Girlfriend Ke Sath Garden Mein Chudai

हाय दोस्तो.. मेरा नाम रोहित है। मैं दिल्ली में रहता हूँ और मैं दिखने में काफ़ी अच्छा हूँ.. बहुत गोरा हूँ और 5’8″ लंबा हूँ। मेरा फेसकट भी आकर्षक है। Girlfriend Ke Sath Garden Mein Sexy Chudai

यह मेरी पहली स्टोरी है, पढ़ने के बाद मेल ज़रूर कीजिए प्लीज़.. इससे मुझे उत्साह मिलेगा और मैं अपनी लाइफ की आगे और कहानियां भी लिख पाऊँगा।

दो साल पहले की बात है, मैं एक कंप्यूटर सीखने एक इन्स्टिट्यूट में जाया करता था। वहाँ काफ़ी लड़के-लड़कियां थे.. पर उनमें से एक लड़की मुझे अच्छी लगी।
उसका चेहरा एकदम मासूम सा था.. और आँखें बहुत प्यारी थीं।

उसकी सीधी बात कहूँ.. तो मेरा दिल उस पर आ गया था। उसका फिगर 32-28-34 का था.. जो किसी का भी दिल बेकाबू कर दे।

कई दिन ऐसे ही चलता रहा.. धीरे-धीरे वहाँ सबके ग्रुप बन गए।

मेरे ग्रुप में निशा भी आ गई.. क्योंकि एक लड़की उसकी फ्रेंड बन गई थी.. जो मेरे घर के पास रहती थी।

इसी कारण हमारी दोस्ती भी हो गई। धीरे-धीरे मुझे उससे प्यार हो गया और मैं उसके और नज़दीक जाने लगा।

फिर एक दिन मौका पाकर मैंने उसे ‘आई लव यू’ बोल दिया लेकिन उसने तब मना कर दिया।

खैर.. कुछ दिन ऐसे ही उसकी ना-नुकर चलती रही और लेकिन मेरी फ्रेंड्स ने उसे समझाया.. तो फिर मान गई।

उस वक़्त मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा था.. क्योंकि यार वो मुझे बहुत अच्छी भी लगती थी।
फिर धीरे-धीरे हम फोन पर बात करने लगे और उसके बाद हम घूमने गए।

मैंने उसे एक गार्डन में बुलाया जहाँ कपल जाया करते थे। मैंने कुछ खाने के लिए ले लिया था।

हम दोनों गार्डन में एक अच्छी सी जगह देख कर बैठ गए.. जहाँ से हमें कोई नहीं देख पा रहा था।
मैं उसकी गोद में लेट गया और वो मेरे बाल सहला रही थी, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

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उसके बाद मैंने उसका सिर पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसकी चुम्मी ली। मुझे ऐसा लगा कि वो खुद भी यही चाहती थी। क्योंकि मेरे हल्का सा करने पर ही वो भी नीचे की ओर हो गई थी।

हम दोनों ने करीब 5 मिनट तक लगातार चुम्बन किया।
वो और मैं दोनों बहुत गर्म हो गए थे, उसका हाथ मेरी छाती पर चलने लगा था और मेरा हाथ भी उसके मुलायम मम्मों पर चला गया। मैं उसके मम्मों को दबाने लगा।

दोस्तो क्या बताऊँ.. कितना मज़ा आ रहा था। लेकिन मेरा मन उसके मम्मों को नंगे करके दबाने का होने लगा।

मैंने उससे कहा- मुझे तुम्हारे बूब्स फील करने है।
तो वो बोली- मैं तुम्हारी हूँ.. अब जो चाहे करो.. मैं मना नहीं करूँगी।

इतना सुनते ही मैंने उसके टॉप में हाथ डाला और उसके मम्मों को दबाने लगा।
क्या मस्त अनुभव था उसकी चूची को दबाने का.. उसके एकदम कड़क मम्मे और भी सख्त हो गए थे।
मेरा तो मन था कि इसको अभी चोद दूँ।

फिर मैं उसके एक दूध को मुँह में ले कर चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने लगा। इसमें मुझे बड़ा मजा आ रहा था। काश.. सच में दूध निकलता तो और मज़ा आता।

मैंने उसके मम्मों को करीब 5 मिनट तक चूसा और दोनों मम्मों को चूस-चूस कर लाल कर दिया था।
वो गर्म होकर कह रही थी- आह्ह.. ओर चूसो.. बहुत अच्छा लग रहा है।

तभी मेरा हाथ उसकी कोमल चूत पर गया, मैं पैन्ट के ऊपर से सहलाने लगा..
साथ में पीछे से हाथ ले जा कर एक मम्मों को दबाने लगा, साथ ही उसके होंठों को भी चूसने लगा।
अब मैं एक साथ 3 काम कर रहा था और वो पागल हुए जा रही थी।

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फिर मैंने उसके होंठों को आज़ाद कर दिया, मैंने देखा कि वो सिसकारियां भर रही है।

उसकी चूत भी बहुत ज्यादा गर्म और गीली हो रही थी। चूत इतनी गीली हो उठी थी कि पैन्टी और जीन्स के ऊपर मेरी उंगलियों को उसका पानी महसूस हो रहा था।

मैं फिर उसके लेफ्ट मम्मे को चूसने लगा और राइट को हाथ पीछे ले जा कर मसलने लगा। कुछ ही पलों में मैंने अपने लेफ्ट हाथ से इस बार उसकी पैन्ट की चैन खोल कर उसकी पैन्टी में हाथ डालते हुए उसकी चूत में उंगली डाल दी।                      

वो कहने लगी- जान क्या कर रहे हो..
मैंने कहा- प्यार..

मैंने फिर पूछा- कैसा लग रहा है.. मेरा प्यार?
तो कहने लगी- बहुत अच्छा..
मैंने पूछा- मज़ा आ रहा है?
वो कहने लगी- जान बहुत मज़ा आ रहा है.. अब मुझे प्यार बस करते रहो।

मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा और मम्मों को पीते हुए एक चूचे को दबाने लगा।
निशा तो बस पागल ही हो चुकी थी।

फिर अचानक निशा एकदम से अकड़ गई और तभी मेरा हाथ गीला हो गया। उसकी चूत के पानी से मुझे पता लग गया कि निशा झड़ गई है।

दोस्तो कसम से.. मुझे इतना तो पता लग गया था कि लड़कियों की बॉडी में चूत से ज़्यादा सॉफ्ट जगह और कोई नहीं होती है। उसकी चूत बहुत ही ज्यादा सॉफ़्ट थी। फिर निशा ने मेरी तरफ देखा और ‘आई लव यू रोहित’ कहा और एक बहुत लम्बा किस किया।           hindi sex story

बाद में फिर ऐसे ही कुछ दिन बीतते गए। अब क्लास में हम दोनों साथ बैठते और खाना भी साथ खाते थे। कई बार वो मेरे लिए अपने हाथ से खाना बना कर लाती और मुझे अपने हाथ से ही खिलाती थी।

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कुछ दिन बाद मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें खुल कर प्यार करना चाहता हूँ। तुम्हें हर जगह किस करना चाहता हूँ।

शायद वो भी यही चाहती थी पर लड़कियां थोड़ी शर्मीली होती हैं तो साफ-साफ नहीं कह पाती हैं लेकिन उनके दिल में भी ‘चुल्ल’ तो होती ही है।                                                          

उसने पहले हमेशा की तरह ना-नुकर किया.. लेकिन उसने भी बाद में सच बोल दिया।

‘मैं भी तुम्हें बहुत प्यार देना चाहती हूँ.. हर तरह का प्यार.. जैसा तुम चाहो।’
तब मैंने कहा- ठीक है.. हम एक दिन की छुट्टी करेंगे और मेरे फ्लैट पर चलेंगे.. तो वो मान गई।

फिर हमने छुट्टी की और चुदाई की खूब मज़े से मैंने उसकी गांड और चूत भी दोनों मारी। साथ ही उसकी चूत में लंड डाल कर किस करते हुए उसके मम्मों को भी दबाया और उसने मेरा लंड भी चूसा।                            

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