चूत की पॉलिटिक्स – 13 | Hindi Sex Story

अब तक आपने Hindi Sex Story पढ़ा की राज ने ज्योति को चोद दिया और आरके को जैल हो गयी. ज्योति को इलेक्शन टिकेट मिल गया. ज्योति की साथ राज की छेड़ खानी को बेटी डॉली ने देख लिया था.
अब आगे…

इलेक्शन नॉमिनेशन के पहले ही दिन ज्योति का गाजे बाजे के साथ नॉमिनेशन फॉर्म भरा गया. घर मे सब लोग बहुत खुश थे.

शाम को राज ज्योति के साथ घर पर आया कुच्छ पेपर वर्क के लिए. ज्योति अपने बेडरूम मे गयी तो राज भी पीछे से अंदर चला गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया.

डॉली ने यह देख लिया और चहकते हुए मम्मी ज्योति के बेडरूम के दरवाजे के बाहर खड़ी होकर सुनने लगी.

ज्योति: “राज, क्या कर रहा हैं, छोड़ मेरी कमर”

राज: “अर्रे मेरी जान, शर्मा क्यू रही हैं. तुमने ही तो बोला था की मुझसे चुदने मे मज़ा आया”

ज्योति: “आअहह .. सारी छोड़ मेरी…. ऊओप्पस .. सारी का पल्लू वापिस दे मुझे … आआआः अया ”

राज: “हाथ हटाओ अपने सीने से और ब्लाउस निकाल कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन करवाओ. आओ मेरी जान”

ज्योति: “आाए .. छोड़ …. कमीने … ऊप्स .. ”

पुच पुचह की आवाज़े अंदर से आने लगी.

ज्योति: “तू अभी जा.. घर मे सब हैं”

राज: “रात को आऊ?”

ज्योति: “बाहर निकल अभी”

राज: “जाता हूँ”

डॉली दरवाजे के बाहर से भाग कर अपने रूम मे चली गयी. उसको लग गया की मम्मी और राज का रिश्ता अब आगे बढ़ चुका हैं.
……………………………..
उधर ज्योति ने राज को धमकी दे दी की वो आगे से ऐसी हिमाकत ना करे वरना वो ऐक्शन लेगी. राज फिर स्माइल करता हुआ वहाँ से चला गया.
अगली सुबह ब्रेकफास्ट की टेबल पर डॉली और जय अपने पेरेंट्स का वेट कर रहे थे. दोनो मे शरारत चालू थी. जय अभी डॉली की छाती को घूर रहा था.

डॉली: “क्या देख रहा हैं?”

जय: “तुम्हारे बूब्स”

डॉली दाएँ बाए देखने लगी किसी ने देख सुन तो नही लिया और एक हाथ जय को मारा.

डॉली: “धीरे बोल, कोई सुन लेगा”

जय: “कोई नही हैं, एक किस दे ना”

डॉली ने दाएँ बाए देखा और फिर होंठ आगे बढ़कर जय और डॉली होंठों को होंठो से मिलाए चूमने लगी. जय ने डॉली के होंठो को चूस लिया.

डॉली भी पीछे नही रही और उसने भी जय के होंठ चूसे. फिर वो दोनो पीछे हुए और शरमाते हुए एक दूसरे को देखने लगे.

डॉली: “पिच्छली सात रातो से तू रोज मेरे कमरे मे सो रहा हैं और मुझे चोद रहा हैं, फिर भी पेट नही भरा”

जय: “वो तो रात को किया था. दिन को भी तो इक्षा होती हैं. मुझे तेरे बूब्स दबाने हैं”

डॉली: “मैने ब्रा पहन रखा हैं अंदर”

जय: “मैने मना किया था ना की मेरे सामने कपड़ो के अंदर ब्रा मत पहना कर. बूब्स दबाने मे पूरा मज़ा नही आता फिर”

डॉली: “मेरा शेप बिगड़ गया तो?”

जय: “तेरे बूब्स तो मैं चूस चूस कर बड़े कर दूँगा, डॉन’ट वरी”

डॉली: “तू मुझे कुच्छ दिन से बिना प्रोटेक्षन के चोद रहा हैं. मैं प्रेग्नेंट हो गयी ना तो तेरी बड़ी शुरू हो जाएगी. मम्मी पापा से बात करनी हैं?”

जय: “एक बार प्रेग्नेंट हो जा. फिर बात करेंगे. मैं तो तुझसे शादी करने को तैयार हूँ”

Read New Story...  बुआ की गांड की चुदाई - Desi Sex Story

डॉली: “सब मुझे बोलता हैं, मम्मी को तो बता”

जय: “बोल दूँगा, पर तू मुझे बूब्स के हाथ लगाने दे”

डॉली: “नही, मम्मी आती होगी”

जय: “वो आए तब तक तो हाथ लगाने दे और किस करने दे. मेरी प्यास ही नही मिट रही”

डॉली दाएँ बाए देखने लगी और फिर अपना चेहरा जय के पास ले गयी. जय भी अपना चेहरा आगे बढ़ा कर नज़दीक पहुचा.

डॉली और जय फिर से एक दूसरे के होंठो मे होंठ फ़साए चूसने लगे और जय के हाथ डॉली के टीशर्ट के उपर से ही उसके एक बूब को दबा और मसल रहा था.

ज्योति ब्रेकफास्ट के लिए बाहर आई और अपने दोनो बच्चो को इस हालत मे देख कर हैरान हो गयी. ज्योति की आहट से डॉली और जय का ध्यान उस तरफ गया.

डॉली और जय ने चूमना बंद किया और एक दूसरे से अलग हुए. ज्योति उनको आश्चर्य से अभी तक देख रही थी. फिर डाइनिंग टेबल के करीब पहुचि.

ज्योति: “यह सब कब से चल रहा हैं?”

दोनो बच्चो की बोलती बंद हो चुकी थी और नज़रे नीचे किए बैठे रहे.

ज्योति: “मैं कुच्छ पुच्छ रही हूँ!”

डॉली: “7-8 दिन से. हम आपको बताने ही वाले थे”

ज्योति: “क्या बताने वाले थे! की भाई बहन होकर ऐसी अश्लील हरकत रहे थे. शरम नही आई तुम दोनो को?”

जय: “मगर हम दोनो भाई बहन नही हैं, आपको भी पता हैं”

ज्योति: “मैने तुमको यह सच इसलिए नही बताया था की तुम इस तरह नया रिश्ता बना लो. पहले पता होता तो नही बताती”

डॉली: “मगर इसमे बुराई क्या हैं? हम एक दूसरे को पसंद करते हैं. और …. शादी करना चाहते हैं”

ज्योति: “तुम दोनो का दिमाग़ खराब हैं! दुनिया की नज़रो मे तुम अभी भी भाई बहन हो. यह रिश्ता कभी नही हो सकता”

डॉली: “तो सबको पता लगने दो. फिर तो हमारा रिश्ते मे कोई बाधा नही हैं”

ज्योति: “यह राज बाहर नही जाएगा.मैने तुम दोनो को हमेशा अपने सगे बेटे बेटी माना हैं. मैं यह रिश्ता आक्सेप्ट नही करूँगी”

तभी पीछे से सतीश आया जिसने उनकी सारी बातें सुन ली थी.

डॉली: “पापा, आप ही मम्मी को समझाओ”

सतीश: “ज्योति सही कह रही हैं. तुम दोनो बच्चे यह मान कर चलो की तुम्हे सच नही पता हैं. तुम हमेशा भाई बहन ही बने रहोगे”

डॉली: “नही, मैं और जय शादी कर रहे हैं बस”

ज्योति: “तुम बड़ी हो, जय को समझाने की बजाय तुम खुद ज़िद पर अड़ी हुई हो!”

डॉली: “मेरे और जय के बीच मे सब कुच्छ हो गया हैं”

ज्योति एक नज़र डॉली को तो दूसरी नज़र जय को देखने लगी, जिनसे अपनी नज़रे झुका ली

ज्योति: “तुम दोनो को शर्म नाम की कोई चीज़ नही बची. इतने सालो से एक दूसरे को भाई बहन बोलते थे और अब यह वाला काम!”

डॉली: “आप उस राज के साथ मज़े ले रही थी तब आपको शर्म नही आई?”

सब लोग अब डॉली की शकल देखने लगे.

डॉली: “आइ एम सॉरी, मैने छूप कर देखा और सुना हैं. मम्मी आप पराए मर्द के साथ कुच्छ भी करे तो शर्म नही पर मैं अपने ही भाई के साथ कुच्छ करू तो ग़लत!”

ज्योति: “मेरे पति को कोई ऑब्जेक्षन नही हैं तो तुम्हे क्यू हैं! वैसे भी मैने जो किया वो सतीश जी को न्याय दिलाने के लिए था. आरके अभी जैल मे हैं तो मेरे इस त्याग से, मैने कोई मज़े के लिए नही किया हैं. तुम दोनो ने अब तक जो किया हैं उसको भूल जाओ, फिर से तुम भाई बहन की तरह रहोगे”

Read New Story...  चाची की चूत और गांड की चुदाई
Hindi Sex Story | Desi Sex Kahani | Hindi Sex Stories | Hindi Sex Kahani | Sex Story | Kamukta

दोनो बच्चे अब मम्मी ज्योति की शकल देख रहे थे. वो दोनो एक दूसरे को चाहने लगे थे पर ज्योति उस रिश्ते के खिलाफ थी.

ज्योति: “डॉली और जय, तुम सुन रहे हो?”

जय: “ठीक हैं मम्मी”

डॉली: “जय!! क्या बोल रहे हो. हम दोनो शादी करने वाले थे”

जय: “डॉली दीदी, आईथिंक मम्मी ठीक कह रही हैं”

डॉली: “दीदी!! चूतिया साला. 7 दिन से रोज मेरी चूत मार रहा हैं और अब दीदी बोल रहा हैं. घुस जा अपनी मा के भोस्डे मे. अब आना मत मेरे पास चोदने के लिए”

सतीश: “डॉली…. ज़बान को लगाम दे”

डॉली: “यह जय तो आपका ही खून हैं. मैं तो एक ड्राइवर का खून हूँ, मेरा अच्छा भला यहा कौन सोचेगा! मुझे यहा रहना ही नही हैं, मैं घर छोड़कर जा रही हूँ”

ज्योति और सतीश ने डॉली को रोकने की कोशिश की मगर वो नही मानी. उसने अपना बाग लिया और जाने लगी. ज्योति ने उसको रोकना चाहा, पर वो नही मानी.

ज्योति अपनी एक सहेली के घर चली गयी. उसका दिमाग़ तेज चलने लगा. वो सीधे आरके की पार्टी के पास चली गयी. आरके के पकड़े जाने के बाद वो पार्टी पहले ही दबी हुई थी.

डॉली ने उनसे वो इलेक्शन टिकेट माँगा जो आरके को मिलने वाला था. उस पार्टी को भी डॉली मे जीतने की संभावना नज़र आई.

ज्योति को जब पता चला तो उसका दिल टूट गया. ज्योति उदास होकर अपने बेडरूम मे बेड पर रुआसी सी बैठी थी. तभी राज उस से मिलने आया.

राज: “ज्योति, चिंता मत करो. तुम्हारी बेटी बहक गयी हैं, धीरे धीरे ठीक हो जाएगी. लाओ मैं तुम्हे थोड़ा आराम देता हूँ”

ज्योति राज की तरफ पीठ किए हुए बैठी थी. राज पीछे से आया और ज्योति के कंधे को मसाज करने लगा.

ज्योति को थोड़ा सुकून मिला. राज ने थोड़ा सा और मसाज दिया. फिर ज्योति के कंधे पर सारी को बाँधे हुए पिन को खोल दिया और पल्लू नीचे गिरा दिया.

ज्योति अपने दुख मे खोई हुई थी. इतने सालों से पाल पॉश कर बड़ी की हुई बेटी जो चली गयी थी. राज अब आराम से अपनी थोड़ी उंगलिया ज्योति के ब्लाउस मे भी घुसा कर कंधे की मसाज कर रहा था.

राज खड़ा था और ज्योति बैठ इति, जिस से उपर से वो ज्योति के ब्लाउस मे से झाँकते क्लीवेज़ को भी देख पा रहा था.

ज्योति को अहसास ही नही रहा की कब राज ने पीछे से ज्योति के ब्लाउस को खोल दिया था. ज्योति फिर संभली मगर राज ने उसको शांत किया.

राज: “तुम चुपचाप बैठी रहो, मैं सिर्फ़ मसाज दे रहा हूँ. ब्लाउस उतार कर अच्छे से मसाज दूँगा”

ज्योति फिर शांत हुई और राज ने ज्योति का ब्लाउस निकाल दिया. अब ज्योति ब्रा मे बैठी थी. राज ने ज्योति के नंगे कंधे और पीठ की मसाज कर दी.

पीठ की मसाज करते उसने ज्योति की ब्रा का हुक खोल दिया. ज्योति ने आगे से अपने ब्रा को पकड़ लिया और ब्रा गिरने नही दिया.

Read New Story...  शीला की लीला - 21 | Hindi Sex Story

राज: “कम ओंन. तुम्हारा दुख थोड़ा कम हो जाएगा. खोलने दो अपना ब्रा. अच्छा ठीक हैं पकड़े रहो पर लेट जाओ.”

राज ने ज्योति को वही बेड पर लेटा दिया और ज्योति अपना ब्रा अपनी छाती से चिपकाए उदास लेटी रही.

राज ने ज्योति का पेटीकोट का नाडा खोल दिया और पेटीकोट नीचे खिच कर निकालने लगा पर ज्योति ने एक हाथ से पेटीकोट पकड़ लिया.

ज्योति: “क्या कर रहे हो?”

राज: “खोलने दो, मसाज कर रहा हूँ पाव की. अच्छा लगेगा… चलो छ्चोड़ो .. ”

राज ने ज्योति का पेटीकोट और उसके साथ पैंटी को खींच कर टाँगो से बाहर निकाल दिया. ज्योति अब नीचे से नंगी थी.

राज अब ज्योति की दोनो टाँगो के बीच बिस्तर पर बैठ गया और आगे झुक कर ज्योति की नंगी नाभि और पेट पर चूमने लगा.

ज्योति थोड़ी थोड़ी आहें भरने लगी. राज कभी पेट तो कभी कमर पर चूमते हुए ज्योति की चूत तक आ गया और चूमने लगा.

ज्योति छत की तरफ ताक रही थी. राज ने ज्योति के हाथ से उसका खुला हुआ ब्रा भी च्छुदाया और साइड मे कर दिया. अब ज्योति पूरा नंगा बिस्तर पर लेटी थी.

राज ने ज्योति को खोया हुआ देखकर अपने नीचे के कपड़े निकाले. उसका लंड कड़क होकर तैयार था.

राज ज्योति की दोनो टाँगो के बीच आया और ज्योति की जांगो को अपनी मूडी जाँघो पर रखा और अपने लंड को ज्योति की चूत के करीब लाया.

राज ने अपने लंड को ज्योति की चूत के छेद पर सेट कर दिया. ज्योति अभी भी खोई हुई लेटी थी.

तभी राज के लंड ने ज्योति की चूत मे प्रवेश किया. मोटे लंड के चूत मे जाते ही ज्योति की एक आ निकली और उसको अहसास हुआ की वो पूरा नंगी हैं और राज ने उसको चोदना चालू कर दिया हैं.

राज का लंड ज्योति की चूत मे धक्के मार रहा था. ज्योति हल्के दर्द के साथ विरोध करते हुए राज को रुकने को बोल रही थी.

कुच्छ धक्को के बाद राज आगे झुक कर अपने दोनो हाथो से ज्योति के बूब्स को दबोचने लगा. ज्योति ने एक ज़ोर का थप्पड़ राज के गाल पर मार दिया.

ज्योति ने राज को अपने उपर से गिरा दिया और अपना पेटीकोट पहन लिया और सारी से अपना सीना धक दिया.

ज्योति: “बाहर निकल हरामी. आइन्दा से अपनी शकल मत दिखना वरना पोलीस मे शिकायत कर दूँगी”

राज: “नही चुदवाना तो ना सही, पर गाली तो मत दो”

ज्योति: “चुप साले भद्वे. भाग यहा से”

राज: “तू खुद आई थी मुझसे चुदवाने के लिए, भूल गयी! तब तेरी गरज थी. पता नही कितने लोगो से चुदवाया होगा और मेरे सामने सती सावित्री का ढोंग कर रही हैं”

ज्योति ने राज को एक और थप्पड़ मार दिया और घर से बाहर निकलने को बोला.

राज: “बहुत पछताएगी तू ज्योति. अब देख तू”

ज्योति: “भाग साले!”

राज वहाँ से चला गया.

नेक्स्ट एपिसोड मे पढ़िए क्या राज अपनी बेज़्जती का बदला ज्योति से लेगा!

error: Content is protected !!