इसी बीच एक कपल हमारे पास आने जाने लगा उनका नाम था अमर और उसकी बीवी चादनी दोनों जवान उनकी शादी के केवल दो साल हुए थे मैंने जिग्नेश से कहा तो उसका ध्यान गया और उसने गौर से चादनी की चूंचियां देखीं उसका मन चादनी को चोदने का हो गया. इधर मेरा भी मन अमर का लंड पकड़ने का हो रहा था एक दिन मैंने उनदोनो को बुलाकर कहा की कल आपलोगों का डिनर है और सेक्स पार्टी भी चादनी ने तुंरत पूंछा की सेक्स पार्टी का मतलब क्या है मैंने कहा यह कल ही बताया जाएगा दूसरे दिन वे दोनों आ गए मैंने पहले व्हिस्की का गिलास दोनों को दिया और फ़िर सिगरेट मैंने देखा की अमर और चादनी दोनों शराब के साथ सिगरेट भी पीने लगे मुझे लगा दोनों बिंदास है धीरे धीरे बातें सेक्स की होने लगी मैंने कहा’ यार, मैंने तो शादी के पहले ही सेक्स का मज़ा ले लिया था ‘ चादनी ने कहा ‘तो इसमे क्या आजकल तो सब ले ही लेते है मैंने तो शादी के पहले कई लड़कों का पकड़ा था’ इसके जबाब में जिग्नेश ने पूंछा क्या ‘ चादनी, क्या पकड़ा था आपने ?
‘ उसने बड़े बेबाक से उत्तर दिया ‘लंड और क्या ‘ मैंने कहा ‘ अच्छा यह बताओ की किसका लंड ज्यादा पसंद आया तुम्हे ? ‘ चादनी बोली ‘ देखो लंड तो मुझे सभी के पसंद आए लेकिन दो लंड जो ८’ से भी बड़े थे और मोटे थे ज्यादा अच्छे लगे ‘ तभी चादनी मुझसे पूंछ बैठी ‘ अच्छा तुमको कैसा लौडा चाहिए ? ‘ मैंने कहा ‘ अच्छा, मैं जैसा लंड बताऊंगी क्या तुम वैसा दिलवा दोगी ?’ उसने कहा ‘ हां दिलवा दूंगी ‘ मैंने तुंरत कहा ‘अच्छा सबसे पहले तुम अपने हसबैंड का लंड मुझे देदो ‘ चादनी तुंरत मान गयी और बोली ‘ हां ठीक है लेलो उसकी पैंट खोलो और लौडा हाथ में लेलो मुझे कोई ऐतराज नही है लेकिन एक शर्त है ‘ मैंने कहा ‘क्या शर्त है ‘ चादनी ने बड़े प्यार से कहा ‘ फ़िर मैं भी तेरे हसबैंड का लौडा लूंगी ‘ मैंने कहा ‘ मंजूर है मैं अमर के पास गयी और उसकी पैंट खोलने लगी तब अमर बोल पड़ा पिंकी भाभी पहले मैं आपके कपडे खोलूँगा हम लोग तो नसे में थे ही.
मैंने कहा खोल दो मुझे पूरी नंगी कर दो मेरी नंगी नंगी चूंचियों पर अमर हाथ फेरने लगा फ़िर मैं धीरे से नीचे झुकी और पैंट खोल डाली पैंट खुलते ही लंड उछल कर मेरे हाथ में आ गया मैंने उसे मुठ्ठी में लिया और सहलाने लगी थोडी देर में लंड एक बड़ा भारी लौडा बन गया मैंने कहा हाय रे इतना बड़ा लंड ये तो मेरे हसबैंड के लंड जैसा है तबतक चादनी मेरे हसबैंड का लौडा खड़ा कर चुकी थी वह लंड पकड़ कर मेरे हसबैंड को पास ले आयी अब दोनों लंड आमने सामने थे दोनों एकदम बराबर बस थोड़ा फरक था सुपाडे में इसी तरह मेरी और चादनी की चूंचियों में भी थोड़ा ही अन्तर था | हजारो कहानियां है मस्तराम डॉट नेट पर | मैं अमर का लंड चूसने लगी और चादनी जिग्नेश का फ़िर मैंने लौडा चूत में पेला और लगी भकाभक चुदवाने मेरे सामने चादनी मेरे हसबैंड से चुदवाने लगी.
फ़िर हमने लौडे पर बैठ कर चुदवाया लेट कर खड़े होकर और पीछे से भी चुदवाया उन दोनों ने हम दोनों की चूंचियां भी खूब चोदी मैंने कहा आज मुझे न्यूयार्क जैसी चुदाई का मज़ा मिला है मेरे हसबैंड को भी एक अच्छी चूत चोदने को मिली यह सुनकर चादनी बहुत खुश हुई बोली अरे यार तुम चिंता मत करो अब तुमको कई बड़े बड़े लंड मिल जायेंगे चुदाई होने बाद हमसब नंगे नंगे ही बैठ गए इतने में चादनी बोली पिंकी ज़रा टी वी ओं करो मैंने जैसे ही टी वी खोला उसमे हम दोनों की अदला बदली की चुदाई की फ़िल्म आने लगी मैंने टी वी पर भी दोनों लंड एक साथ देखा और ख़ुद को चुदवाते हुए देख कर बड़ा मज़ा आया तब चादनी ने कहा की मैंने इस चुदाई का वीडियो बना लिया है मैं तो सुनकर सन्न रह गयी.
आप यह कहानी फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर पढ़ रहे है | तब उसने बताया की जब मेरा हसबैंड तुम्हारे कपडे उतारने के लिए उठा था तभी मैंने एक खुपिया कैमरा फिट कर दिया था और इस तरह चुदाई की पूरी फ़िल्म बन गयी दूसरे दिन चादनी ने यह वीडियो अपनी किटी पार्टी में सबको दिखा दिया इतने बड़े बड़े दो दो लंड देखकर सभी औरतें चुदासी हो गयी एक तो बोली मुझे अभी इसी समय ये दोनों लंड चाहिए मैं बगैर चुदवाये घर नही जाऊंगी चादनी ने कहा आप लोग सब अपने अपने हसबैंड को लेकर आओ और फ़िर यहीं पर एक दूसरे की बीवियों की चुदाई की जाए और फ़िर पकडो प्रेम से एक दूसरे के मियां के लंड फ़िर तो वैसा ही किया गया अब इस किटी पार्टी में १० लंड १० चूत अदल बदल कर चोद रहे थे.
इसी तरह कई किटी पार्टी में वीडियो दिखा दिखाकर अदला बदली की चुदाई हुई तब बन गया एक बड़ा ग्रुप जिसमे अनेक प्रकार के लंड अनेक प्रकार की चूत और अनेक प्रकार की चूंचियां इकठ्ठा होती थीं “नैना ने व्हिस्की पीते हुए कहा देखो यार मुझे भी पहली बार ‘ हस्बैंड्स की अदला बदली ‘ पर कुछ झिझक हुई थी, थोडा संकोच हुआ था और सोचने लगी थी कि ये सब कैसे होगा लेकिन उस समय मेरी सहेली वंदना ने बड़े प्यार से मुझे समझाया और फिर मेरे हसबैंड ने भी मुझे आगे बढ़ने के लिए कहा ।
तब मैंने सबके सामने व्हिस्की पी । थोडा नशा आने पर सब ठीक हो गया । उसके बाद मेरी झिझक दूर हुई और मैं भी वंदना की तरह बातें करने लगी । उसके बाद तो फिर अपने हसबैंड के सामने उसके हसबैंड से चुदवाने का जो मज़ा आया उसे मैं कभी भूल नहीं सकती । वंदना के हसबैंड का लन्ड मेरे लिए गैर मर्दों का पहला लन्ड था जिसे मैं आज भी दिलोजान से चाहती हूँ ।
उसकी कड़क और उसकी मोटाई आज भी मेरे हाथ को याद है ।