चूतो का समुंदर – 13
मैने अपने मन मे कुछ सोचकर डिसाइड किया कि आज आंटी की शरम को पूरी तरह भगा देना है…बट मेरे पास टाइम कम था…हमे शादी मे भी पहुचना था मुझे सोच मे डूबे हुए देख कर आंटी बोली आंटी-क्या सोच रहे हो मैं-अर्रे..कुछ नही…बस ये सोच रहा था कि इतनी जल्दी पहुच कर क्या करेगे आंटी-अरे मेरी कई फ्रेंड्स आयगी वहाँ …तो सबसे मिल लुगी ना मैं-आंटी 1 बात बोलू आंटी-हाँ बोलो मैं-आंटी आपकी फ्रेंड्स भी आपकी तरह है… आंटी-मतलब मैं-मेरा मतलब था कि क्या वो भी आपकी तरह पसंद रखती है आंटी(आँखे उपर कर के)-मेरी तरह पसंद…मतलब…क्या चल रहा है माइंड मे मैं-(हँसते हुए)-अर्रे कुछ नही आंटी मैं तो …