दामाद ने बेटी से पहले सास को गर्भवती किया

मेरा नाम मीरा है, मैं अभी दिल्ली में रहती हु, इससे पहले मैं धनबाद में रहती थी, मैं आज आपको अपनी खुद की चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हु, पहले मैं अपने बारे में आपको बता देती हु, मैं 38 साल की हु, और मेरी एक बेटी है सनम, सनम अभी 19 साल की है, मैंने उसकी शादी कर दी है आज से छह महीने पहले, शादी करने का कारन ये था की मेरे पति नहीं है, उनका देहांत हो गया है रोड एक्सीडेंट में, आज से ६ साल पहले, तो मैंने सोचा की आज कल का युग ख़राब है जवान बेटी घर में है, कोई गार्जियन भी नहीं है, तो अपने बेटी का रिश्ता किसी जानकार के द्वारा कर दी, लड़का इंजीनियर है, दिल्ली में रहता था, बात बन गई. क्यों की लड़का अकेला भाई है, मुझे लगा की इससे बढ़िया रिश्ता कोई और नहीं हो सकता. पहले आपको भी बता देती हूँ ये मेरी पहली कहानी है desichudaistories.com पर।

शादी हो गई मेरी बेटी दिल्ली चली गई. करीब दो महीने बाद मेरी बेटी और दामाद का फ़ोन आया की माँ जी आप अकेले क्या करोगी धनबाद में, आप मेरे यहाँ ही आ जाओ. मुझे अच्छा लगा क्यों की मेरा दामाद बेटे की तरह व्यबहार किया, और मुझे बुलाया, मैं चली गई. अपने बेटी और दामाद को देखकर मैं काफी खुश थी, क्यों की उन दोनों को किसी भी तरह से कोई दिक्कत नहीं था।

और एक माँ को चाहिए ही क्या? तो दोस्तों मैं भी अपना सारे दुःख भूल गई. और ख़ुशी ख़ुशी रहने लगी. मेरा दामाद एक दिन बोला माँ जी आप विधवा के तरह मत रहो. आप अपने लाइफ का एन्जॉय करो. जो होना था सो हो गया, ये ज़िन्दगी दुबारा नहीं आता है. तो आपको अपने ज़िन्दगी को खूब अछि तरह से एन्जॉय करनी चाहिए. तो मैंने कहा मैं कर तो रही हु,

तो मेरा दामाद बोला की पहले तो अपने ये रूप रंग उसको ठीक करो. एक काम करना आज शाम को तैयार रहना, आज मैं ऑफिस से ३ बजे ही आ जाऊंगा उसके बाद मैं आपको स्पा ले जाऊंगा, वो ३ बजे आ गया और हम तीनो स्पा चले गए, वह मेरा मेक ओवर किया गया, फिर माल से मेरे लिए अच्छे अच्छे वेस्टर्न ड्रेस लिया, कैपरी और टी शर्ट. मैं भी खुश थी, वो दोनों मेरे चेहरे को देखकर कह रहे थे की मम्मी जी आप 25 साल की लग रही हो, ये बात सच है, की मैं बहूत जवान दिखने लगी थी. क्यों की मैंने अपने बॉडी पे हमेशा ध्यान दिया था, ऊपर से नहीं अंदर से. यानी की मेरा शरीर एक परफेक्ट शेप में है. मेरी ब्रा की साइज 34D है, मेरी कमर पतली पर मेरा जांघ मोटी मोटी है. मेरी चूचियां टाइट और होठ मेरे लाल लाल है. मैं बहूत ही ज्यादा गोरी हु,

Read New Story...  घर की मुर्गियाँ 6

फिर मैं भी उनलोगों में ही रस बस गई और खुश रहने लगी. मैं अपने बेटी की बड़ी बहन की तरह दिखती थी ऐसा सारे लोग कहते थे. बस रात में ही तन्हाई होती थी. क्यों की मुझे अपने दूसरे कमरे से आह आह आह आह उफ़ उफ़ की आवाज आती थी. मेरी बेटी और दामाद की, और पलंग की आवाज आती थी. मेरी बेटी कहती थी धीरे धीरे, पर मेरा दामाद कहता था, रूक मादरचोद, अभी तो स्टार्ट ही हुआ है. और जब मेरी बेटी पुरे जोश में होती तब वो कहती. चोद ना साले, क्या हुआ, चूचियां किसके लिए है. तेरा बाप आकर दबाएगा क्या? और यही अब वो दोनों गन्दी गन्दी बात करता और मैं दूसरे कमरे में, नंगा होक अपने चूत को सहलाती और अपने चूचियों को मसलती. ऐसा ही चलता रहा. मैं वासना के आग में जलने लगी. अब तो मैं रोज रोज उसके कमरे के पास चली जाती जब वो दोनों चुदाई करते, और मैंने वह खड़े खड़े ही अपने चूत में ऊँगली करते रहती.

मेरी बेटी को सरकारी जॉब का जोइनिंग लेटर आया तो हमलोग खुश हो गए. मुझे भी लगा की सारी खुशियां मिल गई. पर एक दिक्कत थी. की मेरी बेटी बोली की मुझे २० दिन के लिए ट्रेनिंग में जाना है वो भी मुम्बई हेड क्वार्टर, हम दोनों को यही चिंता थी की अकेली लड़की कैसे रहेगी. पर वो कहने लगी आप लोग चिंता नहीं करो. सिर्फ बिस दिन की ही तो बात है फिर पोस्टिंग तो दिल्ली ही है, और मेरे साथ दो और लकड़ी है जो जा रही है. हम तीनो साथ रहेंगे. तो मुझे और दामाद जी को जान में जान आया, और थोड़े दिन बाद ही वो मुम्बई चली गई बिस दिन के लिए.

दोस्तों मैं दिन भर बोर होती, शाम को दामाद जी आते. फिर वो मुझे बाहर घुमाने ले जाते. और मैक्सिमम टाइम हम दोनों बाहर खाना कहते और सप्ताह में दो दिन तो मूवी देखते, सच बताऊँ दोस्तों मुझे लगा ही नहीं को वो मेरे दामाद है. हम दोनों साथ साथ रहते और दोस्त की तरह बात करते. पर रात को हम दोनों अलग अलग रहते, तीसरे दिन ही दामाद जी बोले. मम्मी जी. जब हमलोग ऐसे दोस्त की तरह रहते है तो ये रात में अलग अलग क्यों रहते है. मैंने कहा कुछ तो मर्यादा होता है. तो दामाद जी कहने लगी. मैंने पहले ही आपको बोला था ना की ज़िन्दगी को एन्जॉय करो.

Read New Story...  पड़ोसन विधवा मेरे बापू से चूत चुदवाने आई

मुझे लगा की मेरा दामाद नाराज ना हो इस लिए मैंने कहा ठीक है, और वो मेरे रूम में ही आ गया, सोने के लिए, उस दिन मैं पिंक कलर की नाईटी पहनी थी. आप ये कहानी desichudaistories.com पे पढ़ रहे है. अंदर मैंने ब्रा नहीं पहनी थी. मेरी चूचियां बाहर से पता चल रहा था की कैसी है. निप्पल तक बाहर से दिखाई दे रहा था. वो सब देखकर मेरे दामाद को रहा नहीं गया और बोल उठा, माँ जी एक बात बताऊँ आप सनम से ज्यादा हॉट और खूबसूरत हो.

मैंने कहा चुप हो जाओ. मजाक मत करो, उसने फिर कहा, मैं मजाक नहीं कर रहा हु, आप वाकई में बहूत ही ज्यादा हॉट हो. मैंने कहा तो फिर क्या इरादा है. उसने करीब आके बोला आज आप मेरे लिए सनम बन जाओ. मैंने कहा नहीं नहीं ये सब नहीं करुँगी. उसने जोर देने लगा. और कहा मैं की नाराज हो जाऊंगा. मैंने सोचा की एक ही तो है चाहे दामाद कहूँ या बेटा, अगर ये नाराज हो गया तो मैं कही की नहीं रहूंगी. तो मैंने कहा ठीक है. पर आज के लिए है बस.

उसने कहा ठीक है. और हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए. मुझे थोड़ा ठीक भी नहीं लग रहा था क्यों की मैं अपने रिस्ते को क्या करने जा रहे थी. मैं अपने बेटी की ज़िन्दगी में एंट्री लेने जा रही थी. तभी दामाद जी का हाथ मेरे चूचियों को मसलने लगा और होठ मेरे होठ पे लग चुके थे. थोड़े देर तक तो शांत रही, फिर पता नहीं ६ साल की तन्हाई का उबाल आया और मैंने उसी के ऊपर चढ़ गई. और और मैं ऐसे चूमने लगी. की मानो मैं कई सदियों से प्यासी हु, और फिर हम दोनों एक दूसरे के कपडे उतार दिए. जब मैं पूरी नंगी हो गई. तो दामाद जी. मुझे ऊपर से निचे तक देखा और बोला वाओ, क्या चीज है. आज तक मैंने कभी ऐसी चिज नहीं देखि. सनम तो आपके सामने कही नहीं है. और वो टूट पड़ा मेरे ऊपर.

Read New Story...  आंटी की प्यास बुझाई - Desi Sex Kahani

दोस्तों उसने पहले मेरे चूत को खूब चाटा, मैंने भी उसके लंड को खूब चूसी, मैंने उसको अपने गोद में सुला की अपनी चूचियां खूब पिलाई. मैंने उसके muh में अपनी चूत खूब रगड़ी. उसने मेरे गांड को भी अपने जीभ से खूब चाटा, ये सब करीब चालीस मिनट तक चलता था. उसका लंड पत्थर के तरह हो गया था.

उसने मेरे चूत पर अपना लंड का सूपड़ा रखा, और घुसेड़ दिया. दोस्तों मैं छह साल बाद लंड को अपने चूत में ले रही थी तो मेरे पुरे शरीर में वैसी ही गर्मी और सिहरन आने लगी थी जब सुहागरात को आई थी. फिर क्या था. उसने चोदना सुरु किया और मैंने भी उसके लंड को अपने चूत में लेके खूब मजे करने लगी. मेरे चूत से व्हाइट क्रीम निकलने लगा, मेरे दामाद हरेक पांच मिनट बाद वो मेरे चूत के क्रीम को चाट जाता, इस तरह से मुझे उसने करीब दो घंटे तक चोद चोद कर मेरे चूत का फालूदा बना दिया. मैंने भी उसके मोटे और लंबे लंड का खूब मजे ली.

दोस्तों फिर हम दोनों दूसरे दिन, शिमला चले गए, तीन दिन का हनीमून का पैकेज लेके, वह जाकर तो दोस्तों वो तीनो दिन तक कभी भी मैं पेंटी नहीं पहनी थी. वो चोदता और मैं खूब चुदवाती. ये सिलसिला चलता रहा, जब बेटी वापस भी आ गई थी तब भी हम दोनों का जिस्मानी रिश्ता कायम रहा, पर मेरे पैर से जमीं तब खिसक गई जब मैंने चेक किया किट लाकर, की मैं प्रेग्नेंट हु, दोस्तों आज मेरे पेट में चार महीने का मेरे दामाद का बच्चा है. अब मुझे समझ नहीं आ रहा है. की क्या करें. क्या कहेगा समाज. क्या कहेगी मेरी बेटी. पर मैंने सोच लिया की जो हो. भले मैं अपने दामाद की दूसरी बीवी बनु पर मैं अपने इस बच्चे को जन्म दूंगी. माँ बेटी के रिश्ते ज्यादा से ज्यादा सौतन में तब्दील हो जायेगा. मुझे मजूर है.

error: Content is protected !!