यह जो कहानी लिखने जा रहा हूँ वो कल की ही बात है। मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती है उसकी कहानी है। मुझे यह आंटी बहुत अच्छी लगती थी। क्या माल था। उसकी फ़ीगर 38-30-38 है। बड़े-2 चूतड़ और इतनी सेक्सी गाँड थी कि मेरा लंड उसको देख कर तन जाता था। गाँड का पूछो मत, मोटी मोटी गाँड ! जब जब वो चलती थी तो गाँड हिलती रहती। जब जब मैंने आंटी की गाँड देखा करता था मेरा लंड जोश में आ जता।
आंटी बहुत ही सेक्सी थी। बेचारी आंटी अंकल के काम की वजह से एंजोय भी नहीं करती थी। उसके पति आर्मी ओफ़िसर थे, अक्सर बाहर ही रहते थे। एक दिन मैं उनके घर गया, सोनिया आंटी अकेली थी।
मैंने आंटी से पूछा कि सब लोग कहाँ है?
आंटी ने जवाब दिया कि अंकल का तो तुमको पता ही है और सभी बच्चे मामा के घर गये हैं। आज रात को नहीं आयेंगे। ये कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने आंटी को कहा- ओके आंटी, मैं चलता हूँ।
आंटी ने मुझे रोक लिया और कहा- अभी रुक जाओ, मुझे नहाना है, तब तक तुम मेरे घर का ख्याल रखना। मैं अभी नहा कर आती हूँ।
आंटी नाइटी में थी, पिंक नाइटी में उनके वक्ष बड़े सेक्सी लग रहे थे…
आंटी बोली- तू मेरा पीसी भी ठीक करके जाना ! खराब है !
मुझे नहीं पता था कि आंटी भी पीसी चलाना जानती हैं। मैं रुक गया आंटी नहाने चली गई। मैं इनके बेडरूम में आंटी का इन्तज़ार कर रहा था कि अचानक मेरी नज़र बेड पर पड़ी, बेड पर तौलिया, पैंटी और ब्रा पड़ा था। ब्रा और पैंटी बहुत बड़ी थी। ये कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
तकरीबन 15 मिनट बाद आंटी ने आवाज़ दी और कहा- तौलिया दे दो मुझे।
मैंने आंटी को तौलिया दिया.
फिर आंटी ने कहा- प्लीज़ मेरी पैंटी और ब्रा भी दे दो।
मैंने आंटी को पैंटी और ब्रा भी दे दी। अब आंटी नहा कर निकली। आंटी ने सफ़ेद रंग का सूट पहना हुआ था। आंटी की काली ब्रा नज़र आ रही थी।
अब मैंने आंटी को कहा- आंटी अब मैं चलता हूँ।
आंटी ने कहा- तुम्हें कुछ काम से जाना है क्या?
मैंने जवाब दिया- नहीं !
फिर आंटी ने मुझे कहा- रुक जाओ ! मैं अकेली बोर हो जाऊंगी। कुछ बातें वगैरह करते हैं।
मैं बैठ गया और आंटी अपनी लाइफ़ के बारे में बता रही थी। अब आंटी कुछ खुल कर बातें करने लगी।
मेरे से पूछने लगी- तुम्हारी गर्लफ़्रेंड्स हैं या नहीं, कभी सेक्स किया है या नहीं।
मैं ऐसी बात सुन कर हैरान हो गया। अब मैं भी खुल गया था। ये कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने आंटी से पूछा- आंटी, आप को सेक्स पसंद है?
आंटी ने जवाब दिया- सेक्स हर किसी को पसंद होता है पागल। क्या तुम्हें पसंद नहीं है? , आंटी ने कहा…
मैंने जवाब दिया- कभी किया ही नहीं है।
आंटी ने कहा- झूठ मत बोलो, मुझे मालूम है, तुम बहुत बुरे हो ! तुमने अपनी काम वाली को चोदा है और नेहा को भी, मुझे सब पता है और तुमने उन पर कहानी भी लिखी, मैंने भी तुम्हारी कहानी कल रात को पढ़ी थी और मेरी चूत गीली हो गई थी, जी करता था कि तुमको रात को ही अपने घर बुलाकर अपनी प्यास बुझा लूँ, लेकिन बच्चे घर पर थे। झूठ बोलता है, तूने अपना मोबाइल नम्बर भी दे
रखा है, लेकिन मैंने सोचा जब घर आओगे तब ही बात करूंगी तुमसे। तेरी माँ को बोलना पड़ेगा कि तेरा विवाह कर दे।
मैं अचानक डर गया।
आंटी ने कहा- डरो मत, मैं कुछ नहीं कहूँगी ! मैंने तो तुमको नंगा भी देखा है।
मैंने आंटी से पूछा- कब देखा आप ने मुझे नंगा?
आंटी ने जवाब दिया- जब तुम मेरे घर के बाथरूम में पेशाब कर रहे थे।
मैंने कुछ नहीं कहा।
आंटी बोली.. – मेरी भी चूत प्यासी है..क्या अपनी आंटी की प्यास नहीं बुझाओगे? कहानी में तो लिख रखा है गुलाम हाज़िर है, अब चुप क्यों बैठे हो? बोलो, अब तुम्हारा लंड प्यास बुझायेगा मेरी चूत की प्यास को?
मैं सोनिया आंटी की बातों से मन ही मन खुश हो रहा था, सोचा नहीं था कभी कि आंटी खुद तैयार हो जायेगी। मैं उनसे डरता भी था क्योंकि वो बहुत गुस्सेवाली है।
आंटी ने अब अपना हाथ मेरे लंड पर रखा तो मुझे तब बहुत अच्छा लगा। मेरी आंटी बहुत प्यासी थी वो बिल्कुल गोरी थी। उनकी उमर 38 की थी लेकिन अभी भी बिल्कुल जवान लगती थी। ज़िंदगी में आज पहली बार 38 साल की औरत के साथ सेक्स करने जा रहा था।
अब आंटी ने मुझसे कहा- अपनी पैंट उतारो ! मैं भी देखूँ तुम्हारा प्यारा सा लंड।
मैंने अपनी पैंट उतार दी। मैंने उस दन अंडरवियर नहीं पहना हुआ था। मैं अब नीचे से नंगा था।
आंटी मेरे पास आई और मेरी शर्ट भी उतार दी और मुझे पूरा नंगा कर दिया। आंटी को मेरा लंड बहुत अच्छा लगा। आंटी ने मेरा हाथ अपने वक्ष पर रखा और कहा दबाते रहो प्लीज़। मैंने खूब दबाये आंटी के स्तन। आंटी को मज़ा आ रहा था। फिर आंटी ने अपनी कमीज़ उतारी फिर सलवार उतारी।
फिर मेरे लंड को चूसने लगी।
फिर मैं आंटी की ब्रा खोलने की कोशिश कर रहा था तो आंटी मुस्करा कर बोली- बेटा, मैं खोल देती हूँ। ये कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
फिर आंटी ने ब्रा खोल दी और पैंटी भी उतार दी। अब आंटी का गोरा गोरा जिस्म मेरे सामने पूरा नंगा था। आंटी ने अपने बड़े बड़े स्तन मेरे लंड पर रख दिये और अपने वक्ष से मुझे चुदाई का मज़ा दे रही थी।
कुछ देर बाद मैं आंटी की चूत को चाटने लगा।
आंटी की सेक्सी सेक्सी आवाज़ें निकल रही थी – आआआआह्हहह्हह्ह ऊऊऊह्ह्हह… बेटा आआआह्हह्हह्हह्हह ज़ोर से बेटा आआआह्हह्हह्हह्ह… तेरी आंटी प्यासी है मेरी प्यास बुझा दे बेटा… आआआअह्हह्हह्ह।
आंटी ने कहा- अब अपना लंड मेरी चूत में डालो ! प्यासी है मेरी चूत, प्यास बुझाओ जल्दी।
मैंने आंटी की दोनों टांगों को अपने हाथों से अपने कंधों पर रखा और चूत पर लंड रखा। आंटी की चूत टाइट हो रही थी।
मैंने हल्का सा धक्का दिया तो आंटी की चीख निकल गई और आंटी ने कहा- आराम से डालो ! क्या जल्दी है तुमको?
मैंने कहा- आंटी, अब आराम से डालूँगा।
फिर मैंने हल्के हल्के झटके लगाने शुरु कर दिये। मेरे धक्कों से आंटी को मज़ा आ रहा था।
आंटी की आवाज़ें निकल रही थी- ऊओह्हह्ह्ह.. ऊफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ हाआआ। और डालो और डाल आज मेरी चूत को मज़ा दे दो प्लीज़। तेज़ करो।
मैंने तेज़ कर दिया। आंटी ने मुझे बेड पे मुझे सीधा लिटा दिया और मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत रख दी और ज़ोर-2 से हिलने लगी और
चिल्लाने लगी- आह्हह्हह्हह्हह.. बेटा बेटा आआआआह्हह्हह्हह्हह्ह मज़ा आ गया तुम्हारा लंड अब मेरी प्यास बुझा देगा !
और ज़ोर-2 से ऊपर नीचे होने लगी, ऐसे में मेरे लंड को भी दर्द हो रहा था। आंटी और मैं दोनों पागल हो गये और मैंने आंटी को उठा लिया और नीचे लिटा कर उनकी टांगें खोल दी और फिर से चुदाई शुरु कर दी, आंटी झड़ने वाली थी। हमको 15-20 मिनट हो गये थे
और मेरा भी पानी निकलने वाला था।
आंटी ने कहा- अंदर नहीं निकालना। मैंने कहा- ठीक है आंटी।
अब मैंने अपना लंड निकाल लिया और आंटी के स्तनों पर पानी निकाल दिया। फिर आंटी ने मेरा लंड चूसा और पानी पी गई। 15 मिनट तक हम नंगे ही बेड पर लेटे रहे।
फिर मैंने आंटी से कहा- आंटी। मुझे आप की गाँड मारनी है। ये कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
आंटी ने जवाब दिया- आज से सब कुछ तुम्हारा है बेटा ! यह गाँड भी तुम्हारी है ! जब बोलोगे, दे दूंगी।
मैंने कहा- अभी मिल सकती है?
आंटी ने कहा- अभी क्यों नहीं।
आंटी ने फिर मेरे लंड को चूसना शुरु किया, 5 मिनट के बाद मैं आंटी की मोटी मोटी गाँड पर अपनी ज़बान फेरने लगा।
आंटी ने कहा- यह क्या कर रहे हो? आज तक किसी ने मेरी गाँड पर ज़बान नहीं फेरी !
मैंने जवाब दिया- आंटी एक ब्लू मूवी में मैंने देखा था।
आंटी ने कहा- तुमको तो बहुत कुछ पता है सेक्स के बारे में।
अब आंटी कुतिया स्टाइल में थी और मेरा लंड बेचैन था मोटी गोरी गोरी मोटी मोटी गाँड में जाने के लिये।
आंटी ने कहा- आराम आराम से डालना ! यह चूत नहीं है, गाँड है। बहुत दर्द होता है।
मैंने कहा- आंटी, आप फ़िक्र नहीं करें, मैं आराम से करूंगा।
मैंने अब आंटी की गाँड में हल्का सा झटका दिया, आंटी को दर्द हुआ, चीख निकल गई- आआआह्हह्ह हरामी बाहर निकाल ! फट जायेगी ! रहम कर आआआह्हह.. नो बेटा प्लीज़्ज़ अह्हह्ह ऊऊऊईईए माआ .. मम्मी आअह्हह्ह बाहर निकाल।
फिर मैंने अपनी स्पीड हल्की कर दी। अब हल्के हल्के मेरा पूरा लंड आंटी की गाँड में जा चुका था और आंटी को भी मज़ा आ रहा था।
आंटी को भी बहुत मज़ा आया गाँड में लंड ले कर।
मैंने आंटी को कहा- आंटी, पानी निकलने वाला है ! ये कहानी आप फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
आंटी ने कहा- निकाल लो। फिर आंटी ने सारा पानी फिर से पिया और लंड को चूसने लगी।
अब जब भी मौका मिलता है मैं आंटी की प्यास बुझाता हूँ।