शीला की लीला – 17 | Hindi Sex Story
वैशाली कविता के घर पहुँच गई थी… और संजय नुक्कड़ की टपरी पर खड़ा होकर सिगरेट फूँक रहा था शीला के घर से निकालने के बाद जैसे ही चेतना टपरी के करीब से गुजरी.. तब उसने संजय को देखा.. वो ओर तेजी से चलते हुए आगे निकल गई.. संजय भी उसके पीछे पीछे चलने लगा था.. सीटी बस-स्टेंड पर खड़े खड़े चेतना १२४ नंबर की बस के इंतज़ार में थी.. बस आते ही वो अंदर बैठ गई.. संजय भी बस में चढ़ गया और चेतना की बगल की सीट पर बैठ गया.. चेतना को बड़ा आश्चर्या हुआ.. संजय का कंधा उसके कंधे से छूते ही चेतना के भूखे शरीर में …