अधेड़ उम्र की उत्तेजना – भाग 2(अंतिम भाग)
अब आगे…….. वोह: ‘थैंक्स, मेरी इच्छा पूरी करने के लिए’. मैं: ‘ हाँ, मैं बच्चो को निराश नहीं करती’. यह कह कर हॅसने लगी और वह भी हॅसने लगा. वोह: ‘हम कब मिल सकते है?’ मैं चुप हो गयी. मिलने की इच्छा मुझे भी होने लगी थी और मन मानने लगा था की उससे मिलने में कोई बुराई और खतरा नहीं है. लेकिन परेशानी थी की मैं उससे कहाँ मिल सकती हूँ? मैं: ‘मुझको नहीं पता. कोई ऐसी जगह नहीं समझ में आती जहाँ मैं तुमसे मिल सकू’. वोह: ‘मैं आपको अपने घर नहीं ले जा सकता, मेरी माँ हमेशा घर रहती है. आपका घर कैसा रहेगा?’ मैं: ‘मेरा घर?’ …