभी चाची ने सिसकते हुए कहा कि सारे बदन में मालिश करो. फिर इस पर मैंने और चाचा ने उनका गाउन निकाल दिया. अब वो बिल्कुल नंगी थी और अब चाचा ने उनके बूब्स पर भी मालिश शुरू कर दी थी, लेकिन उन्होंने अपना एक हाथ चाची की चूत और गांड पर ही रखा था.
अब वो अपनी उंगली से चाची की चूत और गांड दोनों को मसल रहे थे और अपने एक हाथ से उनके निप्पल को मसल रहे थे. अब चाची कह रही थी कि आअहह, ऊओ, गॉड, आआहह, अब कुछ आराम आ रहा है.
तभी मैंने देखा कि चाचा की लुंगी हट गई थी और चाची उनके लंड को अपने हाथ में लेकर ज़ोर-ज़ोर से सहला और भींच रही थी. अब चाचा ने भी अपनी उंगली तेल में डुबोकर उनकी चूत में डाल दी थी. अब वो अपनी उंगली कभी चाची की चूत में डालते तो कभी उनकी गांड में डाल रहे थे. अब ये देखकर मेरी चूत गीली हो चुकी थी, लेकिन में हिली नहीं, शायद वो भी मुझे भूल चुके थे और अब चाचा अपनी उंगलियों और अंगूठे से उनकी चूत और गांड को चोद रहे थे.
अब चाचा भी उनके लंड को तेज़ी से हिला रहे थे और आआ, उूउउफफफफफफ्फ़ कर रहे थे. फिर मैंने देखा कि चाची की चूत से पानी निकलकर उनकी झांटो और गांड को गीला कर रहा था. फिर कोई 10 मिनट के बाद अचानक से चाचा उठे और अपना लंड उनकी चूचीयों पर रगड़ने लगे थे और फिर थोड़ी देर के बाद अपना जूस निकाल दिया. अब उधर चाची भी अपना जूस निकाल चुकी थी और फिर वो दोनों शांत होकर सो गये और में भी अपने काम पर लग गई.