मुकेश ने लव मैरिज कर ली थी और अपनी नई नवेली दुल्हन को घर ले आता है। मुकेश की बीवी का नाम भावना है जो कि बहुत ही ज्यादा सुंदर और अति सेक्सी और हॉट है। भावना का सेक्सी शरीर और बल खाता हुआ फिगर बहुत ही मनमोहक है।
मुकेश अपने पिताजी के साथ लखनऊ में रहता था उसकी मां नहीं थी उनका कुछ वर्षों पहले देहांत हो गया था और शादी करने के बाद मुकेश और उसकी बीवी भावना दोनों अपने घर जाकर रहने का फैसला करते हैं। वे दोनों अपने घर पहुंच जाते हैं और पिताजी उनका स्वागत करते हैं परंतु जब भावना मुकेश के पिताजी को देखती है बहुत ही चौक जाती।
उसका पूरा चेहरा हक्का-बक्का रह जाता है और वह हैरानी से मुकेश के पिताजी को देखने लग जाती। मुकेश के पिताजी भी भावना को देखकर बहुत ही हैरान रह जाते हैं और उसको देखने के बाद एक हरामि वाली हंसी हंसते हैं।
क्योंकि “भावना वही लड़की थी जिसको मुकेश के पिताजी ने 2 वर्षों पहले चोदा था”। जब मुकेश की माता का देहांत हो गया था तब गम में डूबे मुकेश के पिताजी रंडी खाना में जाकर रंडियां चोदा करते थे।
उन्हीं में से एक रंडी थी भावना, जो कि वहां की सबसे प्रसिद्ध रांड थी। और मुकेश के पिताजी ने कई राते रंगीन की थी, भावना की जबरदस्त चुदाई करके।
इस पल के बाद अब तो बहू निकली ससुर की रांड और भोले भाले मुकेश को यह बात भी पता थी कि उसकी बीवी एक रांड थी जिसे उसके पिताजी चोद चुके हैं।
बहरहाल, मुकेश के पिताजी दोनों का खुशी-खुशी स्वागत करते हैं।
जब रात को मुकेश और भावना के बीच में रोमांस चल रहा था तो ससुर जी सब कुछ दरवाजे के पीछे से झांक रहे थे और अपने लंड को मसल रहे थे। उनके अंदर की सोई हुई अंतर्वासना एक बार फिर से जाग गई थी, भावना को देखने के बाद और वह उसकी जुदाई करना चाहते थे।
भावना और मुकेश रोमांस करने के बाद, मुकेश सो जाता है परंतु भावना को नींद नहीं। और उसका बीता हुआ कल एक बार फिर से उसके सामने आ जाता है जिसे वह पीछे छोड़ना चाहती थी।
तभी अचानक से मुकेश के पापा उनके कमरे में आ जाते हैं चुपके से। भावना उनको देखकर बहुत ही डर जाती है और दबी हुई आवाज में कहती है – तुम यहां क्या कर रहे हो?!!
मुकेश का बाप – अपने ग्राहक से ऐसे बात नहीं करते हैं, भावना।
भावना – तुम कितने बड़े नीच आदमी हो, अब मैं तुम्हारी बहू हूं! और परिवार में चुदाई गलत है।
ससुर जी – रिश्ते से अब तुम मेरी बहू हो लेकिन उससे पहले तुम मेरी रांड थी।
भावना – चुप हो जाओ ऐसी बातें मत करो, चलो बाहर चल कर बात करते हैं वरना मुकेश जग जाएगा!
परंतु ससुर जी उसकी कोई बात नहीं सुनता है और वह बिस्तर पर ही भावना को चूमने लग जाता है।
मुकेश बगल में ही सोया हुआ है गहरी नींद में और उसके पिताजी उसकी बीवी की चुम्मा चाटी कर रहे हैं।
भावना उसे धक्का देने की कोशिश करती है उसे हटाने की कोशिश करती है परंतु मुकेश का बाप एक हट्टा कट्टा मर्द था और वह भावना की लेना ही चाहता था।
ससुर – अगर तुम चाहती हो कि मुकेश ना जगाऊ और उसे यह बात भी ना पता चले कि तुम एक रंडी थी तो, मैं जैसा कहता हूं वैसा करती जाओ।
वरना मैं यह शादी तुरवा दूंगा और मैं मुकेश को सब कुछ सच-सच बता दूंगा कि तुम एक कितनी बड़ी प्रसिद्ध रंडी थी।
भावना के पास कोई चारा नहीं बचता है और वह ससुर जी की बात मान लेती है और अपना मुंह दाब के चुप हो जाती है।
मुकेश का हरामी बाप भावना को चूमने लग जाता है और उस को नंगा करके उसके बड़े-बड़े सेक्सी स्तनों को चूसने लगता है। वह पूरी तरह से वासना से भरा हुआ था और फिर वह भावना की योनि चाटने लग जाता है जिससे कुछ ही देर पहले मुकेश ने चोदा था।
भावना – ऐसा मत करो!!
ससुर – अब ज्यादा आवाज मत निकालो वरना मुकेश जग जाएगा और जो मैं कर रहा हूं मुझे करने दो।
और वो भावना की प्यारी सी चूत को चाटने लग जाता है और फिर उसके बाद अपना मोटा सा लंड निकाल कर उसकी चूत में घुसा देता है।
भावना एकदम से चिल्लाने ही वाली होती है कि ससुर जी उसका मुंह दाव कर चुप कर देते हैं।
और भावना की यानी कि अपनी बहू की चूत की चुदाई करना चालू कर देते हैं। वह अपने बड़े से मोटे से लंड से अपनी बहू की जबरदस्त चुदाई करने लग जाते हैं।
भावना को एक अलग ही स्तर का वासना आनंद मिल रहा था और उसके अंदर की पिछली रंडी वासना दुबारा से जाग रही थी।
उसे अच्छा महसूस होने लग जाता है क्योंकि मुकेश के पिताजी का लंड मुकेश से बड़ा और मोटा था। वह इस पल का पूरा आनंद लेने लग जाती है और कामवासना के प्रेम में डूब जाती।
उस को शांत और आनंद में देखकर मुकेश के पिताजी समझ जाते हैं कि उसे भी मजा आ रहा है। तो मैं उसे अपनी गोदी में उठाता है और कमरे से बाहर निकल जाता है।
लंड अभी भी भावना की चूत में घुसा हुआ है और वह उसे ले जाकर सोफे पर लिटा कर घचाघच चुदाई करना चालू कर देता।
भावना – क्या कर रहे हो, तुम मुझे कमरे से बाहर क्यों ले आए?!!
ससुर जी – कमरे में मेरा बेटा लेटा हुआ है मैं तुम्हारी वहां जबरदस्त चुदाई नहीं कर सकता था तभी मैं तुम्हें बाहर ले आया
और वह घचाघच दबा दबा कर भावना की चुदाई करने लग जाता है और कहने लगता है – आज भी वैसा ही मजा आ रहा है जैसा दो सालों पहले आता था।
तुम्हारी चूत बिल्कुल नहीं बदली आज भी उतनी आनंद में है और मजा दे रही है जितना पहले देखी थी।
भावना – तुम भी तो एक नंबर के माधर्चोद हो अभी भी तुम्हे संतुष्टि नहीं मिली इतने बुड्ढे होने के बाद भी।
मुकेश का बाप – बूढ़ा कौन है?! आज भी मैं अपने बेटे से ज्यादा दमदार हूं।!!
और वह भावना की और जबरदस्त चुदाई करने लग जाता है किसी Hindi Sex Stories की रंडियो की तरह, वह भावना की चूत की प्रचंड चुदाई करना चालू कर देता है।
फिर मैं भावना को घोड़ी बनाकर चोदने लगता है और उसकी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा होता है। भावना को बहुत ही ज्यादा अति आनंद मिल रहा था जिससे उसका बार-बार चरम सुख हो रहा था।
मुकेश का बाप भावना को चोदते चोदते बोलता है – अब बता रंडी… मजा आ रहा है ना… ऐसे ही चुदाई तुझे पसंद है।
भावना – हां!! ससुर जी… मुझे ऐसी ही चुदाई पसंद है… चोदो… अपनी बहू को रंडी बनाकर चोदो!!! अपनी बहू को!!!
ससुर जी – तू… आज भी रंडी है… बस अब तू मेरे बेटे की बीवी और मेरी बहू बन गई है।
लेकिन एक बात हमेशा याद रख, रंडी की अंतर्वासना उसका पीछा नहीं छोड़ती।
भावना – ससुर जी… बिल्कुल सही कर रहे हो!! अब बकचोदी बंद करो और मेरी चुदाई और जबरदस्त करो…!!!!
मैं भावना को पलट के लिटा देता है उसकी टांगों को पूरा उसके सिर पर खींच कर उसकी चूत को घचाघच चोदना चालू कर देता है।
वो भावना की चूत को थप्पड़-थप्पड़, घचाघच क्यों चोदे जा रहा था जिससे बहुत ही आवाज निकल रही थी। और पिता जी चोदते चोदते भावना की चूत में उंगली ही घुसा देते है। एक तो ससुर जी का मोटा लंड उसके ऊपर से उनकी उंगलियां एक ही चूत के गड्ढे में इससे भावना को अति चरम सुख की प्राप्ति हो रही थी और वह बौखला सी रही थी।
फिर दोनों का चरम सुख होने वाला था और मुकेश के बाप में अपना सारा माल अपनी बहू भावना की चूत में झाड़ दिया!!!!
मुकेश का बाप – आ आ आ अहह… कम से कम 2 सालों बाद आज मैंने किसी औरत की चूत में झाड़ा है!!!
उसमें अपना सारा मोटा गाढ़ा माल भावना की चूत में डाल कर उसकी चूत को पूरा भर दिया।
भावना – चुटिया बुड्ढे… क्या किया तूने यह…!!!
ससुर – मैंने क्या किया मैं तो बस तुम्हारी चूत में अपना माल झाड़ दिया!!!
और भोले भाले मुकेश को अपने ससुर बहू की चुदाई के बारे में कुछ भी पता नहीं होता है और वह शांति से सो रहा होता है बिलकुल बेखबर।