चूतो का समुंदर – 12

मैं-अभी नही…अभी तो आपका सफ़र शुरू होना है…..अभी सिर्फ़ मैं ऑर आप है….मज़े ही मज़े होगे

आंटी-मैं तैयार हूँ…जहा मन करे वहाँ हुकुम कर देना

मैं-ठीक है…अब जाओ ऑर रेडी हो जाओ

आंटी-कपड़े तो फाड़ दिए

मैं (1 बॉक्स की तरफ इसरा करके)- आप ये कपड़े पहनोगी

आंटी उठी ऑर बॉक्स मे से ड्रेस निकाल कर बोली…आंटी(चौुक्ते हुए)-ये ड्रेस….इतनी छोटी

मैं-हाँ यही पहनोगी…ऑर नीचे देखो..ऑर भी है

मैने आंटी के लिए 1 वेस्टर्न वेड्डिंग ड्रेस भी मग़वाई थी

आंटी-वाउ ये तो सच मे बहुत सुंदर है..

मैं-नही…आप पहानोगी तब सुंदर लगेगी

आंटी(मुस्कुरा कर)-थॅंक्स…पर ये तो महगी होगी

मैं-अब आप मेरी गर्लफ्रेंड हो…ऑर मेरी गर्लफ्रेंड सस्ती ड्रेस मे नही रह सकती

आंटी-लेकिन जो हमने खरीदी थी उनमे से नही है ये…कहाँ से आई

मैने कुछ ड्रेस सेल्स गर्ल से बोल कर घर भिजवा दी थी….

मैं- आपको इससे क्या…यही पहनो…ऑर वो भी… सब शादी मे पहन ना…ताकि वहाँ लोग आपको ही देखे

आंटी-लेकिन इनमे कुछ बहुत छोटी है…उसमे तो सब दिखेगा

मैं-यही तो मैं चाहता हूँ,,,,कि लोग आपको देखा कर गरम हो जाये…ऑर मेरे साथ आपको देख कर जल जाए

आंटी-मुझे शरम आती है

मैं(तेज आवाज़ मे)-आज से तुम मेरी पर्सनल रांड़ हो…मैं जैसे कहूँगा…वैसा ही करना पड़ेगा….जो पहनाउन्गा…वही पहनोगी…समझी

आंटी(गुस्से ऑर डर से)-मेरे घर पर क्या बोलुगी..बाहर निकलवा दोगे मुझे

मैं- नही इस सहर मे आप वैसी ही रहोगी जैसे आप चाहो….जब आप मेरे साथ होगी…अकेले मे या इस सहर से बाहर तो…मेरी रंडी रहोगी…समझी

आंटी(मुस्कुराते हुए)-इस सहर के बाहर तो मैं नंगी भी हो जाउन्गी…जब भी कहो

मैं-आंटी की गंद को हाथ मारकर-अब पहन लो….

आंटी-अहह….

मैं-रेडी हो जाओ…शादी मे पहुचने से पहले…तुम्हारी गांद भी खोलनी है

आंटी(खुश होते हुए)-सच….मैं तो पूरे रास्ते चुदने को तैयार हूँ….कहो तो शादी मे जाते ही नही….यही रहते है 2 दिन….दम से चोदो मुझे…

मैं-अरे नही..यहाँ तो मैं…अब कभी भी चोद लुगा….शादी मे चलो फिर दिखाता हूँ कि मैं तुम्हें कहाँ-कहाँ ऑर किस तरह से चोदता हूँ..ऑर फिर आपकी फरन्ड को भी आपका न्यू लुक दिखाना है ना

आंटी-ठीक है…बस मेरे परिवार की इज़्ज़त पर आँच ना आए….बाकी जो करना हो वो करना..मैं ना नही कहुगी

मैने आंटी को किस किया ऑर बोला

मैं-डॉन’ट वरी…अब रेडी हो जाओ…वैसे भी 2 घंटे हो गये है ऑर 4 घंटे का सफ़र है…ऑर रास्ते मे भी टाइम लगेगा

आंटी मुस्करा कर चेंज करने चली गई …

जब तक मैने 1 कॉल किया ओर कुछ सामान मंगवा लिया…. जो मुझे आगे काम आयगा मेरे प्लान मे…

और मैं भी रेडी होने के लिए आंटी के साथ बाथरूम मे घुस गया…..

मैं जैसे ही बाथरूम मे एंटर हुआ …आंटी ने मुझे देखते ही बोला

आंटी-क्या हुआ…मन नही भरा क्या…

मैं-आप जैसी माल साथ हो तो किसका मन भर जायगा

आंटी मेरे पास आई और मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर बोली

आंटी-आज से मैं इसकी गुलाम हो गई….जितना चाहे उतना मन भर लो
मैने भी आंटी का एक बूब हाथ मे लेकर कहा

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मैं-क्यो नही मेरी रानी…..लेकिन अभी आप रेडी हो जाओ….मस्ती तो स्टार्ट हुई है अभी

आंटी-मैं तो रेडी होने ही आई थी….तुम ही लेट कर रहे हो

मैं-अरे मुझे भी रेडी होना है….चलो दोनो साथ नहाते है…टाइम ऑर पानी दोनो बचाते है…ओके

आंटी ने मुस्कुरा कर शावर चालू कर दिया ऑर हम पानी बचाओ अभियान मे हिस्सेदार हो गये…हाहहहहा

नहाते हुए हम हल्की-फुल्की मस्ती करते रहे ओर बाहर निकल आए

जैसे ही हम बाहर आए तो सामने रश्मि खड़ी हुई थी कॉफी लेकर

आंटी ने रश्मि को देखा तो उनकी गंद फट गई ओर वो पत्थर की मूरत बन के खड़ी हो गई…

मैने आंटी की हालत देखी….ऑर बोला

मैं-अरे आप टेन्षन मत लो…..कुछ नही हुआ

आंटी(लड़खड़ाती आवाज़ मे)-ये…ये…क्या बोल रहे हहूओ…ये..ये…अंदर कैसे आई

मैने आंटी का डर भगाने का सोचा ओर रश्मि के पास जाकर उसके बूब्स दवाने लगा ऑर बोला

मैं-आंटी, ये भी मेरे लंड की गुलाम है…डॉन’ट वरी…

आंटी(थोड़ा नॉर्मल होते हुए)-क्या..?

मैं-अरे आंटी, जैसे मैने आप को अभी-अभी चोदा है…इसे कई बार चोद चुका हूँ वैसे ही…..ऑर आगे तुम दोनो को चोदुन्गा

आंटी(पूरी तरह नॉर्मल हो गई)-ओह्ह..तो ये बात है…मतलब ये सब जानती है

मैं(रश्मि की तरफ देख कर हंस दिया)-अरे आंटी ये सब सिर्फ़ जानती ही नही…बल्कि जब आप मेरे लंड का मज़ा ले रही थी…ये गेट से लाइव शो देख रही थी…हहहहा

मैं ऑर रश्मि साथ मे हँसने लगे…ओर आंटी शॉक्ड हो गई

आंटी-क्या..???…इसे पता था कि हम यहाँ क्या करने वाले है

मैं- अरे आंटी…..मैं ऐसे माल के साथ रूम मे अकेला क्या करता हूँ..ये अच्छी तरह जानती है

आंटी-ओह..तो मतलब ये प्लान फिक्स था

मैं-सच बोलू…कुछ फिक्स नही था…बस मैने इसे लेट आने को बोला था…ऑर अंदर आपके साथ मूड बन गया…ऑर जब ये आई तो आप अपनी गंद उछाल कर मेरा लंड अंदर ले रही थी…बस इसने भी लाइव शो एंजाय किया

मैं ऑर रश्मि फिर से हँसने लगे

रश्मि-अरे मेडम आप टेन्षन मत लो…..जब चाहे चुदवाना…सर का लंड ही ऐसा है कि कोई भी चूत गुलाम बन जाय इसकी….

आंटी-ठीक है, जब पता चल ही गया तो शरम कैसी …पर प्लज़्ज़्ज़…किसी को पता ना चले

रश्मि-आप टेन्षन मत लो…हम यहाँ जितनी भी मस्ती कर सकते है…..किसी को पता नही चलेगा…आप कॉफी पियो ऑर रिलॅक्स हो जाओ

तभी मेन डोर की बेल बजी…

रश्मि-मैं देखती हूँ…डॉन’ट वरी
इसके बाद रश्मि कॉफी देकर बाहर निकल गई ऑर मैने कपड़े पहन लिए…आंटी ने ब्रा-पैंटी दिखाते हुए बोला कि

आंटी-कौन सी पहनूं

मैं(इशारे से)-ये वाली..ऑर हां ड्रेस ये पहनॉगी

आंटी-ओके बट छोटी है

मैने आंटी को बता दिया कि मैने ऐसी ही कुछ ऑर ड्रेस मग़वा ली है…ऑर वो इससे भी छोटी है…मैं आपको ऐसे ही घुमाना चाहता हूँ….इतने मे रश्मि एक बॉक्स लेकर आ गई…

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रश्मि-सर ये आपके लिए

मैं-उसे वहाँ रख दो ऑर तुम जाओ

रश्मि(बॉक्स रखते हुए)-ओके

रश्मि के जाने के बाद आंटी ने मेरी सेलेक्ट की हुई ड्रेस पहन ली…..

सच मे ड्रेस मे आंटी सेक्सी लग रही थी…शायद साड़ी के अलावा आज उन्होने कुछ न्यू ड्रेस पहना होगा……

आंटी के बूब्स ड्रेस मे समा ही नही रहे थे…वो आधे से ज़्यादा ड्रेस के बाहर थे…..मैने ड्रेस ही ऐसी दिलाई थी

नीचे भी ड्रेस आंटी के घुटनो के उपर तक थी….गंद बस छुपी हुई थी ऑर आंटी के सेक्सी लेग नंगे थे….

आंटी की गंद सॉफ-सॉफ उभरी हुई दिखाई दे रही थी ..….

आंटी ने अपने आप को देखा ऑर बोली

आंटी-बेटा ये तो….छोटी है

मैं-आंटी इसी लिए तो पहनाई है

आंटी-मेरी पूरी बॉडी दिख रही है बेटा

मैं-आंटी…मैं आपको ऐसे ही घुमाना चाहता हूँ…ताकि पूरे टाइम आपकी बॉडी के मज़ा ले सकूँ

आंटी-बट किसी के सामने जाउन्गी तो अच्छा नही होगा.

मैं-क्यो नही होगा…मैं चाहता हूँ कि सब आपको देखें…ऑर मुझसे जले

आंटी-पर बेटा सब क्या सोचेगे कि मैं रंडी हूँ ..???

मैं-हां ऐसा ही सोचेगे…मैं यही चाहता हूँ कि सब ये ही सोचे कि तुम मेरी रंडी हो…समझी

आंटी मेरी बात सुनकर शॉक्ड हो गई

आंटी-क्या बोल रहे हो बेटा

मैं-आंटी….आज से आप मेरी रंडी हो ऑर मैं जैसे चाहूं , जब चाहूं,,,कुछ भी करवाउन्गा तुमसे …याद रखना

आंटी-ठीक है…बस मेरे घर मे पता नही चलना चाहिए….बाकी जो कहो मैं तैयार हूँ

मैने आंटी की गंद पर चपत लगा कर बोला

मैं-मेरी रंडी टेन्षन मत ले…बस मज़े के लिए तैयार हो जा…आज से आपकी न्यू लाइफ स्टार्ट…ऑर हाँ उस बॉक्स मे इससे भी छोटी ड्रेस है ये आपको शादी के घर पहनाउन्गा…देखते जाओ आंटी मैं आपको सेक्स बॉम्ब बना दूँगा…

आंटी-बेटा इतना खर्चा क्यो…काफ़ी ड्रेस थी ना

मैं- आंटी आपकी फरन्डस देखेगी तो जलेगी कि आप भी खर्च करने मे कम नही ऑर सबके मुँह बंद हो जायगे..


ओर ये कह कर मैं नीचे आ गया…ऑर आंटी मेक-अप करके आयगी…ऐसा बोल कर मेक-अप करने लगी

मैने जैसे ही नीचे आया तो रश्मि से बोला

मैं-काम हो गया

रश्मि-हाँ सर…जैसा आप ने कहा था वैसा हो गया

मैं-ओके…1 काम करो उसे संभाल के रखना…मैं कुछ दिन बाद जब घर आउन्गा तब देना मुझे ओके

रश्मि-जी सर

मैने रश्मि को एक काम बोला था….जो मेरे लिए आगे काम आयगा…प्लान क्या था ऑर मैने क्या संभाल के रखने को बोला…ये राज कहानी मे आगे खुलेगा…सही टाइम पर

मैं और रश्मि बात ही कर रहे थे कि आंटी नीचे आती हुई दिखाई दी…क्या माल लग रही थी आंटी….…

उनको इस ड्रेस मे देख कर किसी का लंड भी खड़ा हो जाय…

उपर से उनके बड़े-2 बूब्स , जो आधे बाहर थे ऑर मस्त उभरी हुई गंद ….बुड्ढे का लंड भी खड़ा कर दे…

मैं आंटी को देख ही रहा था कि रश्मि धीरे से बोली

रश्मि-सर आइटम तो मस्त चूज़ की आपने ऑर ड्रेस भी…अब क्या करने वाले हो आप

मैं-देखती जाओ….इस साली को सच मे सेक्स बॉम्ब ना बनाया तो मेरा नाम नही….

मैं-(मन मे)-मुझसे पंगा लेने का सोचा साली ने…अब देखना कैसी हालत करता हूँ इसकी…ऑर इसके साथियो की

( कहानी मे जो भी बात अभी आपके सामने नही आई…वो आपको कहानी के साथ पता चलती जाएगी…ये आंटी के पंगे वाली बात भी जल्दी ही सामने आयगी…….
आप लोग पॅशन्स रखे प्लज़्ज़्ज़ )


इतने मे आंटी हमारे पास आ गई ऑर बोली

आंटी-बेटा सच मे ऐसे ही चलूं

मैं-अब क्या लिख कर दूं मेरी रांड़

आंटी-ओके, बेटा अब मेरी इज़्ज़त तेरे हाथ मे जो..करना है करो बस…किसी को पता ना चले

मैं-डॉन’ट वरी …आपके घर मे आपकी इज़्ज़त वैसी ही रहेगी…बस बाहर वैसी होगी जैसी मैं चाहूगा

आंटी-मतलब..???

मैं(बात संभालते हुए)-अरे मतलब मेरी पर्सनल रांड़…ऑर अब चलो …आपकी फ्रेंड की भी जलानी है ना

आंटी-हाँ…उसे जलाने के लिए तो कुछ भी कर सकती हूँ

मैं-ओके…रश्मि हम जा रहे है….टेककेइर

इसके बाद हम बाहर आकर कार मे बैठे ऑर निकल गये आंटी की फ्रेंड के गाओं की तरफ…

( आक्च्युयली वो गाओं से बड़ा ही था…कस्बे के जैसा
हमे लगभग 4 घंटे की ड्राइव करनी थी….अभी दोपहर के 1.30 हो रहे थे तो हम 5.30 तक पहुच सकते थे

बट इतनी जल्दी जा कर क्या करना है….अभी तो सफ़र शुरू हुआ है …आगे-2 देखो क्या-क्या होता है..)

मैं कार चलाते हुए आगे का प्लान कर रहा था कि तभी आंटी बोली

आंटी-चलो अच्छा है तुम्हारी कार मे कोई बाहर से अंदर नही देख पाता ..नही तो कोई भी देख लेता

मैं-डॉन’ट वरी…यहाँ आप सेफ है….हां यहाँ से निकलने के बाद आपको बदल के रख दूँगा

आंटी-क्या मतलब

मैं-कुछ नही…मतलब ये कि सहर से बाहर निकलते ही मेरे साथ मेरी आंटी नही होगी…बल्कि मेरी पर्सनल रंडी होगी

आंटी(मुस्कुरा कर)-जो हुकुम सर

मैं ऑर आंटी..ऐसे ही मस्ती भरी बाते करते हुए जा रहे थे …लगभग 30 मिनट बाद हम सहर से बाहर आ गये …

अब हम हाइवे पर थे..जहाँ दोनो तरफ पेड़ ऑर खेत ही दिखाई दे रहे थे…

दूर-2 तक कोई इंसान नज़र नही आ रहा था..हाँ थोड़ा ट्रॅफिक ज़रूर मिल रहा था इस हाइवे पर…

मैने सोचा चलो अब इसको असली मे रंडी बनाने का प्लान शुरू करते है…..क्या करूँ….

कुछ सोच कर…हाँ ये सही रहेगा…अगर ये मान गई तो शादी मे पहुचने से पहले इसकी बची हुई शरम दूर हो जाएगी…ऑर ये फिर कही भी चुदने को रेडी हो जाएगी…पक्की रंडी की तरह…हम ऐसा ही करता हूँ…

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आगे क्या हुआ दोस्तो पढ़ते रहिए और साथ मे अपना सपोर्ट भी देते रहिए.

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