कुंवारा लंड कुंवारी चूत की घमासान चुदाई

वर्जिन सिस्टर सेक्स कहानी मेरे मामा की जवान बेटी की बुर चुदाई की है. मैं उनके घर रहने गया था तो मेरी कजिन मेरे साथ सोयी. रात को उसने मेरा लंड पकड़ लिया.

नमस्ते, कैसे हो आप सब, मेरा नाम जॉर्डन है, ये आप सबके सामने मेरी पहली सेक्स कहानी है.

मैं पहले अपने बारे में बता देता हूँ. मैं 22 साल का जवान लड़का हूं, दिखने में एकदम गोरा हूँ और मेरे बाल बहुत ही सिल्की हैं.

काफी समय से मैं कसरत कर रहा था और मैंने पिछले एक साल से अब तक एक बार भी मुठ नहीं मारी थी.
मेरा बदन एकदम कसरती था और कोई भी लड़की मेरे इस कसरती शरीर को देख कर मोहित हो जाती थी.

यह वर्जिन सिस्टर सेक्स कहानी दो साल पहले की है तथा शत प्रतिशत सत्य है.

हुआ यूं कि मैं दीवाली पर मेरी मम्मी को लेकर अपने मामा के यहां गया था.
मैं शाम के समय मामा के घर पहुंचा था.

वहां पहुंचते ही मेरी मामी और मामी की लड़की ने हमारा स्वागत किया.
मेरी मामी की लड़की पाखी तो मेरे आते ही मुझसे चिपक गई.
पाखी मुझसे एक साल छोटी थी.

उस वक्त तक मेरे में उसके लिए ऐसा कोई ख्याल नहीं था. मगर उसके भरे हुए दूध मेरे बदन से लगे तो लंड में झुनझुनी सी हो गई.

फिर हम सभी ने चाय नाश्ता किया और बातें करने लगे.
मैंने देखा कि मैं जबसे आया हूं, पाखी मेरे गठे हुए शरीर की ओर अपनी निगाहें जमाए बैठी है.

पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और कुछ देर बाद खाना आदि हुआ तो मैं खाना खाकर अन्दर के कमरे में लेट गया.
बाकी के घर वाले दूसरे कमरे में बातें कर रहे थे.

वो सर्दियों का समय था और मैं एक नर्म मुलायम कम्बल में घुसा हुआ था.
वैसे तो मैं बहुत ठरकी हूं, हमेशा चूची, बुर के चक्कर में रहता हूं, पर उस दिन मेरी तमन्ना खुद ब खुद पूरी होनी थी.

मैं कमरे में अकेला लेटा था, तभी मेरी बहन पाखी आई और आकर मेरे बाजू में लेट गई.
उसने मेरी छाती पर हाथ लगाया और बोली- अरे भाई, तूने तो बड़ा मस्त शरीर बना लिया.
मैंने हां में सर हिलाया.

वो मेरे जिस्म पर अपने हाथ फेरने लगी और मेरी तारीफ़ करने लगी.
मैं उसके हाथ फेरने से कुछ असहज सा महसूस कर रहा था क्योंकि वो एक लड़की थी और एक लड़की, जवान लड़के के जिस्म पर हाथ फेरे तो लंड की नसें खुद ब खुद तनने लगती हैं. लंड को ये थोड़े न मालूम रहता कि ये बहन है या कौन है.

कुछ देर बाद हम दोनों कमरे की बिजली बन्द करके सो गए.

रात को करीब 12 बजे के पास मेरी आंख खुल गई क्योंकि मुझे लग रहा था कि कोई मेरे लंड पर अपना हाथ मसल रहा है.
मैंने देखा तो पाया कि ये पाखी थी.
मैं कुछ नहीं बोला और सोने का नाटक करता रहा.

फिर उसने दूसरा हाथ कम्बल के अन्दर से ही मेरी शर्ट में डाल दिया और मेरे सीने के दानों को मसलने लगी.

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अब मुझ से रहा नहीं गया और मेरे मुँह से आह निकलने लगा.
सच में मस्त अहसास था वो!

मेरी आह सुनकर शायद वो बिंदास हो गई और अगले ही पल उसने मेरे लोअर के अन्दर ही हाथ डाल दिया.
मैं अभी कुछ समझ पाता कि पाखी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और मसलने लगी.

आह … कितने महीनों बाद आज मेरे लौड़े को किसी जवान लड़की ने छुआ था.
किस्मत से हम दोनों कमरे में अकेले थे.

लौंडिया चोदने की हर तरह की पोजीशन बन गई थी.
पर मैंने कुछ देर सोने का नाटक बन्द ना करने का फैसला किया.

मेरा 6.5 इंच का लंड उसके हाथ में ज्वालामुखी के समान फटने को तैयार था.
फिर मुझे मेरी छाती पर उसके होंठ महसूस हुए.

वो मेरी छाती को भूखी बिल्ली की तरह चाट रही थी, कभी मेरे 6 पैक्स को, कभी मेरी सीने के निप्पल को.

कुछ ही मिनट में मुझसे सहा नहीं गया और मैं झड़ने को तैयार हो गया था.
तभी उसने एक मस्त हरकत की.
वो कम्बल में नीचे को गई और उसने मेरे लंड पर अपने होंठ लगा दिया.

मैं आह आह करते हुए कसमसाने लगा.
वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

साला जीवन का सबसे कामुक और मदहोश कर देने वाला आनन्द लंड चुसवाना ही होता है.

मेरी बहन मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसके सर पर हाथ रखे हुए अपने लंड को झड़ने से रोक भी रहा था और उसके मुँह से लंड निकालने की भी नहीं सोच रहा था.

मगर मेरा लंड पहले से ही झड़ने को था.
पाखी ने मुँह में लंड लिया तो लौड़े की कहानी लिखने के करीब आ गई.

मैं ना चाहते हुए भी उसके मुँह में झड़ गया.
आज काफी दिनों के बाद मेरे लंड की किसी ने मुठ मारी थी, वो भी सीधे मुँह में लेकर चूसा था.

मैं नींद में रहने का नाटक करते हुए ही उसके मुँह में झड़ गया था.
वो भी समझ रही थी कि मैं नाटक कर रहा हूं.

अब वो मुझसे चिपक कर सो गई.
मैं भी आगे नहीं बढ़ा और सो गया.

अगले दिन हम दोनों ऐसे बर्ताव कर रहे थे कि मानो रात में हमारे बीच कुछ हुआ ही ना था.

तभी मामी ने मेरी मम्मी के साथ किसी काम से बाजार जाने की बात कही.

उन दोनों के बाहर जाने की बात सुनते ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगे.

मम्मी ने कहा- तू भी साथ चल, बाजार घूम लेना!
मैंने बहाना बना दिया कि मेरे सिर में दर्द है.

उधर पाखी ने पढ़ने का बहाना बना दिया और हम दोनों घर में ही रुक गए.

कुछ देर बाद सब जा चुके थे, अब बस हम दोनों ही घर में बाकी बचे थे.

उस दिन मैंने पाखी को ध्यान से देखा, तो पाया वो बेहद सुन्दर है. उसके चूचे कम से कम 34 इंच के होंगे.
उसके चूचों को मैं जल्द से जल्द लपक लेना चाहता था.

घर का मेन दरवाजा बंद करके पाखी कमरे में चली गई.
उसके कमरे में जाते ही मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया.

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वो बोली- वाह बेटा, कल तो अकेले अकेले ही बिस्तर में मजे ले गया. आज बड़ी जल्दी ठरक उठ गई.
मैं बोला- आज मैं तुझे जन्नत की सैर करवाता हूं मेरी जान, आ जा.

इतना कहते ही उसे मैंने बेड पर पटक दिया और हम दोनों जंगलियों की तरह एक दूसरे के होंठ खाने लगे.
कभी मैं उसके गाल चूमता, कभी उसकी गोरी गर्दन को काटता. वो भी मुझे पागलों की तरह चूम रही थी.

फिर वो मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई और बोली- चल आज मुझे चूमने की तेरी बारी है.
मैंने उसकी टी-शर्ट उतार कर फेंक दी और उसके मम्मे देख कर मैं तो मानो पागल हो गया.

मैं पाखी के दोनों मम्मों पर जंगली की तरह टूट पड़ा. कभी उन्हें भींचता, कभी उन्हें मुँह में रख कर चूसने लगता, कभी चाटने लगता.

वो मेरी कमर पर अपना हाथ फिरा रही थी और एक हाथ से मेरे बाल सहला रही थी. वो अपनी आंखें बन्द करके मस्त हो रही थी.

मैं मम्मों से नीचे आकर उसके पेट को चूमने लगा.
फिर लोअर के ऊपर से ही उसकी बुर को छेड़ने लगा.

वो कसमसा कर बोली- साले कुत्ते, आगे भी बढ़ेगा या यूं ही लपर लपर करता रहेगा. पूरे 19 साल से इसके दर्शन किसी ने नहीं किए, तू ये मौका हाथ से मत जाने दे.
उसके इतना कहते ही मैंने उसका लोवर उतार दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी कुंवारी बुर को छेड़ने लगा.

कभी मैं उसकी बुर की खुशबू सूंघता तो कभी अपनी ठोड़ी से बुर को मसलता.

आखिरकार मैंने उसकी पैंटी को भी उतार कर दूर फेंक दिया और उसकी बिना बाल वाली गुलाबी बुर देख कर मैं पागल हो गया.
वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.

मैं उसकी कोमल बुर को चाटने लगा.
उसका हाथ मेरे लंड पर आ गया था.
मेरा लंड मेरी पैंट में सांप की तरह इधर उधर हो रहा था और वो बाहर आने को बेताब था.

कुछ देर बाद पाखी ने खुद मेरे ऊपर आकर मुझे पूरा नंगा किया और मेरी छाती समेत सारे शरीर को अपनी जीभ से चाट कर मुझे गीला कर दिया.
फिर अंत में मेरे ऊपर बैठ कर चुदने को उतावली हो गई.

मैंने भी देर नहीं की, उसकी बुर को फैला कर मैंने अपना लंड बुर की फांकों में लगा दिया.
वो लंड के ऊपर अपनी बुर फंसा कर बैठने लगी.
मगर वो भी कुंवारी थी और मैं भी पहली बार किसी चूत को फाड़ रहा था.

लंड पर बैठ कर सीलपैक बुर को नहीं चोदा जा सकता था. वो लंड का सुपारा लेते ही उचक गई और मेरे लंड से नीचे उतर आई.

मैंने उसकी तरफ देखा और पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- ऐसे नहीं हो पाएगा. तू मेरे ऊपर आ जा.

मैंने उसको चित लिटाया और उसकी टांगों को फैला कर उसकी बुर चाटना शुरू कर दी.

वो पहले से ही काफी उत्तेजित थी. बुर चूसे जाने से वो एकदम से मचल गई और बोली- अब पेल दे लंड और फाड़ दे मेरी बुर को!

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मैंने उसके ऊपर चढ़ कर अपना लौड़ा उसकी बुर की फांकों में सैट किया और लंड धीरे धीरे अन्दर पेलने लगा.
वो अपनी मुट्ठियों को भींचे हुई थी और उसके दांत भी भिंचे हुए थे.

मैंने किसी तरह अपना लंड पेला.
वो आह करके चीख उठी और मेरे सीने पर अपने हाथ लगा कर मुझे रोकने लगी.
मैंने उसकी आंखों में देखा तो दर्द मिश्रित चाह दिख रही थी.

लंड पेले हुए ही मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबाया और अपनी कमर को दाब दे दी.
मेरा आधा लंड बुर के अन्दर चला गया.
वो बेहद कसमसाने लगी और छटपटा रही थी.

मैंने बिना कुछ सोचे समझे एक करारा झटका मारा और अपना पूरा लंड उसकी बुर में पेल दिया.

कुंवारी लड़की की पहली चुदाई में खून की लकीर बह निकली उसकी चूत से!
मैंने कुछ भी ध्यान नहीं दिया, बस लगा रहा.

मुझे खुद भी अपने लंड में बेहद जलन हो रही थी मगर मैं लगा रहा.

कुछ देर में चिकनाई हो गई और हम दोनों मजे लेने लगे.

मैंने अपनी ममेरी बहन की कुंवारी चूत चोदकर अपने लंड की प्यास बुझाई.

वर्जिन सिस्टर सेक्स में मुझे दर्द इसलिए हुआ था क्योंकि मेरा भी पहली बार का सेक्स था, पर मुझे इतना मजा कभी नहीं आया था.

मैं उसे बीस मिनट तक चोदता रहा.
हम दोनों ने चुदाई में अलग अलग पोज बना कर मजा लिया.

मिशनरी पोज में चुदाई के बाद मैंने अपनी बहन को कुतिया बना कर चोदा, फिर उसे अपने लंड की सवारी भी करवाई.

अंत में मैंने उसे फिर से अपने नीचे लेटा कर चोदा और आखिर में मैं उसी की चूत के अन्दर झड़ गया.
वो अब तक दो बार झड़ चुकी थी.

हम दोनों झड़ कर निढाल हो गए और मैं उसी के ऊपर ही लेट गया.

मैंने कहा- कैसा लगा?
वो मुझे चूमती हुई बोली- बहुत मजा आया. मैंने पढ़ा था कि इतनी देर तो बहुत कम लोग टिक पाते हैं.

अभी हम दोनों नंगे ही एक दूसरे के ऊपर चढ़े हुए बातें कर रहे थे कि तभी दरवाजे पर आहट हुई और कमरे में मामी के किराएदार की छोटी लड़की, जो कि पाखी की सहेली थी, वो आ गई.

उसने हम दोनों को नंगा देखा तो वो एकदम से सहम गई और शर्माकर भाग गई.

मैंने घबरा कर पाखी की तरफ देखा तो वो मुस्कुरा दी.
उसने बताया कि ये मेरी सहेली है और ये भी सील तुड़वाने के लिए हम दोनों की चुदाई देखने आई थी. मैंने उसे खिड़की से देखने के लिए कहा था.

मैं दूसरी सीलपैक चूत की बात जानकर बड़ा खुश हुआ.
अपनी बहन की सहेली की कुंवारी चूत फाड़ने की कहानी मैं आपको अगली बार सुनाऊंगा.

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