अब तक आपने Hindi Sex Story पढ़ा की राज और ज्योति ने मिलकर आरके से बदला लेने के लिए उसका एक वीडियो बनाया जिससे वो बर्बाद हो सकता था. अब राज उस वीडियो के बदले ज्योति को चोदना चाहता था. अब आगे…
ज्योति और राज कार मे बैठ कर आरके के घर से निकले.
राज: “पहले तुम मुझसे चुड़वव फिर यह वीडियो मीडीया और तुम्हे दोनो को मिल जाएगा”
ज्योति: “पहले मुझे वीडियो दिखाओ”
राज ने अपने हाथ मे फोन पकड़े वो वीडियो थोड़ा सा चला कर बता दिया.
ज्योति: “अगर मुझे चोदने के बाद तुम यह वीडियो देने से मुकर गये तो?”
राज: “इधर मेरा लंड तुम्हारी चूत मे होगा और उधर मेरा फोन तुम्हारे हाथ मे होगा. तुम चुदते हुए जिसको यह वीडियो भेजना चाहो, भेज देना”
ज्योति: “ठीक हैं. कहा चोदोगे? इस कार मे?”
राज: “मेरे घर पर बीवी बच्चे नही हैं. अपने घर मे चोदुन्गा. मेरे घर के आस पास थोड़ी दूरी तक कोई घर भी नही हैं”
ज्योति: “ऐसा क्यू!”
ज्योति: “मैं अपनी बीवी को चोदता हूँ तो वो बहुत चिल्लाती हैं. इसलिए दूसरे घरो से थोड़ा दूर घर लिया हैं”
राज अब ज्योति को लेकर अपने घर आ गया. राज ने अपने घर के सारे दरवाजे और खड़किया बंद कर दी और वो दोनो बेडरूम मे आ गये.
ज्योति ने अपने कपड़े खोल दिए और पूरी नंगी हो गयी. राज आगे बढ़ा और पहली बार ज्योति के बूब्स को अपने मूह मे लेकर चूसने लगा और बूप बूप की आवाज़े निकालने लगा.
अपने एक हाथ से ज्योति की चूत रगड़ते हुए दूसरे हाथ से ज्योति की पतली कमर और गान्ड को दबाने लगा.
ज्योति: “जल्दी करो, टाइम पास मत करो”
राज: “चुदने की बड़ी जल्दी हैं तुम्हे!”
राज ने जल्दी से अपने कपड़े भी खोल दिए और नंगा हो गया. ज्योति ने जब राज का लंड देखा तो घबरा गयी. हटते कटे राज का लंड भी मोटा और लंबा था.
राज: “मैने कहा था ना की मेरा लंड मूँगफली जैसा नही होगा. मेरे इसी लंबे मोटे लंड के कारण मेरी बीवी चुदते वक़्त चीखती हैं. अब तुम भी चीखोगी, इसलिए खिड़किया बंद कर दी हैं”
राज ज्योति का हाथ पकड़ कर बिस्तर पर लाया. राज बिस्तर पर लेट गया और ज्योति को उसके उपर चढ़ने को बोला. ज्योति अब राज के लंड पर बैठ गयी और लंड अंदर डालने लगी.
सुखी हुई चूत मे लंड अंदर जा ही नही रहा था. उपर से लंड को मोटाई ज़्यादा थी. राज स्माइल कर रहा था.
ज्योति: “तुम्हारे पास आयिल हैं?”
राज: “हैं मगर तुम्हे नही दूँगा. तुम ही कुच्छ जुगाड़ लगाओ”
ज्योति अब राज के उपर से हटी और झुक कर राज का लंड अपने मूह मे लेकर चूसने लगी. राज आहें भरने लगा. ज्योति तब तक राज का लंड चुस्ती रही जब तक की लंड के जूस की कुच्छ बूँदें ज्योति के मूह मे ना आ गयी.
ज्योति का मूह चिकना हो गया और लंड को चूस कर उसने वो चिकनाई लंड पर लगा दी. फिर लंड मूह से बाहर निकाला और उस पर थूक लगा कर और चिकना किया.
राज आहें भरता स्माइल करता रहा और ज्योति एक बार फिर राज के लंड पर बैठ गयी और उसका लंड अपनी चूत के छेद मे डालना शुरू किया.
जाइए जैसे राज का लंड ज्योति की चूत मे जा रहा था वैसे वैसे ज्योति की हल्की चीखे निकल रही थी. पूरा लंड ज्योति की चूत मे जाते ही ज्योति की चूत मे सनसनाहट होने लगी थी.
ज्योति ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और राज ने वादे के अनुसार अपना फोन उसको दिया. ज्योति ने वो वीडियो अपने आप को फॉर्वर्ड कर दिया और मीडीया को भी.
ज्योति ने फोन साइड मे रखा और राज ने ज्योति की गान्ड पकड़ ली. ताकि वो भाग ना पाए.
ज्योति: “मैं भाग नही रही हूँ, जो वादा किया हैं वो निभा कर जाउन्गी”
ज्योति ने फिर उपर नीचे होना शुरू किया पर वो लंड बहुत मोटा था. ज्योति के मूह से चीखे निकलने लगी. पूरा कमरा ज्योति की चीखो से गुंजायमान हो चुका था.
कुच्छ मिनिट्स तक ज्योति ने चीखते चिल्लाते हुए चोदना जारी रखा पर फिर उसकी हिम्मत जवाब देने लगी. ज्योति रुक गयी पर चूत मे घुसे लंड से उसको तकलीफ़ हो रही थी.
राज ने ज्योति की कमर पकड़े उसको अपने सीने से चिपका लिया और फिर लुढ़क कर ज्योति को अपने नीचे लेकर उस पर लेट गया.
राज ने अपने लंड के धक्के ज्योति की चूत मे मारना शुरू किया. ज्योति एक बार फिर चीखने लगी. राज का लंबा लंड ज्योति की चूत के अंदर तक उतार कर बाहर निकल रहा था.
ज्योति को अपनी चूत मे किसी मोटी चीज़ के अंदर बाहर होने के अहसास के साथ ही एक मीठी सी गुदगुदी भी हो रही थी. ज्योति कभी चीखती तो कभी आहें भरने लगती.
ज्योति की चूत ने अपना जूस निकालना शुरू किया तो दूसरी तरफ राज का लंड भी एक दो बूँदें अपने जूस की छोड़ रहा था.
राज का लंड ज्योति की चूत मे अंदर जाते फुचाआक्क की आवाज़ करता और पूचाक्क की आवाज़ करते बाहर आता. ज्योति के लिए वो मीठा दर्द अब और बढ़ कर असहनिय हो गया था.
ज्योति ने अपनी आँखे बंद कर ली. तभी उसको अहसास हुआ की राज ने मौके का फ़ायदा उठा कर अपने होंठ ज्योति के होंठो पर रख दिए थे.
आहें भरने से ज्योति के होंठ थोड़े खुले ही थे जिस से राज ने ज्योति के होंठ को अपने होंठ मे फसा कर चूसना शुरू कर दिया.
ज्योति कुच्छ नही कर पाई. अपनी चूत मे पड़ते लंबे लंड के धक्को से वो वैसे ही बेबस हो चुकी थी. थोड़ी देर और राज ने ज्योति के होंठों का रस चूसा.
फिर राज ने अपना चेहरे से दूर किया और दोनो हाथ के पंजो के बाल थोड़ा शरीर आगे से उपर उठाते हुए उसने ज़ोर के झटके चूत मे मारने शुरू किए.
ज्योति: “आआआईईए … राज … धीरे ….. धीरे चोद … ”
राज: “अब मत रोक मेरी जाअँ… यह ले …. अया … ऊऊय … हाअ .. ले ले … उहह ये ले”
ज्योति: “ऊओई माआ .. मर गयी .. .. अयाया .. ईईईई … आहह .. आह आह आह … उम्म्म”
राज ने ते झटके मारते अपने लंड का जूस खाली करना शुरू किया. जिस से उसका लंड ज्योति की चूत की गहराइयो मे उतर गया. ज्योति पूरा मूह फाडे साँस लेने लगी.
ज्योति झड़ चुकी थी और राज भी झड़ कर ज्योति के नंगे शरीर पर लेटा रहा.
राज: “बोल मेरी जान, कैसी लगी चुदाई”
ज्योति: “हो गया हो तो उतर”
राज अब ज्योति के उपर से उतर गया. ज्योति ने उठ कर अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए उसको सहलाया और दबाया. फिर उन दोनो ने सॉफ सफाई करते हुए अपने कपड़े पहन लिए.
राज: “क्या हुआ, मेरी चुदाई पसंद नही आई?”
ज्योति: “मैं मज़े के लिए नही चुदवाती”
राज: “तो फिर इतनी आहें क्यू भर रही थी?”
ज्योति कुच्छ नही बोली और नज़रे चुरा ली.
राज: “आरके तो अब बर्बाद हो गया हैं. तुम्हारे घर से किसी को इलेक्शन मे खड़ा कर दो. तुम्हारी हज़्बेंड की पार्टी से टिकेट मिल जाएगा अब तो. तुम्हारी बेटी डॉली को टिकेट चाहिए था ना?”
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ज्योति: “डॉली ने भी पॉलिटिक्स से रिटाइयर्मेंट ले लिया हैं”
राज: “तो फिर तुम खड़ी हो जाओ इलेक्शन मे. इतनी खूबसूरत हो, उपर से आरके वाला वीडियो न्यूज़ मे आने के बाद तुम्हे सहानुभूति के वोट मिलेंगे. तुम्हारा जीतना तय हैं”
ज्योति:” मुझे पॉलिटिक्स नही आती”
राज: “मैं हूँ ना!. मैं तुम्हारा सेक्रटरी बन जाउन्गा. तुम्हारा साथ देकर मेरी नौकरी पहले ही जा चुकी हैं. अब तुम ही अपना सेक्रटरी बना लो. इसी बहाने तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत के साथ रहने का मौका मिलेगा”
ज्योति: “इलेक्शन के बारे मे सोचूँगी”
राज: “तुम सत्ता मे रहोगी तो आरके फिर से मूह नही उठाएगा. तुम्हारा कभी मूड हुआ तो मुझसे चुदवा भी सकती हो”
ज्योति: “ज़्यादा अरमान मत पालो”
राज: “तुम कितना भी च्छुपाओ, मगर तुम्हे मुझसे चुदवा कर मज़ा तो आया हैं”
ज्योति: “तुम्हारे जैसे कमीने सेक्रटरी की तो ज़रूरत हैं पर चुदाई के लिए नही”
राज: “अब इतनी भी बुरी चुदाई नही थी”
ज्योति: “मेरी चूत मे अभी भी जलन हो रही हैं. धीरे नही चोद सकता था. मैं कहा भागी जा रही थी”
राज: “चुदाई के टाइम मेरी बीवी को भी जलन होती थी, पर धीरे धीरे आदत पड़ गयी उसको. तुम्हे भी मेरे लंड की आदत पड़ जाएगी तो फिर तुम खूब एंजाय करोगी”
ज्योति: “मेरे सेक्रटरी तो तुम बन जाओ, मगर जिस दिन मुझे देखकर तुम्हारी पैंट मे लंड कड़क हुआ उस दिन तुम्हारा लंड मैं काट दूँगी”
राज: “मंजूर हैं, काट लेना मेरा लंड, मगर अपने दांतो से काटना मेरा लंड. इसी बहाने तुम्हारे मूह मे तो जाएगा”
ज्योति: “मैं जा रही हूँ”
राज: “तो मेरी नौकरी पक्की समझू?”
ज्योति: “तुमने मेरी हेल्प की हैं आरके को फसाने मे. इसलिए तुम्हे नौकरी पर रखती हूँ”
राज: “आज नौकरी पर रख रही हो, एक दिन मुझे अपने बिस्तर पर भी रखोगी, याद रखना”
ज्योति शरमाते हुए वहाँ से जाने लगी. तभी राज ने पीछे से आवाज़ देकर रोका.
राज: “वैसे, यह मेरी ज़िंदगी की बेस्ट चुदाई थी. शायद तुम्हारी ज़िंदगी की भी यह बेस्ट चुदाई होगी. आशा करता हूँ की तुम्हारी चूत मेरे लंड को और भी मौके देगी”
ज्योति वहाँ से अपने घर चली गयी. राज को अभी भी यकीन नही हो रहा था की उसने ज्योति को चोदने का सपना पूरा कर लिया हैं और अब वो सेक्रटरी बनकर ज्योति के हमेशा साथ रह पाएगा.
अगली सुबह आरके का कच्चा चिट्ठा न्यूज़ मे आने लगा था. सतीश एक साजिश का शिकार हुआ था. यह जानकार उसकी पार्टी ने फिर से सतीश को टिकेट देना चाहा पर वो तो रिटाइयर्मेंट ले चुका था.
सतीश की पार्टी ने ज्योति को टिकेट देने की घोषणा कर दी. आरके पर केस चला और जैल भेज दिया गया. आरके का इलेक्शन टिकेट भी कॅन्सल हो गया.
ज्योति के घर मे उसका पति सतीश और बच्चे डॉली और जय बहुत खुश थे की आख़िर आरके को उसके किए की सज़ा मिली. मगर राज को ज्योति का सेक्रटरी बने देखकर उनको आश्चर्य भी हुआ.
राज जिस तरह गंदी नज़रो से ज्योति को देखता था और फिर ज्योति यह देखकर शर्म से नज़रे फेर लेती थी, यह सब कुच्छ डॉली ने भी नोट कर लिया था और उसको शक होने लगा की उसकी मम्मी ज्योति और राज के बीच कुच्छ तो हुआ हैं.
एक दिन डॉली पार्टी ऑफीस मे अपनी मम्मी ज्योति से मिलने पहुचि. अंदर राज और ज्योति ही थे. डॉली बाहर खड़े होकर चुपके से उनकी बातें सुनने लगी.
ज्योति: “तुमको मैने जो काम दिए थे वो करवा दिए?”
राज: “इलेक्शन से जुड़े सारे काम हो गये हैं. कभी अपने लिए भी काम करवा लो. मैं तो रेडी हूँ ही”
ज्योति: “मैने तुम्हे पहले भी कहा हैं, अपने काम पर ध्यान दो”
राज: “एक बार मेरे साथ चुदवा ही चुकी हो, अब क्यू शर्मा रही हो! तुम्हारे बूब्स का साइज़ तो मैने अपने हाथों से मापा हैं, वो मैं कभी नही भूलूंगा”
ज्योति: “हो गयी तुम्हारी बकवास तो काम शुरू करे?”
राज: “तुम्हे देखता हूँ तो बस एक ही काम याद आता हैं. तुम्हारी रस भरी चूत, और वो होंठ. किसमे ज़्यादा रस हैं मैं आज भी कन्फ्यूज़्ड हूँ. एक बार और चख कर देख लू?”
ज्योति: “अगर तुम्हे ऐसे ही काम करना हैं तो तुम्हारी ज़रूरत नही”
राज: “दिन को ना सही, रात के काम के लिए रख लो मुझे.”
ज्योति: “शूट उप, कोई सुन लेगा”
राज: “अच्छा सिर्फ़ एक बार बोल दो की तुम्हे मेरी चुदाई पसंद आई की नही, फिर मैं चुप हो जाउन्गा”
ज्योति चुप हो गयी और कुच्छ नही बोली. राज स्माइल करते हुए और अपनी भो उचकाते हुए उसको चिढ़ाते हुए पूछता रहा.
ज्योति ने जब कोई जवाब नही दिया तो राज अपनी पैंट की चैन खोलने की धमकी देने लगा. ज्योति ने अपना हाथ उपर कर उसको रोका.
ज्योति: “अच्छी थी तुम्हारी चुदाई. अब शांति मिली? पर अभी काम करो और ऑफीस मे यह बकवास करने की ज़रूरत नही हैं”
राज खुश हो गया. बाहर खड़ी डॉली ने यह सब सुना और तँवाव मे आ गयी. वो उल्टे पाव अपने घर लौट गयी. फिर सोचा मम्मी को खुश करने के लिए तो पापा सतीश भी काम नही आते तो मम्मी अपनी खुशी के लिए किसी के साथ चुदवाये तो क्या बुरा हैं.
अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या ज्योति का राजनीतिक सफ़र इतना आसान होगा!