मेरे प्यारे दोस्त आज मैं आपको एक अपनी कहानी सुनने जा रहा हू जो की मेरी छोटी बहन की है. जो की काफ़ी हॉट है मैने सोचा क्यूँ ना अपनी कहानी नॉंवेग स्टोरी पे शेर करूँ क्यों की मैं desichudaistories.com का रेग्युलर पाठक हू और मुझे इससमे सभी कहानिया अच्छी लगती है लेकिन सबसे ज़्यादा अच्छी स्टोरी मुझे बेहन और भाई वाली लगती है क्योकि मैं भी अपनी बहनू को चोद चुका हू इइस लिए आज मैने भी सोचा की क्यो ना मैं भी अपनी दिल की बात आप सब रीडर दोस्तू को बताऊँ.
क्योकि ये आप भी जानते है की ये सब बतायने हमारे इंडियन समझ मैं ग़लत माना जाता है और मैं अपने आप को ग़लत मानता हू लेकिन मैं भी क्या करू आब मुझे अपनी बहनो से ही प्यार हो गया तो मैं क्या कर सकता हू. वो कहावत तो आपने सुनी होगी की “दिल लगी देवार से तो पारी क्या चीज़ है”यही दोस्तों मेरे साथ हुआ है शायद आप मारी फेल्लिंग को समझ पाए. ओक मैने आप लोगो को काफ़ी बोर कर दिया हौनगा अब मैं अपनी स्टोरी सुनाता हू. मी नामे इस रोहित. मैं अभी देल्ही मैं रह रहा हू.
मेरे घर मैं मेरे दादी आंड मदर ओर 2 छोटी बेहन है .मारी उमर अभी 23 साल है और मेरे से छोटी बाहें की उमर 19 साल और छोटी वाली बहन की उमर करीब 16 साल है. ये कहानी करीब 3 साल पहले स्टार्ट हुई थी. दोस्तोआन हम लोग सभी घर मैं साथ रहते हैं मारे दादी गवर्नमेंट एंप्लायी है और मदर टीचर है इस लिए वो दोनो रोज़ ड्यूटी चले जाते है मारी बड़ी सिस्टर का नाम नामिता है और वो अभी ब.आ पार्ट सेकेंड मैं है. और छोटी बहन 12त का एग्ज़ॅम देने वाली है उसका नाम सोमया है.मैं अभी एम् बी ए की तैयारी करता हू इस लिए घर पर ही रह कर तैयारी कर रहा हू. दोस्तो मैं आज आपको ये बतायने वाला हू की मैने अपनी बहनो को कैसे चोदा . अब मैं अपनी स्टोरी सुनता हू पसंद आए तो मुझे ज़रूर रिप्लाइ डीजयगा.
हम लोग साथ मैं ही एक ही घर मैं रहते है, ई मीन मेरा और सिस्टर्स का रूम एक ही हैं और मों और दाद का एक रूम है. जिस कारण से मैं बचपन से ही अपनी बहानो को देखते आ रहा हू. बचपन मैं जब मैं छोटा था तो कुछ ग़लत लड़को की संगति के कारण मैं सेक्स के बारे मैं जल्दी ही जान गया था, सेक्स के जानकारी होने के कारण और ग़लत बुक्स और ग़लत दोस्त के कारण मैं मूठ मारना (हंस्थमैथून) सुरू कर दिया . इसी बीच मेरी छोटी सिस्टर नामिता पर भी जवानी आ रही थी और मैं उसके तरफ अततरेक्ट होने लगा.
मैं जोश मैं कभी उससे गले से लगा कर उसके गोल गोल संतरे जैसे चुचि का मज़ा लेता तो कभी उसकी कमर पकड़ कर उसके गांड का मज़्ज़ा लेता था वो छोटी होने के कारण इस हरकत को भाई का प्यार समझती थी लेकिन मैं तो कुछ और ही मज़्ज़ा लेता था.
इसी बीच मैं कभी कभी जब वो सो जाती तो मैं धीरे से उसके फ्राकक (स्कर्ट) को उठा कर और उसकी वाइट जाँघो और उसकी चुचि को चूमता और उसके होंठो को चूमता और उसका हाथ को अपने लंड को पकड़ कर मूठ मारता था वो नीड मैं होने के कारण जाग नही पति थी और मैं धीरे धीरे मज़े लेता रहता था,मुझे आज भी याद है जब मैने पहली पर उसकी मस्त बूर को देखा था .
वो उस दिन गहरी नींद मैं थी और मैं धीरे धीरे उसके बगल मैं जाकर सो गया(हम लोगो का कमरा कॉंमान था ई मीन मेरा और सिस्टर का)और धीरे से उसकी फ्राक को उठा दिया मैने देखा उसकी मस्त जाँघ एक दम मुलायम थी और मैने धीरे धीरे फ्राक को और उपर किया और देखा की नामिता ने ब्लॅक कलर की पेंटी पहनी हुई है.
मैं तो उसकी बुर देखना चाहता था इस लिए धीरे धीरे उसकी पेंटी नीचे किया मैने देखा उसके बर पर एक दम हल्के हल्के भूरे भूरे बाल है. मैं तो उससे देखते ही मदहोश हो गया और उसकी बुर् को चूमने लगा फिर मैने धीरे धीरे उसकी बर मैं एक उंगली डाली और अंदर बाहर करने लगा उसकी बर बहुत टाइट थी। मैं एक हाथ से बूर मैं उंगली से छेड़ रहा था और एक हाथ से मूठ मार रहा था.
इसी तरह दोस्तों मैं मज़े लेता रहता था और जब मेरा मान करता तो जब वो सो जाती तो उसकी जवानी का मज़्ज़ा लेता रहता था लेकिन मैं उससे चोद नही पा रहा था क्योकि सोचता था की कही ये जाग गई तो फिर घर मैं मों और दाद से कह देगी इश्स लिए हाथ से ही कम चला रहा था .
फिर मैं हॉस्टिल मैं पढ़ने चला गया और मुझे अपनी बहन से प्यार सा हो गया था मुझे सब लड़कियाओं से ज़्यादा सेक्सी मेरी सिस्टर ही लगती थी क्योकि मैने उससे नंगे देखा था शायद इश्स लिए. फिर मैने जब भी हॉलिडेज़ मैं घर पर आता तो नामिता के सो जाने के बाद मैं मज़े लेता रहता मेरी सिस्टर धीरे धीरे जवान हो रही थी और मैं उसकी मस्त जवानी का दीवाना होते जेया रहा था.
मैं हमेशा जब भी हॉस्टिल से घर आता तो मैं उससे चोद्ने के लिए सोचता रहता था और हॉस्टिल मैं उसकी मस्त जवानी को सोच कर मूठ मरता रहता था. पता नही क्यो मैं नामिता के तरफ आकृषित हो रहा था जबकि सोमया भी जवान हो रही थी लेकिन मुझे उसमे कोई इंटेरेस्ट नही आ रहा था.
मेरी बेहन मेरा शायद पहला प्यार बन गई थी. अब मैं इंतज़ार कर रहा हू की मैं अपनी बहन के साथ और ज़्यादा हद तक जा सकु अगर मैं कामयाब हुआ तो मैं आपको ज़रूर बतौँगा.