मैडम को चोद कर माँ बना दिया – Teacher Sex Stories

मैं सुमित रायपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ, कद 5’8″, मैं दिखने में बहुत स्मार्ट हूँ। मैं अभी फ़िलहाल एक रूम रेंट पर लेकर अकेला ही रहता हूँ। Teacher Sex Stories

आज से 6 महीने पहले जब मेरी जॉब एक मल्टिनेशनल कंपनी में लगी.. तो मैं बहुत खुश था। क्योंकि मुझे उस समय जॉब की बहुत आवश्यकता थी।

वो ऑफिस का मेरा पहला दिन था तो मैं एकदम से सज-धज कर गया था। मैं अपने ऑफिस टाइम से पहले ही पहुँच गया था। क्योंकि मेरा पहला दिन था, मैं अपने सीनियर सर का वेट सामने रखे सोफे पर बैठ कर करने लगा।

तभी मैं देखा कि एक बहुत ही सुन्दर मैडम ऑफिस में आई… मैं तो उसको देखते ही रह गया.. क्या लड़की थी यार..

आधे घंटे के बाद सर भी आ गए। मैं जाकर सर से मिला तो सर ने कहा- वहाँ पर जाओ.. मैडम आपको पूरा काम समझा देंगी।

जब मैं अन्दर गया तो देखा कि वही मैडम मुझे काम समझाने वाली थी, मैं तो एकदम से सोचता ही रह गया। मैंने मैडम को ‘हाय..’ कहा और सर का नाम लेते हुए उन्हें बताया कि उन्होंने मुझे आपके पास भेजा है.. उन्होंने मुझे काम समझाने के लिए कहा है।

मैडम ने मुझे जो मुख्य काम थे.. उसके विषय में समझाया। मैं कुछ समय बाद अपने घर आ गया.. क्योंकि मेरा पहला दिन था।

मैं आपको मैडम के बारे में तो बता देना चाहता हूँ। उनका नाम स्वीटी (बदला हुआ नाम है) है.. वो दिखने में बहुत ही स्मार्ट है। वह एक शादीशुदा औरत है उसने घर से भाग कर लव मैरिज की है। उसकी बॉडी का फिगर 34-30-36 का है। वो दिखने में एकदम स्लिम फिट है। उसकी पतली सी कमर.. बड़े-बड़े उठे हुए नितम्ब.. एकदम से संतरे के आकार के गोल चूचे थे। उसके गुलाबी होंठ देख कर ऐसा लगता है कि अभी पकड़ कर उसके होंठों का रस निचोड़ लूँ।

मैंने कमरे पर आकर खाना बनाया और खाकर मैडम के बारे में ही सोचने लगा कि एक बार चोदने को मिल जाए तो फिर जन्नत का मजा मिल जाए।

मैं सुबह उठा और जल्दी-जल्दी तैयार हो कर ऑफिस के लिए निकल गया क्योंकि मुझे तो अपने मैडम से मिलने की जल्दी था। बातों-बातों में मुझे पता चला कि उसकी शादी को 8 साल हो गए थे.. पर अभी तक उसके बच्चा नहीं हुआ था।

यह सुन कर थोड़ा अजीब लगा क्योंकि इतने सालों में एक भी बच्चा नहीं हुआ। शायद इसी कारण उसने अपने आपको इतना मैंटेन करके रखा हुआ है। अब तो रोज ऐसे ही हम दोनों के बीच बातें होने लगीं।

फिर एक दिन ऐसे ही बातों-बातों में पता चला कि उसको बच्चों की बहुत चाहत है। उस दिन जब मैं बाथरूम गया तो अपना सेल फ़ोन वहीं उसकी टेबल पर भूल आया।

उतने ही समय मेरी गर्ल फ्रेंड का फ़ोन आ गया.. तो मैडम ने फोन उठा लिया। जब मैं बाथरूम से वापस आया तो देखा, कि मैडम के चेहरे पर कुछ अजीब सा भाव था, मुझे लगा कि अन्दर किसी ने कुछ कह दिया होगा, उस दिन पूरे दिन उसने मेरे से बात नहीं की। जब अगले दिन ऑफिस आया तो उसकी एक सहेली ने बताया कि मेरी गर्लफ्रेंड का फोन आया था तो उसने रिसीव किया था। तो मुझे पूरा मामला समझ में आ गया कि मैडम किस बात के लिए गुस्सा थी।

अब मुझे लगा कि मैडम भी मेरे में कुछ ज्यादा ही इंट्रेस्ट ले रही है।

हम लोगों के बीच ऐसे ही चलने लगा। फिर एक दिन स्वीटी मैडम ने कहा- मैं आपको पसंद करती हूँ। मैंने भी मौका देख कर चौका मार दिया- मैंने तो आपको जिस दिन से देखा है उसी दिन से आपके ही बारे में सोचता रहता हूँ। मैंने उसके हाथ को पकड़ कर ‘आई लव यू’ बोल दिया.. तो उसने भी ‘सेम टू यू’ बोला और वो उठ कर अपनी सहेली के पास चली गईं।

फिर वी दोनों एक साथ आ कर बोलीं- कल संडे है तो हम सभी कहीं घूमने चलते हैं। मैंने भी ‘हाँ’ कह दिया।

फिर अगले दिन मैं मेरी स्वीटी डार्लिंग उसकी फ्रेंड रीटा और उसका बॉयफ्रेंड हम चारों एक मॉल में घूमने चले गए, उसके मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने गए। हम दोनों ने कॉर्नर की सीट बुक की.. ताकि थोड़ा मजा कर सकें।

जब फिल्म चालू हुई तो पूरे हॉल में अँधेरा हो ही जाता है। मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया और सहलाने लगा.. तो उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने अपने हाथ को उसकी जांघ के ऊपर ले जाकर रखा.. और उसकी जांघ को सहलाने लगा। उम्म्ह… अहह… हय… याह… उसको भी मज़ा आने लगा था तो मैं अपना दूसरा हाथ उसकी कमर में डाल कर सहलाने लगा।

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अब हम दोनों गर्म होने लगे थे.. तो मैं उसके सर को हल्का नीचे करके उसके होंठों को चूसने लगा। अब वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं अपना एक हाथ उसके शर्ट के अन्दर डाल कर उसके मम्मों को दबाने लगा। क्या मस्त मुलायम माल था.. एकदम रुई के समान गोले थे।

एक हाथ से उसके मम्मों को पकड़ कर दबा रहा था और दूसरे हाथ से चूत को सहला रहा था। उसके मुँह से बस सिसकारियां निकल रही थीं ‘आह आह..’

मैडम की आवाज कुछ ज्यादा ही निकल रही थी। अब मैं उसके होंठों को भी किस करने लगा और साथ ही साथ उसके मम्मों को और चूत को भी सहलाए जा रहा था।

हम लोग इतने गर्म हो गए थे कि हमें अब और कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.. बस हम एक-दूसरे में खोये हुए थे।

जब मैंने स्वीटी मैडम की सलवार के अन्दर हाथ डाला तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर बाहर खींच दिया और बोली- ये सब हमें यहाँ नहीं करना चाहिए.. इस सबके लिए ये जगह सही नहीं है।

मैंने भी सही समझा और मैंने हाथ हटा लिया मैडम की चूत से… पर मुझसे अब भी रहा नहीं जा रहा था तो मैं फिर से किस करने में लग गया। उसने कहा- आज ही सब करने का इरादा है क्या.. थोड़ा सब्र करो.. इतनी जल्दी भी क्या है? मैंने कहा- मेरे लंड को कौन शांत करेगा।

स्वीटी मैडम मेरे लंड महाराज को पैंट ऊपर से ही सहलाने लगी.. फिर मेरी चैन खोल कर लंड को बाहर निकाल कर मुठ मारने लगी।

अब मैंने भी दोबारा उसकी सलवार में हाथ डाल दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा। वो बड़े मजे के साथ मेरा लंड को पकड़ कर अपने हाथ को ऊपर-नीचे कर रही थी।

मैं अपना हाथ को स्वीटी मैडम की पैंटी के अन्दर डाल दिया मैडम की चूत एक्दम क्लीन शेव और चिकनी थी, मैं अपनी एक उंगली उसकी रसीली चूत में डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा। कुछ ही टाइम में हम दोनों का पानी छूट गया और हम शांत हो गए। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

फिर कुछ आधे घंटे में फिल्म भी खत्म हो गई.. हम सभी बाहर आ गए।

अब स्वीटी मैडम और उसकी सहेली ने कुछ शॉपिंग की, फिर हम सब वापस आ गए।

जब मैं अगले दिन ऑफिस गया तो देखा कि स्वीटी मैडम आज कुछ ज्यादा ही खुश नज़र आ रही थी। मैं तो समझ गया था कि ये क्यों खुश है। मैंने फिर भी अनजान बन कर पूछा- क्या बात है मैडमजी.. आज तो आप बहुत खुश नजर आ रही हो? तो उन्होंने कहा- एक सरप्राइज है। मैंने पूछा- क्या है?

पर उसने नहीं बताया.. उस दिन के 3 बजे तक मैं पूछता रहा कि क्या बात है बता तो दो.. पर उसने बात नहीं बताई।

जब रात में दस बजे के आस-पास मैडम का फोन आया.. तो मैंने फिर पूछा तो उन्होंने बताया- आज से मेरा पति चार दिनों के लिए अपने मम्मी-पापा के यहाँ जा रहा है। उसकी आज रात 11 बजे की ट्रेन है।

यह सुन कर मारे ख़ुशी के मैं तो पागल हुए जा रहा था। पर क्या करूँ आज रात उसके साथ सोने को उसकी मम्मी आई हुई थीं।

तभी स्वीटी मैडम ने फोन पर आगे बताया- कल मैं छुट्टी ले रही हूँ। मैंने भी सोचा कि क्यों न मैं भी किसी बहाने छुट्टी मार दूँ।

अभी मैं उससे कुछ और कहने वाला था कि शायद तभी उसका पति आ गया था तो उसने फोन काटे बिना ही मोबाइल को कहीं रख दिया था। अब मुझे उन लोगों की सारी बातें सुनाई दे रही थीं।

कुछ देर में मैडम की मादक सिसकारियों की आवाज आने लगीं.. तो मैं समझ गया कि जाने से पहले उसका पति एक राउंड खेल कर जाना चाहता है।

मैं अपना फोन काट कर खाना खाने लगा और फिर सो गया। कल सुबह मैं थोड़ा देर से जागा तो मैंने देखा कि स्वीटी मैडम की 5 मिस काल पड़ी थीं।

मैंने तुरंत काल किया.. उधर से भी कोई जवाब नहीं मिला तो मैंने भी सोचा कि पहले जल्दी से तैयार हुआ जाए। मैं जल्दी से फ्रेश हो कर नाश्ते करने जा ही रहा था कि स्वीटी मैडम का फ़ोन आ गया। मैंने फ़ोन रिसीव किया और अभी ‘गुड मॉर्निंग मैडमजी..’ बोला ही था कि वो पूछने लगी- कहाँ हो?

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मैंने जवाब दिया- नाश्ता करने जा ही रहा था कि आपका फ़ोन आ गया। मैडम ने कहा- चलो, आज मैं भी आपके साथ नाश्ता करती हूँ। मैंने कहा- ठीक है सामने ‘पराग’ में मिलते हैं। मेरे पहुँचने के ठीक 5 मिनट बाद मैडम भी पहुँच गई।

आज मैडम ब्लू जींस और ब्लैक टॉप पहन कर आई थी.. क्या आईटम लग लग रही थी। मैंने भी उसे छेड़ते हुए कहा- आज किसी का क़त्ल करने का इरादा है क्या?

उसने एक कातिल मुसकान दी और कुछ नहीं बोली। हमने नाश्ते में इडली का ऑर्डर किया और बातें करने लगे। फिर नाश्ता पूरा हुआ तो मैडम ने कहा- तुम मुझे अपना रूम नहीं दिखाओगे।

अब तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगा.. तो मैंने भी कहा- मना कब किया है चलो..

मैंने स्वीटी को अपनी बाइक पर बिठाया और अपने कमरे की तरफ़ चल पड़े। कुछ ही देर में हम दोनों कमरे पर पहुँच गए।

मैंने रूम के पहले कुछ दूरी से चारों तरफ देखा कि कोई है तो नहीं.. फिर बाइक को तेजी के साथ अन्दर ले गया और जल्दी-जल्दी कमरे का ताला खोला और कमरे में अन्दर आ गए।

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मेरे कमरे में सिर्फ एक बिस्तर है.. उसके अलावा और कुछ नहीं है। मैंने स्वीटी मैडम को बैठने को कहा और कहा- मैं बाहर से कुछ और खाने का लेकर आ जाता हूँ।

तो उसने कहा- यार अभी तो नाश्ता कर के आए हैं। मैंने कहा- कोई बात नहीं.. थोड़ा कुछ ले आते हैं।

नाश्ता लाने का तो एक बहाना था असल बात तो मुझे कंडोम लेना था। मैंने दो पैकेट कंडोम लिए और खाने के लिए कुछ स्वीट ले कर आ गया।

कमरे में आया तो देखा कि स्वीटी मैडम ने अपनी जींस निकाल कर मेरा शॉर्ट्स पहन लिया था और वो बैठी थी। मैं जैसे ही कमरे में घुसा कि मैडम मुझे अपनी बांहों में भर कर किस करने लगी। मैंने कहा- जान आज पूरा दिन हमारा है।

मैंने सामान को एक तरफ रखा और सीधे जाकर स्वीटी मैडम को कस कर पकड़ लिया। मैंने अपने होंठों को उसके होंठ से मिला दिए और उसे किस करने लगा।

अब मैडम भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों एक-दूसरे को इस कदर चूम रहे थे जैसे जन्मों से भूखे हों। वो अपने हाथों को मेरी पीठ पर चला रही थी। मैं भी अपने हाथ से उसके चूतड़ों को सहला रहा था। कभी मैं अपनी जीभ उसके मुँह में डालता.. तो कभी वो अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसेड़ देती।

मैंने उसको घुमा दिया और किस करते हुए उसके मम्मों को पीछे से दबाने लगा, वो एकदम मदहोश होने लगी। हम लोग ऐसे ही कई मिनट तक किस करते रहे, फिर मैंने स्वीटी के टॉप को निकाल दिया। वाह.. क्या नजारा था.. एकदम सफ़ेद दूध की तरह उसके गोरे चूचे काली ब्रा के अन्दर से झांकते हुए बाहर आने को बेताब हो रहे थे।

मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को एक हाथ से दबाने मसलने लगा और ऊपर से ही चाटने लगा। उसके मुँह से तो बस ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ निकलने लगा। उसके मुँह से मादक सिसकारियों को सुन कर मुझे और मजा आने लगा।

मैंने कुछ ही पलों बाद उसकी ब्रा को भी निकाल दिया, मैंने देखा कि उसके दोनों दूध एकदम से उछल कर बाहर आ गए। मैं एक भूखे की तरह उसके मम्मों पर टूट पड़ा, एक को मुँह में भर कर चूसने लगा और दूसरे को मसलने दबाने लगा।

मैडम भी एकदम से गर्म हो गई थी और वो मेरा सर अपने मम्मों पर दबाने लगी थी। चुदास के चलते वो मेरे कपड़े निकालने में लग गई.. तो मैंने उसकी मदद की और अपनी पैन्ट-शर्ट को निकाल दिया।

अब मैं सिर्फ अंडरवियर में रह गया था। मैंने भी अब उसका शॉर्ट्स निकाल दिया.. वो भी एक काली पैंटी में रह गई।

हम दोनों एक-दूसरे को इस कदर चूम रहे थे कि क्या बताऊँ.. क्या मजा आ रहा था यार.. मैं चूमते-चूमते अब उसकी चूत के पास पहुँच गया.. तो मैंने उसकी पैन्टी भी निकाल दी। अय हय.. क्या मखमली चूत था यार.. एकदम गुलाबी बुर..

मेरे से तो रहा नहीं गया तो मैंने झट से अपना मुँह उसके चूत पर लगा दिया और चाटने लगा। वो तो पहले से सी इतना गर्म हो गई थी कि एकाध मिनट चाटने के बाद ही वो मेरे मुँह में झड़ गई, मैं उसके पूरा माल को चाट गया।

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अब मैं खड़ा हुआ और मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया, तो उसका मुँह तो खुला का खुला रहा गया। वो बोली- इतना बड़ा और मोटा.. मैं तो मर ही जाऊँगी।

मैं आपको बता दूँ कि मेरा लंड औसत भारतीय लौड़ों से काफी लंबा और मोटा है, यह एक बड़े साइज़ के खीरे जैसा है। मैंने हँसते हुए लौड़ा हिलाया और उसको मुँह में लेने को कहा। तो वो नहीं मानी.. मैंने भी जोर नहीं दिया।

अब मैं उसके चूचे दबाने लगा.. उसके होंठों को किस करने लगा। कुछ ही देर में जब उससे रहा नहीं जा रहा था तो कहने लगी- जानू अब रहा नहीं जाता.. जल्दी से अपना लंड पेल दो.. आह आह..

मैंने भी सोचा कि अब लोहा गर्म है हथौड़ा मार ही देना चाहिए। मैं एक तरफ पड़ी अपनी पैन्ट की जेब से कंडोम निकाल कर लाया और लौड़े पर लगाने ही वाला था कि उसने मना कर दिया- नहीं सुमित.. मुझे ऐसे ही करना है.. कंडोम के साथ नहीं..

मैंने अपना नंगा लंड उसकी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया तो वो मादक सिसकारियां लेने लगी, कहने लगी- जानू अब और ज्यादा मत तड़पाओ.. मुझसे रहा नहीं जा रहा है।

मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और हल्का सा धक्का दिया.. तो अभी थोड़ा सा ही घुसा था कि जोर से चीखने लगी- उई माँ.. मार डाला रे.. निकालो मुझे नहीं करवानी चुदाई.. ऐसे हाथी जैसे लंड से.. मैं मर जाऊँगी.. जल्दी से निकालो निकालो..

मैं थोड़ा सा रुका और उसे किस करने लगा ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो जाए। कुछ ही पलों बाद उसने अपनी कमर हिलाना चालू किया तो मैं समझ गया कि लौड़े ने जगह बना ली है और इसका दर्द कम हो गया है।

फिर थोड़ा सा अपने लंड को बाहर खींचा और पूरे जोर का धक्का मारा ताकि मेरा पूरा लंड एक ही बार में अन्दर चला जाए। मैंने जोर का धक्का मारा.. तो मेरा पूरा लंड उसकी गुलाबी चूत को फाड़ते हुए सीधा उसकी बच्चेदानी से जा कर टकरा गया।

वो फिर जोर से चीखी- उई माँ.. मार डाला रे.. आह..ह.. वो हल्ला करने लगी, मैं एकाध मिनट शांत रहा, फिर जब मैडम अपनी गांड ऊपर उठाने लगी.. तो मैं भी अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा।

उसके मुँह से लगातार सिसकारियां निकलने लगीं- आह आ..ह.. ओह.. सुमित.. और जोर से.. और जोर से.. आज मेरी चूत को पूरा फाड़ डालो.. आह्ह.. और जोर दे चोदो..

मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया, पूरे कमरे में उसकी कामुक सिसकारियां गूंजने लगीं। इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी। मैं तो अभी भी पूरे जोश में था.. तो मैं अपने पूरे शवाब में आकर लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। उसका माल निकलने के कारण अब उसको कुछ ज्यादा दर्द होने लगा था।

वो कहने लगी- सुमित अब हो गया.. रहने दो.. बहुत दर्द हो रहा प्लीज़.. छोड़ दो आह अहह.. मैं कहाँ सुनने वाला था, मैं तो अपनी धुन में चोदने में लगा था।

मैडम के मुँह से तो बस सिसकारियां निकल रही थीं। अब वो भी फिर से थोड़ा-थोड़ा गर्म होने लगी.. तो मेरा पूरा साथ देने लगी मगर उसके मुँह से सिसकारियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही थीं।

एक बार फिर उसके जिस्म में ऐंठन होने लगी और कुछ 15-20 धक्कों के बाद मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ, मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ? कहने लगी- अन्दर ही छोड़ दो.. अगर कुछ होता है.. तो मैं देख लूँगी।

अब उसका भी शरीर अकड़ने लगा.. मैं समझ गया कि ये फिर से जाने वाली है, मैंने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अपना गर्म गर्म वीर्य उसकी चूत में भर दिया और उसके होंठों को चूमते हुए उसके ऊपर ही लेट गया।

उस दिन मैंने स्वीटी मैडम को 3 बार जम कर चोदा और आज वो मेरे माल से एक लड़की की माँ बन चुकी है।

मेरा कहानी आप लोगों को कैसी लगी.. रिप्लाई जरूर कीजिएगा।

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