चूत की पॉलिटिक्स – 3 | Hindi Sex Story

अब तक आपने पढ़ा की जय ने अपनी बहन के सामने अपना नॉमिनेशन वापिस लेने के बदले ड्राइवर के बेटे अमर से प्रेग्नेंट होने की शर्त रखी. Hindi Sex Story

मा ज्योति की तरकीब काम आई और जय बिना शर्त नॉमिनेशन वापिस लेने को मान गया. अपनी मा ज्योति को ड्राइवर राजेश के साथ एक कमरे मे बंद देख दोनो भाई बहन कॉलेज निकल जाते हैं.

अब आगे…

जय अपनी बाइक पर बड़ी बहन डॉली को लिफ्ट देकर कॉलेज ले आया.

डॉली: “तुझे क्या लगता हैं, हो गया होगा?”

जय: “क्या?”

डॉली: “राजेश अंकल और मम्मी का. अब तक तो हो गया होगा!”

जय: “छिछोरी कही की. मम्मी के बारे मे ऐसी बात करते शर्म नही आती”

डॉली: “मैं तो सोच रही हूँ की इस उम्र मे कैसे करते होगे!”

जय: “मम्मी आज भी इस उम्र मे आपसे ज़्यादा खूबसूरत लगती हैं”

डॉली: “वो तो मैं भी मानती हूँ. मगर एक ड्राइवर के साथ!”

जय ने डॉली को गुस्से मे देखा.

जय: “राजेश अंकल तो फिर भी अच्छे दिखते हैं. आपने पिच्छले साल इलेक्शन जीतने के लिए किसके साथ करवाया था, याद हैं?”

डॉली: “मैं मज़ाक कर रही थी. मम्मी को अगर खुशी मिलती हैं तो इसमे कोई बुराई नही हैं”

जय: “मगर मैं सीरीयस हूँ. आपने पिच्छेल साल विमल के साथ किसी खुशी से नही किया था. पापा और मम्मी को पता चला तो क्या होगा!”

डॉली: “इलेक्शन जीतने के लिए मैं कुच्छ भी कर सकती हूँ. मैने तो सोचा था की तुझको भी ऑफर दूँगी”

जय: “छ् छी! आप जाओ”

डॉली: “मज़ाक था. तू अपना नॉमिनेशन वापिस ले ले”

जय: “पता नही, अपने सपोर्टर्स को क्या मूह दिखाउन्गा. अगले साल मुझे टिकेट भी नही देंगे”

डॉली: “मेरा वैसे भी लास्ट एअर हैं कॉलेज मे. मेरी पार्टी से टिकेट दिलवा दूँगी मैं तुझे अगले साल”

जय ने अपना नॉमिनेशन वापिस ले लिया और एक बार फिर डॉली बिन इलेक्शन के ही जीत गयी.

मौसम हर वक़्त एक जैसा नही रहता हैं. नेता सतीश के साथ भी ऐसा ही हुआ. सतीश का नाम एक घौटाले मे आया. सतीश ईमानदार नेता था इसलिए खुद की पार्टी के लोगो के आँख की किरकिरी भी था. किसी ने उसका साथ नही दिया.

उस इलाक़े मे विपक्षी पार्टी का नेता आरके उसका जानी दुश्मन था. कहते हैं की उसी ने यह सब करवाया था. रे-इलेक्शन हुआ और आरके चुनाव जीत गया.

केस चल रहा था औ सतीश जमानत पर बाहर था. आरके ने सतीश को फसाने का पूरा प्लान कर लिया था.

सतीश को लग गया की लंबे समय के लिए जैल जाना पड़ेगा. इसलिए उसने आरके से हाथ मिलाने का फ़ैसला किया. आरके का लेफ्ट हॅंड था उसका सेक्रटरी राज. बहुत चालाक आदमी था.

सतीश ने आरके को अपने घर बुलाया ताकि उसको मना सके. आरके अपने सेक्रटरी राज के साथ सतीश के घर आया. उसका अच्छे से वालेकम किया गया.

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सतीश ने हाथ जोड़कर आरके से रिक्वेस्ट की. सतीश की वाइफ ज्योति ने भी आरके से रिक्वेस्ट की ताकि वो सतीश को इस मुसीबत से बाहर निकाल दे.

आरके की उम्र 50 साल थी. उसकी बीवी कुच्छ सालो पहले ही चल बसी थी. उसका एक बेटा संदेश और बेटी सुहानी थे. दोनो ही विदेश मे पढ़ाई कर रहे थे.

आरके ने जब ज्योति को देखा तो उसका ईमान डोल गया. ज्योति 42 की उम्र मे भी गजब की सुंदर तो थी ही. आरके को लगा की एक तीर मे दो निशाने साध सकते हैं.

आरके हमेशा सतीश को नीचा दिखाना चाहता था, उसकी इन्सल्ट करना चाहता था. आज उसके पास मौका था. उसने अपनी गंदी चाल चल दी.

आरके: “सतीश, मुझे तुमसे कोई दुश्मनी नही हैं. आज मैं तुम्हारी हेल्प करूँगा तो कल तुम मेरी हेल्प करोगे. मैं तुम्हे इस घौटाले के इल्ज़ाम से बचा लूँगा. मगर इसके बदले मुझे एक दिन के लिए तुम्हारी बीवी ज्योति चाहिए”

ज्योति और सतीश एक दूसरे की शकल देखने लगे. आरके का सेक्रटरी राज भी अपने मालिक की मंशा भाप गया था. वो तो उसकी रग रग से वाकिफ़ था.

सतीश: “आरके, यह क्या बोल रहे हो! यह मेरी बीवी हैं, कोई नौकरानी नही की किसी को गिफ्ट मे दे दूं”

आरके: “अर्रे, हमने तो ज्योति की खूबसूरती की बहुत तारीफे सुनी हैं. आज इतने करीब से देख भी लिया. अभी और अंदर से इनको जानना हैं. वैसे भी इनके बारे मे कुच्छ सुना हैं. क्या नाम था उस ड्राइवर का राज”

राज: “राजेश नाम हैं”

आरके: “हा राजेश. सुना हैं उसने तो ज्योति के साथ एक बच्चा भी पैदा कर लिया हैं. हम क्या ड्राइवर से भी गये गुज़रे हैं!”

सतीश: “यह आप क्या बोल रहे हो. ऐसा कुच्छ नही हैं. सब अफवाह हैं. मेरा टाइम खराब चल रहा हैं इसलिए आप मेरा फ़ायदा उठा रहे हो”

आरके: “सोच लो सतीश. अपना सर बचाना हैं तो झुकाना पड़ेगा. एक बार एंक्वाइरी आगे बढ़ गयी तो बचना मुश्किल होगा. तुम रोड पर आ जाओगे और तुम्हारी सुंदर वाइफ भी रोड पर होगी”

सतीश ने अपनी वाइफ ज्योति की तरफ देखा. ज्योति ने अपनी आँखे झपका कर उसको इशारा कर दिया. ज्योति अपने पति के लिए त्याग करने को तैयार थी.

ज्योति: “मैं तैयार हूँ. पर सतीश जी पर कोई आँच नही आनी चाहिए”

आरके: “बहुत बढ़िया. चिंता मत करो ज्योति. तुम मुझे खुश करो, मैं सतीश को बचा लूँगा”

ज्योति: “बताइए, क्या करना होगा मुझे”

आरके: “तुम्हारे घर मे कितने नौकर हैं. सबको यहा बुलाओ”

सतीश ने अपने सारे नौकरों को हॉल मे बुला लिया.

आरके: “आ गये सब!”

सतीश: “हा, 10 नौकर हैं. 2 छुट्टी पर हैं, 8 लोग हैं यहा”

आरके: “जो नौकर छुट्टी पर हैं, उनकी बदनसीबी. सबसे पहले तो ज्योति अपने कपड़े खोल कर नंगी हो जाओ”

सतीश: “यह क्या बोल रहे हो आरके. यहा सब नौकर खड़े हैं”

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आरके: “तुम बीच मे मत बोलो. तुम आज के लिए अपनी बीवी मुझको सौंप चुके हो. मैं उसके साथ चाहे जो करू. अगर तुम नही चाहते तो मैं चला जाता हूँ”

ज्योति: “नही आप रूको. मैं करती हूँ”

सारे घर के नौकर नौकारणी सकते मे आ गये. जो जवान नौकर थे उनकी आँखों मे हवस आ गयी. अपनी खूबसूरत मालकिन को कपड़ो मे देखकर ही उनको कुच्छ कुच्छ होता था, आज तो उनको बहुत कुच्छ दिखने वाला था.

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ज्योति ने बिना नौकरो की आँखों मे झाँके नीची नज़रे किए अपनी साड़ी उतार ली. ज्योति का यौवन जैसा बदन ब्लाउस और पेटीकोट मे दिख रहा था.

सतीश ने आँखें झुका ली. घर की नौकरानियो ने भी नज़रे झुका ली. जो पुराने बुजुर्ग नौकर थे उन्होने भी नज़रे झुका ली. जिन लोगो की नज़रे कपड़े खोलती ज्योति पर थी उनमे थे आरके, राज और घर के सारे नये नौकर.

ज्योति ने अपना पेटीकोट निकाला और फिर अपना ब्लाउस. अब वो सब लोगो के सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे खड़ी थी. आरके और राज एक दूसरे को देख खुश हो रहे थे और ज्योति की खूबसूरती और बदन की तारीफ़ करते रहे.

ज्योति ने भारी दिल से अपना ब्रा और पैंटी भी निकाल दी और शरमाते हुए वहाँ खड़ी रही.

आरके: “वाह ज्योति. बहुत सुंदर. सतीश तुम बड़े खुशकिस्मत हो जो तुम्हे ऐसी सुंदर बीवी मिली हैं. राज, देखा तुमने! ज्योति के बूब्स इतने कड़क हैं की थोड़े दिन पहले जो लड़की आई थी हमारे मज़े के लिए उस से भी अच्छे बूब्स हैं”

राज: “हा सर. मैने इतने जबरदस्त बूब्स नही देखे”

आरके: “ज़्यादा लार मत टपका. और यह थोड़े से नौकर नज़रे नीचे किए क्यू खड़े हैं. आए चलो तुम सब देखो अपनी मालकिन को. और ज्योति, तुम भी मत शरमाओ. देखो हर एक नौकर की आँखों मे झाँक कर की तुम्हारे लिए उनके मन मे क्या हैं”

आरके ने सब नौकरो को नंगी ज्योति की तरफ देखने को मजबूर किया. फिर ज्योति को एक एक नौकर के सामने जाकर उनकी आँखों से आंखें मिलाने को कहा.

ज्योति अपने दिल पर पत्थर रखे सब कुच्छ सहती रही. उसको अपने पति और बच्चो के भविष्य को बचाने का यही उपाय आसान लगा. उधर राज भी अपनी ज़ुबान बाहर लटकाए ज्योति के नंगे बदन को देख रहा था.

आरके: “राज, क्या देख रहा हैं!”

राज: “गान्ड बहुत सुंदर हैं”

आरके: “अबे घर जाकर तेरी बीवी की गान्ड देख लेना. अभी बाहर कार लगवा. ज्योति मेडम को इसी हालत मे अपने फार्म हाउस लेकर जाना हैं. शाम होने के पहले इसी हालत मे यहा लाकर ड्रॉप कर देंगे”

राज: “जी सर”

राज भागते हुए बाहर गया ड्राइवर को पोर्च मे कार लगाने को कहने के लिए.

सतीश: “कम से कम बाहर तो कपड़े पहन कर जाने दो”

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आरके: “इतना क्यू शर्मा रहे हो. सारे नौकर तो यही हैं. वॉचमन तो बाहर मैनगेट पर होंगे, उनको कुच्छ नही दिखेगा. फिर सिर्फ़ मेरा ड्राइवर हैं और बॉडी गौरड़”

थोड़ी देर मे राज दौड़ता हुआ अंदर आया..

राज: “सर, कार लग गयी हैं, मैं ज्योति मेडम को बाहर लेकर जाऊ?”

आरके: “क्यू भाई, ज्योति को अपने घर के बाहर जाने का रास्ता नही पता क्या! हाथ भी मत लगाना उसको”

राज पीछे हट गया. ज्योति अब उसी नंगी हालत मे घर के मैंन डोर की तरफ बढ़ने लगी. गंदी नीयत वाले नौकर ज्योति को जाते हुए पीछे से गान्ड देख रहे थे और लार टपका रहे थे.

राज भी ज्योति के ठीक पीछे चल रहा था और उसकी मटकती गान्ड को देख खुश हो रहा था. ज्योति मैंन डोर से बाहर गयी.

ड्राइवर और बॉडीगार्ड ने नंगी ज्योति को देखा तो चौंक गये. राज ने गाड़ी का दरवाजा खोल कर ज्योति को कार मे बैठाया. आरके भी सतीश को बाइ बोलते हुए कार मे बैठ गया.

वो लोग ज्योति को आरके के फार्म हाउस पर लाए. फार्महाउस के नौकर भी नंगी ज्योति को देख रहे थे. राज जल्दी से रास्ता दिखाते हुए ज्योति को अंदर लेकर गया.

हालाँकि वहाँ के नौकरो के लिए यह कुच्छ नया नही था. आए दिन आरके को खुश करने के लिए ऐसी नंगी लड़किया आती रहती थी.
ड्रॉयिंग रूम मे ज्योति बिना कपड़ो के शरमाये खड़ी थी. आरके अंदर आया. राज की नज़रे ज्योति के नंगे बूब्स पर टिकी हुई थी.

आरके: “शुरू कर ज्योति!”

ज्योति: “बेडरूम नही हैं!”

आरके: “शरमाओ मत. इन सब नौकरो के लिए यह रोज का हैं. बंद बेडरूम मे क्या मज़ा आएगा! हम लोग तो यही करेंगे सोफे पर”

ज्योति: “पहले आप अपना वादा निभाओ और एंक्वाइरी रुकवाओ”

आरके ने फोन लगाया और हाइ कमान से बात कर उनको सतीश के अगेन्स्ट कोई कार्यवाही करने से मना बोल दिया.

आरके ने अपना कुर्ता निकाला. फिर अपना पाजामा निकाल कर नंगा हो गया. एक मोटी सी तौंड के नीच एक छोटे से नल जैसा लंड था.

आरके: “आओ ज्योति, तुमको खुश कर दूं”

ज्योति: “इस मूँगफली की साइज़ वाले लंड से आप मुझे खुश करेंगे!”

राज मूह दबा कर खिशियाते हुए हँसने लगा. आरके ने तुरंत राज को डाट दिया. फिर गुस्से मे ज्योति की तरफ देखा.

आरके: “तुम्हे अभी अपनी मूँगफली की ताक़त दिखाता हूँ”
आरके अब गुस्से मे ज्योति की तरफ बढ़ा.

अगले एपिसोड मे पढ़िए आरके आगे ज्योति को कितना जॅलील करता हैं.

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