मेरा नाम शुभम है और यह मेरी अंतर्वासना कहानियां है। मुझे मेरी बुआ बहुत ही ज्यादा अच्छी लगती थी क्योंकि वह बहुत ही हॉट और सेक्सी थी। बुआ को योगा करना बहुत ही ज्यादा पसंद था और वह योगा कर कर के और भी ज्यादा हॉट, सेक्सी और आकर्षित हो गई थी।
उनका सेक्सी बदन, उनका गोरा रंग, और उनकी चाल ढाल देखकर किसी भी आदमी का लंड खड़ा हो जाए। और कुछ ऐसा ही होता था मेरे साथ बुआ को देखते ही मेरे लंड से पानी टपकने लग जाता था।
जैसा कि आप सब लोगों को पता है हम सब अपनी बुआ से कुछ ज्यादा ही करीब होते हैं और वह भी हमें बहुत ही प्यार करती हैं। परंतु यह प्यार वासना में बदल चुका था और मैं अपनी बुआ की चुदाई करना चाहता था।
दुर्भाग्य से मैं अपनी बुआ के लिए तो नहीं पाया लेकिन Hindi Sex Stories पढ़ कर मुठ मार कर ही काम चला लेता था।
लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसकी मुझे कतई उम्मीद ना थी। मैं देर रात तक जाग रहा था पढ़ाई करने के लिए नहीं बल्कि मियां खलीफा की चुदाई देख रहा था और मुट्ठ मार रहा था।
मुठ मारने के बाद मुझे बहुत ही ज्यादा प्यास लग गई तो मैं पानी पीने के लिए अपने कमरे से बाहर निकला। तो मैंने अचानक देखा बुआ के मिलने का दूसरा आधा खुला हुआ है।
मैंने चुपके से कमरे में झांका तो यह देखा मेरी सेक्सी सुंदर बुआ अपने बड़े बड़े स्तनों को दबा रही हैं और दूसरे हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही है।
यह देखकर तो मेरा दिमाग ही खराब हो गया और मेरे लंड से पानी टपकने लगा। वहां बुआ अपनी चूत में उंगली कर रही थी और यहां मैं अपने पजामे में हाथ डालकर अपना लंड मसल रहा था।
सच में बुआ को नंगे देखकर बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मेरा लंड डंडे की तरह खड़ा था और बुआ के सेक्सी बदन को देखकर मुट्ठ मारने में आओ ज्यादा मजा आ रहा था।
मेरी बुआ के आगे को मियां खलीफा भी फेल है और उनकी पक्की चूत और बड़े-बड़े दूधों को देखकर मैं और भी ज्यादा हवस में खो रहा था।
और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा हाथ मुठ मारते मारते दरवाजे पर लग गया और दरवाजा अचानक खुल गया।
बुआ मुझे देखकर बहुत ही ज्यादा डर गए और उन्होंने अपने पूरे बदन को कपड़े से ढक लिया और अचानक बोली – शुभम बेटा तुम यहां क्या कर रहे हो!!
मैंने बोला – सॉरी बुआ मैं कमरे से गुजर रहा था अचानक दरवाजा खुल गया।
बुआ – उन्होंने मेरा खड़ा लैंड देख लिया और उस लंड से टपकते पानी को ही देख लिया।
वह बोली – लगता नहीं है कि तुम यहां से गुजर रहे थे ऐसा लग रहा है कि तुम मुझे देखकर मुट्ठ मार रहे थे।
बुआ के मुंह से सुनकर यह बात मैं शर्म शर्म हो गया और मैंने अपना मुंह नीचे कर लिया।
परंतु बुआ उस दिन उस दिन बहुत ही ज्यादा मूड में थी वह मेरे पास चलकर आए और बोला – अरे बाबू कोई बात नहीं ऐसा हो जाता है इस उम्र में।
मेरी वासना चरम सीमा पर दे गलती का एहसास तो मुझे घंटा नहीं था और मैं बुआ के गले से पट गया बहुत ही जोर से।
बुआ – अरे कोई बात नहीं सुबह हो जाता है ऐसा बेटा!!
लेकिन मेरे हवस चढ़ी हुई थी और मैं बुआ के और जोर से चिपक गया और उनकी गांड पर हाथ मारने लगा।
बुआ – शुभम बेटा यह क्या कर रहे हो!!!??!!
उनकी गांड को हाथ लगाते लगाते हैं मैं उनकी भीगी हुई चूत तक अपनी उंगली ले गया और वहाँ हाथ मारने लगा।
मैंने बोला बुआ मुझे आप बहुत ही ज्यादा पसंद हो और आप मेरे सपनों में आती रहती हो और मैं आपके साथ उल्टी-सीधी हरकतें करता हूं जो कि मैं आज असलियत में करना चाहता हूं।
पता नहीं क्या हुआ बुआ का मूड बहुत ही अच्छा था या वह अंतर्वासना में भरी हुई थी।
उन्होंने मुझे उल्टा गले से लगा लिया और मुझे चूमने लगी और फिर उसके बाद में बेड के ऊपर नंगी होकर लेट गई।
उन्होंने अपने दोनों टांगों को खोला और कहा – बेटा यहीं चाहिए ना तुम्हें।
बुआ की भीगी हुई चूत को देख मेरे मुंह और लंड दोनों से पानी टपक रहा था। मैं बहुत ही तेजी से कूदा और सीधा अपना लंड बुआ की चूत में घुसाकर अपनी मोटी गांड वाली बुआ की चुदाई करने लगा।
बुआ की गीली गीली कसी चूत मुझे बहुत ही ज्यादा मजा दे रही थी और मैं उनके जबरदस्त चुदाई कर रहा था।
फिर बुआ घोड़ी बन गई और मैं उनकी गांड की सवारी करने लगा अपने लंड से।
उनकी गांड को दबा दबा कर जबरदस्त तरीके से चोद रहा था और उनकी गांड ऊपर नीचे को हिल रही थी।
फिर बुआ ने मुझे नीचे लिटा दिया और वह मेरे लड़कियों पर बैठ गई और मेरे लंड पर जोर जोर से कूदने लगी।
सच में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था मैं चुप पर आप शांति से लेटा हुआ था और बुआ अपनी चूत को मेरे लंड पर मार रही थी।
उनके गोल-गोल, बड़े-बड़े गोरे-गोरे स्तन ऊपर नीचे को पहले की तरह ही लोग हैं जिन्हें देखकर मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था।
मैं उनके बड़े बड़े स्तनों को आटे के लोई की तरह खूब दबाते ही जा रहा था वह सच में बहुत ही ज्यादा नरम थे।
फिर बुआ सूर्य नमस्कार पोजीशन में आ गई और मैं उन की चुदाई करने लगा। क्योंकि बुआ को योगा करना बहुत ही पसंद है तो इससे हमारा वासना का आनंद तीन गुना बढ़ गया था।
सूर्य नमस्कार की पोजीशन में बहुत चोदने में बहुत ही मजा आ रहा था मेरा लंड पूरा का पूरा उनकी चूत में घुस रहा था।
बुआ – हां!! बेटा ऐसे ही चोदो अपनी बुआ को, अपनी बुआ की पांच शासन की चुदाई के मजे दिला दो।
मैंने बोला – लेकिन हुआ अभी तो चार ही आसन हुए हैं पांचवा बाकी है।
बुआ – बेटा पाचवा आसन भी कर लेते हैं बस मुझे वासना में रहना है मुझे चरम सीमा का आनंद प्राप्त करना है।
पांचवे पोजीशन में बुआ ने अपनी दोनों टांगों को फैला कर अपने सिर तक पीछे कर लिया और उनकी चूत पूरी तरह से खुल गई।
मैंने उसमें अपना लंड घुसा कर बाकी किसी ठेले की तरह चुदाई करने लगा।
बुआ ने अपनी दोनों टांगों को बिल्कुल पीछे कर लिया था सिर के पीछे तक और यह नजारा देखकर मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहा था जिसे मेरा लंड दनडे की तरह खड़ा हो गया था।
दुआ बिल्कुल किसी चुदाई पहले की तरह लग रही थी जिसे मैं दबा दबा कर ठोक ठोक कर चोद रहा।
फिर कुछ ही देर में हम दोनों का झड़ने वाला था हम दोनों को पाँच शासन की चरम सुख की प्राप्ति होने वाली थी।
मेरी रफ्तार और ज्यादा बढ़ गई और मैं बुआ की और जबरदस्त तरीके से खचाखच दबा दबा कर भी पेल कर चुदाई करने लगा।
और जैसे ही मेरा जाने वाला था बुआ को भी चरम सुख की प्राप्ति हो गई और मैंने अपना सारा माल उसे टाइम हुआ के मुंह में झाड़ दिया।
मैंने अपना पूरा लौड़ा बुआ के मुंह में गले तक घुसा दिया और अपना सारा माल बुआ के मुंह में झाड़ दिया।
बुआ बोली – सच में बैठना असली होगा का मजा तो आज तुमने दिलाया है।
मैंने बोला – अगर वह आप चाहो तो यही होगा हम रोज कर सकते हैं।
और फिर हम हंसने लगे और मैं बुआ के कमरे मैं ही नंगे सो गया हम दोनों नंगे नंगे एक साथ किसी प्रेमी जोड़े की तरह से खुशी-खुशी सो गए।