हैलो दोस्तो मेरा नाम विकाश है उम्र 19 हाईट 5 फिट 2 इंच, आज मैं आपको desichudaistories.com पर एक बहूत ही हॉट कहानी सुनाने जा रहा हु, ये कहानी मेरी माँ के बारे में है. मेरी माँ का नाम आशा है, माँ का उम्र ३८ वर्ष हाईट 6 फिट फिगर 38.26.39 है, जब वो चलती है तो जवान क्या बूढ़ों का भी लैंड खड़ा हो जाता है. मेरे मुहल्ले के सारे लोग माँ को घूरते रहते है, और माँ भी कम नहीं है वो भी सब को तिरछी नजर से देखती है और मुस्कुराती है. मैं भी माँ के इन्हीं अदाओं का कायल हो गया है. अब मैं आपको अपनी माँ के बारे में थोड़ा बता रहा हु, मेरी माँ बहुत सेक्सी लगती है, वो बहूत ही हॉट है, आज मैं आपको बता रहा हु, की कैसे मैंने अपनी माँ को कुतिया बना का छूट फाड़ा और उनके वासना को शांत किया, और अपने लंड को भी शांत किया.
दोस्तों अभी अभी मेरा जॉब लगा है. तो मैं ट्रेनिंग पे था, पलामू मे है मेरा ट्रेनिंग चल रहा था, मेरे साथ माँ भी थी एक दिन की बात है जब मै और मेरी माँ कुछ दिनों के लिए मेरे ही साथ थी, मैं पलामू में ही था, अचानक जोरो से बारीस होने लगा हम दोनो भीग गए, माँ के कपडे उनके शरीर में चिपक सा गया था. और वो बहूत ही ज्यादा सेक्सी दिख रही थी. उनके ब्लाउज से चूचियों की उभार भी दिख रहा था. पर अचानक मेरा नजर माँ की गांड़ पर पडी माँ के गांड़ पर, मैं देख कर हैरान रह गया, गजब गोल गोल चूतड़ था, मैं तो उनको चोदने की सोचने लगा. की कैसे अपनी माँ को छोड़ा जाये, मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था, उनके सेक्सी बदन को देख कर. मेरा लंड कह रहा था की गांड में जाऊंगा, चूत में जाऊंगा. मेरा 7 इंच का लंड़ सलामी देने लगा, बारिश हो रही थी और हम दोनों भीग रहे थे,
माँ बोली की बेटा बारिश काफी हो रही है, आज रात को पलामू में ही रुक जाते है, कल घर जायेंगे. हम दोनों ने प्लान किया की आज रात होटल में ही रूक जाते है, सुबह सुबह ट्रैन ले लेंगे. उसके बाद एक होटल दिखा उस होटल मे गए और एक रूम लिया उसके बाद हम दोनो रूम मे गए उस रूम मे एक ही बैड था, माँ बोली कोई बात नहीं एक ही बेड से काम हो जायेगा. कहा आज इतनी बारिश में होटल ढूंढोगे, दोस्तों आपको तो पता है मैं पहले से ही मुड बना लिया था की आज माँ की चुदाई करने का मौका है.
माँ को गरम करने के लिए शराब लेने चला गया जब मै शराब लेकर रूम मे आया तो मै ने देखा कि माँ अपनी सारे कपड़े उतार दी थी मे अन्दर चला गया माँ मुझे जैसे ही देखी की माँ जल्दी से लाईट बन्द कर दी माँ के पास कपड़े नही थे मै भी अन्धेरा का फेदा उठा या और अपने सारे कपड़े उतार दिया ओर धीरे धीरे माँ के पास जाने लगा माँ बोली बिकास तुम्हे शरम नही आया अपनी माँ को लंगा देखने मे मै ने कहा मैने कुछ नही देखा है लो माँ तुम्हारे लिए शराब लाया हूँ माँ शराब पी मैने कहा माँ ये भी लो आपकी शरीर को गरम रखे गा माँ कही दो मैने अपना लंड माँ के हाथ मे दे दिया.
पहले तो माँ कहने लगी ये गलत है, माँ बेटा में ऐसा रिश्ता नहीं होता है, तू मेरा बेटा है, मेरा पति नहीं बन सकता , मेरे शरीर पर सिर्फ तेरे पापा का हक है. तो मैंने कहा माँ आपने तो एक बूढ़े से शादी की है, आप देखो आप कितने जवान हो और पापा कितने बूढ़े, मुझे पता है की वो आपको खुश नहीं कर पा रहे होंगे, मैं बड़ा हो गया हु माँ, मैं आपको बहूत खुश रख सकता हु. उसके बाद माँ मेरा लंड़ ले कर मुहँ मे चूसने लगी मै अचानक लाईट जला दिया माँ जब देखी तो माँ तुरन्त अपने मुहँ से लंड निकाल दी ओर कहने लगी तुम्हारा लंड बहुत टेसटी है माँ पूरा नशा मे थी मै माँ को गोद मे उठा कर बिसतर पर लेटा दिया.
मैं अपने माँ के चूचियों को दबा रहा था, और चूत पर हाथ फेर रहा था, माँ कह रही थी की आज तू मुझे खुश करेगा वादा कर, अगर मुझे खुश कर दिया तो मैं हमेशा तुमसे चुदवाऊँगी. मैंने कहा माँ तुम चिंता नहीं करो आज मैं ऐसे तुम्हे चोद चोद कर परेशान और खुश कर दूंगा, की आप भी मुझे ज़िन्दगी भर भुला नहीं सकोगी. माँ मेरे लंड को हाथ में लेके मूठ मार रही थी. फिर मैंने माँ के चूत को चाटने लगा. माँ के चूत पर काले घने बाल थे, मैंने कहा माँ मुझे इतनी बाल पसंद नहीं, तो माँ बोली तो तू ही साफ़ कर दे. मैंने अपने जीभ से पहले माँ के चूत के बाल को गिला किया और फिर अपने बैग से रेज़र निकाला और माँ के चूत के बाल को साफ़ किया, मैं माँ के बाल को साफ़ करते करते और भी ज्यादा पागल होने लगा. मुझे लग रहा था की कब मैं उनके चूत में अपना मोटा लंड घुसा दू.
वो टाइम भी आ गया दोस्तों, मैंने अपने माँ के दोनों पैर को अपने कंधे पर रखा और अपना लंड उनके चूत के दरवाजे पर सेट किया, और जोर से धक्का दिया, मेरा लंड माँ के चूत के अंदर दाखिल हो गया. माँ भी पुरे जोश में थी. उसने मुझे जकड लिया, अपने बाहों में भर ली और अपना पैर मेरे चारो तरफ लपेट ली. माँ पागल की तरह चिल्लाने लगी ओर कहने लगी बेटा मेरी चूत की मालिक बन जा मै अपना लंड माँ की चूत मै ओर तेज धका देने लगा, माँ मुझे कह रही थी आज तूने खुश कर दिया, मजा आ गया, जवान लंड से. आज से तू मेरे चूत का मालिक है. जब चाहे मुझे चोद लेना, अपना बीवी समझना, मैंने कहा नहीं नहीं मुझे बीवी अच्छा नहीं लगेगा आपको कहना. मैंने कहा मैं आपको भाभी कहुगा.
माँ बोली ठीक है आज से तू मुझे भाभी कहना. और वो गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी. दोस्तों मुझे आज पता चला था की मेरी माँ इतनी बड़ी चुदक्कड़ है. माँ जोश में आ गई और कहने लगी. जोर से और जोर से. मैंने भी अपने लंड को माँ के चूत में पेले जा रहा था और माँ आह आह आह आह आह ओह ओह ओह ओह उफ़ कर रही थी. बेड से चो चो चो की आवाज आ रही थी, माँ बोली अब तू मुझे कुतिया बना के चोद. माँ मेरी घुटने के बल हो गई अपना चौड़ा गांड मेरे सामने कर दिया, मैं तो देख कर पागल हो गया उनके बड़े बड़े मोटे गांड को. मैंने उनके गांड के पीछे से फिर से चूत में लंड घुसाने लगा. माँ बोली एक काम कर पहले तू मुझे गांड मार. गांड मरवाये बहूत दिन हो गया है. तेरे पापा को गांड मारने में अच्छा नहीं लगता है. गांड तो मेरे बड़े भैया मुझे मारा करते थे जब मैं कुंवारी थी.
इतना सुनते ही मैं समझ गया की ये साली खूब चुदी है. और मैंने अपने लंड को उनके गांड के छेद पर लगाया और जोर से उनके गांड में पेल दिया. वो दर्द से छटपटा गई. पर थोड़े ही देर में वो गांड में आसानी से मेरे लंड को लेने लगी. उसके बाद वो फिर से लेट गई और मेरे लंड को अपने चूत में ले ली और मुझे फिर से जोर से जकड ली. आप ये कहानी desichudaistories.com पे पढ़ रहे है. मेरा मुह वो अपने गर्दन के पास ले ली. और जोर जोर से निचे से धक्का देने लगी. थोड़े देर में ही दोनों झड गए. और वैसे ही करीब १० मिनट तक पड़े रहे फिर मैं माँ के ऊपर से निचे हुआ, उन्होंने मुझे चूमा और बोली की आज से तू मुझे ऐसे ही खुश रखना. उनके बाद माँ मुझे अपने जवानी के दिनों में जो जो रंगरेलियां मनाई थी उसके बारे में बताने लगी.
दोस्तों मैं हैरान था वो अपने भाई से क्या वो अपने पापा से भी चुद चुकी है. अब मैं बहूत खुश हु, क्यों की अब मुझे चूत के लिए इधर उधर नहीं करना पड़ रहा है. अब तो जहा भी मेरी पोस्टिंग होगी, मैंने अपने माँ को अपने साथ ही ले जाऊंगा.