शराबी चाची की एकांत में जमकर चूत चुदाई और दूध पिलाई

दोस्तों, मैं शादाब आप सभी का desichudaistories.com में स्वागत करता हूँ। मैं desichudaistories.com का नियमित पाठक हूँ और मैंने सोचा है की क्यूँ ना आपको अपनी सेक्सी स्टोरी सुनाऊं। मेरे घर में बगल में एक चाची रहती है। उनका नाम किंजल है। वो बहुत सुंदर और सेक्सी माल पर पर उनके अंदर एक ही कमी है की वो ड्रिंक करती है। उनकी इसी हरकत के कारण उनके पति ने उनको छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली। किंजल चाची के सभी बच्चो की शादी हो चुकी है और अब वो अपने घर में अकेले रहती है।

एक दिन उन्होंने मुझे किसी काम से बुलाया।

“आओ शादाब !! आओ तुम्हारे लिए एक जाम बनाती हूँ!!” किंजल चाची बोली। हम दोनों ने एक एक ड्रिंक किया। चाची ने गुलाबी रंग की मैक्सी पहन रखी थी। उसमें बड़े बड़े फुल बने हुए थे।

“क्या काम है चाची बोलो???’ मैंने जाम पीते हुए कहा

“बेटा शादाब !! अभी गैस वाले का फोन आया था वो बसअड्डा पर खड़ा है! बेटा जाओ मोटर साइकिल से ये खाली सिलेंडर ले जाओ और भरा ले आना! ये लो बेटा पैसे और किताब” किंजल चाची बोले

मैं कुछ देर तक तो उनकी सेक्सी मैक्सी ने उसके बड़े बड़े ३६ इंच के बूब्स ताड़ता रहा। फिर मैं गैस लाने चला गया। दोस्तों, बहुत दूप थी। जब मैं लौटकर भरा गैस सिलेंडर लेकर आया तो मेरे चेहरे कड़क धूप से बिलकुल लाल हो चूका था। मेरे चेहरे पर पसीना ही पसीना था।

“अरे बेटा शादाब !! आ गये तुम बेटा!! बहुत बड़ा काम कर दिया तुमने! आज बैठो ! तुम्हारे लिए एक जाम और बनाती हूँ। मेरी शराबी सेक्सी किंजल चाची बोली। मुझे भी शराब पीना और बहुत था और चाची को भी बहुत पसंद था। धीरे धीरे हम दोनों पूरी १ बोतल गटक गये। मुझे चढ़ गयी और मेरा दिल चाची को चोदने का करने लगा। मैंने देखा को चाची को भी चढ़ गयी थी। उसकी आँखें लाल हो गयी थी।

“ऐ किंजल चाची !! बड़े दिन से कोई चूत नही मारी !! प्लीस मेरे लिए कहीं से चूत का इंतजाम कर दो!!” मैंने नशे में लड़खड़ाती आवाज में कह दिया। एक सेकंड के लिए तो चाची भौचक्की रह गयी।

“बेटा!! अगर तुझे चोदना है तो मुझे ही चोद ले!! मैंने भी कबसे नही चुदवाया है!…इसलिए तू मुझे ही चोद ले! तेरा काम भी बन जाएगा और मेरा काम भी बन जाएगा”

फिर क्या था दोस्तों। मैंने चाची के पैर पर अपना हाथ रख दिया। धीरे धीरे मैंने उनके पास चला गया और उनको छूने लगा। चाची ३६ साल की थी पर देखने में अभी भी बस २२ २३ की लगती थी। शराब का नशा चढ़ने से मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था। १० मिनट बाद मैं पाया की मैं चाची को किस कर रहा हूँ। हम दोनों शराबियों के मुँह से शराब की बू आ रही थी, पर हमदोनो में ये बहुत अच्छी लग रही थी। धीरे धीरे मैंने चाची की मैक्सी पर से उनके बूब्स दबाने लगा। कुछ देर बाद तो मैं जोर जोर से उनके आम दबाने लगा। किंजल चाची ने बहुत लम्बी सी बिन्दी लगा रखी जिसने वो लम्बा चेहरा और जादा तीखा और सेक्सी लग रहा था। मैं मैक्सी पर से उनके बूब्स दबा रहा था।

किंजल चाची के बूब्स बहुत जादा जूसी और सेक्सी थे। मैंने उनको दबा रहा था और मुझे बहुत मजा मिल रहा था। कुछ देर बाद मेरा चाची को बिना कपड़ों में देखने के मन था।

“चाची ! जब आपको चुदवाना ही है तो ये पर्दा कैसा?? प्लीस अपनी मैक्सी निकालो प्लीस!!” मैंने दुलार करते हुए कहा। उन्होंने तुरंत अपने दोनों हाथ उपर किये और गुलाबी मैक्सी निकाल दी। अब वो मेरे सामने बिना कपड़ों में थी और पटाखा माल लग रही थी। मैं उनसे चिपक गया और उनके बड़े बड़े एक्स्ट्रा लार्ज दूध पर मैंने हाथ रख दिया।

Read New Story...  घर की मुर्गियाँ 3

“वाह चाची !! तुम माल तो बिलकुल सॉलिड हो???’ मैंने कहा

“हाँ ! बेटा ! उसके बाद भी तो कोई मुझसे प्यार करना वाला नही है। मेरे पास कौन है मैं और मेरी तनहाई” किंजल चाची बोली। वो बिलकुल लम्बी कंटीली बिंदी में इकदम सेक्सी चुदासी कुतिया लग रही थी।

“चाची !! आपका ये भतीजा है ना !! जब भी तुमको लंड खाने का दिल करे, मुझे काल कर दिया करना। मैं आकर तुमको खूब चोदूना और मजा दूंगा!” मैंने कहा। उसके बाद मैं उनके दूध को अपने हाथों से छूने लगा। उनकी चूत मारने में मेरा लंड तडप रहा था। आज कितने दिनों बाद किसी औरत को मैं चोदने वाला था। इसके अलावा जादा उम्र की अधेड़ औरतों को चोदने में कुछ ख़ास मजा मिलता है। किंजल चाची ने आसमानी रंग की ब्रा और पेंटी पहन रखी थी। उनकी छाती बहुत भारी भारी थी। कबूतर बहुत बड़े बड़े थे। उनका क्लीवेज बहुत हेवी था। मैंने चाची के ३६” के कबूतर पर हाथ रख दिया तो उनका बदन थरथरा गया। फिर मैंने चाची को अपनी तरह झुका लिया और हम दोनों एक दुसरे को किस करने लगा।

मैंने उसने मुँह पर अपना मुँह रख दिया। हम दोनों एक दुसरे के होठ मजे से पीने लगा। मेरा एक हाथ किंजल चाची के कंधे पर था, और दूसरा उनके बूब्स पर था। मैंने उनके विशाल आकार में चुच्चे दबाते दबाते चाची के होठ पीने लगा। उनकी सासें मेरी सासें बन गयी। चाची ने मेरे दोनों कंधे पर अपने हाथ रख दिए और मेरा होठ पीने लगी। कुछ देर बाद उनका हाथ मेरी जींस पर पहुच गया। मेरा लंड खड़ा हो चूका था और इतना सख्त हो चूका था जैसे अपनी मेरी जींस पैंट की फाड़ कर बाहर निकाल आएगा। बिलकुल लोहे जैसा सख्त हो गया था लंड मेरा। किंजल चाची मेरी पैंट के उपर से मेरे लंड पर अपना हाथ रगड़ने लगी। मुझे बहुत अच्छा लगा। हम दोनों बड़ी देर तक मुँह से मुँह और लब से लब सटाकर एक दूसरे का गर्मागर्म चुम्बन करने लगे।

मन तो कर रहा था की इस छिनाल की ब्रा पेंटी फाड़ के रख दूँ और इस कुतिया को जल्दी से चोद लूँ, पर मैंने अपने आपको कण्ट्रोल कर लिया। मैंने चाची के होठ जिभरके पिये। मेरा हाथ फिर चाची की चूत पर चला गया। पेंटी के उपर से मैं उनकी चूत छूने लगा और सहलाने लगा। फिर मैंने उनकी ब्रा खोल दी और निकाल दी। किंजल चाची के दोनों बड़े बड़े कबूतर अब आजाद थे। अब उनपर कोई बंदिश नही थी। मैंने चाची के नंगे मम्मो को हाथ में ले लिया और जोर जोर से दबाने लगा। चाची अई अई अई आऊ आऊ करने लगी। फिर मैंने उनको बिस्तर पर लिटा दिया और उनके दूध पीने लगा। हम दोनों की ऑंखें बंद हो गयी। क्यूंकि मुझे उनके दूध पीने में और उनको मुझे दूध पिलाने में मजा मिल रहा था। चाची के कबूतर अब आजाद थे और बहुत बड़े बड़े थे। मैं जोर जोर से दोनों हाथो से उनके बूब्स को दबा रहा था और पी रहा था। कुछ देर बाद मैंने शराबी चाची की पेंटी निकाल दी और अपने सारे कपड़े मैंने निकाल दिए।

अब मैं और वेट नही कर सकता था। मुझे इसी समय चाची की बुर लेनी थी। उन्होंने चुदवाने के लिए खुद ही अपने दोनों पैर खोल दिए। चाची भले ही ३६ साल की थी, पर देखने में २२ २३ से जादा की नही लगती थी। मैं झुककर उनकी बुर पीने लगा। चाची की झांटे बहुत बड़ी बड़ी थी। झांटो में जादा उम्र की अधेड़ औरतें और भी जादा सेक्सी लगती है उन्हें पेलने में और भी जादा मजा मिलता है। इसलिए मैं झुककर किंजल चाची की झाटों से भरी बुर पीने लगा। फिर उसने ऊँगली करने लगा। जैसे जैसे मैं चाची की चूत में ऊँगली करने लगा वो कांपने लगी और उनका जिस्म थरथराने लगा। फिर मैं जोर जोर से चाची का चूत का दाना घिसने ललगा और दुसरे हाथ से चूत में ऊँगली करने लगा। जितने जोर जोर से मैं चूत में ऊँगली करने लगा किंजल चाची उतनी ही मस्त होने लगी।

Read New Story...  रितिका ने 15 दिनों तक चुदवाया ऑफिस में

वो अपनी कमर उठाने लगी। उनको जैसे मधहोसी छा रही थी। वो अपने दूध को खुद अपने हाथो से जोर जोर से दबाने लगी और अपने मम्मे अपने मुँह की तरफ झुकाकर खुद जीभ से चाटने लगी। ऐसा करते हुए वो एक परफेक्ट चुदासी कुतिया लग रही थी। मैंने मुँह लगाकर उनकी चूत पीने लगा और मजे से उनका चूत का दाना घिसने लगा। साथ में मैं चाची की बुर में ऊँगली भी कर रहा था। दोस्तों, मैंने आधा घंटे तक अपनी प्यारी छिनाल शराबी चाची को ऐसे ही तडपाया और खूब मजा लिया। उसके बाद मैंने अपना १२” लंड चाची के भोसड़े में डाल दिया और उनको चोदने लगा। धीरे धीरे हम दोनों चाची भतीजे का अच्छा संतुलन बन गया और मस्त चुदाई होने लगी। किंजल ने अपनी दोनों टाँगे मेरी कमर में लपेट दी और दोनों हाथ मेरी पीठ में डाल दिए और मस्त आह आह आह अई अई!! करके चुदवाना लगी।

दोस्तों, मुझे मेरे लंड पर बड़ा मीठा मीठा लग रहा था। बहुत ही गजब का अहसास था वो। मेरा १२” का लंड पूरा का पूरा उनकी चूत में उतर गया था और गचागच उनको पेल रहा था।

“लगे रहे भतीजे !! लगे रहो!! आज फाड़ दो अपनी छिनाल चाची की बुर!! फाड़ दो बेटा!! आज जीभर चोद दो मुझे बेटा!! की मैं रोज तुमको बुला बुलाकर चुदवाऊँ!!” चाची बोली

मैंने उनको बहुत तेज रफ्तार में पेल रहा था। मैं बहुत जादा चुदासा था इस वक़्त। मैंने २ ४ तमाचा चाची के गोल मटोल दूध पर चट चट मार दिया जिससे उनको खूब मजा मिला। फिर मैंने चाची के मुँह पर ५ ६ तमाचे कस कसके मार दिए चट चट। इससे भी बहुत किक मुझे मिली दोसतों। चाची मार खा खाकर चुद रही थी। मैंने उनके गले में अपना सीधा हाथ डाल दिया और उल्टा हाथ चाची के कंधे पर रख दिया और घपाघप उनको किसी रंडी की रह पेलने लगा। दोस्तों, उनके गले में हाथ डाल देने से मुझे बहुत अच्छी पकड़ चाची के बदन पर मिल रही थी। मैं उनको गहराई ने पेल पा रहा था। इससे वो आगे फिसल नही पा रही थी और मजे से चुद रही थी। मैं उनको लगातार बिना रुके ठोक रहा था। चाची बार बार अपने दूध को पकड़ के खुद ही पी रही थी। उनकी हालत बता रही थी की उनको चुदवाने में खूब मजा मिल रहा था।

“आआआअ ब…ब..बेटा!! आज चोद दो अपनी चाची को हुसड़ के!!…..च…च..चोद दो इस छिनाल को बेटा!! …..और मेरी हवस में हमेशा हमेशा के लिए शांत कर दो!!” चाची बोली। मैं उनको ठोंकता रहा। किंजल चाची ये बात नही जानती थी की हवस कभी शांत नही होती है। कोई लंड की प्यासी औरत जितना जादा चुदवाती है उसे लंड खाने की भूख उतनी जादा लगती है। ये बात चाची को शायद पता ही नही थी। मैंने जितना जादा उनको पेल रहा था उनकी चुदवाने की इक्षा उतनी जादा प्रबल हो रही थी। किंजल चाची की बुर तो बिलकुल मकखन मलाई जैसी थी। मेरे मोटे १२” के लंड खाने से उनकी चूत के बड़े बड़े होठ किनारे को खिसक गये थे। आह क्या मलाई जैसी चूत थी यारों। कुछ देर तक चाची को पेलने के बाद मैं उनकी चूत में आउट हो गया। फिर ५ मिनट में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

Read New Story...  बॉयफ्रेंड के सामने उसके दोस्त से चुद गई

मैंने बेड पर लेट गया और मैंने उनको अपने लंड पर बिठा लिया। चाची के नाख़ून खूब बड़े बड़े थे। उनपर लाल रंग की चटक नेल पालिश लगी हुई थी। चाची को जब मैं अपने लंड पर बैठाकर चोदने लगा तो उनके तेज बिल्ली जैसे नाख़ून मेरी कमर और हाथ पर किसी कांटे की तरह चुभ गये। पर मुझे ये बहुत सेक्सी लगा दोस्तों। वो चुदाई की क्या जिसमे औरत के नाख़ून मर्द को ना चुभे और खून ना निकले। धीरे धीरे किंजल चाची ने मेरे सीने पर अपने दोनों हाथ रख दिए और किसी अल्टर माल की तरह उचक उचक कर खुद ही मजे से चुदवाने लगी। मेरे सीने में फिरसे उनके तेज नाख़ून गड गये। पर चाची को चोदने में मुझे जन्नत का मजा मिल रहा था। दोस्तों, मैं जितना समझ रहा था किंजल चाची उससे जादा समझदार और चुदक्कड़ निकली। उनकी कमर तो नागिन की तरह मेरे लंड पर अपने आप नाचने लगी।

“चाची !! आपने इस तरह कमर मटका मटकाकर चुदवाना कहाँ सिखा???’ मैंने पूछा

“बेटा शादाब !! जब मेरे पति मुझे छोड़कर चले गये थे तो पास वाले ठेके पर मैं रोज रात को शराब लेने जाती थी। वहां के मर्द ही मुझे इस तरह लंड पर बैठा कर भांजते थे। बेटा वही सिखा था मैंने इस तरह कमर चला चलाकर चुदवाना!!” मैंने कहा

दोस्तों, चाची की कमर अपने आप मेरे लंड पर आगे पीछे होकर नाच रही थी। ओह्ह्ह्ह देखने में ही कितना मजा मिल रहा था। ऐसा लग रहा था चाची किसी घोड़े पर सवार है और घोडा कबड कबड तेज रफ़्तार से दौड़े जा रहा है। फिर मैं भी अपनी तरफ से धक्के देने लगा और चाची को चोदने लगा। चाची अब बहुत हल्की लग रही थी मेरे लंड पर बहुत आराम ने उपर नीचे हो रही थी। चुदते चुदते उनकी चूत से माल निकल आया जो मेरे लंड पर अच्छे से चुपड़ गया। इससे मेरा लंड और जादा चिकना हो गया और किंजल चाची मजे से चुदने लगी।

मैंने उनकी कमर पकड़ ली और उनके गोल मटोल पुट्ठों को अपने हाथों में भर लिया।

“ओह्ह गॉड!!….शादाब !! फक मी हार्ड!!” चाची बोली

मैंने उनके लम्बे खुले रेशमी बाल पकड़ लिए और अपने सीधे हाथ में गोल गोल लपेट लिए और लंड की प्यासी अपनी शराबी चाची को घपा घप मैं पेलने लगा। उनके बाल पकड़ने से मेरी चाची के चुदासे जिस्म पर गहरी पकड़ मिलने लगी। वो किसी ऊंट की तरह मेरे लंड पर उछलने लगी और मैं मजे से उनको चोदने लगा। मैं जिस तरह से उनके बाल कसके पकड़ रखे थे, उनका सर दाई तरह झुका जा रहा था और मैं नीचे से उनकी चूत में एक के बाद एक हमला किये जा रहा था। चाची को सर में दर्द भी हो रहा था पर फिर भी वो उछल उछलकर चुदवा रही थी। जैसे मिर्ची तीखी होती है, पर फिर भी उसके दीवाने सू सू करके उसे खाते रहते है। ठीक उसी तरह चाची आह आह करके अपने बाल खिंचवाकर चुदवा रही थी। दोस्तों, कुछ देर बाद किंजल चाची और मै दोनों लोग एक साथ झड़ गये। मैंने चाची को अपने सीने से लगा लिया और २ घंटे तक हम दोनों एक दुसरे के उपर नग्न अवस्था में लेटे रहे और चुम्बन करते रहे। ये कहानी आपको कैसी लगी, अपनी कमेंट्स desichudaistories.com पर देना ना भूले।

error: Content is protected !!