उद्योगपति की बीवी के साथ अफेयर … भाग 1

मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखता हूँ. इसलिए मेरे घर वाले मेरा खर्च ज़्यादा दिनों तक नहीं उठा सकते थे. मैंने खुद अपना खर्च उठाने की सोच कर होम ट्यूशन देने की सोची.

मैंने अपने इस काम के लिए विज्ञापन करने के लिए कुछ पर्चे छपवाए. मैंने और मेरे एक दोस्त ने मिलकर ये विज्ञापन बहुत सी जगह पर चिपकाए.

अगले दिन मुझे एक महिला का फोन आया, जो अपने 8वीं कक्षा के बच्चे को मुझसे पढ़वाना चाहती थी. मैंने उनसे उनके घर आने के लिए कह दिया.

उस महिला ने अपना पता मुझे दे दिया … फोन नम्बर तो आ ही गया था.

अगले दिन मैं उस महिला के दिए हुए पते पर पहुंच गया.

ये किसी शहर के बड़े उद्योगपति का आलीशन बंगला था.

यहां मेरी मुलाक़ात बच्चे के माता-पिता से हुई. उस बच्चे का नाम रोहन था. कुछ औपचारिक बातों के बात मैंने रोहन को पढ़ाना शुरू कर दिया.

बच्चे को मेरा पढ़ाया हुआ समझ आ गया और इस तरह मुझे मेरा पहली होम ट्यूशन मिल गई.

रोहन की मम्मी का नाम सुहानी खन्ना था. उनकी उम्र यही कोई 37 साल थी. वो देखने में एकदम सफेद काग़ज़ सी गोरी, सूट सलवार पहने वाली अमीर औरत थीं.

मैं उनसे भाभी जी कहने लगा था. शुरू में मेरे उनके लिए कोई ग़लत विचार नहीं थे.

मैं रोज ट्यूशन पढ़ाते समय एक कप कॉफी पीता था, जो सुहानी भाभी खुद या कभी कभी उनकी नौकरानी बना कर मुझे दे जाती थी. पर अधिकांशत: सुहानी भाभी ही मुझे कॉफ़ी अपने हाथों से देने आती थीं.

रोहन को पढ़ाते हुए मुझे लगभग दस दिन हो गए थे. सब कुछ नॉर्मल चल रहा था. रोहन मुझसे पढ़ने से पहले तैराकी सीखने जाता था. इसलिए वो काफी थका थका सा रहता था.

एक दिन मैं रोहन के घर समय से 20 मिनट पहले पहुंच गया था. उस वक्त तक रोहन तैराकी सीख कर वापस नहीं आया था.

मुझे देख कर सुहानी भाभी ने मुझे बैठने को कहा और हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे.

उन्होंने मेरे बारे में पूछा, मेरी फैमिली के बारे में पूछा. मैंने भी उन से उनके बारे में पूछा.

भाभी बोलीं- मैं तो सारे दिन बोर होती रहती हूँ. रोहन के पापा सुबह से रात तक बिज़ी रहते हैं. आप अगर जल्दी आ सकते हो, तो आ जाया करो. हम लोग साथ में कॉफी पीते हुए गप-शप मार लिया करेंगे.

ये कह कर सुहानी भाभी हंसने लगीं.

मैंने बोला- हां हां भाभी क्यों नहीं, मैं कल से 30 मिनट पहले आ जाऊंगा.

उन्होंने मुस्कुरा कर बोला- ठीक है.

फिर इसी तरह हम लोग एक दूसरे से बातें करने लगे. उनकी बातों से पता लगा कि वो बहुत अकेली महसूस करती हैं.

अब मैं सुहानी भाभी को पसंद करने लगा था. हम दोनों काफी हंस हंस कर एक दूसरे से बात करने लगे थे. हमारे बीच मोबाइल पर भी चैट होने लगी थी. मैं उन्हें जोक्स भेज देता था.

फिर एक दिन उन्होंने खुद ही मुझे एक एडल्ट जोक भेज दिया, तो मेरी तरफ से भी इसी तरह से एडल्ट जोक्स उनको जाने लगे. हम दोनों एक दूसरे से काफी खुल गए थे.

एक दिन मैं रोहन को पढ़ाने से आधा घंटे पहले भाभी के पास बैठा हुआ बात कर रहा था. उसी दौरान मेरा हाथ ग़लती से भाभी के हाथ पर रख गया और भाभी ये देख कर मुस्कुराने लगीं.

मैंने उसी पल सुहानी भाभी को मेरी दोस्ती का प्रपोजल दिया, जो उन्होंने तुरंत हामी भरते हुए स्वीकार कर लिया.

अब हम लोग एक दूसरे को फोन पर देर देर तक बातचीत करने लगे.

मुझे रोहन को पढ़ाते हुए लगभग 25 दिन हो गए थे.

मैंने एक दिन सुहानी भाभी को अपने दिल की बात बताई कि मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ.

भाभी ने हंस कर जवाब दिया- तुम अभी जवान हो, तुम्हारा खून गर्म है. कोई अपनी उम्र की लड़की ढूंढो.

मैंने कहा- सुहानी भाभी, आपको मना करना है, तो आप ना बोल दो. पर इस तरह से ज्ञान मत बांटो.

मेरी इस बात पर भाभी गुस्सा हो गई और वहां से उठ कर चली गईं.

मैंने रोहन को आज बड़ी मुश्किल से पढ़ाया क्योंकि आज मैं बहुत डरा हुआ था. अगर सुहानी भाभी बुरा मान गईं और उन्होंने ये बात रोहन के पिता जी को बता दी, तो मैं तो गया काम से.

उनके पति वैसे भी एक उद्योगपति हैं, अच्छा-खासा रुतबा है उनका, मुझे लगा कि वो मुझे नहीं छोड़ेंगे.

मैंने सुहानी भाभी को सॉरी लिख कर एक संदेश उनके फोन पर भेजा.

उनका जवाब आ गया- बस हो गई आपकी पसंद खत्म!

मैं- नहीं भाभी, मैं आपको हमेशा पसंद करता था … और करता रहूँगा पर आपको मंज़ूर नहीं है, तो मैं कर भी क्या सकता हूँ.

सुहानी – ठीक है. मैंने आपको माफ़ किया कल एक घंटे पहले आ जाना … शुभ रात्रि.

मैं उनके इस तरह के रूखे जवाब से मैं और भी डर गया कि यार भाभी मुझे एक घंटे पहले क्यों बुला रही हैं.

अगले दिन मैं डरते डरते उनके घर पहुंचा. सुहानी भाभी मेरा ही इंतज़ार कर रही थीं.

मेरे जाते ही उन्होंने मुझसे बोला- सर, आप 5 मिनट देरी से आए हो!

मैं चुप रहा क्योंकि मैं कुछ भी बोलने की हालत में नहीं था.

वो मेरे साथ बैठ गईं और बोलीं- तुम्हें मुझमें क्या पसंद आ गया है, जो तुम मेरी और अपनी उम्र का ख्याल भूल गए हो. किसी जवान सुन्दर लड़की के पास जाओ … और उससे अपना दिल लगाओ. यहां तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा.

मैंने उन्हें उत्तर दिया- मुझे कुछ नहीं, बस आपका साथ चाहिए.

सुहानी भाभी ने हंस कर बोला- वो सब तो ठीक है, पर तुम समझ क्यों नहीं रहे हो!

उनके इतना बोलते ही मैंने उनको अपनी बांहें खोल कर मेरे नज़दीक आने का इशारा किया.

वो बिना कुछ सोचे मेरी बांहों में आ गईं और अगले ही पल मुझसे दूर होकर अपने शयन-कक्ष (बेडरूम) में ऊपर चली गईं.

मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं. मुझे एक ही ख्याल आ रहा था कि अगर मैं आज चूका तो फिर शायद कभी भी सुहानी भाभी के प्यार को ना पा सकूंगा.

दूसरी तरफ मुझे बहुत डर लग रहा था कि कहीं मेरी किसी गलत हरकत से भाभी बुरा ना मान जाएं क्योंकि उनका बुरा मानना मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर सकता था.

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फिर मैंने सर झटकते हुए सोचा कि जो होगा, सो देखा जाएगा. मैं उनके पीछे उनके शयन-कक्ष में पहुंच गया. सुहानी भाभी कमरे में एक कुर्सी पर बैठी हुई थीं.

मैंने अन्दर जाते ही बोला- भाभी, आपको मैं पसंद नहीं हूँ क्या?

तो उन्होंने मेरी तरफ देखते हुए जवाब दिया- नहीं, ऐसा नहीं है. मैं तुम्हें पहले दिन से पसंद करती हूँ. तुम दिखने में कद-काठी में … और बोलने में काफी अच्छे हो. तुम्हें तो कोई भी लड़की मिल जाएगी … फिर मैं ही क्यों?

मैं उनके बेड पर बैठ गया और भाभी से बोला- आप मुझसे कब तक दूर भागेंगी इधर आइए, मेरे पास बैठिए.

वो उठ कर मेरे पास आईं, तो मैं भी उठ खड़ा हुआ और उन्हें अपनी बांहों में लेकर उनसे गले लग गया.

मैंने धीरे से अपने हाथ उनकी पीठ पर रख कर उन्हें अपनी तरफ खींचा और अपनी छाती से चिपका लिया. उनके चुचे मेरी छाती से चिपक रहे थे और उनकी गर्दन मेरे कंधे के पास थी.

भाभी ने अपनी आंखें बंद की हुई थीं और मुझसे मज़बूती से चिपकी हुई थीं. उनके हाथ भी मेरी पीठ पर थे.

मैं अपने हाथ नीचे उनके पिछवाड़े पर ले गया और उन्हें दबाने लगा.

इस पर भाभी ने ‘इस्स ..’ की आवाज़ निकाली और मुझे अलग होने के लिए बोला.

पर मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया. वो मेरे नीचे थीं और मैं उनके ऊपर चढ़ गया था. मैंने उनके होंठों से अपने होंठ मिला दिए और उनके एक चूचे को अपने एक हाथ से दबाने लगा.

कोई 30 सेकेंड के विरोध के बाद वो मेरा साथ देने लगीं और मेरी जीभ को चूसने लगीं. लगभग 3-4 मिनट की किस के बाद मैंने उनका शर्ट ऊपर करना चाहा, तो वो मुझे रोकने लगीं.

पर मैं बहुत गर्म हो चुका था, तो रुकना नहीं चाहता था. मैंने उनका सूट को झट से ऊपर किया और ब्रा के कप को नीचे करके उनके चूचों पर टूट पड़ा.

भाभी ने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी. मैंने भाभी का एक चुचा अपने मुँह में डाला और उसे मस्ती से चूसने लगा. भाभी की मीठी आहें निकलने लगीं. उनका एक दूध चूसता हुआ मैं दूसरे वाले को अपने हाथ से दबा रहा था.

भाभी पागल हुई जा रही थीं. उनका शरीर अकड़ रहा था और वो अपनी गर्दन को बार बार ऊपर करके मुझे अपने चुचे चूसते हुई देख रही थीं. उनके निप्पल से कुछ रस या दूध सा भी मेरे मुँह में आ रहा था. मुझे वो दूध अच्छा लग रहा था.

मैं एक भूखे हब्शी की तरह उनके दोनों चूचों को बारी बारी से चूस रहा था.

कुछ पल बाद मैंने एक हाथ उनकी पज़ामी में डाल दिया और उनकी चुत को टटोलने की कोशिश करने लगा. भाभी की चुत थोड़ी गीली होने लगी थी.

फिर जैसे ही उन्हें होश आया कि मेरा हाथ उनकी चुत को छू रहा है, वो आह भरती हुई मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं. उन्होंने अपनी दोनों टांगों को एक दूसरे से चिपका लिया और मेरा हाथ बाहर खींच दिया. मैं अब भी उनके चूचों को चूस रहा था.

मैंने अपना मुँह उनके चूचों से हटाया और पजामी को उतारने की कोशिश की.

इस पर भाभी ने मना कर दिया और बोलीं- नहीं यार प्लीज़ … अब तुम रुक जाओ. इससे आगे नहीं.

मैंने सुहानी भाभी से विनती की- भाभी, आप मुझे अपनी चुत चूसने दो, आपको मजा आएगा.

पर वो नहीं मानी और बोलीं- वो गंदी जगह है. मैं तुमको ये नहीं करने दूंगी.

उनकी इस बात से मेरे सारे अरमानों पर मानो पानी फिर गया था. मैं बहुत गर्म हो चुका था और मेरा लंड मेरी पैंट फाड़ने को हो रहा था. अपने आपको शांत करने के लिए मैं वहां से उठ कर स्नानघर में चला गया और अपना मुँह धोकर बाहर आया.

मैंने देखा कि भाभी कमरे से जा चुकी थीं. बाहर आ कर देखा कि वो ऊपर बने एक छोटे से रसोईघर में कॉफी बना रही थीं.

मैं चुपचाप रोहन के कमरे में जाकर बैठ गया.

थोड़ी देर में भाभी कॉफी लेकर आईं और बोलीं तुम्हारे अन्दर बहुत जोश है … लो कॉफी पियो.

मैंने कॉफ़ी का कप लेते हुए कहा- कैसा जोश भाभी … आप भी तो इतनी गर्म हैं. हर चीज़ का आनन्द ले रही थीं, फिर भी मुझे रोक दिया.

उन्होंने बोला- रोहन के पापा और मैं नीचे मुँह नहीं लगाते. वो गंदी जगह है. वहां मुँह नहीं लगाना चाहिए.

इस पर मैंने उनसे पूछ लिया- आप लोग कितने दिनों के अंतर पर सेक्स करते हैं.

इस पर उन्होंने बड़ा गोल मोल जवाब दिया.

उन्होंने कहा- नयी नयी शादी होने पर तो हर पति पत्नी रोज रात में एक बार सेक्स करते ही हैं. उनके बीच ये लगभग 3 से 6 महीने तक चलता है. पर उसके बाद ये अंतर बढ़ जाता है … और बच्चे पैदा होने के 1-2 साल बाद तो पति-पत्नी में सेक्स की चाह घटती चली जाती है. फिर वो दोनों अपना पूरा टाइम बच्चे और परिवार की देख रेख में गुजार देते हैं.

मैंने बोला- भाभी आपने अपना जवाब नहीं दिया कि अभी आप लोग कितने दिनों के अंतर पर सेक्स करते हैं?

भाभी मेरी बात का जवाब नहीं दे रही थीं. वो गोल मोल जवाब देकर मुझे बहला रही थीं.

मैंने उनसे आग्रह किया कि प्लीज़ आप अपने पति के साथ सेक्स के बारे में बताएं.

तो उन्होंने मुझे बताया कि हम दोनों 15-20 दिन के औसत से ये सब करते हैं. पर कभी कभी 2 महीने तक का भी अंतर बन जाता है. अभी मुझे डेढ़ महीने से ऊपर हो गया है.

मैंने उनसे आगे पूछा- क्या अभी तक कभी भी अपनी चुत नहीं चुसवाई है?

इस पर भाभी शर्मा गईं और बोलीं- नहीं, मैंने बोला तो है कि वो गंदी जगह होती है.

मैंने बोला- आप अभी स्नानघर में जाकर अपनी चुत साबुन से धोकर आइए, मैं आपकी चुत चूसूंगा, फिर देखिए आपको कितना अच्छा लगेगा.

इस पर उन्होंने अपने दोनों हाथों से अपना मुँह छुपा लिया और बोलीं- तुम बहुत हॉट हो यार .. अभी भी तुम्हारी पेंट में तंबू बना हुआ है.

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इस पर मैंने अपना खड़ा लंड देखा और भाभी हंसने लगीं.

मैंने बोला- भाभी, आपने इसको तड़पते हुए छोड़ दिया है. ये भी बेचारा क्या करे!

भाभी बोलीं- इसकी तड़प का इलाज तुम खुद करो, मेरे पास इसका इलाज नहीं है.

इस पर मैं बोला- भाभी, इसका इलाज अब तो बस आप ही कर सकती हैं.

इतने में दरवाज़े की घंटी बजी, शायद रोहन आ गया था.

नौकरानी ने गेट खोला और वो रोहन को लेकर ऊपर आ गई.

रोहन का और भाभी का कमरा पहले माले पर था. भाभी ने नौकरानी को रोहन के आने तक नीचे रहने की सख्त हिदायत दे रखी थी, जो मुझे बाद में पता चली.

दोस्तो, मैं आपको भाभी के फिगर के बारे में बताना भूल गया. उनकी लंबाई 5 फुट 3 इंच थी. कमर 32 इंच, चुचे 36 इंच और उनका वजन लगभग 65 किलो के आसपास था. भाभी का शरीर ना मोटा था, ना पतला .. बिल्कुल मेरी तरह औसत था. भाभी की गांड थोड़ी बाहर निकली हुई थी.

भाभी आज भी 20-22 साल की लड़की जैसी दिखती थीं. उनका जिस्म गदराया हुआ था और उनके चूचों जैसे चुचे, मैंने सिर्फ़ ब्लू फिल्म्स के वीडियोज में ही देखे थे. ना छोटे ना बड़े और ना ही लटके हुए .. बिल्कुल तने हुए एक तोतापरी आम के आकार के थे. मैं उनके एक चुचे को अपने मुँह में पूरा डाल लेता था.

खैर .. रोहन आ गया था, तो मैं उसे पढ़ाने लगा.

उस दिन में रोहन को पढ़ाते समय भी मैं सुहानी भाभी के सेक्सी शरीर के बारे में ही सोच रहा था.

रोहन को गणित के कुछ प्रश्न हल करने को देकर मैं सुहानी भाभी के कमरे में जाकर उनसे फिर से लिपट गया और पीछे जाकर उनके चूचों को मसलने लगा. सुहानी भाभी के मुँह से ‘आह आह ..’ की मीठी आवाजें निकल रही थीं और वो मुझे रोकना चाह रही थीं.

मैं उनके सामने आ गया और उनको कमरे के दरवाज़े के पास ले जाकर दरवाज़े को बंद कर दिया. फिर भाभी को दरवाज़े से चिपका कर उनके सूट को ऊपर कर मैं घुटनों के बल बैठ गया और उनके दूध पीने लगा.

मैं उनके चूचों को बेइंतेहा चूसे जा रहा था. भाभी की सांसें और आहें भरने की आवाज़ तेज़ हो गई थीं. उन्होंने मुझे अपने से दूर कर दिया.

मुझे भी होश आया कि रोहन और नौकरानी घर में ही हैं. मैं अपना खड़ा लंड लेकर वापस रोहन के कमरे में आ गया.

कुछ देर बाद भाभी भी वहां आ गईं और बोलीं- कुछ लोगों का अपने आप पर नियंत्रण ही नहीं है.

मैं उनकी बात समझ गया था और सर नीचे किये रोहन को पढ़ाता रहा.

फिर उधर से वापस अपने किराए के कमरे में आ गया. रात को मैंने सुहानी भाभी से फोन पर बात की. मेरी और सुहानी भाभी के बीच हुए फोन पर बातचीत कुछ इस तरह से हुई थी.

मैं- मुझे कल दो घंटे का समय चाहिए.

सुहानी – नहीं मिल सकता.

मैं- आपके पति आपको संतुष्ट नहीं कर पाते हैं, तब भी आप मुझसे मिलना नहीं चाह रही हैं.

सुहानी – मुझे मेरे पति से कोई शिकायत नहीं है. वो मुझे चाहते हैं. शादी के शुरू के दिनों में हमने बहुत सेक्स किया है.

आगे उन्होंने बताया- मैं ये भी जानती हूँ कि वो बाहर की औरतो के साथ भी पैसे देकर सेक्स करते हैं और मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है. आजकल उनका पानी बहुत जल्दी निकल जाता है, पर वो कोई बड़ी बात नहीं है.

अगर आप रोजाना सेक्स ना करके बहुत दिनों के अंतर पर सेक्स करोगे, तो ये स्वाभाविक है. वो एक अच्छे साथी हैं. उम्मीद करती हूँ, तुम बार बार उनके बारे में नहीं कहोगे.

मैं- आपको आज कैसा लगा?

सुहानी – मुझे बहुत अच्छा लगा, पर तुमने रोहन के सामने मेरे रूम में आकर मुझको बहुत गर्म कर दिया था. उस समय मैंने बड़ी मुश्किल से अपने आपको संभाला.

मैं- कल का दिन मैं आपके लिए बहुत स्पेशल बनाना चाहता हूँ. मुझे कल 2 घंटे का समय दीजिए ना?

सुहानी – मैं कामवाली को कल आधे दिन में घर भेज देती हूँ. अगर वो चली जाएगी, तो मैं तुम्हें फोन करूंगी. रोहन के स्कूल के टाइम तुम्हें आना होगा.

“अब मैं तुमसे कुछ पूछूं?”

मैं- क्यों नहीं यार … बोलिए न!

सुहानी – मैंने तुम्हें आज एक घंटे पहले बुलाया था, पर तुम बीच में ही रुक गए थे. मैंने तुम्हें मेरे नीचे तुम्हारी जीभ लगाने को मना किया था, तुम्हारी पैंट में खड़ा तंबू लगाने के लिए नहीं.

मैं- भाभी मैं समझता हूँ कि सेक्स एक अनुभूति है .. फीलिंग है .. जुड़ाव है, जो दो साथियों की रजामंदी से होता है. जब तक दोनों साथी एक दूसरे के दिल के भाव नहीं समझेंगे, तब तक ये जुड़ाव संभव नहीं है. दोनों साथियों को चाहिए कि वो अपने आनन्द के साथ साथ अपने साथी के आनन्द और खुशी का ख्याल रखें. जब आपने मुझे आपके नीचे के कपड़े उतारने से पहले रोक दिया, तो मैं आपकी रजाबंदी के बिना कैसे आगे बढ़ सकता था!

सुहानी – यार तुम इतनी सी उम्र में इतने मैच्योर कैसे हो गए हो? कितनी अच्छी अच्छी बातें कर लेते हो, तुम्हारी इन्ही बातों पर तो मैं फिदा हो गई हूँ. एक बात बताओ, ये इतना अनुभव कहां से आया? अभी तक कितनी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुके हो?

मैं- भाभी ये सब मेरे अन्दर की फीलिंग्स हैं, जो अन्तर्वासना पर पढ़ी सेक्स कहानियों और अलग अलग साइट्स पर सेक्स वीडियोज को देख देख कर विकसित हुए हैं. बाकी मेरा अभी तक खुद का किसी भी लड़की के साथ कोई अनुभव नहीं है.

सुहानी – जिस तरह से तुमने आज मेरी चुचियों के निपल्स को चूसा है .. और जिस तरह से तुमने मेरी सिस्कारियां निकाली हैं, उससे मुझे तो तुम्हारी बातों पर विश्वास नहीं होता कि तुमने किसी से सेक्स नहीं किया है. अच्छा एक बात बताओ, अगर मैं तुम्हारे लिए अनजान होती .. और तुमसे मेरे साथ सेक्स करने को बोलती .. तो क्या तुम नहीं करते?

मैं- भाभी, सच बोलूं, तो आपसे कोई भी सेक्स करने को तैयार हो जाएगा, तो मैं कैसे मना कर सकता था … मैं ज़रूर करता. क्योंकि आप हो ही इतनी सुन्दर और सेक्सी. पर आप सोचिए, आप अपना शरीर तो मुझे सौंप देतीं, पर जब तक आप मुझे समझती नहीं, जानती नहीं, तब तक क्या आप अपनी आत्मा मुझे सौंप सकती थीं!

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सुहानी ने हंसते हुए कहा- हम्म .. जी बाबा जी, आपकी बात मैं बिल्कुल समझ गई. आप मुझे भाभी ना बुला कर मेरे नाम से बुलाएं बाबा जी.

मैं- सुहानी , हर इंसान के जीवन में टेंशन और परेशानियां होती हैं, पर मैं चाहता हूँ कि जब आप मेरे साथ हों, तो आप शत प्रतिशत मेरी हों .. शरीर से, आत्मा से, दिल से, दिमाग़ से. मैं आप में खो जाना चाहता हूँ.

सुहानी – जो हुकुम मेरी जान.

मेरा सभी पाठकों से भी अनुरोध है, जब आप अपने साथी के साथ बेड पर हों, तो आप अपने साथी की खुशी के अलावा और कोई भी चीज़ अपने दिल दिमाग़ में ना रखें. अगर आप ऐसा करने में कामयाब हुए, तो आपकी ज़िंदगी और रिश्ते में बहुत सुधार होंगे.

मेरा कमरा सुहानी भाभी के घर से 3 किलोमीटर की दूरी पर था. अगले दिन सुहानी भाभी का 11 बजे फोन आया उस समय मैं मार्केट में था. उन्होंने मुझे 12 बजे तक अपने घर पर पहुंचने को बोला.

मैंने मार्केट से मालिश वाला चमेली का तेल और कंडोम का पैकेट खरीदा. फिर 11:45 पर मैं सुहानी भाभी के घर पहुंच गया. घर का मुख्य दरवाज़ा खुला हुआ था.

मैं अन्दर आया और दरवाज़े को बंद करके पहले माले पर पहुंच गया. मैंने देखा कि सुहानी भाभी कहीं नज़र नहीं आ रही थीं. मैंने भाभी के कमरे से जुड़े हुए स्नानघर में पानी के गिरने की आवाज़ सुनी, तो मैं उधर ही बैठ कर सुहानी भाभी का इंतज़ार करने लगा.

कोई 5 मिनट बाद सुहानी भाभी बाथरूम से एक छोटा सा तौलिया लपेटे हुए बाहर आईं. ये तौलिया उनके चूचों पर बंधा हुआ था.

उनकी दूध सी गोरी टांगें, मोटी मोटी जांघें और उभरी हुए आधी गांड को खुली देख कर मेरी हालत खराब हो रही थी.

वो मुझे देख कर शर्मा गईं और मुझे कमरे से बाहर जाने को बोला.

मैंने सुहानी भाभी से कहा- आप सिर्फ़ पैंटी पहन लीजिए, बाकी ऐसे ही रहो. मैं आज आपके पूरे शरीर की मालिश करने वाला हूँ.

सुहानी भाभी ने आंखें फैलाते हुए पूछा- बॉडी मसाज आता है तुम्हें?

मैं- नहीं, पर मैंने बहुत सी वीडियो देख कर सीखा है. मैं इसमें अनुभवी नहीं हूँ पर ट्राइ ज़रूर करूंगा, तुम कोई पुरानी चादर फर्श पर बिछा लो और लेट जाओ.

सुहानी – तुम बाहर रोहन के रूम में जाओ. पांच मिनट बाद अन्दर आ जाना.

मैं बाहर चला गया और 3-4 मिनट में वापस आया, तो देखा सुहानी भाभी ने चादर बिछा दी थी और तौलिए में लिपटी मेरी जान उस चादर पर लेटी हुई थी. मैंने सुहानी भाभी को उल्टा लेटने को बोला, तो वो पेट के बल लेट गईं.

मैंने भाभी का तौलिया हटा दिया और खुद पैंट और टी-शर्ट उतार कर अपने साथ लाया हुआ शॉर्ट्स पहन कर सुहानी भाभी की टांगों की तरफ बैठ गया. मैं भाभी के पंजों पर थोड़ा सा तेल डाला और हाथ से थोड़ा दवाब बना कर उनके पंजे से टख़नों तक की मालिश करने लगा.

अब मैं ऐसे ही ऊपर घुटनों तक ढेर सारा तेल डाल कर सुहानी भाभी की टांगों की मालिश करने लगा. मैंने भाभी के पांव को उठा कर नीचे हाथ डाल कर पूरे पांव की अच्छे से मालिश की.

सुहानी भाभी आंख बंद करे हुई लेटी थीं.

भाभी के घुटनों की मालिश के बाद मैं सीधा उनकी पीठ पर आ गया और यहां मैंने भाभी को थोड़े ज़्यादा दबाव से मेरे हाथ के अंगूठों और हथेली से दबा कर मालिश दी.

इस पर सुहानी भाभी ने बोला- आराम से!

फिर मैंने भाभी के कंधों और हाथ की मालिश भी अच्छे से की, बहुत से पॉइंट दबा कर मालिश की, तो भाभी को बड़ा अच्छा लगा.

अब मैं वापस उनकी टांगों पर आ गया और भाभी की पैंटी उतारने की कोशिश की, जिसमें सुहानी भाभी ने अपने पांव उठा कर मेरा साथ दिया. मैंने सुहानी भाभी की जांघों को मुक्का मसाज दी.

अब मैंने सुहानी भाभी की गांड पेर ढेर सारा तेल लगा कर हाथों को गोल गोल घुमाकर मालिश कर दी. मैंने धीरे से भाभी के चूतड़ों को फैलाया और अपनी नाक उनकी चुत तक पहुंचा दी.

इस बार भाभी के मुँह से ‘सीयी ई ..’ की आवाज़ निकल गई.

मैंने अपने मुँह से सुहानी भाभी की चुत से दो इंच दूर से फूंक मारी, तो उनकी गांड का छेद ऊपर नीचे होने लगा.

भाभी की गांड कभी खुल रही थी, तो कभी टाइट हो रही थी.

सुहानी भाभी वासना से तड़प रही थीं.

मैंने सुहानी भाभी को सीधा होने को बोला, तो भाभी सीधी होकर पीठ के बल लेट गईं और मुझसे बोलीं- जादूगर, एक प्रार्थना है.

मैंने कहा- क्या?

भाभी अपनी चुत की तरफ इशारा करते हुए बोलीं- तुम वादा करो कि मेरी ये नहीं चूसोगे?

मैंने हंसते हुए बोला- ये .. क्या नहीं चूसूंगा?

सुहानी भाभी ने अपने दोनों हाथ अपने मुँह पर रखते हुए कहा- तुम मेरी ‘सी ..’ नहीं चूसोगे.

मैंने बोला- ओके वादा, आपकी मर्ज़ी के खिलाफ मैं कुछ नहीं करूंगा .. बस आपको यदि कुछ अच्छा लगे तो आप भी मुझे रोकना मत.

भाभी ने हामी भर दी.

मैं उनसे मीठी मीठी सेक्सी बातें करते हुए भाभी के पांवों और हाथों की हल्के हाथ से मालिश कर रहा था.

सुहानी भाभी के शरीर पर उनके हाथों के बगलों और चुत को छोड़ कर कहीं भी बाल नहीं थे. चुत के बाल तो सुहानी भाभी ने आज ही नहाते टाइम काटे थे.

आज मुझे भाभी को चोदने का पूरा मौक़ा मिला था. मैं भी भाभी की चुदाई को पूरे मजे से करना चाहता था.

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क्रमश:

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